NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 Rulers and Buildings.

पाठगत प्रश्न

1. राजेन्द्र प्रथम तथा महमूद गजनवी की नीतियाँ किन रूपों में समकालीन समय की देन थीं और किन रूपों में ये एक-दूसरे से भिन्न थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-66)
उत्तर चोल राजा राजेन्द्र प्रथम ने दूसरे राज्यों पर जब आक्रमण किया था तो वहाँ से प्राप्त मूर्तियों को अपनी राजधानी में निर्मित मंदिरों में लगवाया था। इसी तरह से महमूद गजनवी ने जो भारत से धन प्राप्त किया था, उसे अपनी राजधानी को भव्य बनाने में खर्च किया।

दोनों में कई रूपों में भिन्नता थी। महमूद गजनवी ने भारत के कई मंदिरों को विध्वंस कर दिया था, लेकिन राजेंद्र प्रथम ने मंदिरों को विध्वंस नहीं किया था। महमूद गजनवी भारत से धन लूटकर गजनी ले गया था, लेकिन राजेन्द्र प्रथम ने जो दूसरे राज्यों से धन प्राप्त किया, उसे अपने राज्य में ही रहने दिया।

2. वास्तुकला की ‘गोथिक’ शैली के बारे में व्याख्या कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर बारहवीं शताब्दी से फ्रांस में आरंभिक भवनों की तुलना में अधिक ऊँचे व हल्के चर्चे के निर्माण के प्रयास शुरू हुए। वास्तुकला की यह शैली गोथिक नाम से जानी जाती है। इस शैली की विशेषताएँ-नुकीले ऊँचे मेहराब, रंगीन काँच का प्रयोग, जिसमें प्रायः बाइबिल से लिए गए दृश्यों का चित्रण है तथा उड़ते हुए पुश्ते। दूर से ही दिखने वाली ऊँची मीनारें और घंटी वाले बुर्ज बाद में चर्च से जुड़े। इस वास्तुकलात्मक शैली के सर्वोत्कृष्ट ज्ञात उदाहरणों में से एक पेरिस का नाट्रेडम चर्च है। बारहवीं और तेरहवीं शताब्दियों के कई दशकों में इसका निर्माण हुआ।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. वास्तुकला का ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ सिद्धांत ‘चापाकार’ सिद्धांत से किस तरह भिन्न है?
उत्तर अनुप्रस्थ टोडा निर्माण – सातवीं और दसवीं शताब्दी के मध्य वास्तुकार भवनों में और अधिक कमरे, दरवाजे और खिड़कियाँ बनाने लगे। छत, दरवाजे और खिड़कियाँ अभी भी दो ऊर्ध्वाकार खंभों के आर-पार एक अनुप्रस्थ शहतीर रखकर बनाए जाते थे। वास्तुकला की यह शैली ‘अनुप्रस्थ टोडा निर्माण’ कहलाई जाती है।
चापाकार सिद्धांत – दरवाज़ों और खिड़कियों के ऊपर की अधिरचना का भार कभी-कभी मेहराबों पर डाल दिया जाता था। वास्तुकला का यह ‘चापाकार’ रूप था।

2. ‘शिखर’ से आपका क्या तात्पर्य है?
उत्तर मंदिर का शीर्ष जिसके नीचे गर्भगृह स्थित होता है, मंदिर का ‘शिखर’ कहलाता है।

3. ‘पितरा-दूरा’ क्या है?
उत्तर उत्कीर्णित संगमरमर अथवा बलुआ पत्थर पर रंगीन, ठोस पत्थरों को दबाकर बनाए गए सुंदर तथा अलंकृत नमूने ‘पितरा-दूरा’ कहलाता है।

4. एक मुगल चारबाग की क्या खास विशेषताएँ हैं?
उत्तर मुगल चारबाग की विशेषताएँ

  1. चारबाग चार समान हिस्सों में बँटे होते थे।
  2. यह बाग दीवार से घिरे होते थे।
  3. बाग कृत्रिम नहरों द्वारा चार भागों में विभाजित आयताकार अहाते में स्थित थे। आइए समझें

5. किसी मंदिर से एक राजा की महत्ता की सूचना कैसे मिलती थी?
उत्तर सभी विशालतम मंदिरों का निर्माण राजाओं ने करवाया था। दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिर राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण राजा राजदेव ने अपने देवता राजराजेश्वरम की उपासना हेतु किया था। इनके देवताओं के नाम राजा से मिलते-जुलते थे। राजा स्वयं को ईश्वर के रूप में दिखाना चाहता था। धार्मिक अनुष्ठान के जरिए मंदिर में एक देवता दूसरे देवता का सम्मान करता था।

मंदिर के अन्य लघु देवता शासक के सहयोगियों तथा अधीनस्थों के देवी-देवता थे। यह मंदिर शासक और सहयोगियों द्वारा शासित विश्व का एक लघु रूप ही था। जिस तरह से वे राजकीय मंदिरों में इकट्ठे होकर अपने देवताओं की उपासना करते थे।

6. दिल्ली में शाहजहाँ के दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’ यह धारणा कैसे बनी?
उत्तर शाहजहाँ की पत्नी मुमताज की 1631 ई. में मृत्यु हो गई थी उसके बाद शाहजहाँ का मन आगरा से हट गया था। इसलिए उसने 1639 ई. में यमुना नदी के समीप लाल किला का निर्माण करवाया। लाल किला के अंदर बनाया गया दीवान-ए-खास संगमरमर का बना हुआ अद्भुत इमारत है, जिसमें कई तरह की नक्काशियाँ बनाई गई हैं। इसकी सुंदरता को देखते हुए ही दीवान-ए-खास में एक अभिलेख में कहा गया है-‘अगर पृथ्वी पर कहीं स्वर्ग है तो वह यहीं है, यहीं है, यहीं है।’

7. मुगल दरबार से इस बात को कैसे संकेत मिलता था कि बादशाह से धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमज़ोर सभी को समान न्याय मिलेगा?
उत्तर मुगल दरबार में निम्न बातों से संकेत मिलता है कि धनी, निर्धन, शक्तिशाली, कमजोर सभी को बादशाह
से समान न्याय मिलेगा

  1. बादशाह के सिंहासन के पीछे पितरा-दूरा के जड़ाऊ काम की एक श्रृंखला बनाई गई थी, जिसमें पौराणिक यूनानी देवता आर्फियस को वीणा बजाते हुए चित्रित किया गया था।
  2. ऐसा माना जाता था कि आर्फियस का संगीत आक्रामक जानवरों को भी शांत कर सकता है और वे शांतिपूर्वक एक-दूसरे के साथ रहने लगते हैं।
  3. शाहजहाँ के सार्वजनिक सभा भवन का निर्माण यह सूचित करता था कि न्याय करते समय राजी ऊँचे और निम्न सभी प्रकार के लोगों के साथ समान व्यवहार करेगा और सभी सद्भाव के साथ रह सकेंगे।

8. शाहजहाँनाबाद में नए मुगल शहर की योजना में यमुना नदी की क्या भूमिका थी?
उत्तर शाहजहाँ ने दिल्ली में यमुना नदी के तट पर स्थित सलीमगढ़ स्थान पर शाहजहाँनाबाद की नींव रखी थी, क्योंकि यह स्थान कई दृष्टि से उपयुक्त था

  1. यमुना नदी के तट पर होने के कारण इस शहर को पीने के लिए पानी आसानी से उपलब्ध था।
  2. यमुना नदी के तटवर्ती भाग प्रायः समतल था।
  3. दिल्ली में शाहजहाँनाबाद में उसने जो नया शहर निर्मित करवाया उसमें शाही महल नदी पर स्थित था। आइए विचार करें

9. आज धनी और शक्तिशाली लोग विशाल घरों का निर्माण करवाते हैं। अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण किन मायनों में इनसे भिन्न थे?
उत्तर अतीत में राजाओं तथा उनके दरबारियों के निर्माण निम्न प्रकार से आज के धनी और शक्तिशाली लोगों के विशाल घरों से भिन्न थे

  1. अतीत के राजाओं के अधिकांश घर पत्थर के किले के रूप में निर्मित थे।
  2. किले को सुरक्षित करने के लिए किले के चारों ओर गड्ढे खोदे जाते थे।
  3. उनके आवास ऊँचे स्थल पर बनाए जाते थे।
  4. सुरक्षा को विशेष महत्त्व दिया जाता था।

10. चित्र-4 पर नज़र डालें। यह इमारत आज कैसे तेजी से बनवाई जा सकती है?
उत्तर छात्र स्वयं करें। आइए करके देखें

11. पता लगाएँ कि क्या आपके गाँव या कस्बे में किसी महान व्यक्ति की कोई प्रतिमा अथवा स्मारक है? इसे वहाँ क्यों स्थापित किया गया था? इसका प्रयोजन क्या है?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. अपने आस-पास के किसी पार्क या बाग की सैर करके उसका वर्णन करें। किन मायनों में ये मुगल बागों से समान अथवा भिन्न हैं?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 5 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 Natural Vegetation and Wild Life (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 Natural Vegetation and Wild Life (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 Natural Vegetation and Wild Life (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 Natural Vegetation and Wild Life.

पाठगत प्रश्न

1. भारत में शीतोष्ण सदाबहार एवं शीतोष्ण पर्णपाती वन कहाँ पाए जाते हैं? उन राज्यों के नाम बताएँ। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41)
उत्तर भारत में शीतोष्ण सदाबहार वन उत्तरी-पूर्वी भारत में हिमालय के उन पर्वतीय भागों में पाए जाते हैं जो असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम राज्य में आते हैं। शीतोष्ण पर्णपाती वन उत्तरांचल और हिमाचल प्रदेश के हिमालय के शिवालिक क्षेत्रों में पाए जाते हैं।

2. भारत में अधिकतर किस प्रकार के वन पाए जाते हैं। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-41)
उत्तर भारत में अधिकतर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं। ये भारत में सबसे बड़े क्षेत्र में फैले हुए वन हैं।

3. ब्राजील के उष्णकटिबंधीय सदाबहार वने इतने विशाल हैं कि पृथ्वी के फेफड़े की तरह प्रतीत होते हैं। आप बता सकते हैं, क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-40)
उत्तर ब्राजील के उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में लगभग वर्षभर वर्षा होती है, इसलिए इन क्षेत्रों में काफी पेड़-पौधे उगते हैं और ये पेड़-पौधे इतने घने हो गए हैं कि एक वृक्ष सूर्य के प्रकाश ग्रहण करने के लिए दूसरे पेड़ों से भी बढ़ जाते हैं। इसलिए इन क्षेत्रों के वृक्षों की लम्बाई भी काफी अधिक है। विषुवत रेखीय प्रदेश ब्राजील उत्तरी भागों से गुजरती है, इसलिए यह समस्त प्रदेश उष्णकटिबंधीय सदाबहार वनों से घिरा हुआ है, इसलिए ये वन पृथ्वी के फेफड़े की तरह प्रतीत होते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) वनस्पतियों का विकास किन दो कारकों पर अधिकतर निर्भर करता है?
उत्तर वनस्पतियों का विकास निम्न दो कारकों पर निर्भर करता है-

  1. तापमान
  2. वर्षा।

(ख) प्राकृतिक वनस्पतियों की तीन मुख्य श्रेणियाँ कौन-सी हैं?
उत्तर
प्राकृतिक वनस्पति की तीन मुख्य श्रेणियाँ–

  1. वन
  2. घासस्थल
  3. काँटेदार झाडियाँ।

(ग) उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो दृढ़ काष्ठ वाले पेड़ों के नाम बताएँ।
उत्तर
उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन के दो वृक्ष–

  1. एबोनी
  2. महोगनी।

(घ) विश्व के किस भाग में उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन पाए जाते हैं?
उत्तर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन मुख्यत: भारत, उत्तरी आस्ट्रेलिया एवं मध्य अमेरिका के बड़े हिस्सों में पाए जाते हैं।

(च) नींबू-वंश (सिट्स) के फल किस जलवायु में उगाए जाते हैं?
उत्तर भूमध्य सागरीय जलवायु में नींबू-वंश के फल उगाए जाते हैं।

(छ) शंकुधारी वन के कोई चार उपयोग बताएँ।
उत्तर शंकुधारी वनों के प्रमुख चार उपयोग

  1. इन शंकुधारी वनों के वृक्षों के काष्ठ का उपयोग लुगदी बनाने के लिए किया जाता है, जो सामान्य तथा अखबारी कागज़ बनाने के काम आती है।
  2. नरम काष्ठ का उपयोग माचिस एवं पैकिंग के लिए बक्से बनाने के लिए भी किया जाता है।
  3. रजत लोमड़ी, मिंक, ध्रुवीय भालू जैसे जानवरों के शरणस्थली हैं।
  4. घरेलू ईंधन के रूप में इनकी लकड़ियों का उपयोग किया जाना।

(ज) विश्व के किन भागों में मौसमी घासस्थल पाए जाते हैं?
उत्तर शीतोष्ण कटिबंधीय क्षेत्रों में मौसमी घासस्थल पाए जाते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) काई एवं लाइकेन पाए जाते हैं।

  1. रेगिस्तानी वनस्पति में
  2. उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन में
  3. टुंड्रा वनस्पति में

उत्तर 3. टुंड्रा वनस्पति में

(ख) काँटेदार झाड़ियाँ मिलती हैं।

  1. गर्म एवं आई, उष्णकटिबंधीय जलवायु में
  2. गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में
  3. ठंडी ध्रुवीय जलवायु में

उत्तर 2. गर्म एवं शुष्क, रेगिस्तानी जलवायु में

(ग) उष्णकटिबंधीय सदाबहार वने का एक सामान्य जानवर :

  1. बंदर
  2. जिराफ़
  3. ऊँट

उत्तर 1. बंदर

(घ) शंकुधारी वन की महत्त्वपूर्ण वृक्ष प्रजाति :

  1. रोज़वुड
  2. चीड़
  3. सागवान

उत्तर 2. चीड़

(च) स्टेपी घासस्थल पाए जाते हैं :

  1. दक्षिण अफ्रीका
  2. आस्ट्रेलिया
  3. मध्य एशिया

उत्तर 3. मध्य एशिया

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए –

(क) ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों की फ़र एवं त्वचा मोटी होती है।
उत्तर ध्रुवीय प्रदेशों में रहने वाले जानवरों के शरीर पर मोटा फर एवं मोटी चमड़ी होती है, जो उन्हें काफी ठंडी जलवायु से सुरक्षित रख सके।

(ख) उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन, शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।
उत्तर उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं, ये वन मानसूनी जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं, जहाँ मौसमी परिवर्तन होते रहते हैं। इन वनों में पाए जाने वाले वृक्ष जल संरक्षित रखने के लिए शुष्क मौसम में अपनी पत्तियाँ गिरा देते हैं।

(ग) वनस्पति के प्रकार एवं सघनता एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदलती रहती है।
उत्तर ऊँचाई में परिवर्तन के साथ जलवायु में परिवर्तन होता है तथा इसके कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। जलवायु में निम्न परिवर्तन के कारण वनस्पति के प्रकार और सघनता में बदलाव आते हैं

  1. विभिन्न स्थानों के तापमान में अन्तर के कारण।
  2. विभिन्न स्थानों के वर्षा में विभिन्नता के कारण।
  3. भूमि की ढाल एवं मृदा की पुरत की मोटाई में विभिन्नता के कारण।

5. क्रियाकलाप –

(क) विश्व के विभिन्न भागों के वनों एवं घास स्थलों के चित्र एकत्र करें। प्रत्येक चित्र के नीचे इससे संबंधित एक वाक्य लिखें।
(ख) वर्षावन, घासस्थल एवं शंकुधारी वन का एक कोलाज बनाएँ।
उत्तर उपरोक्त क्रियाकलापों (क एवं ख) को अपने सहपाठियों एवं अध्यापक की सहायता से पूर्ण कीजिए। इस कार्य में सहायता के लिए नीचे कुछ चित्र दिए गए हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 3

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 4

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 5

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 6

6. आओ खेलें

नीचे दी गई वर्ग पहेली में शब्द छिपे हैं। ये सब वनस्पतियों एवं वन्य जीवों से संबंधित हैं। ये शब्द क्षैतिज एवं उर्ध्वाधर रूप में दिए गए हैं। इनसे दो शब्दों की पहचान आपके लिए की गई है। अपने दोस्त से मिलकर बाकी शब्दों की पहचान करें।

नोट : पहेली के उत्तर अँग्रेजी के शब्दों में हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 7

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 (Hindi Medium) 8

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 6 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 Towns, Traders and Craftpersons.

पाठगत प्रश्न

1. आपके मत से लोग तंजावूर को एक महान नगर क्यों मानते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-76)
उत्तर तंजावूर चोल राजाओं की राजधानी थी। वर्ष में बारहों महीने बहने वाली कावेरी नदी इस सुंदर नगर के पास बहती है। इस नगर में सुंदर और भव्य कई ऐतिहासिक इमारतों का निर्माण हो चुका था। इस नगर में मंदिर के अलावा अनेक राजमहल हैं, जिनमें कई मंडप बने हुए हैं। राजा लोग इन मंडपों में अपना दरबार लगाते थे। नगरे उन बाज़ारों की हलचल से भरा हुआ था। तंजावूर एक मंदिर नगर का भी उदाहरण है। मंदिर नगर नगरीकरण का एक अत्यंत महत्त्वपूर्ण प्रतिरूप प्रस्तुत करते हैं।

2. आपके विचार से इस प्रविधि के प्रयोग (लुप्तमोम तकनीक) के क्या-क्या लाभ थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-77)
उत्तर ‘लुप्तमोम’ तकनीक के अन्तर्गत सर्वप्रथम मोम की एक प्रतिमा बनाई जाती थी। इसे चिकनी मिट्टी से पूरी तरह लीपकर सूखने के लिए छोड़ दिया जाता था। जब वह पूरी तरह सूख जाती थी, तो उसे गर्म किया जाता था और उसके मिट्टी के आवरण में एक छोटा-सा छेद बनाकर उसे छेद के रास्ते सारा पिघला हुआ मोम बाहर निकाल दिया जाता था, फिर चिकनी मिट्टी के खाली साँचे में उसी छेद के रास्ते पिघली हुई धातु । भर दी जाती थी। जब वह धात् ठंडी होकर ठोस हो जाती थी, तो चिकनी मिट्टी के आवरण को सावधानीपूर्वक हटा दिया जाता था।

इस विधि से किसी भी प्रतिमा को सस्ता और सुंदर बनाया जाता था तथा इस प्रतिमा में काफ़ी चमक भी होती थी। प्रतिमा मिट्टी और मोम से बने होने के बावजूद भी काफ़ी मजबूत होती थी।

3. आज बाज़ार पर लगने वाले करों के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें। इन्हें कौन इकट्ठा करता है, वे किस प्रकार वसूल किए जाते हैं और उनका प्रयोग किस काम के लिए होता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-79)
उत्तर बाज़ार में लगने वाले कर बिक्री हैं, इन्हें सरकार के आयकर विभाग के अधिकारी और कर्मचारी वसूल करते हैं। ये कर विक्रेताओं से वसूल किए जाते हैं। इन करों का प्रयोग प्रशासनिक कार्यों, विकास कार्यों और लोक कल्याणकारी कार्य के लिए किया जाता है।

4. आपके विचार से हम्पी नगर किलेबंद क्यों था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-83)
उत्तर हम्पी नगर विजयनगर साम्राज्य की राजधानी थी। विजयनगर साम्राज्य की राजधानी होने के कारण सुरक्षा की दृष्टि से इस नगर को किलेबंद किया गया था, जिससे कि यह नगर बाहरी आक्रमण से सुरक्षित रह सके।

5. अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय क्यों लिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-85)
उत्तर मसूलीपट्टनम समुद्र के किनारे बसा हुआ है। पहले यहाँ पर मछुआरे रहते थे, लेकिन धीरे-धीरे व्यापारी लोग भी यहाँ रहने लगे। व्यापारी लोगों का दूसरे देशों से व्यापार होता रहता था। यहाँ पर इंग्लैण्ड तथा हॉलैंड के निवासी आते-जाते रहते थे और वे यहाँ पर रुकते भी थे। इस स्थान पर जहाजों के लिए लंगर डालने की | व्यवस्था हो गयी थी। व्यापारिक सुविधाओं के कारण ही अंग्रेज़ों और हॉलैंडवासियों ने मसूलीपट्टनम में अपनी बस्तियाँ बसाने का निर्णय लिया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(क) राजराजेश्वर मंदिर …………………. में बनाया गया था।
(ख) अजमेर सूफ़ी संत ……………… से संबंधित है।
(ग) हम्पी ……………….. साम्राज्य की राजधानी थी।
(घ) हॉलैंडवासियों ने आंध्र प्रदेश में ………………………….. पर अपनी बस्ती बसाई।

उत्तर

(क) ग्यारहवीं सदी में
(ख) ख्वाजा मुइनुउद्दीन चिश्ती
(ग) विजयनगर
(घ) मसूलीपट्टनम।

2. बताएँ क्या सही है और क्या गलत :

(क) हम राजराजेश्वर मंदिर के मूर्तिकार (स्थपति) का नाम एक शिलालेख से जानते हैं।
(ख) सौदागर लोग काफ़िलों में यात्रा करने की बजाय अकेले यात्रा करना अधिक पसंद करते थे।
(ग) काबुल हाथियों के व्यापार का मुख्य केंद्र था।
(घ) सूरत बंगाल की खाड़ी पर स्थित एक महत्त्वपूर्ण व्यापारिक पत्तन था।

उत्तर

(क) सही
(ख) गलत
(ग) गलत
(घ) गलत।

3. तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कैसे की जाती थी?
उत्तर तंजावूर नगर को जल की आपूर्ति कुँओं और तालाबों द्वारा की जाती थी।

4. मद्रास जैसे बड़े नगरों में स्थित ‘ब्लैक टाउन्स’ में कौन रहता था?
उत्तर ब्लैक टाउन्स में भारतीय व्यापारी, शिल्पकार, औद्योगिक मजदूर एवं अन्य क्षेत्रों में काम करने वाले मजदूर तथा कर्मचारी रहा करते थे।

आइए समझें

5. आपके विचार से मंदिरों के आस-पास नगर क्यों विकसित हए?
उत्तर मंदिरों के आस-पास नगरों के विकसित होने के कारण

  1. मंदिर के कर्ता-धर्ता मंदिर के धन को व्यापार एवं साहूकारी में लगाते थे।
  2. शनैः शनैः समय के साथ बड़ी संख्या में पुरोहित-पुजारी, कामगार, शिल्पी, व्यापारी आदि मंदिर तथा उसके | दर्शनार्थियों एवं तीर्थयात्रियों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए मंदिर के आस-पास बसते गए।
  3. मंदिर के दर्शनार्थी भी दान दक्षिण दिया करते थे तथा राजा द्वारा भी भूमि एवं धन अनुदान में दिए जाते थे, इससे मंदिर के पुजारियों की आजीविका चलती थी।
  4. तीर्थयात्रियों तथा पुरोहित पंडितों को मंदिर प्रशासन द्वारा भोजन कराया जाता था, जिससे मंदिर के पास साधु-संत और पुरोहित-पंडितों को आवास स्थान बन गया था।

6. मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन कितने महत्त्वपूर्ण थे?
उत्तर मंदिरों के निर्माण तथा उनके रख-रखाव के लिए शिल्पीजन निम्न कारणों से महत्त्वपूर्ण थे|

  1. मंदिरों के निर्माण के लिए शिल्पी काफ़ी महत्त्वपूर्ण थे-शिल्पियों में सुनार, कसेरे, लोहार, राजमिस्त्री और बढ़ई शामिल थे।
  2. शिल्पकार मंदिरों को सुंदर बनाने में काफ़ी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते थे। शिल्पकार ही मंदिरों के विभिन्न भागों को निर्मित करते थे।
  3. मंदिरों को कलात्मक रूप से सजाने का कार्य शिल्पकार ही करते थे।

7. लोग दूर-दूर के देशों-प्रदेशों से सूरत क्यों आते थे?

उत्तर सूरत नगर में लोगों के दूर-दूर प्रदेशों से आने के कारण

  1. सूरत अरब सागर के तट पर स्थित एक बन्दरगाह नगर था, जहाँ से पश्चिमी एशिया के देशों से व्यापार होता था।
  2. सूरत को मक्का का प्रस्थान द्वार भी कहा जाता था, क्योंकि बहुत से हज यात्री जहाज से यहीं से रवाना होते थे।
  3. सूरत शिल्प उद्योग का प्रमुख केन्द्र था, जिससे काफ़ी संख्या में लोगों को रोजगार मिला हुआ था।
  4. सूरत एक व्यापारिक नगर था, जहाँ पर कई वस्तुओं के थोक और फुटकर बाज़ार थे।

8. कलकत्ता जैसे नगरों में शिल्प उत्पादन तंजावूर जैसे नगरों के शिल्प उत्पादन से किस प्रकार भिन्न था ?
उत्तर तंजावूर कलकत्ता से पहले का विकसित नगर है, इसलिए तंजावूर में शिल्प का उत्पादन कलकत्ता से पहले शुरू हो गया था। दोनों नगरों के शिल्प उत्पादन में काफ़ी भिन्नता थी|

  1. कलकत्ता में मुख्यत: शिल्प उत्पादन सूती, रेशमी व जूट उत्पादन तक सीमित था।
  2. तंजावूर में सूती वस्त्रों के अतिरिक्त कांस्य मूर्तियों, धातु के दीपदान, मंदिरों के घंटे, आभूषणों आदि का निर्माण बड़े पैमाने पर होता था, क्योंकि तंजावूर एक मंदिर नगर था।

आइए विचार करें

9. इस अध्याय में वर्णित किसी एक नगर की तुलना आप, अपने परिचित किसी कस्बे या गाँव से करें। क्या दोनों के बीच कोई समानता या अंतर हैं?
उत्तर सूरत (नगर) और टेकारी (कस्बा) की तुलना
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 (Hindi Medium) 1

10. सौदागरों को किन-किन समस्याओं का सामना करना पड़ता था? आपके विचार से क्या वैसी कुछ समस्याएँ आज भी बनी हुई हैं?
उत्तर सौदागरों को निम्नलिखित समस्याओं का सामना करना पड़ता था।

  1. व्यापारियों को अनेक राज्यों तथा जंगलों में से होकर गुजरना पड़ता था, इसलिए वे आमतौर पर काफिले बनाकर एक साथ यात्रा करते थे।
  2. सौदागर अपने हितों की रक्षा के लिए व्यापार संघ (गिल्ड) बनाते थे।
  3. उन्हें विभिन्न प्रकार के कर चुकाने पड़ते थे।
  4. प्राचीन व मध्यकाल में यातायात के रूप में बैलगाड़ी, घोड़ागाड़ी, नावें आदि प्रमुख थे। अर्थात् यातायात के साधन भी पर्याप्त मात्रा में नहीं थे।

वर्तमान समय में भी सौदागरों को व्यापार संघ बनाने पड़ते हैं। उन्हें विभिन्न कर चुकाने पड़ते हैं तथा व्यापार के लिए दूर-दूर तक यात्राएँ करनी पड़ती हैं।

आइए करके देखें

11. तंजावूर या हम्पी के वास्तुशिल्प के बारे में कुछ और जानकारी प्राप्त करें और इन नगरों के मंदिरों तथा अन्य भवनों के चित्रों की सहायता से एक स्क्रैपबुक तैयार करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. किसी वर्तमान तीर्थस्थान का पता लगाएँ। बताएँ कि लोग वहाँ क्यों जाते हैं, वहाँ क्या करते हैं, क्या उस केंद्र के आस-पास दुकानें हैं और वहाँ क्या खरीदा और बेचा जाता है?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 6 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 Human Environment Settlement, Transport and Communication.

पाठगत प्रश्न

1. आप बर्फ से बने आवास कहाँ पाते हैं? उन्हें कौन बनाता है एवं वे क्या कहलाते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर बर्फ़ के घर टुंड्रा प्रदेश में पाए जाते हैं। ये घर वहाँ के जनजाति एस्किमो बनाते हैं। इस घर को इग्लू कहा जाता है।

2. परिवहन के उन साधनों की एक सूची बनाएँ जिनका उपयोग आपकी कक्षा के छात्र स्कूल आने के लिए करते हैं। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-49)
उत्तर हमारे स्कूल के छात्रों को स्कूल आने के लिए जिन परिवहन के साधनों का उपयोग किया जाता है, वे निम्न हैं-

  1. बस
  2. मारुति वेन
  3. रिक्शा
  4. ऑटो रिक्शा
  5. मिनी बस
  6. कार।

3. अंग्रेज़ी, हिंदी एवं क्षेत्रीय भाषा के कुछ समाचार-पत्रों एवं टी.वी. चैनलों के नाम लिखें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-52)
उत्तर
अंग्रेजी भाषा के समाचार-पत्र –

  1. द हिन्दुस्तान टाइम्स
  2. द हिन्दू
  3. इण्डियन एक्सप्रेस
  4. दे टाइम्स ऑफ इंडिया
  5. द पायनीअर।

हिन्दी भाषा के समाचार-पत्र –

  1. नवभारत टाइम्स
  2. हिन्दुस्तान
  3. दैनिक जागरण
  4. पंजाब केसरी
  5. अमर उजाला
  6. राष्ट्रीय सहारा।

टी.वी. चैनल –

  1. आई.बी.एन. 7
  2. आज तक
  3. स्टार न्यूज
  4. सोनी
  5. जी सिनेमा
  6. जी न्यूज
  7. इंडिया टी.वी.
  8. एन.डी.टी.वी.
  9. कलर
  10. स्टार प्लस
  11. जी.टी.वी.
  12. डिस्कवरी चैनल।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) परिवहन के चार प्रकार क्या हैं?
उत्तर परिवहन के चार प्रकार-

  1. सड़कमार्ग
  2. रेलमार्ग
  3. वायुमार्ग
  4. जलमार्ग।

(ख) बस्ती से आप क्या समझते हैं?
उत्तर वह स्थान जहाँ लोग स्थायी रूप से बसने के लिए घरों का निर्माण करते हैं, बस्ती कहलाती है।

(ग) ग्रामीण लोगों के क्रियाकलाप क्या हैं?
उत्तर ग्रामीण लोगों के क्रियाकलाप-कृषि, पशुपालन, मत्स्य पालन, वानिकी, दस्तकारी (बढ़ई द्वारा लकड़ी का फर्नीचर बनाना, कुम्हार द्वारा मिट्टी का बर्तन बनाना, लुहार द्वारा लोहे का सामान बनाना) आदि प्रमुख हैं।

(घ) रेलमार्ग के किन्हीं दो गुणों के बारे में बताएँ।
उत्तर
रेलमार्ग के दो गुण –

  1. लम्बी दूरी की यात्रा के लिए आरामदायक।
  2. उद्योग धन्धे के विकास में सहायक।

(च) संचार से आप क्या समझते हैं?
उत्तर संचार दूसरों के पास तक सूचना पहुँचाने की प्रक्रिया है।

(छ) जनसंपर्क माध्यम क्या हैं?
उत्तर समाचार-पत्रों, रेडियो एवं टेलीविजन के द्वारा हम बड़ी संख्या में लोगों के साथ संचार कर सकते हैं, इसलिए इनको जनसंपर्क माध्यम कहते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) इनमें से कौन संचार का साधन नहीं है?

  1. टेलीफोन
  2. पुस्तक
  3. मेज़

उत्तर 3. मेज़

(ख) इनमें से कौन-सा सड़क का भूमिगत निर्माण है?

  1. फ्लाईओवर
  2. एक्सप्रेस वे
  3. सब वे

उत्तर 3. सब वे

(ग) किसी द्वीप पर पहुँचने के लिए, निम्न में से कौन-सा यातायात का साधन उपयुक्त

  1. जहाज़
  2. रेलगाड़ी
  3. कार

उत्तर 1. जहाज़

(घ) यातायात का कौन-सा साधन पर्यावरण को प्रदूषित नहीं करता?

  1. साइकिल
  2. बस
  3. हवाई जहाज़

उत्तर 1. साइकिल

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

 

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए –

आज विश्व सिमटता जा रहा है।
उत्तर आज सम्पूर्ण विश्व से जुड़ने के लिए यातायात और संचार के साधनों का काफी विकास हो गया है। परिवहन के साधनों के तीव्र विकास के फलस्वरूप विश्व के किसी भाग में पहुँचने में अब बहुत कम समय लगता है। संचार के साधनों के विकास के कारण अब पूरी दुनिया के देश आपस में जुड़ गए हैं। अब टेलीफोन, इंटरनेट आदि साधनों से किसी भी देश में संपर्क स्थापित कर सकते हैं। यातायात के साधनों और संचार के साधनों ने ही सम्पूर्ण विश्व को छोटा बना दिया है।

5. क्रियाकलाप

(क) अपने स्थानीय क्षेत्र में एक सर्वेक्षण करें एवं देखें कि लोग अपने कार्यस्थलों पर जाने के लिए कितने साधनों का उपयोग करते हैं

  1. परिवहन के दो से अधिक साधन।
  2. परिवहन के तीन से अधिक साधन।
  3. पैदल तय की जाने वाली दूरी में ही रहते हैं।

(ख) निम्नलिखित परिस्थितियों में आप संचार के किस साधन को प्राथमिकता देंगे?

  1. आपके दादाजी अचानक बीमार पड़ गए। आप डॉक्टर को कैसे सूचित करेंगे?
  2. आपकी माँ पुराने घर को बेचना चाहती है। आप इस समाचार को दूसरों तक कैसे पहुँचाएँगे?
  3. आप अपने चचेरे भाई के विवाह में सम्मिलित होने जा रहे हैं, जिसके कारण आप अगले दो दिन तक स्कूल से अनुपस्थित रहेंगे। आप अपने शिक्षक को कैसे सूचित करेंगे?
  4. आपका मित्र अपने परिवार के साथ न्यूयॉर्क घूमने जा रहा है। आप उसके साथ प्रतिदिन कैसे संपर्क में रहेंगे।

उत्तर
(क) अपने सहपाठियों एवं अध्यापक की सहायता से कीजिए।
(ख) (i) टेलीफोन, (ii) समाचार-पत्र/पत्रिका, (iii) पत्र द्वारा, (iv) टेलीफोन/इंटरनेट।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 7 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 Understanding Media (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 Understanding Media.

पाठगत प्रश्न

1. अपने परिवार के बड़े लोगों से पूछिए कि जब टी.वी. नहीं था, तब वे रेडियो पर क्या सुनते थे? उनसे पूछिए कि आपके क्षेत्र में पहले-पहल टी.वी. कब आया था? केबल टी.वी. कब शुरू हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमारे बुजुर्ग रेडियो पर समाचार, गाना और नाटक सुना करते थे। सबसे पहले टी.वी. नब्बे के दशक में आया था। टी.वी. के लगभग दस साल बाद केबल का भी धीरे-धीरे प्रचलन होने लगा।

2. आपके पड़ोस में कितने लोग इंटरनेट का प्रयोग करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमारे पड़ोस में अभी इंटरनेट का प्रयोग बहुत कम हो पाया है।

3. ऐसी तीन चीज़ों की सूची बनाइए, जो संसार के किन्हीं अन्य भागों से संबंधित हैं और जिनके बारे में आपने टेलीविजन देखकर जाना है। | (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-71)
उत्तर : हमने जिनके बारे में टेलीविजन देखकर जाना है और जो संसार के किन्हीं अन्य भागों से संबंधित हैं, वे निम्न हैं

  1. दुबई का खलीफा बुर्ज–दुनिया की सबसे ऊँची इमारत जो संयुक्त अरब अमीरात के दुबई शहर में स्थित है।
  2. पैट्रिश टावर मलेशिया की राजधानी कुआलालाम्पुर में स्थित 120 मंजिला इमारत, जो कि कंकरीट | से बना है। खलीफा बुर्ज के पहले दुनिया की सबसे ऊँची इमारत यही थी।
  3. लास वेगास संयुक्त राज्य अमेरिका का एक पर्यटक नगर, जिसे दुनिया के मनोरंजन की राजधानी माना जाता है।

4. अपने प्रिय टी.वी. कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली तीन चीज़ों की सूची बनाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर : टी.वी. कार्यक्रम के दौरान विज्ञापित होने वाली तीन चीज़ों की सूची

  1. पैन्टीन शैम्पू
  2. हीरो मोटरसाइकिल
  3. लक्स अंडरवियर-बनियान

5. एक समाचार-पत्र लीजिए और उसमें दिए गए विज्ञापनों की संख्या गिनिए। कुछ लोग कहते हैं कि | समाचार-पत्रों में बहुत अधिक विज्ञापन होते हैं। क्या आप सोचते हैं कि यह बात सही है? यदि हाँ, तो क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-72)
उत्तर : समाचार-पत्रों में अलग-अलग दिनों में अलग-अलग विज्ञापन होता है। सबसे ज्यादा विज्ञापन रविवार के दिन होता है। सबसे ज्यादा विज्ञापन हिन्दुस्तान टाइम्स में होता है। रविवार के दिन इस समाचार-पत्र में 1000 से ज्यादा विज्ञापन होते हैं। यह बात सही है कि समाचार-पत्रों में बहुत ज्यादा विज्ञापन होते हैं। इसके कई कारण हैं

  1. विज्ञापन से समाचार-पत्रों को काफी अधिक आय प्राप्त होती है।
  2. विज्ञापन से पाठकों की संख्या में वृद्धि होती है। उदाहरण के लिए नौकरी और शादी के विज्ञापन आदि से पाठकों की संख्या बढ़ती है। वर और वधू ढूँढ़ने वाले, नौकरी ढूँढने वाले समाचार-पत्र को खरीदते हैं।
  3. विज्ञापनों से समाचार-पत्र के पेज बढ़ जाते हैं।

6. क्या आप ऐसा सोचते हैं कि किसी विषय के दोनों पक्षों को जानना महत्त्वपूर्ण है? क्यों? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-75)
उत्तर : हमारे विचार में किसी विषय के दोनों पक्षों को जानना महत्त्वपूर्ण है, क्योंकि किसी भी विषय से संबंधित सकारात्मक और नकारात्मक दोनों पक्षों के बारे में जानना जरूरी है। दोनों पक्षों को जानने के बाद ही किसी | निष्कर्ष पर पहुँचा जा सकता है। अगर हमारी जानकारी किसी विषय से संबंधित नकारात्मक है तो हमारी धारणा उस विषय के संदर्भ में नकारात्मक हो जाएगी और अगर हमारी जानकारी किसी विषय से संबंधित सकारात्मक है तो हमारी धारणा उस विषय के संदर्भ में सकारात्मक हो जाएगी। इसी तथ्य को ध्यान में रखकर दोनों पक्षों के बारे में जानना जरूरी है।

7. संचार माध्यमों के द्वारा एजेंडा तय करते हुए झोपड़पट्टियों के स्थान पर फैशन वीक की खबर देने से क्या नतीजा निकलता है?
(एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-77)
उत्तर : कोई भी समाचार-पत्र बाजार में पाठक वर्ग को ध्यान में रखकर ही खबर को छापते हैं। समाचार-पत्र को झोपड़पट्टियों में बहुत कम पढ़ा जाता है, इसलिए समाचार-पत्र झोपड़पट्टियों से संबंधित बहुत ही कम खबर को छापते हैं। दूसरी तरफ फैशन वीक युवाओं के लिए आर्कषण का केन्द्र है, इसलिए फैशन वीक की खबरों को समाचार-पत्र में जगह मिलती है।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. प्रजातंत्र में संचार माध्यम किस प्रकार महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं?
उत्तर : प्रजातंत्र में संचार माध्यमों की भूमिका

  1. संचार माध्यमों से नागरिक जान सकते हैं कि सरकार किस प्रकार काम कर रही है। |
  2. संचार माध्यम निश्चित करते हैं कि किन बातों पर जनता का ध्यान केन्द्रित किया जाना है। इस प्रकार संचार माध्यम जनमत निर्माण का एक सशक्त माध्यम है।
  3. वह सरकार की नीतियों की समालोचना करते हैं।
  4. वह जनता को सरकारी नीतियों अथवा कार्यों के पक्ष और विपक्ष हेतु मंच प्रदान करते हैं।

2. क्या आप इस रेखाचित्र को एक शीर्षक दे सकते हैं? इस रेखाचित्र से आप संचार माध्यम और बड़े व्यापार के परस्पर संबंध के बारे में क्या समझ पा रहे हैं?
उत्तर : शीर्षक-“संचार के माध्यम से व्यापार” संचार के माध्यम से उद्यमी अपने उत्पाद को बेचते हैं। किसी भी नए उत्पाद को बाजार में बेचने के लिए उत्पादकों को विज्ञापन का सहारा लेना पड़ता है। विज्ञापन देखकर ही उपभोक्ता वस्तुओं को खरीदते हैं। जिससे उत्पादकों की वस्तुओं की बिक्री बढ़ जाती है, जिससे उत्पादक अधिक धन बटोरते हैं। इस प्रकार उद्यमी संचार के माध्यम से साधारण दर्शक, श्रोता, पाठक वर्ग को मानसिक एवं आर्थिक रूप से अपने हितों के लिए शोषित करते हैं।

3. आप पढ़ चुके हैं कि संचार माध्यम किस प्रकार एजेंडा बनाते हैं। इनका प्रजातंत्र में क्या प्रभाव पड़ता है? अपने विचारों के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए।
उत्तर : संचार माध्यम अधिक-से-अधिक लोगों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए भिन्न-भिन्न प्रकार के एजेंडा बनाते हैं। यह प्रजातंत्र को अनेक प्रकार से प्रभावित करते हैं। उदाहरण-

  1. सरकार की नीतियों के बारे में जनता को बतलाती है। जनता सरकार की नीतियों पर अपना जनमत तैयार करती है।
  2. संचार माध्यम निश्चित करते हैं कि किन बातों पर ध्यान केंद्रित किया जाना है और इस तरह वह एजेंडा निश्चित कर देते हैं।

4. कक्षा परियोजना के रूप में समाचारों में से कोई एक शीर्षक चुनकर उस पर ध्यान केंद्रित कीजिए। और अन्य समाचार-पत्रों में से उससे संबंधित विवरण छाँटिए। दूरदर्शन समाचार पर भी इस विषय पर प्रसारित सामग्री देखिए। दो समाचार-पत्रों के विवरण की तुलना करके उनमें समानता और भिन्नता की रिपोर्ट लिखिए। निम्नलिखित प्रश्न पूछना सहायक हो सकता है
(क) इस लेख में क्या जानकारी दी जा रही है?
(ख) कौन-सी जानकारी इसमें छोड़ दी गई है?
(ग) यह लेख किसके दृष्टिकोण को ध्यान में रखकर लिखा गया है?
(घ) किसके दृष्टिकोण को छोड़ दिया गया है और क्यों?
उत्तर : शीर्षक-‘प्रदूषण के कारण कारखानों पर वज्रपात’ इस संदर्भ में दो समाचार-पत्र की रिपोर्ट नीचे दी गई है.
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 (Hindi Medium) 1
(क) इस लेख में प्रदूषण के कारण एक लाख कारखानों के बंद होने से कारखानों के मालिकों और मजदूरों के विरोध से संबंधित एक रिपोर्ट दिया गया है।

(ख)
न्यूज ऑफ इंडिया ने कारखानों से फैलने वाले प्रदूषण के दुष्परिणामों के बारे में व्याख्या नहीं की है, जबकि इंडिया डेली की रिपोर्ट में कारखानों और मजदूरों का विरोध करना कितना उचित है तथा नगर निगम द्वारा कारखानों को कितना सुविधा दिया गया है और क्या-क्या कमी रह गई है इसके बारे में नहीं बतलाया गया है।

(ग)
न्यूज ऑफ इंडिया के लेख प्रदूषण के कारण कारखानों के बंद होने से मजदूरों द्वारा विरोध करने से सड़कों पर लगने वाले जाम को ध्यान में रखकर रिपोर्ट तैयार किया गया है, जबकि इंडिया डेली में कारखानों के मालिकों और मजदूरों के प्रतिक्रिया के संबंध में रिपोर्ट तैयार की गई है।

(घ)
इन दोनों रिपोर्ट में कुछ दृष्टिकोणों को छोड़ दिया गया है। न्यूज ऑफ इंडिया रिपोर्ट में प्रदूषण से होने वाले नुकसान के संदर्भ में जनता की प्रतिक्रिया के बारे में नहीं बताया गया है। इंडिया डेली रिपोर्ट में मजदूरों के रोजगार और उनके अपर्याप्त पुनस्र्थापन को कोई महत्त्व नहीं दिया गया है।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 6 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

विप्लव गायन NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20

Class 7 Hindi Chapter 20 विप्लव गायन Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर…..कालकूट फणि की चिंतामणि’
(क) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान किसके लिए किस भाव के लिए प्रयुक्त हुआ है ?
(ख) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान से संबंधित भाव का ‘रुद्ध-गीत की क्रुद्ध तान है/ निकली मेरी अंतरतर से’-पंक्तियों से क्या कोई संबंध बनता है?
उत्तर:
(क) वही स्वर, वही ध्वनि एवं वही तान क्रांति के लिए प्रयुक्त हुआ है।
(ख) इस भाव का संबंध इन पक्तियों से है क्योंकि क्रांति गीत का उद्भव कवि के उस कंठ से हुआ है जो अब तक किसी कारणवश अवरुद्ध था।

प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-
‘सावधान! मेरी वीणा में….दोनों मेरी ऐंठी हैं।’
उत्तर:
इन पंक्तियों के माध्यम से कवि कहना चाहता है कि शोषण करने वालो अब सावधान हो जाओ! अब मेरी वीणा से शृंगार गीत के स्वर न निकल कर क्रांति की चिंगारियाँ निकल रही हैं। अब मेरी अँगुलियों में कोमलता नहीं रही जो मधुर गीतों की धुन निकाल सके।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

कविता से आगे

प्रश्न 1.
स्वाधीनता संग्राम के दिनों में अनेक कवियों ने स्वाधीनता को मुखर करने वाली ओजपूर्ण कविताएँ लिखीं। माखनलाल चतुर्वेदी, मैथिलीशरण गुप्त और सूर्यकांत त्रिपाठी ‘निराला’ की ऐसी कविताओं की चार-चार पंक्तियाँ इकट्ठी कीजिए जिनमें स्वाधीनता के भाव ओज से मुखर हुए हैं?
उत्तर:
माखन लाल चतुर्वेदी

चाह नहीं में सुरबाला के
गहनों में गूँथा जाऊँ,
चाह नहीं प्रेमी-माला में
बिंध प्यारी को ललचाऊँ
चाह नहीं, सम्राटों के शव
पर हे हरि, डाला जाऊँ
चाह नहीं, देवों के सिर पर
चढूँ, भाग्य पर इठलाऊँ
मुझे तोड़ लेना, वनमाली
उस पथ में तुम देना फेंक,
मातृभूमि पर शीश चढ़ाने
जिस पथ जावें वीर अनेक

मैथिलीशरण गुप्त

“नीलाम्बर परिधान हरित पट पर सुन्दर है,
सूर्य चन्द्र युग मुकुट मेखला रत्नाकर है।
नदियाँ प्रेम-प्रवाह फूल तारे मंडन है,
बन्दीजन खग वृन्द, शेष फन सिंहासन है।
करते अभिषेक पयोद हैं,
बलिहारी इस वेष की :
हे मातृभूमि : तू सत्य ही,
सगुण मूर्ति सर्वेश की।

सूर्यकांत त्रिपाठी निराला

“सिंही की गोद में से छीनते हैं शिशु कौन ?
मौन भी क्या रहती वह रहते प्राण ?
रे अज्ञान
एक मेष माता ही
रहती है निर्निमेष
दुर्बल वह-
छिनती सन्तान जब
जन्म भर अपने अभिशप्त
तप्त आँसू बहाती है।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
कविता के मूलभाव को ध्यान में रखते हुए बताइए इसका शीर्षक ‘विप्लव-गायन’ क्यों रखा गया होगा?
उत्तर:
विप्लव’ का अर्थ क्रांति होता है। कवि अपने गीतों से क्रांति लाना चाहता है। वह अन्य कवियों को भी ऐसे गीत लिखने के लिए कहता है जो समाज में क्रांति ला सकें। इसलिए इस कविता का शीर्षक उचित ही रखा गया है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

भाषा की बात

प्रश्न 1.
कविता में दो शब्दों के मध्य (-) का प्रयोग किया गया है, जैसे-‘जिससे उथल-पुथल मच जाए’ एवं ‘कण-कण में है व्याप्त वही स्वर’। इन पंक्तियों को पढ़िए और अनुमान लगाइए कि कवि ऐसा प्रयोग क्यों करते हैं?
उत्तर:
ऐसा कई कारणों से होता है :
1. जहाँ पर एक ही शब्द बार-बार आए वहाँ (-) का प्रयोग होता है। पुनरुक्ति होने से शब्द-सौन्दर्य बढ़ता है। (4) सामासिक शब्दों जैसे ‘रात-दिन’ आदि में भी उनको अलग करने के लिए (-) का प्रयोग किया जाता है।

प्रश्न 2.
कविता में, । आदि जैसे विराम चिह्नों का उपयोग रुकने, आगे-बढ़ने अथवा किसी खास भाव को अभिव्यक्त करने के लिए किया जाता है। कविता पढ़ने में इन विराम चिह्नों का प्रभावी प्रयोग करते हुए काव्य पाठ कीजिए। गद्य में आमतौर पर है शब्द का प्रयोग वाक्य के अंत में किया जाता है, जैसे-देशराज जाता है। अब कविता की निम्न पंक्तियों को देखिए-
‘कण-कण में है व्याप्त….वही तान गाती रहती है,
इन पंक्तियों में है शब्द का प्रयोग अलग-अलग जगहों पर किया गया है। कविता में अगर आपको ऐसे अन्य प्रयोग मिलें तो उन्हें छाँटकर लिखिए।
उत्तर:
कंठ रुका है महानाश का
× × × ×
टूटी है मिज़राबें
× × ×
रोम-रोम गाता है वह ध्वनि

प्रश्न 3.
निम्न पंक्तियों को ध्यान से देखिए-
‘कवि कुछ ऐसी तान सुनाओ….एक हिलोर उधर से आए,’
इन पंक्तियों के अंत में आए, जाए जैसे तुक मिलाने वाले शब्दों का प्रयोग किया गया है। इसे तुकबंदी या अंत्यानुप्रास कहते हैं। कविता से तुकबंदी के और शब्द/पद छाँटकर लिखिए। तुकबंदी के इन छाँटे गए शब्दों से अपनी कविता बनाने की कोशिश कीजिए/कविता पढ़िए।
उत्तर:
तुक बंदी वाले शब्द
आए, जाए बैठी है, ऐंठी है।
दिन भर से यूँ बैठी है।
लगता है यह ऐंठी है।
अब वह न गीत सुनाती है।
न किसी का मन बहलाती है।

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. कवि, कुछ ……………………. मेरी ऐंठी हैं।

शब्दार्थ : तान-स्वर लहरी; हिलोर-लहर; मिज़राबें-वीणा के तारों को छेड़ने के लिए अंगुली में पहने जाने वाला छल्ला।

शब्दार्थ- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग 2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से लिया गया है। जिसके कवि ‘बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ जी हैं। कवि ने इन पक्तियों में अन्य कवियों से अपनी कविताओं के माध्यय से समाज में क्रांति लाने का आह्वान किया है।

व्याख्या- कवि सरस्वती की उपासना करने वालों को अर्थात् कवियों का आह्वान करते हुए उनसे कह रहा है कि आप अपने कंठ से अब ऐसी कविताएँ सुनाओ जो समाज में उथल-पुथल मचा दें क्योंकि कवि अपनी कविताओं से समाज में क्रांति ला सकता है। क्रांति की लहरें समाज में सभी ओर से उठनी चाहिए तभी सभी लोग क्रांति में अपना योगदान दे पाएंगे। सभी लोगों को, आज जागृत करने की सबसे बड़ी आवश्यकता है। कवि समाज का शोषण करने वालों को सावधान करते हुए कहता है कि अब मेरी वीणा से शृंगार गीत की धुन नहीं निकल रही है अब तो इससे क्रांति की चिंगारियाँ निकलने लगी हैं। ये चिंगारियाँ सब कुछ भस्म कर देने की शक्ति रखती हैं। कवि कहता है कि अब वीणावादक अर्थात् कवि की मिजराजें टूट गई हैं और अंगुलियाँ अकड़ गई हैं। अब इनमें इतनी कठोरता आ गई है कि कोमल स्वर की अपेक्षा करना व्यर्थ है। कठोर चीज जब तार से टकराएगी तो चिंगारियाँ ही निकलेंगी। कवि की यही स्थिति है। अब उसकी वीणा से क्रांति के स्वर निकल रहे हैं।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि किससे क्या आह्वान कर रहा है?
उत्तर:
कवि अन्य कवियों से यह आह्वान कर रहा है कि आप अपनी कविताओं के माध्यम से इस सोए हुए समाज की जड़ता को दूर करने के लिए क्रांति कर दे।

प्रश्न 2.
कवि समाज में उथल-पुथल क्यों मचाना चाहता है?
उत्तर:
कवि समाज में क्रांति लाने के लिए उथल-पुथल मचाना चाहता है। उथल-पुथल मचेगी तभी लोगों की नींद खुलेगी और समाज से शोषकों का नाश होगा।

प्रश्न 3.
कवि किसको क्यों सावधान कर रहा है?
उत्तर:
कवि शोषण करने वालों को सावधान कर रहा है कि जो अब तक कवियों से शृंगार गीत सुनते आए हैं कवि उन्हें बताना चाहता है कि अब उनकी वीणा से चिंगारियाँ निकल रही हैं और उनके कंठ से शृंगार गीतों के स्थान पर क्रांति गीत के बोल निकल रहे है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

2. कंठं रुका है …………………… अंतरतर से।

शब्दार्थ : महानाश-महा विनाश / पूरी बर्बादी; मारक गीत-मारने वाला गीत; रुद्ध-रुकना; हृत्तल-हृदय तल में / हृदय में; क्षुब्ध-कुपित; दग्ध-जलना; ज्वलंत-जलता हुआ; क्रुद्ध-क्रोधित; अंतरतर-हृदय की गहराइयाँ।

प्रसंग- प्रस्तुत काव्यांश हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से अवतरित है जिसके कवि ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन’ जी हैं। कवि ने इन पंक्तियों में अपनी कविताओं के माध्यम से समाज में फैली कुरीतियों को भस्म करने के लिए एवं समाज के नव- निर्माण के लिए क्रांति का आह्वान किया है।

व्याख्या- कवि कहता है कि अब तक मेरा कंठ रुका हुआ था मैं चाहकर भी महाविनाश का मारक गीत लिखने में अपने को असमर्थ पाता था परन्तु अब ऐसा नहीं है। अब मेरे हृदय में आक्रोश एवं घृणा के भाव उत्पन्न हो गए हैं इसलिए मैंने क्रांति के गीत लिखने का निश्चय कर लिया है। मेरे गीतों से क्रांति की जो ज्वाला निकलेगी वह सभी तरह के झाड़-झंकाड़ अर्थात् समाज के लिए घातक रूढ़ियों और परंपराओं को जलाकर भस्म कर देगी। अब तक मेरे मन में क्रांति का जो गीत रुका हुआ था वह अब ज्वाला के रूप में प्रकट होगा। हृदय की गहराइयों से निकलने वाला मेरा यह गीत मधुर और कोमल न होकर क्रांति की ज्वाला को भड़काने वाला होगा।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कवि महानाश का मारक गीत क्यों नहीं लिख पा रहा था ?
उत्तर:
कवि कहता है कि पहले उसका कंठ रुका हुआ था वह चाहकर भी ऐसा गीत नहीं लिख सकता था जो समाज में उथल-पुथल मचा सके।

प्रश्न 2.
कवि के हृदय में अब कैसी आग लगी हुई है ?
उत्तर:
कवि के हृदय में वर्तमान शासन के प्रति गुस्सा है। कवि एक प्रकार का युद्ध छेड़ना चाहता है। वह चाहता है कि सभी लोगों के हृदय से ऐसी ज्वाला भड़के जिससे समाज में व्याप्त रूढ़ियाँ एवं दुर्गुण भस्म हो जाएँ।

प्रश्न 3.
झाड़-झंकाड़ से कवि का क्या आशय है। ये किस प्रकार बाधक हैं?
उत्तर:
झाड़-झंकाड़ से कवि का आशय समाज में फैली बुराइयों व रूढ़ियों से है। जिस प्रकार झाड़ झंकाड़ जमीन की उर्वरा शक्ति का उपयोग नहीं होने देते उसी प्रकार समाज में फैली बुराइयाँ समाज का विकास नहीं होने देतीं।

प्रश्न 4.
कवि के हृदय की गहराइयों से अब कैसा स्वर निकल रहा है ?
उत्तर:
कवि के हृदय की गहराइयों से अब क्रोध भरी तान निकल रही है। अब तक इनके गीत रुद्ध थे। कवि चाहकर भी क्रांति गीत नहीं लिख पा रहे थे। अब ऐसा नहीं है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 20 विप्लव गायन

3. कण-कण में है ………………….. आया हूँ।

शब्दार्थ : व्याप्त-समाया हुआ; कालकूट-विष; फणि-शेषनाग; भ्रू-विलास-भौंहे टेढ़ी होना, क्रोध करना; पोषक-पोषित करने वाला/पालने वाला; परख-जाँच।

प्रसंग- प्रस्तुत पंक्तियाँ हमारी पाठ्यपुस्तक ‘वसंत भाग-2’ में संकलित कविता ‘विप्लव-गायन’ से ली गई हैं जिसके रचयिता ‘बालकृष्ण शर्मा नवीन’ जी हैं। कवि ने अपने कंठ से निकले क्रांति गीत की व्यापकता के बारे में बताया है।

व्याख्या- कवि कहता है कि मेरे कंठ से निकला गीत बहुत व्यापक है, वह सारे संसार के कण-कण में समाया हुआ है। सभी लोगों का रोम-रोम इस क्रांति गीत को गाता है। जो तान मैंने छेड़ी है सभी लोग उसी तान में इस गीत को गाते हैं। इस गीत को गाने वाले प्राणी केवल मनुष्य ही नहीं बल्कि भंयकर विष को धारण करने वाला शेषनाग भी अपने सिर पर रखी चिंतामणि के माध्यम से इस गीत को गा रहा है। शेषनाग ऐसा करके क्रांति का आह्वान कर रहा है। कवि इस दृश्य को देखकर समझ गया है कि इस जीवन में क्या राज़ छिपा है। कवि जान गया है कि क्रोध में ही महानाश पोषक सूत्र होते हैं। कवि ने इस बात की जाँच अच्छी प्रकार कर ली है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
कण-कण में कौन-सा स्वर व्याप्त है ?
उत्तर:
कवि कहता है कि जो क्रांति गीत मेरे कंठ से निकला है वह पूरे संसार के कण-कण में व्याप्त है।

प्रश्न 2.
शेषनाग की चिंतामणि क्या संदेश देती है?
उत्तर:
शेषनाग की चिंतामणि क्रांति का संदेश दे रही है वह भी अपनी चमक बिखेर कर क्रांति फैलाना चाहती है।

प्रश्न 3.
कवि क्या राज समझ गया है ?
उत्तर:
कवि यह राज़ समझ गया है कि बिना क्रोध के अर्थात् टेढ़ी भौंहें किए क्रांति नहीं आती। विनम्रता दिखाना कायरता मानी जाती है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

आश्रम का अनुमानित व्यय NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19

Class 7 Hindi Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय Textbook Questions and Answers

लेखा-जोखा

प्रश्न 1.
हमारे यहाँ बहुत से काम लोग खुद नहीं करके किसी पेशेवर कारीगर से करवाते हैं। गाँधी जी छेनी, हथौड़े, बसूले क्यों खरीदना चाहते होंगे?
उत्तर:
गाँधी जी कुटीर उद्योग, लघु उद्योग को बढ़ावा देना चाहते थे। वे चाहते थे कि सभी लोग स्वावलंबी बनें और अपनी आवश्यकताओं को स्वयं मिलजुल कर पूरा करें। ऐसा करने से समाज का विकास होता है। बेरोजगारी कम होती है। सारा काम सभी आदमियों में बराबर बँट जाता है। अपने हाथ से काम करने से आत्मविश्वास बढ़ता है, हम अपनी मूलभूत आवश्यकताएँ स्वयं पूरी कर सकते हैं। गाँधी जी ऐसा करके सभी को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित करना चाहते थे।

प्रश्न 2.
गाँधी जी ने अखिल भारतीय कांग्रेस सहित कई संस्थाओं व आंदोलनों का नेतृत्व किया। उनकी जीवनी या उन पर लिखी गई किताबों से उन अंशों को चुनिए जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गाँधी जी की चुस्ती का पता चलता है?
उत्तर:
छात्र गाँधी जी के जीवन से संबंधित पुस्तकें पढ़ें एवं उनसे उन अंशों को चुनें जिनसे हिसाब-किताब के प्रति गाँधी जी की चुस्ती का पता चलता है।

प्रश्न 3.
मान लीजिए, आपको कोई बाल आश्रम खोलना है। इस बजट से प्रेरणा लेते हुए उसका अनुमानित बजट बनाइए। इस बजट में दिए गए किन-किन मदों पर आप कितना खर्च करना चाहेंगे। किन नयी मदों को जोड़ना-हटाना चाहेंगे?
उत्तर:
आश्रम के लिए भवन एवं ज़मीन – 20 लाख रुपये
बालकों के लिए पाठ्य पुस्तकें – 50 हजार रुपये
पुस्तकालय के लिए पुस्तकें – 2 लाख रुपये
बच्चों के वस्त्रों पर खर्च – 50 हजार रुपये
आश्रम के लिए बिस्तरों पर खर्च – 1 लाख रुपये
खाने पर खर्च – 20 हजार रुपये
आश्रम के रखरखाव पर खर्च – 20 हजार रुपये

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

प्रश्न 4.
आपको कई बार लगता होगा कि आप कई छोटे-मोटे काम (जैसे-घर की पुताई, दूध दुहना, खाट बुनना) करना चाहें तो कर सकते हैं। ऐसे कामों की सूची बनाइए, जिन्हें आप चाहकर भी नहीं सीख पाते। इसके क्या कारण रहे होंगे? उन कामों की सूची भी बनाइए, जिन्हें आप सीखकर ही छोड़ेंगे।
उत्तर:
कार्यकारण
खाना बनाना – लड़कों को घर में खाना बनाना नहीं सिखाया जाता
कपड़े धोना – यह काम भी औरतों का माना जाता है
सिलाई का काम – सिखाने वाला नहीं मिला
मकान बनाना – घर के लोग करने नहीं देते
घर में सफेदी, रंग-रोगन करना – यह काम मजदूरों से ही करवाया जाता है।
इन सभी कार्यों को आसानी से किया जा सकता है। मैं भी इन कार्यों को कर सकता हूँ।

प्रश्न 5.
इस अनुमानित बजट को गहराई से पढ़ने के बाद आश्रम के उद्देश्यों और कार्यप्रणाली के बारे में क्या-क्या अनुमान लगाए जा सकते हैं?
उत्तर:
इस बजट को देखकर आश्रम के उद्देश्य एवं कार्यप्रणाली स्पष्ट हो जाती है। जो इस प्रकार है-

  1. गाँधी जी सभी को स्वावलंबी बनाना चाहते थे।
  2. वे लघु उद्योगों के पक्षधर थे। उनका मानना था कि यदि लोग आपस में मिल-जुल कर छोटे-छोटे कार्य स्वयं करें तो इससे समाज का विकास होगा और परस्पर सहयोग की भावना बढ़ेगी।
  3. गाँधी जी लोगों को यह बताना चाहते थे कि हम किस प्रकार सीमित संसाधनों में भी विकास कर सकते थे।
  4. गाँधी जी यह संदेश देना चाहते थे कि कार्य कोई छोटा या बड़ा नहीं होता।
  5. ऐसा करके उन्होंने श्रम की महत्ता बताई।

भाषा की बात

प्रश्न 1.
अनुमानित शब्द अनुमान में इत प्रत्यय जोड़कर बना है। इत प्रत्यय जोड़ने पर अनुमान का न नित में परिवर्तित हो जाता है। नीचे-इत प्रत्यय वाले कुछ और शब्द लिखे हैं। उनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-
प्रमाणित, व्यथित, द्रवित, मुखरित
झंकृत, शिक्षित, मोहित, चर्चित
उत्तर:
प्रमाणित – प्रमाण + इत
व्यथित – व्यथा + इत
द्रवित – द्रव + इत
मुखरित – मुखर + इत
शिक्षित – शिक्षा + इत
मोहित – मोह + इत
चर्चित – चर्चा + इत

प्रश्न 2.
इत प्रत्यय की भाँति इक प्रत्यय से भी शब्द बनते हैं और तब शब्द के पहले अक्षर में भी परिवर्तन हो जाता है, जैसे-सप्ताह + इक = साप्ताहिक। नीचे इक प्रत्यय से बनाए गए शब्द दिए गए हैं। इनमें मूल शब्द पहचानिए और देखिए कि क्या परिवर्तन हो रहा है-
मौखिक, संवैधानिक, प्राथमिक, नैतिक, पौराणिक, दैनिक
उत्तर:
मौखिक – मुख + इक
सवैधानिक – संविधान + इक
प्राथमिक – प्रथम + इक
नैतिक – नीति + इक
पौराणिक – पुराण + इक
दैनिक – दिन + इक

प्रश्न 3.
बैलगाड़ी और घोडागाड़ी शब्द दो शब्दों को जोड़ने से बने हैं। इसमें दूसरा शब्द प्रधान है, यानी शब्द का प्रमुख अर्थ दूसरे शब्द पर टिका है। ऐसे समास को तत्पुरुष समास कहते हैं। ऐसे छह शब्द और सोचकर लिखिए और समझिए कि उनमें दूसरा शब्द प्रमुख क्यों है?
उत्तर:
रेलगाड़ी – रेल की पटरी पर चलने वाली गाड़ी
राष्ट्रपति – राष्ट्र का पति
राजपुत्र – राजा का पुत्र
तुलसीकृत – तुलसी द्वारा कृत
विद्याहीन – विद्या से हीन
घुड़सवार – घोड़े का सवार

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

घरेलू सामान की सूची

चार पतीले-चालीस आदमियों का खाना बनाने के योग्य; दो छोटी पतीलियाँ- दस आदमियों के योग्य; तीन पानी भरने के पतीले या ताँबे के कलशे; चार मिट्टी के घड़े चार तिपाइयाँ; एक कढ़ाई; दस रतल खाना पकाने योग्य; तीन कलछियाँ, दो आटा गूंधने की परातें; एक पानी गरम करने का बड़ा पतीला; तीन केतलियाँ; पाँच बाल्टियाँ या नहाने का पानी रखने के बरतन; पाँच पतीले के ढक्कन; पाँच अनाज रखने के बरतन; तीन तइयाँ, दस थालियाँ; दस कटोरियाँ, दस गिलास, दस प्याले, चार कपड़े धोने के टब, दो छलनियाँ, एक पीतल की छलनी; तीन चक्कियाँ; दस चम्मच; एक करछा; एक इमामदस्ता-मूसली; तीन झाडू, छह कुर्सियाँ, तीन मेजें; छह किताबें रखने की अलमारियाँ, तीन दवातें; छह काले तख्ने; छह रैक; तीन भारत के नक्शे; तीन दुनिया के नक्शे; दो बंबई अहाते के नक्शे; एक गुजरात का नक्शा, पाँच हाथकरघे; बढ़ई के औज़ार, मोची के औज़ार; खेती के औज़ार; चार चारपाइयाँ, एक गाड़ी; पाँच लालटेन; तीन कमोड; दस गद्दे; तीन चैंबर पॉट; चार सड़क की बत्तियाँ। (वैशाख बदी तेरह, मंगलवार, 11 मई, 1915)

  • चौके का सामान
  • एक बैलगाड़ी या घोड़गाड़ी
  • एक वर्ष के लिए खाने का खर्च-छह हजार रुपया

मेरा खयाल है कि हमें लुहार और राजमिस्त्री के औजारों की भी जरूरत होगी। दूसरे बहुत से औजार भी चाहिए, किंतु इस हिसाव से मैंने उनका खर्च और शिक्षण-संबंधी सामान का खर्च शामिल नहीं किया है। शिक्षण के सामान में पाँच-छह देशी हथकरघों की आवश्यकता होगी। अहमदाबाद में स्थापित आश्रम का संविधान स्वयं गाँधी जी ने तैयार किया था। संविधान के मसविदे से पता चलता है कि वह भारतीय जीवन का निर्माण किस प्रकार करना चाहते थे।

शब्दार्थ : अनुमानित-अंदाजे से; अलावा-अतिरिक्त; एरन-लोहा गर्म करने की भट्टी को हवा देने वाली मशीन; स्थानीय-स्थान विशेष से संबंधित (Local); खयाल-विचार।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

मुझे मालूम हुआ है ………………… अनुमान में भूलें भी हो सकती हैं।

प्रश्न 1.
कौन किस प्रयोग की बात कह रहा है?
उत्तर:
महात्मा गाँधी जी अहमदाबाद में आश्रम की स्थापना कर उसे प्रयोग के तौर पर चलाना चाहते हैं जहाँ सभी सामूहिक रूप से रह सकें।

प्रश्न 2.
गाँधी जी अहमदाबाद से क्या अपेक्षा करते हैं?
उत्तर:
गाँधी जी चाहते थे कि अहमदाबाद आश्रम का ऊपर बताया खर्च उठाए और पूरी ज़मीन व मकान सभी को दे।

प्रश्न 3.
गाँधी जी स्वयं कौन-सा खर्च उठाने की बात कहते हैं?
उत्तर:
गाँधी जी स्वयं खाने का खर्च उठाने की बात कहते हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 19 आश्रम का अनुमानित व्यय

आश्रम का अनुमानित व्यय Summary

पाठ का सार

दक्षिण अफ्रीका से लौटकर गाँधी जी ने अहमदाबाद में एक आश्रम की स्थापना की, उसके प्रारंभिक सदस्यों तथा सामान आदि का विवरण इस पाठ में है। आरंभ में संस्था (आश्रम) में चालीस लोग होंगे। कुछ समय में इस संख्या के पचास हो जाने की संभावना है। – हर महीने औसतन दस अतिथियों के आने की संभावना है। इनमें तीन या पाँच सपरिवार होंगे, इसलिए स्थान की व्यवस्था ऐसी होनी चाहिए कि परिवार वाले लोग अलग रह सकें और शेष एक साथ।

इसको ध्यान में रखते हुए तीन रसोईघर हों और मकान कुल पचास हजार वर्ग फुट क्षेत्रफल में बने तो सब लोगों के लायक जगह हो जाएगी। इसके अलावा तीन हजार पुस्तकें रखने लायक पुस्तकालय और अलमारियाँ होनी चाहिए।

कम-से-कम पाँच एकड़ जमीन खेती करने के लिए चाहिए, जिसमें कम-से-कम तीस लोग काम कर सकें, इतने खेती के औजार चाहिए। इनमें कुदालियों, फावड़ों और खुरपों की ज़रूरत होगी।

बढ़ईगिरी के निम्नलिखित औज़ार भी होने चाहिए-पाँच बड़े हथौड़े, तीन बसूले, पाँच छोटी हथौड़ियाँ, दो एरन, तीन बम, दस छोटी-बड़ी छेनियाँ, चार रंदे, एक सालनी, चार केतियाँ, चार छोटी-बड़ी बेधनियाँ, चार आरियाँ, पाँच छोटी-बड़ी संडासियाँ, बीस रतल कीलें-छोटी और बड़ी, एक मोंगरा (लकड़ी का हथौड़ा), मोची के औज़ार।

मेरे अनुमान से इन सब पर कुल पाँच रुपया खर्च आएगा।
रसोई के लिए आवश्यक सामान पर एक सौ पचास रुपये खर्च आएगा।
स्टेशन दूर होगा तो सामान को या मेहमानों को लाने के लिए बैलगाड़ी चाहिए।

मैं खाने का खर्च दस रुपये मासिक प्रति व्यक्ति लगाता हूँ। मैं नहीं समझता कि हम यह खर्च पहले वर्ष में निकाल सकेंगे। वर्ष में औसतन पचास लोगों का खर्च छह हजार रुपये आएगा।

यदि अहमदाबाद सब खर्च उठाए तो विभिन्न मदों में खर्च इस तरह होगा-

  • किराया-बंगला और खेत की ज़मीन
  • किताबों की अलमारियों का खर्च
  • बढ़ई के औज़ार
  • मोची के औज़ार

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18

Class 7 Hindi Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Textbook Questions and Answers

साक्षात्कार से

प्रश्न 1.
साक्षात्कार पढ़कर आपके मन में धनराज पिल्लै की कैसी छवि उभरती है? वर्णन कीजिए।
उत्तर:
साक्षात्कार पढ़कर हमारे मन में धनराज पिल्लै की एक जुझारू व्यक्ति की छवि उभरती है। गरीबी ने उनको और भी अधिक संघर्ष करने वाला बना दिया। अपने परिवार की आर्थिक स्थिति के कारण उनको कोई भी चीज़ आसानी से नहीं प्राप्त हुई इस कारण उनका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। वे सच बोलने वाले व्यक्ति हैं उनके मन में जो बात आती है वे सीधे-सीधे शब्दों में कह डालते हैं। उनकी माँ को इनके पालन-पोषण के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा जिस कारण से ये तुनकमिज़ाज बन गए। परन्तु ये बहुत ही भावुक किस्म के इंसान हैं।

प्रश्न 2.
धनराज पिल्लै ने जमीन से उठकर आसमान का सितारा बनने तक की यात्रा तय की है। लगभग सौ शब्दों में इस सफर का वर्णन कीजिए।
उत्तर:
धनराज पिल्लै बहुत ही गरीब परिवार से थे। अपने भाइयों को हॉकी खेलते देखकर उनमें भी हॉकी खेलने की दिलचस्पी बढ़ी। उनके पास हॉकी खरीदने के लिए भी पैसा नहीं था। 16 वर्ष की उम्र में उनको जूनियर राष्ट्रीय हॉकी टीम के लिए चुन लिया गया। 1986 में उनको सीनियर टीम में चुना गया। 1988 में ओलंपिक खेलों के लिए न चुने जाने पर इनको बहुत निराशा हुई। एक साल बाद इनको ऑलविन एशिया कप के लिए चुन लिया गया। तब से अब तक इनका सफर लगातार जारी है। इनको अपने जीवन में बहुत संघर्ष करना पड़ा। इनको आसानी से कुछ नहीं मिला। अंतर्राष्ट्रीय स्तर का खिलाड़ी होते हुए भी ये लोकल ट्रेन से सफर करते रहे क्योंकि इनकी टैक्सी में चलने की हैसियत नहीं थी। विदेशों में खेलकर और एक-एक पैसा जोड़कर इन्होंने अपनी बहिन की शादी की। अपनी कमाई से सन 2000 में इन्होंने कार खरीदी। ये भारतीय टीम के कप्तान भी रहे। इनका जीवन संघर्षों की कहानी है।

प्रश्न 3.
‘मेरी माँ ने मुझे अपनी प्रसिद्धि को विनम्रता-से सँभालने की सीख दी है’-धनराज पिल्लै की इस बात का क्या अर्थ है ?
उत्तर:
धनराज पिल्लै के इस कथन का अर्थ यह है कि धनराज की माँ ने बहुत गरीबी देखी इसलिए उनको इस बात का अहसास था कि समृद्धि में अहंकार नहीं करना चाहिए। विनम्र बनकर ही उसे स्वीकार करना चाहिए।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

साक्षात्कार से आगे

प्रश्न 1.
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर कहा जाता है। क्यों? पता लगाइए।
उत्तर:
ध्यानचंद को हॉकी का जादूगर इसलिए कहा जाता है क्योंकि जब गेंद उनकी स्टिक पर आ जाती थी तो वे उसको लेकर इस तरह दौड़ते थे मानो गेंद उनकी स्टिक से चिपकी हुई है। कई बार तो उनकी स्टिक को इसलिए बदलवाया गया की इनकी इस स्टिक में कुछ जादू है परन्तु उनको जो भी स्टिक दी गई उन्होंने उसी से ही गोल कर दिया। एक बार तो उनकी स्टिक पर जब कुछ लोगों ने एतराज किया तो उन्होंने डंडे से ही गोल कर दिया।

प्रश्न 2.
किन विशेषताओं के कारण हॉकी भारत का राष्ट्रीय खेल माना जाता है?
उत्तर:
हॉकी पूरे भारत में खेली जाती है। आजादी से पूर्व भारत ने लगातार ओलंपिक हॉकी में स्वर्ण पदक जीता इसलिए भारत में हॉकी को राष्ट्रीय खेल घोषित कर दिया गया।

प्रश्न 3.
आप समाचार-पत्रों, पत्रिकाओं में छपे हुए साक्षात्कार पढ़ें और अपनी रुचि से किसी व्यक्ति को चुनें, उसके बारे में जानकारी प्राप्त कर कुछ प्रश्न तैयार करें और साक्षात्कार लें।
उत्तर:
विद्यार्थी स्वयं करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
‘यह कोई जरूरी नहीं कि शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए’-क्या आप धनराज पिल्लै की इस बात से सहमत हैं? अपने अनुभव और बड़ों से बातचीत के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
धनराज पिल्लै का यह कथन पूरी तरह उचित है। यह आवश्यक बिल्कुल भी नहीं की शोहरत पैसा भी साथ लेकर आए। आज ध्यानचंद को बच्चा-बच्चा जानता है वह केवल अपने खेल के लिए जाने जाते थे। ऐसे अनेक लोग हैं जिनको शोहरत खूब मिली। जैसे मुंशी प्रेमचंद परन्तु वे जीवन भर गरीबी में दिन काटते रहे।

प्रश्न 2.
(क) अपनी गलतियों के लिए माफी माँगना आसान होता है या मुश्किल?
(ख) क्या आप और आपके आस-पास के लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं?
(ग) माफी माँगना मुश्किल होता है या माफ करना? अपने अनुभव के आधार पर लिखिए।
उत्तर:
(क) अपनी गलतियों के लिए माफ़ी माँगने में कोई मुश्किल नहीं होती। मुश्किल तब होती है यदि कोई बिना गलती के ही माफी माँगने के लिए कहे।
(ख) हाँ हमारे आस-पास के अधिकतर लोग अपनी गलतियों के लिए माफी माँग लेते हैं। कुछ मूढ़ लोग ही ऐसे होते हैं जो गलती होने पर भी माफी नहीं माँगते।
(ग) माफ़ी माँगने से माफ़ करना अधिक मुश्किल होता है क्योंकि माफ़ करते समय गलती करने वाले की गलतियाँ ऐसा करने से रोकती हैं। मन करता है कि इसको सज़ा मिलनी ही चाहिए।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

भाषा की बात

प्रश्न 1.
नीचे कुछ शब्द लिखे हैं जिनमें अलग-अलग प्रत्ययों के कारण बारीक अंतर है। इस अंतर को समझाने के लिए इन शब्दों को वाक्यों में प्रयोग कीजिए-
प्ररेणा, प्ररेक, प्रेरित, संभव, संभावित, संभवतः, उत्साह, उत्साहित, उत्साहवर्धक,
उत्तर:
प्रेरणा : मुझे अपने माता-पिता से ईमानदार व स्वाभिमानी बनने की प्रेरणा मिली।
प्रेरक : महर्षि दयानंद सरस्वती के वचन मेरे लिए प्रेरक हैं।
प्रेरित : बड़े भाई ने मुझे पढ़ने के लिए प्रेरित किया।
संभव : आज पिता जी का आना संभव नहीं।
संभावित : संभावित प्रश्नों को अच्छी प्रकार याद कर लेना।
संभवतः : संभवतः यह काम मोहन का ही है।
उत्साह : महाराणा प्रताप में अदम्य उत्साह था।
उत्साहित : शिवाजी के वचनों को सुनकर उनके सैनिक उत्साहित होकर लड़ने लगने।
उत्साहवर्धक : आपका भाषण जनता के लिए उत्साहवर्धक था।

प्रश्न 2.
तुनकमिजाज शब्द तुनुक और मिज़ाज दो शब्दों के मिलने से बना है। क्षणिक, तनिक और तुनुक एक ही शब्द के भिन्न रूप हैं। इस प्रकार का रूपांतर दूसरे शब्दों में भी होता है, जैसे-बादल, बादर, बदरा, बदरिया; मयूर, मयूरा, मोर; दर्पण, दर्पन, दरपन। शब्दकोश की सहायता लेकर एक ही शब्द के दो या दो से अधिक रूपों को खोजिए। कम-से-कम चार शब्द और उनके अन्य रूप लिखिए।
उत्तर:
विज्ञ, विज्ञान, वैज्ञानिक, विज्ञानी, विज्ञाता, विज्ञात
तपन, तपना, तपनांशु, तपनी, तपसी, तपस्या
दश, दशमी, दशहरा, दशानन, दशावतार
प्रचर, प्रचार, प्रचरण, प्रचरित, प्रचलन

प्रश्न 3.
हर खेल के अपने नियम, खेलने के तौर-तरीके और अपनी शब्दावली होती है। जिस खेल में आपकी रुचि हो उससे संबंधित कुछ शब्दों को लिखिए, जैसे-फुटबॉल के खेल से संबंधित शब्द हैं-गोल, बैकिंग, पासिंग, बूट इत्यादि।
उत्तर:
क्रिकेट-विकेट, बैट, पैड, बॉल, बाउंड्री, चौका, छक्का, रन आउट, डोट बॉल, रन आउट, एंपायर, थर्ड एंपायर, विकेट कीपर, बॉलर, बल्लेबाज, फील्डर।
हॉकी-बॉट-स्टिक, गोल कीपर, पेनल्टी शूट, पेनल्टी कॉर्नर, हाफ लाइन, रैफरी, गोल पोस्ट।

हमारी ख्वाहिश
(केवल पढ़ने के लिए)

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,
देखना है जोर कितना वाजू-ए-क़ातिल में है।
रहबरे राहे मुहब्बत, रह न जाना राह में,
लज्जते सहरा नवर्दी दूरी-ए-मंजिल में है।
वक्त आने दे, बता देंगे तुझे, ऐ आसमां!
हम अभी से क्या बाताएं, क्या हमारे दिल में है।
अब न अगले वलवले हैं और न अरमानों की भीड़,
एक मिट जाने की हसरत अब दिले ‘बिस्मिल’ में है।
आज मक़तल में ये कातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है!
ऐ शहीदे-मुल्को-मिल्लत, तेरे जज्यों के निसार,
तेरी कुर्वानी का चर्चा गैर की महफिल में है।
-रामप्रसाद ‘बिस्मिल’

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

गद्यांशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. बचपन मुश्किलों ………………….. वह मेरी अपनी थी।

प्रश्न 1.
धनराज को हॉकी खेलने का शौक किस प्रकार लगा?
उत्तर:
धनराज के दो बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उन्हीं के चलते इनको भी हॉकी खेलने का शौक लग गया।

प्रश्न 2.
धनराज के परिवार की आर्थिक स्थिति कैसी थी? .
उत्तर:
धनराज का परिवार बहुत गरीब था। उनके पास इतने पैसे भी नहीं थे कि वे एक हॉकी-स्टिक खरीद सकें। उनको अपने साथियों की हॉकी-स्टिक से खेलना पड़ता था।

प्रश्न 3.
धनराज को पहली बार हॉकी-स्टिक कब मिली ?
उत्तर:
धनराज को पहली बार हॉकी-स्टिक तब मिली जब उनके बड़े भाई का चयन भारतीय कैंप के लिए हुआ।

2. मैंने अपनी जूनियर ………………… धूम मचाई।

प्रश्न 1.
राष्ट्रीय हॉकी में धनराज का आगमन कब हुआ ?
उत्तर:
धनराज 1985 में जूनियर हॉकी टीम में खेला। ये खेल मणिपुर में हुए थे तब इनकी उम्र केवल 16 वर्ष थी।

प्रश्न 2.
धनराज का व्यक्तित्व कैसा था, कोई खिलाड़ी इनसे भिड़ने की कोशिश क्यों नहीं करता था ?
उत्तर:
धनराज की कद काठी बहुत दुबली सी थी। परन्तु ये बहुत ही जुझारू किस्म के थे। इनका दबदबा ऐसा था कि कोई भी इनके साथ भिड़ने की कोशिश नहीं करता था।

प्रश्न 3.
धनराज को सीनियर टीम में कब लिया गया, यह वर्ष इनके लिए कैसा रहा ?
उत्तर:
सन् 1986 में इनको सीनियर टीम में सम्मिलित कर लिया गया। इस वर्ष इन्होंने बेहतरीन खेल-खेलकर खूब धूम मचाई।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

3. मेरी तुनुकमिज़ाजी ……………………….. महसूस नहीं होती।

प्रश्न 1.
धनराज कैसे स्वभाव के व्यक्ति हैं?
उत्तर:
धनराज बहुत ही तुनकमिज़ाज हैं। उन्हें जो भी कहना है उसे वे सीधे-सीधे कह डालते थे। उनको क्रोध बहुत आता है। उनका स्वभाव चिड़चिड़ा है।

प्रश्न 2.
उनके इस स्वभाव के पीछे क्या कारण है ?
उत्तर:
धनराज को हर छोटी-बड़ी चीज़ के लिए सदा ही जूझना पड़ा। इनको आसानी से कुछ भी नहीं मिला। इसी कारण से इनका स्वाभाव चिड़चिड़ा हो गया।

प्रश्न 3.
अपने दोस्तों और परिवार के लिए धनराज कैसा है ?
उत्तर:
अपने दोस्तों और परिवार की धनराज बहुत कद्र करता है। ये बहुत ही भावुक किस्म के व्यक्ति हैं।

4. सबसे अधिक प्रेरणा …………………… प्रेरणा-स्रोत रही हैं।

प्रश्न 1.
धनराज को सबसे अधिक प्रेरणा किससे मिली ?
उत्तर:
धनराज को सबसे अधिक प्रेरणा अपनी माँ से मिली। उन्होंने इन सभी भाई-बहिनों में अच्छे संस्कार डालने की कोशिश की है। ये चाहे भारत में या विदेश में हों सोने से पहले अपनी माँ से जरूर बात करते हैं।

प्रश्न 2.
धनराज की माँ ने उनको क्या सीख दी है ?
उत्तर:
धनराज की माँ ने उसको प्रसिद्धि को विनम्रता के साथ संभालने की सीख दी है।

प्रश्न 3.
कविता कौन है ?
उत्तर:
कविता धनराज की बड़ी भाभी का नाम है। वे अपनी भाभी को माँ की तरह मानते हैं।

5. मेरी पहली कार ………………. पैसा भेजना शुरू किया।

प्रश्न 1.
धनराज को पहली कार किस प्रकार मिली ?
उत्तर:
धनराज को जो पहली कार मिली वह सेकेंड हेड अरमाडा थी जो उनको इनके पहले एम्लॉयर ने दी थी।

प्रश्न 2.
फोटोग्राफर ने लोगों को क्या बताने के लिए धनराज की फोटो खबर के साथ अखबार में छापी।
उत्तर:
फोटोग्राफर लोगों को यह बताना चाहता था कि हॉकी का सितारा मुम्बई की लोकल ट्रेन में सफर करता है। उनका यह संदेश देना था कि इतनी प्रसिद्धि के बाद भी भारत में हॉकी खिलाड़ियों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं हो पाती।

प्रश्न 3.
लोकल ट्रेनों में सफर करने के पीछे उनकी क्या मज़बूरी थी?
उत्तर:
लोकल ट्रेन में सफर करने के पीछे उनकी सबसे बड़ी मज़बूरी आर्थिक तंगी थी। वे जो कुछ कमाते उसमें उन्हें अपना परिवार चलाना पड़ता था। उन्होंने धीरे-धीरे पैसा जमा करके अपनी बहिन की शादी की।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 18 संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज

संघर्ष के कराण मैं तुनुकमिज़ाज हो गया धनराज Summary

पाठ का सार

धनराज का बचपन मुश्किलों से भरा रहा है। वे बहुत गरीब थे। उनके दोनों बड़े भाई हॉकी खेलते थे। उनको देखकर ही धनराज को भी हॉकी खेलने का शौक लगा। गरीबी के कारण हॉकी-स्टिक खरीदने के पैसे भी नहीं होते थे। इनको पहली बार हॉकी-स्टिक तब मिली जब इनके बड़े भाई को हॉकी टीम के लिए चुना गया। इन्होंने 1985 में जूनियर हॉकी मणिपुर में खेली तब इनकी उम्र 16 वर्ष थी। दुबली कद काठी के बावजूद इनका इतना दबदबा था कि कोई इनसे भिड़ने की कोशिश नहीं करता था। 1986 में इनका चयन सीनियर टीम के लिए हो गया। 1988 में ओलंपिक की टीम के लिए न चुने जाने पर ये बहुत निराश हुए।

धनराज पढ़ने में एकदम फिसड्डी था। किसी तरह दसवीं तक ही पहुंच पाया। यदि यह हॉकी न खेलता तो इनको कोई चपरासी की नौकरी भी न देता। माँ ने बहुत संघर्षों में इनका पालन-पोषण किया, जिसके कारण वह तुनकमिजाज बन गया। धनराज सीधी बात करने में विश्वास रखता है। इसको हर छोटी बड़ी चीज के लिए जूझना पड़ा जिससे इसका स्वभाव चिड़चिड़ा हो गया। ये अपने दोस्तों और परिवार की बहुत कद्र करते हैं। इनको अपनी माँ से बहुत प्रेरणा मिली। वह कहीं भी हो सोने से पहले अपनी माँ से अवश्य बात करता है। वह अपनी भाभी कविता को भी माँ की तरह मानता है। 1988 में दिल्ली में पहली बार ये कृत्रिम घास पर खेले।

इनके पास पहली बार एक सेकेंड हैंड अरमाड़ा थी। जो इनको इनके पहले एम्प्लॉयर ने दी थी। ये मुंबई की लोकल ट्रेनों में सफर करते थे क्योंकि टैक्सी से चलने की इनकी हैसियत नहीं थी। एक बार रेलवे स्टेशन की भीड़ में किसी फोटोग्राफर ने इनकी तस्वीर अखबार में छपवा दी कि हॉकी का सितारा पिल्लै अभी-भी लोकल ट्रेन में सफर करता है। ये कर ही क्या सकते थे ये जो कुछ भी कमाते उससे अपने परिवार का पालन पोषण भी करना पड़ता था। इन्होंने अपने पैसे से फोर्ट आइकॉन कार सन् 2000 में खरीदी। आज खिलाड़ियों को जितना कुछ मिलता है उसकी अपेक्षा पहले कुछ भी नहीं मिलता था। वे अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारना चाहते थे। विदेश में जाकर खेलने से जो कमाई हुई उससे उन्होंने 1994 में पूणे में एक फ्लैट खरीदा। 1999 में महाराष्ट्र सरकार ने इनको पवई में एक फ्लैट दिया जिसको ये कभी-भी नहीं खरीद सकते थे। इनको राष्ट्रपति से मुलाकात होने पर अपने खास होने का अहसास हुआ।

शब्दार्थ : दबदबा-रौब दाब; जुझारू-जूझने वाला/संघर्ष करने वाला; तुनकमिज़ाज-छोटी-छोटी बातों पर क्रोधित होने वाला; बिना लाग लपेट वाला आदमी-सीधी बात कहने वाला आदमी; कद्र-इज्जत; शोहरत-प्रसिद्धि; तोहफ़ा-पुरस्कार; प्रतिष्ठा-सम्मान।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 & Durva Bhag 2 | 7th Class Hindi NCERT Textbook Solutions PDF

Do you feel studying literature is difficult? Then you are wrong if you understand the concepts no language is hard to study. Take the help of the NCERT Solutions for Class 7 Hindi and learn all the topics in a simple manner. You can be prepared for the exams as well self study at home using these quick resources for Class 7th NCERT Solutions for Hindi. NCERT Class 7 Hindi Vasant Bhag 2 & Durva Bhag 2 Solutions not just focuses on the actual meaning of the phrases in the language but also trains students for exams.

NCERT Hindi Vasanth Book Class 7 Solutions PDFs are free to print and you can use them whenever you want during preparation. Revise the complete CBSE Class 7 Hindi Syllabus wisely using the Class 7 NCERT Solutions Hindi and score better grades in your exams. Step by Step Solutions provided makes it easy for you to learn how to write in final exams to get maximum marks.

CBSE Class 7th Hindi NCERT Solutions वसंत भाग 2

You might feel it difficult to finish the entire Class 7 Hindi Syllabus as it is huge. Thus, we have provided an extensive collection of Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi via quick links. All the 7th Grade NCERT Solutions for Hindi Vasant by experts after ample research and are curated as per the latest CBSE Textbooks & Curriculum.

Hindi NCERT Solutions Class 7

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Bal Mahabharat Katha

  • NCERT Solutions for Class 7 Hindi Bal Mahabharat Katha (Chapter 1 to 40)
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 1
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 2
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 3
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 4
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 5
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 6
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 7
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 8
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 9
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 10
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 11
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 12
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 13
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 14
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 15
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 16
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 17
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 18
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 19
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 20
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 21
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 22
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 23
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 24
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 25
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 26
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 27
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 28
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 29
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 30
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 31
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 32
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 33
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 34
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 35
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 36
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 37
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 38
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 39
  • Class 7 Hindi Mahabharat Questions and Answers Chapter 40

Benefits of NCERT Solutions for Class 7 Hindi वसंत भाग & दूर्वा भाग – 2

  • Students can use the 7th Class NCERT Solutions Hindi online or download them offline as PDFs.
  • NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant & Durva Bhag 2 are written in a simple and lucid way for better understanding.
  • All the NCERT Solutions for 7th Class Hindi are given as per the Latest CBSE Curriculum.
  • Concise Notes provided for all the Chapters of CBSE Class 7 Hindi Syllabus makes it easier for you to cover the vast syllabus easily.
  • Helps you Fetch maximum marks in examinations using these best resources available.

FAQs on 7th Class Hindi NCERT Textbook Solutions

1. How to download the Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi easily?

You can download the Chapterwise NCERT Solutions for Class 7 Hindi by simply tapping on the direct links available.

2. Where can I get the NCERT Solutions for Class 7 Hindi for free?

You can find the Class 7 NCERT Solutions for Hindi organized effectively on NCERTSolutions.guru a trusted portal for all your needs.

3. How many chapters are there in CBSE Class 7 Hindi NCERT Solutions Vasant Bhag 2?

There are 20 chapters in CBSE NCERT Solutions Class 7 Hindi Vasant Bhag 2.

Conclusion

We believe the knowledge shared regarding the NCERT Solutions for Class 7 Hindi has helped in your preparation to some extent. If you still have any unanswered questions don’t hesitate to ask us and we would be more than happy to answer them. Bookmark our site to get the latest updates on NCERT Solutions’ different subjects in no time.

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

वीर कुवर सिंह NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17

Class 7 Hindi Chapter 17 वीर कुवर सिंह Textbook Questions and Answers

निबंध से

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह. के व्यक्तित्व की कौन-कौन सी विशेषताओं ने आपको प्रभावित किया ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह के व्यक्तित्व की निम्नलिखित विशेषताएँ प्रभावित करने वाली हैं :

  1. वीर कुंवर सिंह में देशभक्ति की भावना कूट-कूट कर भरी हुई थी। वे वीर थे।
  2. वीर कुंवर सिंह युद्ध कला में बहुत निपुण थे। वे छापामार युद्ध करना जानते थे। अंग्रेज उनके रण-कौशल को समझने में पूरी तरह असमर्थ रहे।
  3. उनमें नेतृत्व की भावना कूट-कूट कर भरी थी वे जहाँ भी गए लोग उनके साथ हो लिए।
  4. वे एक उदार एवं संवेदनशील व्यक्ति थे। उन्होंने अनेक सामाजिक कार्य किए। वे सभी धर्मों का समान आदर करते थे।
  5. वे बहुत ही चतुर थे। अपनी इसी चतुराई से उन्होंने अंग्रेज सेनापति डगलस को धोखा दिया।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह को बचपन में किन कामों में मजा आता था? क्या उन्हे उन कामों से स्वतंत्रता सेनानी बनने में कुछ मदद मिली ?
उत्तर:
कुँवर सिंह को बचपन में घुड़सवारी, तलवारबाजी और कुश्ती लड़ने में मजा आता था। इन कामों के कारण वे एक अच्छे योद्धा एवं  स्वतंत्रता सेनानी बन सके। क्योंकि उन दिनों घुड़सवारी ही युद्ध में सबसे अधिक काम आती थी और युद्ध तलवारों से लड़े जाते थे। कुश्ती से उनका शरीर बलिष्ठ हो गया था और उनका दम खम बढ़ गया था।

प्रश्न 3.
सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी-पाठ के आधार पर कथन की पुष्टि किजिए ?
उत्तर:
सांप्रदायिक सद्भाव में कुँवर सिंह की गहरी आस्था थी। उनकी सेना में मुसलमान भी उच्च पदों पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं और मुसलमानों के सभी त्योहार एक साथ मिलकर मनाए जाते थे। उन्होंने पाठशालाओं के साथ-साथ मकतब की बनवाए जिनमें मुस्लिम छात्र पढ़ सकें।

प्रश्न 4.
पाठ के किन प्रसंगों से आपको पता चलता है कि कुँवर सिंह साहसी, उदार एवं स्वाभिमानी व्यक्ति थे?
उत्तर:
पाठ के निम्नलिखित प्रसंगों से पता चलता है वे साहसी, उदार और स्वाभिमानी व्यक्ति थे।

  1. साहसी-कुँवर सिंह ने जगदीशपुर में हारकर भी अपना साहस नहीं खोया। वे सेना एकत्र कर आगे बढ़ते चले गए और लखनऊ तक विजय पताका फहराते चले गए। घायल होने के बाद भी उन्होंने अपने हाथ से ही अपनी बाजू काट कर गंगा में अर्पित कर दी।
  2. उदार-कुँवर सिंह की स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी वे निर्धनों की सहायता करने से नहीं चूकते थे। उन्होंने अनेक कुँए खुदवाए व सड़कें बनवाईं। उनकी सेना में मुसलमान ऊँचे पदों पर आसीन थे।
  3. स्वाभिमानी-कुँवर सिंह स्वाभिमानी व्यक्ति थे। उन्होंने अंग्रेजों के सामने हार नहीं मानी। बूढ़े होने पर भी वे अपनी आन और अपने देश के स्वाभिमान के लिए लड़ते रहे।

प्रश्न 5.
आमतौर पर मेले मनोरंजन, खरीद-फरोख्त एवं मेलजोल के लिए होते हैं। वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग किस रूप में किया ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह ने मेले का उपयोग क्रांति की योजनाएँ बनाने के लिए किया। उन्होंने इस मेले में गुप्त बैठकें की तथा अनेक योजनाएँ बनाईं। इन योजनाओं के कारण ही वे पूरे उत्तरी भारत में युद्ध का बिगुल बजा सके।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

निबंध से आगे

प्रश्न 1.
सन् 1857 के आंदोलन में भाग लेने वाले किन्हीं चार सेनानियों पर दो-दो वाक्य लिखिए ?
उत्तर:
रानी लक्ष्मीबाई- झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पति की मृत्यु के बाद अपनी झाँसी को बचाने के लिए अंग्रेजों के साथ युद्ध किया और वीरगति को प्राप्त हुई।
तात्या टोपे- तात्या टोपे, झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई के सेनापति थे। इन्हें 18 अप्रैल, 1857 को फाँसी दे दी गई थी।
बहादुरशाह ज़फर- बहादुरशाह ज़फर अंतिम मुगल बादशाह थे। इनको 11 मई को पुनः भारत का शासक घोषित किया गया।
नाना साहब- नाना साहब रानी लक्ष्मीबाई अर्थात् मनु के बचपन के साथी थे। वे पेशवा बाजीराव के दत्तक पुत्र थे। इन्होंने 1857 के विद्रोह में सक्रिय भूमिका निभाई।

प्रश्न 2.
सन् 1857 के क्रांतिकारियों से संबंधित गीत विभिन्न भाषाओं और बोलियों में गाए जाते हैं। ऐसे कुछ गीतों को संकलित कीजिए।
उत्तर:
छात्र अपने पुस्तकालय से गीतों का संकलन करें।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह का पढ़ने के साथ-साथ कुश्ती और घुड़सवारी में अधिक मन लगता था आपको पढ़ने के अलावा और किन-किन गतिविधियों या कामों में खूब मजा आता है? लिखिए।
उत्तर:
मुझे पढ़ने के अलावा खेलने-कूदने, योगासन करने, पुरानी फिल्मों के गीत सुनने व टी. वी. देखने का शौक है।

प्रश्न 2.
सन् 1857 में अगर आप 12 वर्ष के होते तो क्या करते? कल्पना करके लिखिए।
उत्तर:
सन् 1857 में अगर मैं 12 वर्ष का होता तो अंग्रेजों को देश से निकालने के लिए लोगों को जागरूक बनाता। मैं वे सभी कार्य करता जिससे मैं एक अच्छा सैनिक बन सकता। मैं घुड़सवारी सीखता व बच्चों को इकट्ठे करके एक सेना बनाता जो अंग्रेजों के साथ युद्ध लड़ने को तैयार रहती।

प्रश्न 3.
आपने भी कोई मेला देखा होगा। सोनपुर के मेले और इस मेले में आप क्या अंतर पाते हैं?
उत्तर:
हमने दिल्ली में प्रगति मैदान में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मेला देखा है। सोनपुर के मेले में पशुओं की बिक्री होती है और प्रगति मैदान में विभिन्न तरह की वस्तुएँ बेची जाती हैं। इस मेले में दुनिया के कोने-कोने-से व्यापारी आते हैं। इस मेले में प्रतिदिन कई-लाख व्यक्ति आते हैं। इस मेले के सभी राज्यों की विशेष प्रदर्शनियाँ भी लगती हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

भाषा की बात

1. आप जानते हैं कि किसी शब्द को बहुवचन में प्रयोग करने पर उसकी वर्तनी में बदलाव आता है। जैसे-सेनानी एक व्यक्ति के लिए प्रयोग करते हैं और सेनानियों एक से अधिक के लिए। सेनानी शब्द की वर्तनी में बदलाव यह हुआ है कि अंत के वर्ण ‘नी’ की मात्रा दीर्घी’ (ई) से ह्रस्व (इ) हो गई है। ऐसे शब्दों को, जिनके अंत में दीर्घ ईकार होता है, बहुवचन बनाने पर वह इकार हो जाता है, यदि शब्द के अंत में ह्रस्व इकार होता है, तो उसमें परिवर्तन नहीं होता जैसे-दृष्टि से दृष्टियों।
नीचे दिए गए शब्दों का वचन बदलिए-
नीति …………….. ज़िम्मेदारियों …………… सलामी
स्थिति ……………. स्वाभिमानियों ………….. गोली …………….
उत्तर:
नीति – नीतियाँ
जिम्मेदारियों – जिम्मेदारी
सलामी – सलामियाँ
स्थिति – स्थितियाँ
स्वाभिमानियों – स्वाभिमानी
गोली – गोलियाँ

गद्याशों पर आधारित अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. सन् 1857 के व्यापक ………………… कब्जा रहा।

प्रश्न 1.
1857 में बैरकपुर में क्या घटना घटी ?
उत्तर:
1857 में बैरकपुर छावनी में मंगल पांडे ने अंग्रेजों के खिलाफ बगावत कर दी। 8 अप्रैल, 1857 को मंगल पांडे को अंग्रेजों ने फाँसी दे दी।

प्रश्न 2.
10 मई का क्या विशेष महत्त्व है?
उत्तर:
10 मई, 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन कर दिया। उन्होंने दिल्ली की ओर कूच करके दिल्ली पर कब्जा कर लिया।

प्रश्न 3.
बहादुरशाह जफर कौन थे?
उत्तर:
बहादुरशाह ज़फर अंतिम मुगल बादशाह थे। 11 मई को दिल्ली पर कब्जा करने के बाद उनको ही भारत का शासक घोषित किया गया।

2. वीर कुंवर सिंह के बचपन के बारे में बहुत अधिक जानकारी नहीं मिलती। कहा जाता है कि कुँवर सिंह का जन्म बिहार में शाहाबाद जिले के जगदीशपुर में सन् 1782 में हुआ था। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता साहबजादा सिंह जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे, परंतु उनको अपनी ज़मींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक उलझनों के कारण कुँवर सिंह के पिता बचपन में ठीक से देखभाल नहीं कर सके। जगदीशपुर लौटने के बाद ही वे कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की ठीक से व्यवस्था कर पाए।

कुँवर सिंह के पिता वीर होने के साण साथ स्वाभिमानी एवं उदार स्वभाव के व्यक्ति थे। उनके व्यक्तित्व का प्रभाव कुँवर सिंह पर भी पड़ा। कुँवर सिंह की शिक्षा-दीक्षा की व्यवस्था उनके पिता ने घर पर ही की।

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह का जन्म कब और कहाँ हुआ?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह का जन्म सन् 1782 में बिहार के शाहाबाद जिले की जगदीशपुर रियासत में हुआ था।

प्रश्न 2.
वीर कुंवर सिंह के माता-पिता का क्या नाम था?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह के पिता का नाम साहबज़ादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता जगदीशपुर रियासत के जमींदार थे।

प्रश्न 3.
कुँवर सिंह की देख भाल सुचारू रूप से क्यों नहीं हो पाई?
उत्तर:
कुंवर सिंह के पिता को अपनी जमींदारी हासिल करने के लिए बहुत संघर्ष करना पड़ा। पारिवारिक परेशानियों के कारण कुँवर सिंह की देख-भाल ठीक प्रकार से नहीं हो पाई।

प्रश्न 4.
कुँवर सिंह पर अपने पिता का कैसा असर पड़ा?
उत्तर:
कुँवर सिंह के पिता बहुत ही स्वाभिमानी एवं उदार हृदय व्यक्ति थे। उनके इन गुणों का असर कुंवर सिंह पर भी पड़ा।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

3. जगदीशपुर के जंगलों में ‘बसुरिया बाबा’ नाम के एक सिद्ध संत रहते थे। उन्होंने ही कुँवर सिंह में देशभक्ति एवं स्वाधीनता की भावना उत्पन्न की थी। उन्होंने बनारस, मथुरा, कानपुर, लखनऊ आदि स्थानों पर जाकर विद्रोह की सक्रिय योजनाएँ बनाईं। वे 1845 से 1846 तक काफी सक्रिय रहे और गुप्त ढंग से ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ विद्रोह की योजना बनाते रहे। उन्होंने बिहार के प्रसिद्ध सोनपुर मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना के लिए चुना। सोनपुर के मेले को एशिया का सबसे बड़ा पशु मेला माना जाता है। यह मेला कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लगता है। यह हाथियों के क्रय-विक्रय के लिए भी विख्यात है। इसी ऐतिहासिक मेले में उन दिनों स्वाधीनता के लिए लोग एकत्र होकर क्रांति के बारे में योजना बनाते थे।

प्रश्न 1.
बसुरिया बाबा का स्वाधीनता आंदोलन में क्या योगदान है?
उत्तर:
बसुरिया बाबा ने कुँवर सिंह जैसे रणबांकुरे के मन में देशभक्ति की भावना भरी। जिसके फलस्वरूप पूरे उत्तरी भारत में स्वतंत्रता की लहर दौड़ उठी। उसने ऐसे अनेक व्यक्तियों के मन में देशभक्ति की ज्योति जगाई। वे गुप्त रूप से सक्रिय रहे और ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ़ विद्रोह की योजना बनाते रहे।

प्रश्न 2.
बसुरिया बाबा ने सोनपुर के पशु मेले को अपनी गुप्त बैठकों की योजना बनाने के लिए क्यों चुना?
उत्तर:
सोनपुर में दूर-दूर से लोग पशु खरीदने व बेचने आते हैं। यह एशिया का सब से बड़ा पशु मेला था। यहाँ एक स्थान. पर ही अनेक लोगों से संपर्क हो सकता था। मेले में किसी को शक भी नहीं होता था कि ये लोग इकट्ठे होकर क्या कर रहे हैं?

4. दानापुर और आरा की ………………. हुए वे लखनऊ पहुंचे।

प्रश्न 1.
जगदीशपुर के पतन का क्या कारण था?
उत्तर:
जगदीशपुर के पतन का कारण था देशी सैनिकों की अनुशासनहीनता और आधुनिकतम शस्त्रों की कमी, साथ ही स्थानीय जमींदारों का अंग्रेजों के साथ सहयोग।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह आजादी की लौ जलाते हुए कहाँ-कहाँ गए?
उत्तर:
कुँवर सिंह जगदीशपुर में अंग्रेजों से परास्त होकर भावी संग्राम की योजना बनाने में तत्पर हो गए। वे सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर और लखनऊ तक गए।

प्रश्न 3.
कुंवर सिंह ने लखनऊ न जाकर आजमगढ़ की ओर क्यों प्रस्थान किया?
उत्तर:
उन दिनों लखनऊ में शांति नहीं थी इसलिए उन्होंने आजमगढ़ की ओर प्रस्थान किया।

5. वीर कुंवर सिंह …………………… के रूप में आज भी गाई जाती है।

प्रश्न 1.
वीर कुंवर सिंह ने कौन-कौन से सामाजिक कार्य किए?
उत्तर:
वीर कुंवर सिंह ने पाठशालाएँ और मकतब बनवाए। आरा से जगदीशपुर व आरा से बलिया तक सड़क बनवाई व कुएँ खुदवाए।

प्रश्न 2.
कुँवर सिंह की धार्मिक भावमा कैसी थी?
उत्तर:
कुँवर सिंह एक धर्मनिरपेक्ष एवं संवेदनशील व्यक्ति थे। उनकी सेना में मुसलमान उच्च पदों पर आसीन थे। उनके यहाँ हिन्दुओं एवं मुसलमानों के सभी त्योहार मिलकर मनाए जाते थे।

प्रश्न 3.
बिहार के लोग कुँवर सिंह को आज भी किस प्रकार याद करते हैं?
उत्तर:
बाबू कुँवर सिंह बहुत ही लोकप्रिय व्यक्ति थे। बिहार की लोक भाषाओं में उनकी प्रशस्ति लोक गीतों के रूप में आज भी गाई जाती है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 17 वीर कुवर सिंह

वीर कुवर सिंह Summary

पाठ का सार

1857 में कलकत्ता की बैरकपुर छावनी में अंग्रेजों के विरुद्ध बगावत करने के जुल्म में मंगल पांडे को 8 अप्रैल, 1857 को फाँसी पर लटका दिया गया। 10 मई, 1857 को मेरठ में भारतीय सैनिकों ने ब्रिटिश अधिकारियों के विरुद्ध आंदोलन शुरू किया और 11 मई को दिल्ली पर कब्जा करके अंतिम मुगल शासक बहादुरशाह ज़फर को शासक घोषित कर दिया। दिल्ली के अतिरिक्त कानपुर, लखनऊ, बरेली, बुंदेलखंड और आरा में भी भीषण युद्ध हुआ। विद्रोह के मुख्य नेताओं में नाना साहेब, तात्या टोपे, बख्त खान, रानी लक्ष्मीबाई, कुँवर सिंह आदि थे।

1857 के युद्ध में वीर कुंवर सिंह का नाम कई दृष्टियों से उल्लेखनीय है। उनके पिता का नाम साहबजादा सिंह और माता का नाम पंचरतन कुँवर था। उनके पिता जगदीशपुर रियासत के ज़मींदार थे परन्तु उनको अपनी जमींदारी हासिल करने में बहुत संघर्ष करना पड़ा। कुँवर सिंह की पढ़ाई-लिखाई की भी ठीक से व्यवस्था नहीं हो सकी। बाबू कुँवर सिंह ने अपने पिता की मृत्यु के बाद 1827 में रियासत की जिम्मेदारी संभाली। इस समय ब्रिटिश हुकूमत का अत्याचार अपने चरम पर था। कुँवर सिंह ने ब्रिटिश हुकूमत से लोहा लेने का संकल्प लिया। कुँवर सिंह ने कई स्थानों पर जाकर अंग्रेजों के विरुद्ध योजनाएँ बनाईं। 25 जुलाई, 1857 को दानापुर की सैनिक टुकड़ी ने विद्रोह कर दिया। कुँवर सिंह से उनका संपर्क पहले से ही था। वे कुंवर सिंह का जयघोष करते हुए आरा पहुंचे और जेल की सलाखों को तोड़ दिया। 27 जुलाई को उन्होंने आरा पर विजय प्राप्त कर ली। दानापुर और आरा की इस लड़ाई की ज्वाला बिहार में सर्वत्र फैल गई थी परन्तु देशी सैनिकों में अनुशासन की कमी थी एवं आधुनिक अस्त्र-शस्त्र भी नहीं थे इस कारण जगदीशपुर के पतन को रोका नहीं जा सका। कुँवर सिंह सासाराम से मिर्जापुर होते हुए रीवा, कालपी, कानपुर और लखनऊ तक गए। कुँवर सिंह की कीर्ति पूरे उत्तर भारत में फैल गई थी। उनकी आजादी की यह यात्रा आगे बढ़ती गई। लोग शामिल होते गए। इस प्रकार ग्वालियर, जबलपुर के सैनिकों के सहयोग से सफल सैन्य प्रदर्शन करते हुए वे लखनऊ पहुँचे। वे इलाहाबाद एवं बनारस पर आक्रमण कर शत्रुओं को पराजित करना चाहते थे। उन्होंने 22 मार्च, 1858 को आजमगढ़ पर कब्जा कर लिया। 23 अप्रैल को स्वाधीनता की पताका फहराते हुए वे जगदीशपुर पहुँच गए। परन्तु बूढ़े शेर को अधिक दिनों तक इस विजय का आनंद लेने का सौभाग्य नहीं मिला। अंग्रेजों के साथ लड़ते हुए 26 अप्रैल, 1858 को वह वीरगति को प्राप्त हो गया।

वीर कुंवर सिंह छापामार युद्ध करने में बहुत निपुण थे। उनके रण कौशल को अंग्रेजी सेनानायक नहीं समझ पाते थे। 1857 के संग्राम में इन्होंने तलवार की जिस धार से अंग्रेजी सैनिकों को मौत के घाट उतारा उसकी चमक आज भी भारतीयों के हृदय में थी। वीर कुंवर सिंह ने अनेक सामाजिक कार्य भी किए। उन्होंने आरा जिला स्कूल के लिए जमीन दान दी। उनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी फिर भी वे निर्धन व्यक्तियों की सहायता करने के लिए सदा तत्पर रहते थे। उन्होंने आरा-जगदीशपुर व आरा-बलिया सड़क का निर्माण कराया तथा अनेक कुँए खुदवाए। उनकी सेना में इब्राहीम खाँ और किफायत हुसैन उच्च पदों पर आसीन थे। हिन्दू और मुसलमान मिलकर त्योहार मनाते थे। कुँवर सिंह की प्रशस्ति लोक गीतों के रूप में आज भी गाई जाती है।

शब्दार्थ : वीरवर-श्रेष्ठ-वीर; अभिराम-सुंदर; व्यापक-दूर-दूर तक फैला हुआ; विस्तृत-लंबा चौड़ा; संकल्प-निश्चय; तत्पर-तैयार; पताका-झंडा; रण कौशल-युद्धकला; संवेदनशील-संवेदना वाला; शौर्य-वीरता।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

These NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा Questions and Answers are prepared by our highly skilled subject experts.

भोर और बरखा NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16

Class 7 Hindi Chapter 16 भोर और बरखा Textbook Questions and Answers

कविता से

प्रश्न 1.
‘बंसीवारे ललना’, ‘मोरे प्यारे’, ‘लाल जी’, कहते हुए यशोदा किसे जगाने का प्रयास करती हैं और वे कौन-कौन सी बातें कहती हैं ?
उत्तर:
यशोदा कृष्ण जी से निम्नलिखित बातें कहती हैं। अब रात बीत गई है, सवेरा हो गया है घरों के किवाड़ खुल गए हैं, गोपियाँ दही मथने लगी हैं क्योंकि उनके कंगनों के खनकने की आवाज़ आ रही है।

  • द्वार पर देवता और मनुष्य आकर खड़े हो गए हैं। ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं, वे जय-जयकार कर रहे हैं।
  • उन्होंने माखन रोटी हाथ में ले रखी है।

प्रश्न 2.
नीचे दी गई पंक्ति का आशय अपने शब्दों में लिखिए- ‘माखन-रोटी हाथ मँह लीनी, गउवन के रखवारे।
उत्तर:
इस पंक्ति का आशय है कि भोर हो गई है और सभी ग्वाले माखन रोटी हाथ में लेकर अपनी गायों को चराने के लिए निकलने लगे हैं। वे अपनी गायों को इकट्ठी करके उनकी रखवाली कर रहे हैं। ऐसा कहकर यशोदा कृष्णा को जगाना चाहती है।

प्रश्न 3.
पढ़े हुए पद के आधार पर ब्रज की भोर का वर्णन कीजिए
उत्तर:
ब्रज की भोर कुछ अलग ही होती है। गोपिकाएँ सवेरा होते ही उठकर दही मथना आरंभ कर देती हैं। ग्वाले अपनी गायों को चराने के लिए जंगल में जाने की तैयारी में लग जाते हैं। वे अपने नाश्ते के लिए माखन रोटी हाथ में ले लेते हैं और अपनी गायों को इकट्टी करके चराने निकल पड़ते हैं। वे कोलाहल करते हैं। एक-दूसरे को आवाज देकर बुलाते हैं तथा जय-जयकार करते हैं।

प्रश्न 4.
मीरा को सावन-मन-भावन क्यों लगने लगा ?
उत्तर:
मीरा को सावन-मन-भावन इसलिए लगने लगा क्योंकि उनको अपने प्रियतम अर्थात् श्रीकृष्ण जी के आने की आहट मिल गई थी। यही कारण है कि वर्षा की रिमझिम ने मीरा के मन को उमंगों से भर दिया।

प्रश्न 5.
पाठ के आधार पर सावन की विशेषताएँ लिखिए।
उत्तर:
सावन का महीना पूरी तरह से वर्षा का महीना होता है सावन में आकाश काले बादलों से ढका रहता रहता है। सावन में अक्सर झड़ी लग जाती है जिसके कारण निरंतर रिमझिम-रिमझिम नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ती रहती हैं। हवा शीतल होकर बहने लगती है जो बहुत ही सुखद लगती है। मौसम बहुत ही सुहावना हो जाता है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

कविता से आगे

प्रश्न 1.
मीरा भक्तिकाल की प्रसिद्ध कवयित्री थीं। इस काल के दूसरे कवियों के नामों की सूची बनाइए तथा उनकी एक-एक रचना का नाम लिखिए।
उत्तर:
इस काल के अन्य कवि एवं उनकी रचनाएँ इस प्रकार हैं-
कविरचनाएँ
विद्यापति – पदावली
कबीरदास – साखी
मलिक मुहम्मद जायसी – पद्मावत
सूरदास – सूरसागर
नरोत्तमदास – सुदामा चरित
गोस्वामी तुलसीदास – रामचरित मानस
रसखान – प्रेमवाटिका
रहीम – दोहावली
केशवदास – रामचंद्रिका

प्रश्न 2.
सावन वर्षा ऋतु का महीना है, वर्षा से संबंधित दो अन्य महीनों के नाम लिखिए।
उत्तर:
आषाढ़ एवं भादों भी वर्षा के महीने हैं।

अनुमान और कल्पना

प्रश्न 1.
सुबह जगने के समय आपको क्या अच्छा लगता है ?
उत्तर:
नहा-धोकर पार्क में खेलने के लिए जाना।

प्रश्न 2.
यदि आपको अपने छोटे भाई-बहिन को जगाना पड़े तो कैसे जगाएँगे ?
उत्तर:
मैं अपने छोटे भाई-बहिन को हौले-हौले से उनको हिलाकर जगाऊँगा, उनके सिर के बालों को सहलाऊँगा।

प्रश्न 3.
वर्षा में भीगना और खेलना आपको कैसा लगता है ?
उत्तर:
वर्षा में भीगने और खेलने में मुझे बहुत-आनंद आता है।

प्रश्न 4.
मीराबाई ने सुबह का चित्र खींचा है। अपनी कल्पना और अनुमान से लिखिए कि नीचे दिए गए स्थानों की सुबह कैसी होती है-
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर
(ग) नदी या समुद्र के किनार
(घ) पहाड़ों पर
उत्तर:
(क) गाँव, गली या मुहल्ले में चहल-पहल शुरू हो जाती है। गाँव में किसान खेत के लिए निकल पड़ते हैं। बच्चे गलियों में खेलने लगते हैं।
(ख) रेलवे प्लेटफ़ॉर्म पर चाय बेचने वालों की आवाजें आने लगती हैं। लोग अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए इधर-इधर जाने लगते हैं।
(ग) नदी या समुद्र के किनारे लोग सैर करने के लिए जाते हैं यहाँ का वातावरण एकदम शांत होता है।
(घ) पहाड़ों पर निकलते सूर्य की धूप पड़ने लगती है। चिड़ियों की चहचहाट मंत्रमुग्ध कर देती है।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

भाषा की बात

प्रश्न 1.
कृष्ण को ‘गउवन के रखवारे’ कहा गया है जिसका अर्थ है गौओं का पालन करने वाले। इसके लिए एक शब्द दें।
उत्तर:
ग्वाला

प्रश्न 2.
नीचे दो पंक्तियाँ दी गई हैं। इनमें से पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द दो बार आए हैं, और दूसरी पंक्ति में भी दो बार। इन्हें पुनरुक्ति (पुनः उक्ति) कहते हैं। पहली पंक्ति में रेखांकित शब्द विशेषण हैं और दूसरी पंक्ति में संज्ञा।
‘नन्हीं-नन्हीं बूंदन मेहा बरसे’
‘घर-घर खुले किंवारे’
इस प्रकार के दो-दो उदाहरण खोजकर वाक्य में प्रयोग कीजिए और देखिए कि विशेषण तथा संज्ञा की पुनरुक्ति के अर्थ में क्या अंतर है ? जैसे-मीठी-मीठी बातें, फूल-फूल महके।
उत्तर:
छोटे-छोटे बच्चे
हरी-हरी मटर
द्वार-द्वार पर पहरेदार
गाँव-गाँव खुशहाली आई।

कुछ करने को

प्रश्न 1.
कृष्ण को ‘गिरधर’ क्यों कहा जाता है ? इसके पीछे कौन सी कथा है ? पता कीजिए और कक्षा में बताइए।
उत्तर:
गिरधर का अर्थ है गिरि को धारण करने वाला। एक बार इंद्र भगवान कुपित हो गए। निरंतर वर्षा के कारण ब्रज में प्रलय की स्थिति आ गई। ब्रजवासियों की रक्षा के लिए श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अँगुली पर उठाकर वहाँ के लोगों को इन्द्र के प्रकोप से बचाया था। इस घटना के बाद से कृष्ण जी को गिरधर भी कहने लगे।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

काव्यांशों की सप्रसंग व्याख्या एवं अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

1. जागो बंसीवारे ………………………. आयाँ को तारै॥

शब्दार्थ- ललना-प्रिय बालक; मोरे-मेरे; रजनी-रात; भोर-प्रातःकाल/सुबह; किंवारे-किवाड़, सुनियत-सुन रही है; सुर-नर-देवता और मनुष्य; कुलाहल-कोलाहल/शोर; सबद उचारै-शब्द का उच्चारण कर रहे हैं; गउवन-गाय; सरण-शरण; आयाँ-आए हुए को; तारै-उद्धार करे।

प्रसंग- प्रस्तुत पाठ मीरा द्वारा रचित व ‘बसंत भांग-2’ में संकलित है। कवयित्री ने इस पद में भोर के समय श्रीकृष्ण जी को सोते से जगाने का वर्णन किया है। यशोदा माता तरह-तरह की बातें बताते हुए कृष्ण जी से जाग जाने एवं बिस्तर त्यागने की बात कहती हैं।

व्याख्या- बालक कृष्ण अभी सोए पड़े हैं। माता यशोदा उनको जगाने का तरह-तरह से प्रयत्न कर रही है। यशोदा कृष्ण जी से कहती हैं कि हे मेरे प्यारे पुत्र बंशी वाले तुम जाग जाओ। रात बीत गई है और सवेरा हो गया है अब यह सोने का समय नहीं है। सभी घरों के किवाड़ खुल गए हैं जिससे लगता है कि सभी लोग जाग गए। ग्वालिनों ने उठकर दही मथना (बिलोना) शुरू कर दिया है क्योंकि दही मथने के कारण उनके कंगनों के खनकने की आवाज सुनाई देने लगी है। हे मेरे प्रिय लल्ला सुबह हो गई है। इस समय द्वार पर देवता और मनुष्य दोनों ही आकर खड़े हो गए हैं। सभी ग्वाल-बाल भी जाग गए हैं वे जागकर खेलने लगे हैं इसलिए उनका कोलाहल सुनाई पड़ रहा है। सभी ग्वाले मिलकर जय जयकार का उच्चारण करते हुए तुम्हारी जय बोल रहे हैं। यशोदा माता कहती हैं कि सभी ग्वालों ने माखन रोटी हाथ में ले रखी हैं। वे अपनी गायों की रखवाली कर रहे हैं। मीराबाई अंत में कहती हैं कि श्रीकृष्ण तो गिरधर नागर हैं और मेरे प्रभु हैं वे उन सब का उद्धार करते हैं जो उनकी शरण में आ जाता है।

अर्थग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
यशोदा माता कृष्ण को किस-किस संबोधन से पुकार कर जगा रही है ?
उत्तर:
यशोदा माता कृष्ण को बंशीवाले ललना, लालजी और गउवन के रखवाले संबोधन से जगा रही है।

प्रश्न 2.
यशोदा कृष्ण को क्या कहकर विश्वास दिलाती है कि सवेरा हो गया है ?
उत्तर:
यशोदा कहती है कि सभी घरों के किवाड़ खुल चुके हैं। गोपियों ने दही मथना शुरु कर दिया है क्योंकि उनके कंगनों के खनकने की आवाज आ रही है। सभी ग्वाल-बाल कोलाहल कर रहे हैं। इन सभी बातों से यशोदा कृष्ण जी को विश्वास दिला देती हैं कि सुबह हो गई है।

प्रश्न 3.
मीराबाई अंत में क्या कहती हैं ?
उत्तर:
मीराबाई कृष्ण जी को अपना प्रभु बताते हुए कहती हैं कि जो भी कृष्ण जी की शरण में आ जाता है वे उसका उद्धार कर देते हैं।

NCERT Solutions for Class 7 Hindi Vasant Chapter 16 भोर और बरखा

2. बरसे बदरिया ………………….. गावन की।।

शब्दार्थ- बदरिया-बदली/बादल; मन-भावन-मन को अच्छा लगने वाला; उमग्यो-आनंदित होना, उमंग में होना; मनवा-मन; भनक-आहट; दामिन-दामिनी/विद्युत; दमके-चमक रही है; झर लावन-झड़ी लगना; मेहा-मेह-बारिश; सुहावन-अच्छा लगना।

प्रसंग- प्रस्तुत पद मीराबाई द्वारा रचित है। इस पद में कवयित्री ने सावन की झड़ी लगने और कृष्ण जी के आगमन की आहट से अपने मन में उत्पन्न सुखद अनुभूति का वर्णन किया है।

व्याख्या- कवयित्री कह रही है कि सावन की बदली बरस रही है। सावन का महीना बहुत ही मन को आनंद प्रदान करने वाला होता है। सावन में कवयित्री के मन में उमंगें उठने लगी हैं क्योंकि सावन में कृष्ण जी के आने की आहट मिल गई है। उनके आगमन का समाचार सुनकर मीराबाई का हृदय आनंदित हो उठा है। उमड़-घुमड़ करता हुआ बादल चारों दिशाओं से उठकर आ गया। बादलों से रह-रहकर बिजली चमक रही है। बादलों के लगातार बरसने से झड़ी लग गई है। नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ रही हैं। शीतल पवन बहुत ही सुहावनी लग रही है। मीराबाई अंत में कहती हैं कि मेरे प्रभु तो गिरधर नागर हैं। उनके आगमन की खुशी में मंगल गीत गाने के लिए मन मचल रहा है।

अर्थ ग्रहण संबंधी प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.
सावन की बदरिया को बरसते देख मीराबाई का मन क्यों आनंदित हो रहा है ?
उत्तर:
सावन की बदरिया बरसने से झड़ी लगी हुई है। इस झड़ी में कृष्ण जी के आने की आहट मीरा को लग गई है। इस कारण मीरा के मन में उमंगें उठने लगी हैं। उनका मन आनंद से सराबोर हो उठा है।

प्रश्न 2.
मीराबाई ने वर्षा का कैसा वर्णन किया है ?
उत्तर:
मीराबाई ने वर्षा का बहुत ही मनोहारी वर्णन किया है। आकाश में चारों ओर से बादल घिर आया है। बिजली रह-रहकर चमक रही है। झड़ी लग रही है। नन्हीं-नन्हीं बूंदें पड़ रही हैं और शीतल मंद पवन बड़ी सुहावनी लग रही है।

प्रश्न 3.
झड़ी की क्या विशेषता होती है ?
उत्तर:
लगातार वर्षा होने को झड़ी कहते हैं। झड़ी लगने पर छोटी-छोटी बूंदों की फुहार पड़ती रहती है। हवा में शीतलता आ जाती है।

प्रश्न 4.
मीराबाई का मन क्या करने को मचल रहा है और क्यों ?
उत्तर:
मीराबाई का मन मंगल गीत गाने के लिए मचल रहा है क्योंकि उनको कृष्ण जी के आने की आहट मिल चुकी है। उनका मन आनंदित हो रहा है।

error: Content is protected !!