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साखी Class 10 MCQs Questions with Answers
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Question 1.
कबीर ने कैसे लोगों को सुखी बताया है?
(a) जो भोग-विलास में लिप्त हैं
(b) जो ईश्वर की भक्ति करते हैं
(c) जो समाज की चिंता करते हैं
(d) जो धनवान हैं
Answer
Answer: (a) जो भोग-विलास में लिप्त हैं।
Question 2.
कबीर किस बात को लेकर दुःखी हैं ?
(a) अपनी गरीबी को लेकर
(b) लोगों को भोग-विलास में लिप्त देखकर
(c) लोगों के अज्ञान को देखकर
(d) ‘a’ और ‘b’ दोनों
Answer
Answer: (d) ‘a’ और ‘b’ दोनों।
Question 3.
“सुखिया सब संसार ……………. जागै अरु रोवै।” दोहे में सोना और जागना किसके प्रतीक हैं?
(a) सोना अज्ञान का, जागना ज्ञान का
(b) सोना भोग-विलास का, जागना गरीबी का
(c) सोना अवसर को गँवाने का, जागना अवसर का लाभ उठाने का
(d) इनमें से कोई नहीं
Answer
Answer: (a) सोना अज्ञान का, जागना ज्ञान का।
Question 4.
“बिरह भुवंगम …………… बौरा होइ।” इस दोहे में कवि ने किसके बारे में बताया है?
(a) ईश्वर-भक्त के बारे में
(b) अपनी प्रेमिका के विरह में तड़फ रहे व्यक्ति के बारे में
(c) अज्ञानी व्यक्ति के बारे में
(d) पागल व्यक्ति के बारे में
Answer
Answer: (a) ईश्वर भक्त के बारे में।
Question 5.
‘भुवंगम’ शब्द का तत्सम शब्द …. है ।
(a) भुवन
(b) भवन
(c) भुजंग
(d) भुजा
Answer
Answer: (c) भुजंग
भुजंग (साँप)।
Question 6.
कबीर के अनुसार किसकी स्थिति पागलों जैसी है ?
(a) धन-लोलुप की
(b) राम-वियोगी की
(c) साँप द्वारा डसे हुए की
(d) अज्ञानी की
Answer
Answer: (b) राम-वियोगी की।
Question 7.
हमें निंदक को अपने समीप क्यों रखना चाहिए ?
(a) निंदक के पास रहने से हम प्रत्येक कार्य सोच-समझकर करते हैं
(b) निंदा करने वाला व्यक्ति हमारे गलत कार्य की आलोचना करेगा, इसलिए हम गलत कार्य करने से बच जाएँगे
(c) निंदा करने वाले से हमें भय नहीं लगता
(d) ‘a’ और ‘b’ दोनों सत्य हैं
Answer
Answer: (d) ‘a’ और ‘b’ दोनों कथन सत्य हैं।
Question 8.
हम पंडित कब बन सकते हैं ?
(a) जब शास्त्र ज्ञान प्राप्त कर लेंगे
(b) जब लोग हमें पंडित मान लेंगे
(c) जब हम सम्पन्न हो जाएँगे
(d) जब ईश्वर-प्रेम के कारण हमारे ज्ञान-चक्षु खुल जाएँगे
Answer
Answer: (d) जब ईश्वर प्रेम के कारण हमारे ज्ञान चक्षु खुल जाएँ।
Question 9.
पोथी पढ़ने से व्यक्ति पंडित क्यों नहीं बन सकता ?
(a) क्योंकि पोथी साधारण मानव द्वारा लिखी गई है
(b) क्योंकि पोथी ज्ञान तो प्रदान कर सकती है परन्तु हमारे आचरण को नहीं बदल सकती
(c) पंडित लोगों के मानने से बनते हैं पोथी पढ़ने से नहीं
(d) पोथी हमें अच्छा मनुष्य नहीं बनाती
Answer
Answer: (b) क्योंकि पोथी ज्ञान तो प्रदान करती है, परन्तु हमारे आचरण को नहीं बदल सकती।
Question 10.
घर जलाने से कवि का क्या आशय है?
(a) घर को नष्ट कर देना
(b) सांसारिक मोह-माया का त्याग करके वैराग्य धारण कर लेना
(c) आतंक फैलाना
(d) समाज से कूड़ा-करकट समाप्त कर देना
Answer
Answer: (b) सांसारिक मोह-माया का त्याग करके वैराग्य धारण कर लेना।
Question 11.
कवि दूसरों का घर क्यों जलाना चाहते हैं ?
(a) उनको पीड़ा पहुँचाने के लिए
(b) उनको सन्मार्ग पर लाने के लिए
(c) वे चाहते हैं कि अन्य लोग भी मोह-माया छोड़कर ईश्वर-भक्ति में लग जाएं
(d) वे अपना स्वार्थ पूरा करना चाहते हैं
Answer
Answer: (c) वे चाहते हैं कि अन्य लोग भी मोह-माया छोड़कर ईश्वर-भक्ति में लग जाएँ।
Question 12.
कवीर का जन्म कब और कहाँ हुआ माना जाता है ?
(a) सन् 1398 में काशी में
(b) सन् 1398 में मगहर में
(c) सन् 1509 में मथुरा में
(d) सन् 1518 में आगरा में
Answer
Answer: (a) सन् 1398 काशी में।
Question 13.
कवीर कैसे कवि थे ?
(a) राजाश्रित
(b) क्रांतिदर्शी कवि
(c) शास्त्रीय ज्ञान से परिपूर्ण
(d) सगुण भक्त कवि
Answer
Answer: (b) क्रांतिदर्शी कवि।
Question 14.
कबीर शास्त्रज्ञान की अपेक्षा किसे महत्त्व देते थे ?
(a) राजनीतिक ज्ञान को
(b) धार्मिक ज्ञान को
(c) निर्गुण भक्ति को
(d) अनुभव को
Answer
Answer: (d) अनुभव को।
Question 15.
कबीर के अनुसार ईश्वर ………..
(a) साकार है
(b) पूजा स्थान में रहता है
(c) निर्विकार है
(d) मूर्तियों में प्रतिष्ठित है
Answer
Answer: (c) निर्विकार है।
Question 16.
कबीर की भाषा …………… .
(a) अवधी
(b) खड़ी बोली
(c) ब्रज ।
(d) भोजपुरी
Answer
Answer: (c) ब्रज ।
ब्रज है, परन्तु उसमें अन्य भाषाओं के शब्द भी हैं।
Question 17.
“ऐसी बाणी …………… सुख होइ।।” दोहे में कबीर ने किसके महत्त्व के बारे में बताया है?
(a) ज्ञान के
(b) ईश्वर के
(c) शास्त्रों के
(d) वाणी के
Answer
Answer: (d) वाणी के।
Question 18.
‘आपा’ शब्द का अर्थ है ….
(a) जल
(b) अहंकार
(c) अपनापन
(d) मानसिक संतुलन
Answer
Answer: (b) अहंकार।
Question 19.
“कस्तूरी कुंडलि देखै नाँहिं” दोहे में कवि ने किसके बारे में बताना चाहा है?
(a) ईश्वर के
(b) कस्तूरी के
(c) हिरण के
(d) ज्ञानी लोगों के
Answer
Answer: (a) ईश्वर के।
Question 20.
‘घट’ का क्या अर्थ है?
(a) राम
(b) घड़ा
(c) हृदय
(d) कम होना
Answer
Answer: (c) हृदय।
Question 21.
“जब मैं था …………… देख्या नाहिं।” दोहे में ‘मैं’ का क्या अर्थ है?
(a) अपनापन
(b) अहंकार
(c) ईश्वर
(d) भक्त
Answer
Answer: (b) अहंकार।
Question 22.
दीपक देखने से कैसा अँधियारा मिट गया है?
(a) आकाश का
(b) घर का
(c) अज्ञान का
(d) अहंकार का
Answer
Answer: (c) अज्ञान का।
Question 23.
‘दीपक’ किसका प्रतीक है?
(a) प्रकाश का
(b) ईश्वर का
(c) संघर्ष का
(d) ज्ञान का
Answer
Answer: (d) ज्ञान का।
काव्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न
(1)
जब मैं था तब हरि नहीं, अब हरि हैं मैं नाँहि
सब अँधियारा मिटि गया, जब दीपक देख्या माँहि।
सुखिया सब संसार है, खावै अरु सोवै।
दुखिया दास कबीर है, जागै अरु रोवै।।
Question 1.
‘जब मैं था तब हरि नहीं’ से कवि का क्या आशय है ?
(a) जब हरि नहीं थे तब मैं नहीं था
(b) जब मैं था तब हरि मुझे नहीं मिले
(c) जब मेरे मन में अहंकार था तब मुझे हरि के दर्शन नहीं हुए
(d) मैं था किन्तु हरि नहीं थे
Answer
Answer: (c) जब मेरे मन में अहंकार था तब मुझे हरि के दर्शन नहीं हुए।
Question 2.
अहंकार समाप्त हो जाने पर कवि का जीवन कैसा हो गया ?
(a) उन्हें ईश्वर की सर्वव्यापकता का ज्ञान हो गया और उनको हरि की प्राप्ति हो गई
(b) उनका जीवन धन-दौलत से भरपूर हो गया
(c) उनका जीवन एक साधु की तरह हो गया ।
(d) उनका जीवन निष्कलंक हो गया
Answer
Answer: (a) उनको ईश्वर की सर्वव्यापकता का ज्ञान हो गया और हरि की प्राप्ति हो गई।
Question 3.
कवि ने यहाँ किस दीपक की बात की है ?
(a) प्रकाश फैलाने वाला दीपक
(b) शुद्ध घी से जलने वाला दीपक
(c) आत्मज्ञान रूपी दीपक
(d) सूर्य का प्रकाश
Answer
Answer: (c) आत्मज्ञान रूपी दीपक की।
Question 4.
सारा संसार कबीर की दृष्टि में सुखी क्यों है ?
(a) क्योंकि उनको कोई चिंता नहीं है
(b) क्योंकि वे भोग-विलास में लिप्त हैं
(c) क्योंकि उनके लिए भोग-विलास ही सुख है
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
Answer
Answer: (d) सभी कथन सत्य हैं।
Question 5.
कबीर क्यों जागते और रोते हैं ?
(a) कबीर को नींद नहीं आती और उन्हें धन की चाह
(b) कबीर को समाज की चिंता है। वे समाज को देखकर रोते हैं
(c) कबीर सबको सुखी देखकर रोते हैं
(d) कबीर को उनका भविष्य ज्ञात है, इसलिए वे रोते
Answer
Answer: (b) कबीर को समाज की चिंता है। वे समाज को भोग-लिप्त देखकर रोते हैं।
(2)
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोय।
अपना तन शीतल करै, औरन को सुख होय ॥
कस्तूरी कुंडलि बसै, मृग ढूँढे बन माँहि।
ऐसें घटि-घटि राँम है, दुनियाँ देखै नाँहि ॥
Question 1.
हमें कैसी वाणी बोलनी चाहिए ?
Answer
Answer:
संकेत-
- मीठी वाणी
- अहंकार रहित वाणी।
Question 2.
मीठी वाणी बोलने से क्या लाभ होता है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- मन का अहंकार नष्ट होता है
- अपने मन को आनंद मिलता है
- सुनने वाले को सुख पहुँचता है।
Question 3.
कस्तूरी कहाँ होती है?
Answer
Answer:
संकेत-
- हिरण की नाभि में।
Question 4.
हिरण कस्तूरी को पाने के लिए क्या करता है?
Answer
Answer:
संकेत-
- वह वन-वन भटकता फिरता है
- वह अज्ञान के कारण जान ही नहीं पाता कि कस्तूरी कहाँ है।
Question 5.
कबीर दास जी ने कस्तूरी मृग का उदाहरण क्यों दिया है?
Answer
Answer:
संकेत-
- यह बताने के लिए कि ईश्वर हमारे हृदय में है
- जिस प्रकार कस्तूरी हिरण की नाभि में होती है और वह अज्ञानतावश जान ही नहीं पाता। इसी प्रकार हम अपनी अज्ञानता के कारण हृदय में स्थित ईश्वर को नहीं देख पाते।
(3)
बिरह भुवंगम तन बसै, मंत्र न लागै कोई।
राम बियोगी ना जिवै, जिवै तो बौरा होई ॥
निदंक नेड़ा राखिये, आँगणि कुटी बँधाइ।
बिन साबण पाणी बिना, निरमल करें सुभाइ ॥
Question 1.
विरह रूपी सर्प की क्या विशेषता होती है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- प्राणघातक होता है
- उसके डसने पर कोई इलाज संभव नहीं होता
- मंत्रोचार का भी कोई असर नहीं होता।
Question 2.
प्रभु के विरह में पीड़ित राम वियोगी की कैसी स्थिति हो जाती है?
Answer
Answer:
संकेत-
- पागलों जैसी स्थिति हो जाती है
- राम वियोगी राम के बिना जीवित नहीं रह सकता
- विरह रूपी सर्प उसे अंदर ही अंदर खा जाता है।
Question 3.
कबीर ने निंदक को अपने निकट रखने की सलाह क्यों दी है?
Answer
Answer:
संकेत-
- निंदा करने वाला हमारे स्वभाव को निर्मल बना देता है
- निंदा के भय से हम कोई ऐसा कार्य नहीं करते जिसके कारण हमें नीचा देखना पड़े।
Question 4.
हम अपने स्वभाव को किस प्रकार निर्मल रख सकते हैं ?
Answer
Answer:
संकेत-
- निंदक को अपने पास रखकर
- निंदा करने वाले की बातों पर ध्यान देकर।
Question 5.
जो व्यक्ति अपनी निंदा नहीं सुनना चाहते, उन्हें क्या हानि उठानी पड़ती है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- उनको जीवन में अपमानित होना पड़ता है
- समाज में उनके विरोधी पैदा हो जाते हैं।
(4)
पोथी पढ़ि-पढ़ि जग मुवा, पंडित भया न कोइ।
ऐकै आखिर पीव का, पढ़े सु पंडित होइ ॥
हम घर जाल्या आपणा, लिया मुराड़ा हाथि।
अब घर जालौं तास का, जे चलै हमारे साथि ॥
Question 1.
कवि एवं कविता का नाम लिखिए।
Answer
Answer:
संकेत-
कवि : कबीरदास।
कविता : साखियाँ।
Question 2.
पोथी पढ़ने से पंडित क्यों नहीं हुआ जाता?
Answer
Answer:
संकेत-
- पोथी केवल अक्षर ज्ञान कराती है
- पोथी मनुष्य के स्वभाव को नहीं बदलती।
Question 3.
कबीर से अनुसार कौन पंडित बन सकता है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- जो परमेश्वर के नाम को अपने हृदय में धारण कर लेता है
- जो सार-तत्त्व को ग्रहण कर लेता
Question 4.
घर जलाने से कबीर का क्या आशय है ?
Answer
Answer:
संकेत-
- अपने मन से माया-मोह को निकालना
- अपने को ईश्वर-भक्ति में लगा देना।
Question 5.
‘अब घर जालौं तास का, जो चले हमारे साथि’ पंक्ति का क्या आशय है?
Answer
Answer:
संकेत-
- कबीर भगवद्भक्ति का आनंद अकेले ही नहीं लेना चाहते
- कबीर उन ईश्वर-भक्तों को भी इस मुहिम में शामिल करना चाहते हैं जिन्होंने अपने हृदय से मोह-माया को निकाल दिया।
बोधात्मक प्रश्न
Question 1.
राम-वियोगी का जीवन कैसा हो जाता है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- जीवन दुश्वार हो जाता है
- विरह रूपी सर्प उसको निरंतर डसता रहता है।
Question 2.
मीठी वाणी बोलने से औरों को सुख और अपने तन को शीतलता कैसे प्राप्त होती है?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- मीठी बोली बोलने से हमारा अंतःकरण प्रफुल्लित हो जाता है
- क्रोध एवं घृणा का भाव नष्ट हो जाता है
- सुनने वाले के हृदय में प्यार उमड़ने लगता है।
Question 3.
ईश्वर कण-कण में व्याप्त है, पर हम उसे क्यों नहीं देख पाते ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- हम अज्ञानता के कारण ईश्वर को इधर-उधर ढूँढ़ते रहते हैं
- ईश्वर प्रत्येक जीव के अंतःकरण में निवास करता है
- मनुष्य अपने अंतःकरण में झाँककर देखेगा तभी ईश्वर मिलेंगे।
Question 4.
संसार में सुखी व्यक्ति कौन है और दुःखी कौन है ?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- जिसे किसी प्रकार की चिंता नहीं है। वह सुखी है
- संसार में फैली अज्ञानता और मनुष्यों को मोह-माया से ग्रसित देखकर जो चिंतन करता है, वह दुःखी है।
Question 5.
अपने स्वभाव को निर्मल बनाने के लिए कबीरदास जी ने क्या सुझाव दिया है?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- निंदक को अपने पास रखने का सुझाव
- ऐसे कार्य करना जिससे निंदक को आलोचना का मौका न मिले
- अनुचित कार्य न करने से हमारा स्वभाव निर्मल हो जाता है।
Question 6.
‘एकै आखर पीव का, पढ़े सु पंडित होइ’ इस पंक्ति द्वारा कवि क्या कहना चाहता है?
Answer
Answer:
संकेत बिंदु :
- परमेश्वर से किया गया थोड़ा-सा साक्षात्कार भी व्यक्ति को प्रभु-प्रेम में मस्त बना देता है
- सच्चे हृदय से प्रभु का स्मरण भक्त को भक्ति में लीन कर देता है।
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