CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3

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CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3

Board CBSE
Class X
Subject Science
Sample Paper Set Paper 3
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 3 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
  • भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
  • प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
  • प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
  • प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
  • भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।

SECTION A

प्र०1.
मेंडल के एक प्रयोग में बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद फूलों वाले मटर के पौधों से कराया गया। F1 संतति में क्या परिणाम प्राप्त होंगे?

प्र०2.
जल विद्युत संयंत्र में होने वाले ऊर्जा-रूपान्तरण लिखिए।

प्र०3.
कोई यौगिक ‘X’ आधिक्य सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल के साथ 443 K पर गर्म करने पर कोई असंतृप्त | यौगिक ‘Y’ बनाता है। यौगिक ‘X’ सोडियम धातु से भी अभिक्रिया करता है जिसमें कोई रंगहीन गैस ‘Z’ निकलती है। ‘X’, ‘Y’ तथा ‘Z’ को पहचानिए। ‘Y’ उत्पन्न होने की रासायनिक अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए तथा इसमें सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल की भूमिका का उल्लेख भी कीजिए।

प्र०4.
(a) मानवों में पाए जाने वाले एक रस संवेदी ग्राही तथा एक घ्राणग्राही का नाम लिखिए।
(b) नीचे दिए गए न्यूरॉन के प्रवाह आरेख, जिसमें सूचना विद्युत आवेग के रूप में गमन करती है,को अपनी उत्तर पुस्तिका पर खींचकर इसमें a और b का नाम लिखिए।
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प्र०5.
यदि किसी गोलीय दर्पण द्वारा उसके सामने रखे बिम्ब की किसी भी स्थिति के लिए सदैव ही बिम्ब का सीधा और साइज़ में छोटा प्रतिबिम्ब बनता है, तो यह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए नामांकित किरण आरेख खींचिए।

प्र०6.
वियोजन (अपघटन) अभिक्रियाओं में अभिकारकों को तोड़ने के लिए या तो ऊष्मा अथवा प्रकाश अथवा विद्युत ऊर्जा की आवश्यकता होती है। प्रत्येक प्रकार की वियोजन अभिक्रिया, जिसमें ऊष्मा, प्रकाश और विद्युत ऊर्जा की आपूर्ति की जाती है, के लिए एक-एक रासायनिक समीकरण लिखिए।

प्र०7.
किसी परखनली में दानेदार जिंक के कुछ टुकड़े लेकर उसमें 2 mL सोडियम हाइड्रॉक्साइड का विलयन डाला गया। परखनली की सामग्री को गर्म करने पर कोई गैस उत्सर्जित हुई जिसका परीक्षण करने से पूर्व उसे साबुन के विलयन से प्रवाहित किया गया जिसमें गैस के बुलबुल बने। होने वाली अभिक्रिया का समीकरण तथा इस गैस के संसूचन के लिए परीक्षण लिखिए। यदि यही धातु किसी प्रबल अम्ल के तनु विलयन से अभिक्रिया करे, तो जो गैस उत्सर्जित होगी उसका नाम लिखिए।
अथवा
पकौड़ों को स्वादिष्ट और खस्ता बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले किसी लवण का pH मान 9 है। इस लवण को पहचानिए तथा इसके निर्माण के लिए रासायनिक समीकरण लिखिए। इसके दो उपयोगों की सूची बनाइए।

प्र०8.
(a) कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत के कुचालक क्यों होते हैं?
(b) किसी ऐसे संतृप्त यौगिक का नाम और उसकी संरचना दीजिए जिसमें कार्बन परमाणु वलय के रूप में व्यवस्थित होते हैं। इस यौगिक में उपस्थित एकल आबन्धों की संख्या लिखिए।

प्र०9.
निम्नलिखित अन्तःस्रावी ग्रंथियों द्वारा स्रावित हॉर्मोनों का नाम तथा प्रत्येक का एक प्रकार्य लिखिए।
(a) अवटु ग्रंथि
(b) पीयूष ग्रंथि
(c) अग्न्याशय

प्र०10.
अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन के बीच एक अन्तर लिखिए। अलैंगिक जनन करने वाली अथवा लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ में से किसके द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग हो सकते हैं? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए।

प्र०11.
प्रकाश के अपवर्तन के नियम लिखिए। पद “किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक” की व्याख्या कीजिए और इस पद तथा निर्वात में प्रकाश की चाल के बीच के संबंध को दर्शाने के लिए व्यंजक लिखिए।
अथवा
किसी लेंस की क्षमता से क्या तात्पर्य है? इसका SI मात्रक लिखिए। कोई छात्र 40 cm फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है तथा कोई अन्य छात्र -20 cm फोकस दूरी का लेंस उपयोग कर रहा है। इन दोनों लेंसों की प्रकृति और क्षमता लिखिए।

प्र०12.
यह दर्शाइए कि तीन प्रतिरोधकों, जिनमें प्रत्येक का प्रतिरोध 9Ω है, को आप किस प्रकार संयोजित करेंगे कि संयोजन को तुल्य प्रतिरोध
(i) 13.5 Ω,
(ii) 6 Ω प्राप्त हो?
अथवा
(a) जूल का तापन नियम लिखिए।
(b) दो विद्युत लैम्प जिनमें से एक का अनुमतांक 100 W; 220 V तथा दूसरे का 60 W; 220 V है, किसी विद्युत मेन्स के साथ पाश्र्वक्रम में संयोजित हैं। यदि विद्युत आपूर्ति की वोल्टता 220 V है, तो दोनों बल्बों द्वारा विद्युत मेन्स से कितनी धारा ली जाती है?

प्र०13.
(a) किसी चालक, जिसकी आकृति तार जैसी है, का प्रतिरोध जिन कारकों पर निर्भर करता है, उनकी सूची बनाइए।
(b) धातुएँ विद्युत की अच्छी चालक तथा काँच विद्युत का कुचालक क्यों होता है? कारण दीजिए।
(c) विद्युत तापन युक्तियों में सामान्यतः मिश्रधातुओं का उपयोग क्यों किया जाता है? कारण दीजिए।

प्र०14.
किसी विद्यालय के छात्रों ने प्रातः कालीन सभा में यह समाचार सुना कि दिल्ली में कूड़े का कोई पर्वत अचानक फट गया और कई गाड़ियाँ उस मलबे में दब गयीं। कुछ लोग भी जख्मी हो गए और हर ओर ट्रैफिक जाम हो गया। शिक्षक महोदय ने बौद्धिक सत्र में भी इसी विषय पर चर्चा की तथा छात्रों से कूड़े की समस्या का हल खोजने के लिए कहा। अन्ततः छात्रों ने दो बिन्दुओं का निष्कर्ष निकालापहला यह है कि जो कूड़ा हम उत्पन्न करते हैं उसका प्रबन्धन हम स्वयं करें, तथा दूसरा यह कि निजी स्तर पर हम कम कूड़ा उत्पन्न करें।
(a) जो कूड़ा हम उत्पन्न करते हैं उसके प्रबन्धन के दो उपाय सुझाइए।
(b) निजी तौर पर, कम से कम कूड़ा उत्पन्न करने के लिए हम क्या कर सकते हैं? दो बिंदु दीजिए।

प्र०15.
बांध क्या होता है? हम बड़े बांध क्यों बनाना चाहते हैं? बड़े बांधों का निर्माण करते समय किन तीन समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए, ताकि स्थानीय लोगों में शांति बनी रहे, उनका उल्लेख कीजिए।

प्र०16.
(a) सक्रियता श्रेणी के मध्य की धातु के कार्बोनेट अयस्कों से शुद्ध धातुओं के निष्कर्षण की विधि के चरणों को लिखिए।
(b) कॉपर (तांबे) के सल्फाइड अयस्क से कॉपर का निष्कर्षण किस प्रकार किया जाता है? निष्कर्षण के विभिन्न चरणों की व्याख्या रासायनिक समीकरणों सहित कीजिए। कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण का नामांकित आरेख खींचिए।

प्र०17.
(a) आधुनिक आवर्त सारणी का विकास डॉबेराइनर, न्यूलैण्ड तथा मेण्डेलीफ के प्रांरभिक प्रयासों के कारण हो पाया है। इन तीनों प्रयासों की एक-एक उपलब्धि और एक-एक सीमा की सूची बनाइए।
(b) उस वैज्ञानिक का नाम लिखिए जिसने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि किसी तत्त्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
(c) आधुनिक आवर्त नियम लिखिए।

प्र०18.
(a) रुधिर के किन्हीं दो अवयवों का उल्लेख कीजिए।
(b) शरीर में ऑक्सीजन-प्रचुर रुधिर के गमन का पथ लिखिए।
(c) आलिन्द और निलय के बीच वाल्वों का कार्य लिखिए।
(d) धमनी और शिरा के संघटनों के बीच कोई एक संरचनात्मक अन्तर लिखिए।
अथवा
(a) उत्सर्जन की परिभाषा लिखिए।
(b) वृक्क में उपस्थित आधारी निस्पंदन एकक का नाम लिखिए।
(c) मानव के उत्सर्जन तंत्र को आरेख खींचिए और उस, पर उत्सर्जन तंत्र के उस भाग का नामांकन कीजिए
(i) जो मूत्र तैयार करता है।
(ii) जो लम्बी नलिका है और वृक्क से मूत्र संचित करती है।
(iii) जिसमें मूत्र त्यागने तक मूत्र भण्डारित रहता है।

प्र०19.
(a) मानव मादा जनन तंत्र के नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए :
(i) अण्डाशय
(ii) अंडवाहिनी
(iii) गर्भाशय
(b) प्लैसेन्टा की संरचना और कार्य का संक्षेप में वर्णन कीजिए।

प्र०20.
(a) कोई छात्र लगभग 3 m दूरी पर स्थित श्यामपट्ट पर लिखे अक्षरों को स्पष्ट नहीं देख पाता। यह छात्र जिस दृष्टि-दोष से पीड़ित है उसका नाम लिखिए। इस दोष के संभावित कारण लिखिए और इसके संशोधन की विधि की व्याख्या कीजिए।
(b) तारे क्यों टिमटिमाते हैं? व्याख्या कीजिए।
अथवा
(a) मानव नेत्र के नीचे दिए गए प्रत्येक भाग का कार्य लिखिए :
(i) पुतली
(ii) परितारिका
(iii) क्रिस्टलीय लेंस
(iv) पक्ष्माभी पेशियाँ
(b) प्रातःकाल सूर्य रक्ताभ क्यों प्रतीत होता है? क्या कोई अंतरिक्षयात्री इस परिघटना का प्रेक्षण चन्द्रमा पर भी कर सकता है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए कारण दीजिए।

प्र०21.
(a) फ्लेमिंग को वाम हस्त नियम लिखिए।
(b) विद्युत मोटर का कार्यकारी सिद्धान्त लिखिए।
(c) विद्युत मोटर के नीचे दिए गए भागों का कार्य लिखिए।
(i) आर्मेचर
(ii) बुश
(iii) विभक्त वलय

SECTION B

प्र०22.
किसी छात्र ने दो परखनलियों A और B में लिए गए आयरन सल्फेट तथा कॉपर सल्फेट के जलीय विलयनों में ऐलुमिनियम धातु के कुछ टुकड़े डाले। प्रयोग के दूसरे भाग में उसने C और D परखनलियों में क्रमशः लिए गए ऐलुमिनियम सल्फेट और कॉपर सल्फेट के जलीय विलयनों में आयरन धातु के टुकड़े डाले। किस अथवा किन परखनलियों में उस छात्र को रंग में परिवर्तन दिखाई देगा? इस प्रयोग के आधार पर उल्लेख कीजिए कि कौन-सी धातु सर्वाधिक अभिक्रियाशील है और क्यों।

प्र०23.
क्या प्रेक्षण किया जाता है जब किसी परखनली में लिए गए बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट विलयन मिलाया जाता है? सम्मिलित रासायनिक अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण तथा इस प्रकरण में होने वाली अभिक्रिया के प्रकार का नाम लिखिए।

प्र०24.
किसी पत्ती के छिलके में रंध्रों को प्रेक्षण करने के लिए अस्थायी आरोपण तैयार करने की प्रक्रिया के चरणों की सूची बनाइए।

प्र०25.
अमीबा के जनन की प्रक्रिया का नाम लिखिए। इसके जनन की प्रक्रिया के विभिन्न चरणों को उचित क्रम में चित्रित कीजिए।
अथवा
कोई छात्र यीस्ट में मुकुलन द्वारा अलैंगिक जनन के विभिन्न चरणों की स्थायी स्लाइड की सूक्ष्मदर्शी द्वारा प्रेक्षण कर रहा है। वह स्लाइड में जो कुछ प्रेक्षण करता है उसे आरेख खींचकर (क्रमवार) दर्शाइए।

प्र०26.
4.0 cm ऊँचाई का कोई बिम्ब 20 cm फोकस दूरी के किसी उत्तल लेंस के प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ से 30 cm दूरी पर स्थित है। बनने वाले प्रतिबिम्ब की स्थिति और साइज़ ज्ञात करने के किरण आरेख खींचिए। इस आरेख में प्रकाशिक केन्द्र ‘O’ तथा मुख्य फोकस ‘F’ अंकित कीजिए। प्रतिबिम्ब की ऊँचाई और बिम्ब की ऊँचाई का लगभग अनुपात भी ज्ञात कीजिए।

प्र०27.
किसी प्रतिरोधक, जिसका प्रतिरोध (R) है, से प्रवाहित विद्युत धारा (I) और उसके सिरों के बीच तदनुरूपी विभवान्तर (NV) के मान नीचे दिए गए अनुसार हैं :
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धारा (I) और विभवान्तर (V) के बीच ग्राफ खींचिए और प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।

Answers

उत्तर 1-
मेंडल के प्रयोगानुसार जब बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधों का संकरण सफेद फूलों वाले मटर के , पौधों से करवाया जाएगा तो F, संतति में सभी बैंगनी रंग के पुष्पों वाले मटर के पौधे प्राप्त होंगे।

उत्तर 2-
जल विद्युत संयंत्र में, पानी की स्थितिज ऊर्जा का पहले गतिज ऊर्जा में रूपांतरण होता है, फिर इस गतिज ऊर्जा का रूपांतरण विद्युत ऊर्जा में होता है।

उत्तर 3-
‘X’ यौगिक एथेनॉल (C2H5OH) है।
‘Y’ यौगिक एथीन (CH2= CH2) गैस है।
‘Z’, H2 गैस है।
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इस अभिक्रिया में सान्द्र सल्फ्यूरिक अम्ल, उत्पादित जल अणुओं को अवशोषित करता है अर्थात् यह एक निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है।
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उत्तर 4-
(a) रस संवेदी ग्राही जिह्वा पर होती है तथा यह स्वाद का पता लगाती है।
घ्राणग्राही हमारे नाक में उपस्थित होता है तथा यह गंध का पता लगाता है।
(b)
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उत्तर 5-
• यह दर्पण एक उत्तल दर्पण है।।
• उत्तल दर्पण द्वारा किरण आरेख :
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उत्तर 6-
(i) ऊष्मा द्वारा वियोजन अभिक्रिया-कैल्सियम कार्बोनेट को गर्म करने पर वह कैल्सियम ऑक्साइड तथा कार्बन-डाइआक्सॉइड में वियोजित हो जाता है।
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(ii) प्रकाश द्वारा वियोजन अभिक्रिया-प्रकाश की उपस्थिति में सिल्वर क्लोराइड का सिल्वर तथा क्लोरीन में वियोजन हो जाता है।
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(iii) विद्युत ऊर्जा द्वारा वियोजन अभिक्रिया-अम्लीकृत जल में विद्युत धारा को प्रवाहित करने पर हाइड्रोजन तथा आक्सीजन गैस में वियोजन होता है।
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उत्तर 7-
जब सोडियम हाइड्रॉक्साइड के विलयन को दानेदार जिंक के साथ गर्म किया जाता है तो सोडियम जिंकेट और हाइड्रोजन गैस प्राप्त होती है।
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H2 गैस के संसूचन के लिए परीक्षण : H2 गैस को जब जलाते हैं, तो यह फट-फट की ध्वनि करते हुए जलती है।
जिक धातु, तनु अम्ल के विलयन के साथ अभिक्रिया करने पर, H2 गैस उत्पादित करती है।
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अथवा
पकौड़ों को स्वादिष्ट तथा खस्ता बनाने के लिए बेकिंग सोडा या सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट लवण (NaHCO3) का उपयोग किया जाता है।
लवण के निर्माण का रासायनिक समीकरण :
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इस लवण के दो उपयोग :
(i) इसका उपयोग, धावन सोडा के निर्माण में किया जाता है।
(ii) इसका उपयोग आग बुझाने के संयंत्र में किया जाता है।

उत्तर 8-
(a) कार्बन यौगिकों के अणुओं में सहसंयोजी बंध होते हैं इसलिए ये अणु अपने आयनों के रूप में विघटित नहीं होते, जिस कारण कार्बन के अधिकांश यौगिक विद्युत धारा के कुचालक होते हैं। (b) एक संतृप्त यौगिक जिसमें कार्बन वलय के रूप में व्यवस्थित होते हैं साइक्लो हैक्सेन कहलाता है।
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इसके अणु में 18 एकल आबन्ध हैं।

उत्तर 9-
(a) अवटु ग्रंथि-इसके द्वारा थाइरॉक्सिन हॉर्मोन स्रावित होती है।
यह हॉर्मोन हमारे शरीर में प्रोटीन, वसा तथा स्टार्च आदि की उपापचय क्रियाओं पर नियंत्रण करता है।
(b) पीयूष ग्रंथि-इसके द्वारा वृद्धि हॉर्मोन स्रावित होता है।
यह हॉर्मोन हमारे शरीर की वृद्धि को नियंत्रित करता है।
(c) अग्न्याशय ग्रंथि-इसके द्वारा इंसुलिन हॉर्मोन स्रावित होता है।
यह हॉर्मोन रक्त में शर्करा की मात्रा को नियंत्रित करता है।

उत्तर 10-
अलैंगिक जनन में केवल एक जनक भाग लेता है।
लैंगिक जनन में नर तथा मादा दोनों जनक भाग लेते हैं।
लैंगिक जनन करने वाली स्पीशीज़ द्वारा जनित स्पीशीज़ की उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं। क्योंकि लैंगिक जनन में दो प्रकार की जनन कोशिकाओं में डी०एन०ए० अणुओं की प्रतिकृति बनने के कारण, नई संतति में अधिक विभिन्नताएँ आती हैं, इसलिए उनमें उत्तरजीविता के अपेक्षाकृत अधिक संयोग होते हैं।

उत्तर 11-
प्रकाश के अपवर्तन के नियम :
(i) पहला नियम-आपतित किरण, अपवर्तित किरण तथा दोनों माध्यमों को पृथक् करने वाले पृष्ठ के आपतन बिंदु पर अभिलम्ब सभी एक ही तल में होते हैं।
(ii) दूसरा नियम-प्रकाश की किसी किरण द्वारा किन्हीं दो माध्यमों के युग्म के लिए आपतन कोण की ज्या (sine) तथा अपवर्तन कोण की ज्या (sine) का अनुपात स्थिर होता है। इस नियम को स्नेल का अपवर्तन का नियम भी कहते हैं।
\(\frac { sini }{ sinr }\) = स्थिरांक
किसी माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक वायु में प्रकाश की चाल तथा किसी माध्यम में प्रकाश की चाल के अनुपात को उस माध्यम का निरपेक्ष अपवर्तनांक कहते हैं।
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अथवा
लेंस की क्षमता-किसी लेंस की फोकस दूरी के व्युत्क्रमानुपात को उस लेंस की क्षमता कहते हैं।
P(लेंस की क्षमता) = \(\frac { 1 }{ f }\)
इसका S.I. मात्रक डाइऑप्टर (D) है।
(i) लेंस की फोकस दूरी (f) = 40 cm = 0.4 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac { 1 }{ 0.4 }\) = \(\frac { 10 }{ 4 }\) = + 2.5 D
प्रकृति-यह एक उत्तल लेंस है क्योंकि उत्तल लेंस की क्षमता धनात्मक (Positive) होती है।
(ii) इस लेंस की फोकस दूरी (f) = -20 cm = -0.2 m
इस लेंस की क्षमता (P) = \(\frac { 1 }{ -0.2 }\) = \(\frac { -10 }{ 2 }\) = -5.0D
प्रकृति-यह एक अवतल लेंस है क्योंकि अवतल लेंस की क्षमता ऋणात्मक (Negative) होती है।

उत्तर 12-
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(a) किसी प्रतिरोधक में उत्पन्न होने वाली ऊष्मा दिए गए प्रतिरोधक (R) में प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा (I) के वर्ग के अनुक्रमानुपाती होती है एवं दी गई विद्युत धारा के लिए प्रतिरोध और उस समय (t) के अनुक्रमानुपाती होती है जिसके लिए दिए गए प्रतिरोध से विद्युत धारा प्रवाहित होती है। इसे निम्न सूत्र द्वारा प्रदर्शित किया जाता है।
H = I² Rt …[H = ऊष्मीय ऊर्जा; I = विद्युत धारा; R = प्रतिरोध; t = समय
(b) (i) पहले लैम्प के लिए :
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उत्तर 13-
(a) किसी चालक तार का प्रतिरोध तीन कारकों पर निर्भर करता है :
(i) उस तार की लंबाई पर;
(ii) उसे तार की अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल पर; तथा
(iii) चालक तार को बनाने वाले पदार्थ की प्रकृति पर।
अतः चालक का प्रतिरोध (R) उसकी लम्बाई (l) के समानुपाती उसकी अनुप्रस्थ काट के क्षेत्रफल के व्युत्क्रमानुपाती होता है।
∴R ∝ \(\frac { l }{ A }\) ∴ \(R=\frac { p\times l }{ A } \)
(b) धातुओं की वैद्युत प्रतिरोधकता बहुत कम होती है, इस लिए वे विद्युत के अच्छे चालक होते हैं, कांच की वैद्युत प्रतिरोधकता बहुत अधिक होती है, इस लिए कांच विद्युत का कुचालक होता है।
(c) मिश्रधातुओं का गलनांक ताप उच्च होता है जिस कारण इनका शीघ्र अपचयन नहीं होता तथा इनकी वैद्युत प्रतिरोधकता अवयवी धातुओं की अपेक्षा अधिक होती है। यही कारण है कि उनका उपयोग विद्युत तापन युक्तियों जैसे विद्युत इस्तरी, टोस्टर आदि बनाने में किया जाता है।

उत्तर 14-
(a) (i) जैव निम्नीकरणीय तथा जैव अनिम्नीकरणीय कूड़े को भिन्न-भिन्न कूड़ेदानों में एकत्रित करना।
(ii) कूड़े को खुले में न फेंक कर तथा कूड़े के उचित निपटान के प्रति लोगों को जागरूक करना।
(b) (i) प्लास्टिक, कागज़, काँच, धातु की बनी. वस्तुओं का पुनः चक्रण कर उसे उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित किया जाना चाहिए।
(ii) घरों में प्लास्टिक की बोतलों, डिब्बों आदि का घरेलु वस्तुओं को रखने के लिए पुनः उपयोग करके।

उत्तर 15-
किसी नदी के जल को, ऊँचाई पर बहुत बड़े कुंड-रूपी संरचना में एकत्र करने की प्रक्रिया को बांध कहते है।
बड़े बाँध द्वारा जल सग्रहण पर्याप्त मात्रा में किया जा सकता है जिसका प्रयोग न केवल सिंचाई वरन् विद्युत का अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए भी किया जाता है।
बड़े बांधों के निर्माण करते समय हमें निम्नलिखित समस्याओं का ध्यान रखना चाहिए ।
(i) बांध बनाने के कारण विस्थापित हुए किसानों तथा आदिवासी लोगों को पुनः स्थापित करना।
(ii) बांध के निर्माण के समय होने वाले खर्च पर नियंत्रण रखना।।
(iii) बांध बनने से पर्यावरण का नुकसान कम से कम होना चाहिए।

उत्तर 16-
(a) धातु के कार्बोनेट अयस्कों से शुद्ध धातुओं के निष्कर्षण की विधि के चरण :
(i) पहले ज़िक कार्बोनेट अयस्क को निस्तापन क्रिया द्वारा जिंक ऑक्साइड यौगिक में बदला जाता है। जब जिंक कार्बोनेट को उच्च ताप पर वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है तो यह विघटित होकर जिंक ऑक्साइड तथा कार्बनडाइऑक्साइड बनाता है।
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(ii) अब ज़िक ऑक्साइड को कार्बन (कोक) के साथ गर्म करने पर ऑक्साइड का अपचयन हो जाता है, तथा ज़िक धातु प्राप्त हो जाती है।
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(iii) अशुद्ध धातु से शुद्ध धातु प्राप्त करने लिए उसका विद्युत अपघटनी परिष्करण कर प्राप्त कर सकते है।
(b) ताँबे को उसके सल्फॉइड अयस्क Cu2S से प्राप्त किया जाता है। अयस्क का सांद्रण झाग प्लवन विधि द्वारा किया जाता है। फिर सांद्रित अयस्क का वायु में भर्जन किया जाता है। तब अयस्क कॉपर ऑक्साइड में बदल जाता है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 16.2
कॉपर ऑक्साइड को वायु की अनुपस्थिति में गर्म किया जाता है। इस रासायनिक अभिक्रिया के समय SO2 गैस उत्पन्न होती है जो प्राप्त हुए कॉपर के अंदर ही फंसी रह जाती है जिसके कारण कॉपर की सतह पर छाले जैसी संरचना दिखाई देती है।
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कॉपर के विद्युत अपघटनी परिष्करण का नामांकित आरेख :
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उत्तर 17-
(a) डॉबेराइनर की आवर्त सारणी :
उपलब्धि : डाबेराइनर ने सिद्ध किया कि मध्य वाले तत्त्व का परमाणु द्रव्यमान, बाकी दो तत्त्वों के परमाणु द्रव्यमान के औसत के लगभग बराबर होता है।
सीमा : डाबेराइनर अपने समूहों में केवल 9 तत्त्वों को ही स्थान दे सका इसलिए त्रिक में वर्गीकृत करने की यह पद्धति सफल नहीं हुई।
न्यूलैण्ड की आवर्त सारणी :
उपलब्धि : न्यूलैण्ड ने तत्त्वों को उनके बढ़ते हुए परमाणु द्रव्यमानों के अनुसार रख कर पहली आवर्त सारणी बनाई।
सीमा : न्यूलैण्ड द्वारा निर्धारित तत्त्वों के Ca के बाद के तत्त्वों के गुण उन से ऊपर रखे तत्त्वों के गुणों से नहीं मिलते थे।
मेण्डेलीफ की आवर्त सारणी :
उपलब्धि : मेण्डलीफ ने अपने समय में खोजे गये सभी तत्त्वों को अपनी सारणी में उचित स्थान दिया, तथा बाद में खोजे जाने वाले तत्वों के लिए रिक्त स्थान भी अपनी आवर्त सारणी में रख दिये थे ताकि सारणी में बिना किसी परिवर्तन के आसानी से उन्हें सम्मलित किया जा सके।
सीमा : मेण्डेलीफ ने एक ही तत्त्व के समस्थानिकों को, उनके परमाणु द्रव्यमान अलग-अलग होने के कारण, सारणी में भिन्न-भिन्न स्थान दिया था।
(b) हेनरी मोज्ले ने सर्वप्रथम यह दर्शाया कि किसी तत्त्व की परमाणु संख्या उसके परमाणु द्रव्यमान की तुलना में अधिक आधारभूत गुणधर्म है।
(c) आधुनिक आवर्त नियम-आधुनिक आवर्त सारणी यह वर्णित करती है कि ‘तत्त्वों के गुणधर्म उनकी परमाणु संख्या का आवर्त फलन होते हैं।’

उत्तर 18-
(a) रुधिर के दो अवयव हैं-
(i) तरल प्लाज्मा तथा
(ii) रक्त कोशिकाएँ।।
(b) ऑक्सीजन-प्रचुर रुधिर गमन का पथ ।।
फेफड़े → बांया आलिंद → बांया निलय → महाधमनी → धमनियाँ → विभिन्न अंग ।
(c) आलिन्द और निलय के बीच वाल्व, एक दरवाजे की तरह कार्य करते हैं। वे रक्त को आलिंद से निलय – की तरफ बहने देते हैं परंतु निलय से पुनः रक्त को आलिंद की तरफ नहीं बहने देते हैं।
(d) धमनियों की भित्ति मोटी होती है, जबकि शिराओं की भित्ति पतली होती है।
अथवा
(a) उत्सर्जन-शरीर में विभिन्न जैव प्रक्रियाओं में उत्पादित होने वाले हानिकारक तथा ज़हरीले उत्पादों को शरीर से बाहर निकालने के प्रक्रम को उत्सर्जन कहते हैं।
(b) वृक्क में उपस्थित आधारी निस्पंदन एकक का नाम वृक्काणु है।
(c) मानव उत्सर्जन तंत्र का आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 18

उत्तर 19-
(a) (i) अण्डाशय-इसमें मादा जनन कोशिकाएँ बनती है तथा दो प्रकार के हार्मोन स्रावित होते हैं-एस्ट्रोजन तभा प्रोजैस्टरॉन।
(ii) अण्डवाहिका-इस भाग में नर शुक्राणु द्वारा मादा अण्डाणु का निषेचन होता है तथा निषेचित अण्डाणुओं को गर्भाशय तक अण्डवाहिका द्वारा पहुँचाया जाता है।
(iii) गर्भाशय-मादा अण्डाणु के निषेचन के बाद वह गर्भ में भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है। यह भ्रूण फिर गर्भाशय के प्लेसेंटा पर स्थापित होकर पूर्ण बच्चे में विकसित होता है।
(b) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लेसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।

उत्तर 20-
(a) यह छात्र निकट दृष्टि-दोष से पीडित है।
इस दोष के सभांवित कारण :
(i) नेत्र गोलक का अधिक लम्बा हो जाना।।
(ii) आंख के लेंस की त्रिज्या का कम हो जाना अर्थात् लेंस का मोटा हो जाना।
इस दोष का संशोधन, उचित क्षमता वाले अवतल लेंस के उपयोग द्वारा किया जा सकता है।
(b) तारों को टिमटिमाना-किसी तारे का टिमटिमाना उसके प्रकाश के वायुमण्डलीय अपवर्तन के कारण होता है। तारे का प्रकाश पृथ्वी के वायुमण्डल में प्रवेश करने पर पृथ्वी के पृष्ठ पर पहुँचने तक निरंतर अपवर्तित होता जाता है।
चूँकि वायुमंडल की विभिन्न परतों का घनत्व तथा अपवर्तनांक प्रति क्षण बदलता रहता है, अतः जब तारों से चलने वाला प्रकाश वायुमंडल में से होकर जाता है तो अपवर्तित किरणें अपना मार्ग बदलती रहती हैं। इस प्रकार एक निश्चित स्थिति में खड़े मनुष्य की आँख में प्रवेश करने वाली किरणों की संख्या बदलती रहती है। अधिक किरणों के प्रवेश करने पर तारे अधिक चमकदार होते हैं और हमें टिमटिमाते हुए प्रतीत होते हैं।
अथवा
(a) पुतली : यह नेत्र में प्रवेश करने वाले प्रकाश की मात्रा को नियंत्रित करती है।
परितारिका : यह एक गहरा पेशीय डायाफ्राम होता है, जो प्रकाश की तीव्रता अनुसार पुतली के साइज़ को नियंत्रित करती है।
क्रिस्टलीय लेंस : यह लेंस विभिन्न दूरियों पर रखी वस्तुओं से आने वाली किरणों को रेटिना पर फोकसित करता है।
पक्ष्माभी पेशियाँ : ये पेशियाँ आँख के लेंस की फोकस दूरी को वस्तु की दूरी अनुसार परिवर्तित करती है, ताकि हर बार वस्तु का प्रतिबिम्ब आँख की रेटिना पर ही बने।
(b) सूर्योदय के समय सूर्य क्षितिज के समीप होता है। क्षितिज के समीप स्थित सूर्य से आने वाला प्रकाश हमारे नेत्रों तक पहुँचने से पहले पृथ्वी के वायुमंडल में वायु की मोटी परतों से होकर गुजरता है। क्षितिज के समीप नीले तथा कम तरंगदैर्घ्य के प्रकाश का अधिकांश भाग वायुमंडल के सूक्ष्म कणों द्वारा प्रकीर्ण हो जाता है। इसलिए हमारे नेत्रों तक पहुँचने वाला प्रकाश अधिक तरंगदैर्ध्य अर्थात् लाल रंग का होता है। इससे सूर्योदय तथा सूर्यास्त के समय सूर्य रक्ताभ प्रतीत होता है।
कोई प्रेक्षक इस परिघटना की प्रेक्षण चंद्रमा पर नहीं कर सकता क्योंकि यह परिघटना सूर्य के प्रकाश की किरणों की वायुमंडल के कणों द्वारा प्रकीर्णन के कारण ही होती है और चंद्रमा पर कोई वायुमंडल नहीं होता।

उत्तर 21-
(a) फ्लेमिंग का वाम हस्त नियम-इस नियमानुसार यदि हम अपने वाम (बांये) हस्त की प्रथम, मध्यमा उँगली तथा अंगूठे को परस्पर लम्बवत खींचें और यदि प्रथम उँगली, चुम्बकीय क्षेत्र की दिशा बताए, मध्यमा उँगली, विद्युत धारा की दिशा को बताए तो अंगूठी, चालक तार पर लगने वाले बल की दिशा को बताता है।
(b) विद्युत मोटर का सिंद्धात-जब एक आयताकार कुण्डली चालक को एक चुम्बकीय क्षेत्र में रखा जाता है और उसमें से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो आयताकार कुण्डली पर इस प्रकार बल लगता है। कि चालक कुण्डली अपने अक्ष पर चक्राकार घूमने लगती है। यह सिद्धांत फ्लेमिंग के वामहस्त नियम पर आधारित है। एक विद्युत मोटर कार्य करने के लिए इस प्रकार वैद्युत ऊर्जा को गतिज ऊर्जा में परिवर्तित करती है।
(c) (i) आर्मेचर-वह नर्म लौह-क्रोड जिस पर कुण्डली को लपेटा जाता है, दोनों मिलकर आर्मेचर कहलाते हैं। इससे विद्युत मोटर की शक्ति अधिक हो जाती है।
(ii) बुश-चालक ब्रुशों द्वारा, बाहरी विद्युत परिपथ से कुण्डली में विद्युत धारों का प्रवाह होता है। 3
(iii) विभक्त वलय-विद्युत मोटर में विभक्त वलय दिक्परिवर्तक का कार्य करता है अर्थात् यह विद्युत परिपथ में विद्युत धारा के प्रवाह को उत्क्रमित (आधे चक्र के बाद, विद्युत धारा की दिशा को बदलता है) करता है।

उत्तर 22-
A, B तथा D परखनलियों के विलयनों के रंगों में परिवर्तन होगा। A परखनली में आयरन सल्फेट विलयन का हरा रंग, रंगहीन हो जायेगा। B परखनली के विलयन का नीला रंग भी रंगहीन हो जायेगा क्योंकि दोनों परखनलियों में एल्युमिनियम सल्फेट बनेगा जिसका विलयन रंगहीन होता है। परखनली D के विलयन का रंग नीले से हरा हो जायेगा, ऐसा उसमें आयरन सल्फेट का विलयन बनने के कारण हुआ है। इनमें से एल्युमिनियम धातु सर्वाधिक अभिक्रियाशील है क्योंकि इसने आयरन तथा कॉपर दोनों धातुओं को उसके विलयनों से विस्थापित कर दिया है।

उत्तर 23-
बेरियम क्लोराइड के विलयन में सोडियम सल्फेट के विलयन को मिलाने पर, बेरियम सल्फेट के सफेद अवक्षेप प्राप्त होते हैं। यह द्विविस्थापन अभिक्रिया है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 23

उत्तर 24-
अस्थाई आरोपण तैयार करने की प्रक्रिया के चरण :
(i) पत्ती के निचले भाग को छिलका निकाल कर उसे पानी में एक पैट्री डिश में रख लें।
(ii) अब एक साफ स्लाइड लेकर उसके मध्य भाग पर ब्रुश की सहायता से पत्ती के छिलके को रखें।
(iii) पत्ती के छिलके पर एक बूंद मेथेलीन ब्लू (नील) की डालें।
(iv) अब पत्ती के छिलके पर एक बूंद ग्लिसरीन की डालें।
(v) अब पत्ती के छिलके पर धीरे-धीरे कवर स्लिप इस प्रकार रखें कि बीच में वायु के बुलबुले न आ सकें।

उत्तर 25-
अमीबा में द्विखण्डन विधि द्वारा जनन होता है।
अमीबा के जनन की प्रक्रिया का क्रमानुसार चित्र-देखें
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 25
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 25.1

उत्तर 26-
दिया है : h1 = +4 cm; u = -30 cm; f = +20 cm
किरण आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 26
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 26.1

उत्तर 27-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 3 27

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CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2

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CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2

Board CBSE
Class X
Subject Science
Sample Paper Set Paper 2
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
  • भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
  • प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
  • प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
  • प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
  • भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।

SECTION A

प्र०1.
जब किसी अम्ल को पानी डालकर तनु किया जाता है तो उसके हाइड्रोनियम आयन (H3O)+ की सान्द्रता पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

प्र०2.
निम्नलिखित खाद्य श्रृंखला में यदि शेर को 100 जूल ऊर्जा प्राप्त थी तो हरे पौधे को कितनी ऊर्जा प्राप्त थी।
हरे पौधे → हिरण → शेर

प्र०3.
(i) वन सरंक्षण तथा
(ii) जंगली प्राणियों के सरंक्षण में प्रत्येक के दो-दो लाभ लिखिए।

प्र०4.
लोहे की बनी वस्तुओं को जंग लगने से बचाने के लिए दो उपाय लिखिए।

प्र०5.
चुबंकीय बल रेखाओं के गुण लिखिए।

प्र०6.
धातुओं तथा अधातुओं के रासायनिक गुणों में भिन्नताएँ लिखिए।

प्र०7.
अमीबा में पोषण प्रक्रिया का वर्णन कीजिए।
अथवा
मनुष्य के हृदय का नामांकित चित्र बनाइए। उत्तर

प्र०8.
प्रतिवर्ती चाप क्या है? किसी गर्म वस्तु को छू लेने पर प्रतिवर्ती क्रिया के लिए, प्रतिवर्ती चाप को नामांकित चित्र बनायें।

प्र०9.
तीन प्रतिरोधक, जिनका प्रत्येक का मान 6 Ω है, आप किस प्रकार जोड़ेंगे कि विद्युत परिपथ में कुल प्रतिरोध का मान
(a) 9Ω
(b) 4Ω हो?

प्र०10.
निम्नलिखित में चुबंकीय क्षेत्र दिखाते हुए चित्र बनाइए :
(i) जब एक वृत्ताकार लूपनुमा चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।
(ii) जब एक परिनलिका में विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है।

प्र०11.
ऐथेनॉल का सरंचना सूत्र लिखिए। क्या होता है, जब ऐथेनॉल को 443K ताप पर सान्द्र H2SO4 अम्ल के साथ गर्म किया जाता है? इस अभिक्रिया का रासायनिक समीकरण लिखिए तथा इसमें सान्द्र H2SO4 अम्ल का क्या कार्य है?
अथवा
एस्टरीकरण तथा साबुनीकरण अभिक्रियाओं में रासायनिक समीकरण द्वारा अंतर स्पष्ट कीजिए। प्रत्येक का एक-एक उपयोग लिखिए :
(a) एस्टर्स
(b) साबुनीकरण विधि।

प्र०12.
Na, Mg तथा Al, आधुनिक आवर्त सारणी के तीसरे आवर्त के तत्व हैं। इनका समूह क्रमशः 1,2 व 13 है। इनमें से,
(a) सबसे अधिक संयोजकता;
(b) सबसे बड़ा परमाणु आकार व
(c) सबसे अधिक रासायनिक क्रियाशीलता, किसकी है? अपने उत्तर के लिए कारण भी लिखिए।

प्र०13.
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ लिखिए? इनमें से कौन-सी विधि पुरुष के लिए उपयोग नहीं की जा सकती? इन विधियों को अपनाने से एक परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर क्या प्रभाव पड़ता है?

प्र०14.
एक लेंस द्वारा वस्तु की सभी स्थितियों के लिए हमेशा सीधा तथा छोटा बनता है। बताये यह लेंस किस प्रकार का है? इसके लिए एक किरण आरेख भी बनायें। यदि इस लेंस की शक्ति 10D है तो इस लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।

प्र०15.
(a) जल जीवन की मूल आवश्यकता है एवं एक महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन है। आपके विज्ञान के अध्यापक चाहते हैं कि आप, ‘महत्त्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधन-जल, इसको कैसे बचाया जाए’, विषय पर एक रचनात्मक आकलन क्रियाकलाप की योजना बनाएं। आप कोई दो ऐसे उपाय बताइए जो कि आपके पड़ोस को ‘पानी को कैसे बचाया जाए’ के लिये जागरूक कर सकें।
(b) एक ऐसा सुझाव दीजिए जिससे भौम जल का स्तर और नीचे न जाए।

प्र०16.
(a) हमारे दैनिक जीवन में pH का क्या महत्त्व है?
(b) साधारण नमक से Cl2 ( क्लोरीन) गैस तथा सोडियम हाइड्रॉक्साइड किस प्रकार बना सकते हैं। इस प्रक्रम को क्या कहते हैं?

प्र०17.
(a) एक तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) का चित्र बनाकर इसका कार्य लिखिए।
(b) पौधों में प्रकाशानुवर्तन कैसे होता है?

प्र०18.
(a) सौर सेल पैनल का वर्णन कीजिए।
(b) एक पवन चक्की के कार्य सिंद्धात के विषय में लिखिए।

प्र०19.
कुछ यौगिकों को हाइड्रोकार्बन क्यों कहते हैं? एल्केन, एल्कीन, एल्काइन श्रेणियों को सामान्य सूत्र लिखिए। प्रत्येक श्रेणी के पहले सदस्य का सरंचना सूत्र भी लिखिए। उस रासायनिक अभिक्रिया का नाम लिखिए जिस द्वारा एल्कीन यौगिकों को एल्केन में बदला जाता है। इस अभिक्रिया का समीकरण भी लिखिए।

प्र०20.
(a) मनुष्य के मादा जनन तंत्र में निम्नलिखित के कार्य लिखिए :
(i) अण्डाशय
(ii) गर्भाशय
(iii) अण्डवाहिका
(b) मनुष्य की मादा में प्लेसेंटा की सरंचना व उसका कार्य लिखिए।

प्र०21.
(a) यदि एक दर्पण द्वारा उसके सामने रखी वस्तु की सभी स्थितियों के लिए उसका प्रतिबिम्ब हमेशा छोटा, सीधा व काल्पनिक बनता है तो वह दर्पण किस प्रकार का है? अपने उत्तर की पुष्टि के लिए एक किरण आरेख बनाइए। इस दर्पण का एक उपयोग भी लिखिए।
(b) किसी गोलीय दर्पण की वक्रता त्रिज्या की परिभाषा लिखिए। उस दर्पण की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए जिसकी वक्रता त्रिज्या +24 सेमी। यह दर्पण किसी प्रकार का है।
अथवा
(a) एक विद्यार्थी जो निकट दृष्टि दोष से पीड़ित है, वह 5 m से दूर रखी वस्तुओं को ठीक प्रकार से नहीं देख पाता है। ऐसे दो कारण लिखिए जिसके कारण उसे यह दृष्टि दोष हुआ है। किरण
आरेखों की सहायता से समझाइए कि :
(i) वह विद्यार्थी 5 m से अधिक दूरी पर रखी वस्तुओं को ठीक प्रकार से क्यों नहीं देख पाता?
(ii) किस प्रकार के लेंस से यह दृष्टि दोष ठीक हो सकता है?
(b) इस दोष में यदि ठीक करने वाले लेंस की फोकस दूरी 5 m है तो इस लेंस की शक्ति चिन्ह परिपाटी अनुसार ज्ञात कीजिए।

SECTION B

प्र०22.
(a) किसी वोल्टमीटर के न्यूनतम माप से तुम क्या समझते हो?
(b) एक वोल्टमीटर में 0 से 0.5V चिन्ह के बीच 20 छोटे भाग अंकित हैं। इस वोल्टमीटर की न्यूनतम माप का मान ज्ञात कीजिए।

प्र०23.
(a) किसी pH पेपर का प्रयोग एक विलयन के pH मान को निकालने में कैसे किया जाता है?
(b) यदि जल का pH मान 7 है तो इसकी तुलना में
(i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड के जलीय विलयन व
(ii) तनु HCl अम्ल का pH मान क्या होगा?

प्र०24.
एक पत्ती की झिल्ली में स्टोमेटो छिद्रों को देखने के लिए, एक अस्थाई स्लाइड के बनाते समय हमें क्या-क्या सावधानियां अपनानी चाहिए?

प्र०25.
प्रयोगशाला में साबुन बनाने के लिए हमें कौन-कौन से रसायनों की आवश्यकता होगी। साबुनीकरण की अभिक्रिया में अभिकारकों के मिश्रण की प्रकृति (अम्लीय अथवा क्षारीय) जानने के लिए हम कौन-सा टेस्ट करेंगे?

प्र०26.
अमीबा में द्विखण्डन विधि द्वारा प्रजनन दिखाने के लिए क्रम से (चार अवस्थाएँ दिखाते हुए) चित्र बनाइए।

प्र०27.
एक विद्यार्थी एक मोमबत्ती की ज्वाला, जो एक उतल लेंस से 2 m की दूरी पर पड़ी है, के प्रतिबिंब को एक परदे पर प्राप्त करता है। लेंस की फोकस दूरी 10 cm है। अब वह मोमबत्ती की ज्वाला को धीरे-धीरे लेंस की तरफ ले जाता है तथा प्रत्येक बारी उसके प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त करता है। अब इनका उत्तर दीजिए :
(a) वह हर बार लेंस को किस तरफ ले जायेगा ताकि प्रतिबिम्ब हर बार पर्दे पर फोकस हो सके।
(b) प्रतिबिम्ब के आकार में क्या परिवर्ततन होता जाता है?
(c) परदे पर प्रतिबिम्ब की चमक का क्या प्रभाव पड़ता है?
(d) जब ज्वाला लेंस के काफी नज़दीक होती है तो परदे पर क्या दिखाई पड़ता है (लगभग लेंस से 2 cm दूरी पर)।

Answers

उत्तर 1-
किसी अम्ल को पानी डालकर तनु करने पर उसके हाइड्रोनियम आयन (H3O)+ की सान्द्रता कम हो जाती है।

उत्तर 2-
10,00,000 जूल (10 लाख जूल)।।

उत्तर 3-

  • वन संरक्षण के लाभ :
    (a) वन सरंक्षण से बाढ़ तथा भूमि कटाव को रोकने में सहायता मिलती है।
    (b) वन सरंक्षण से उस स्थान की ‘जैव विविधता’ भली प्रकार बनी रहती है।
    (c) वन सरंक्षण बाढ़ जैसी भयानक प्राकृतिक आपदा को भी रोकने में सहायक है।
  • जंगली प्राणियों के संरक्षण :
    (a) इनके संरक्षण से पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने में सहायता मिलती है।
    (b) जंगली प्राणियों के संरक्षण से खाद्य श्रृंखलाएँ तथा खाद्य जाल सुरक्षित रहते हैं।

उत्तर 4-
(i) लोहे की वस्तुओं पर पेंट तथा ग्रीस लगाकर।।
(ii) लोहे की वस्तुओं पर गैल्वेनाइजेशन विधि द्वारा जस्ते की परत चढ़ाकर।

उत्तर 5-
(i) ये बल रेखाएँ छड़ चुबंक के N ध्रुव से आरंभ होकर S ध्रुव की ओर जाती हैं।
(ii) कोई भी दो चुबंकीय बल रेखाएँ परस्पर काटती नहीं हैं।
(iii) चुबंक के ध्रुवों के पास ये बल रेखाएँ अधिक संख्या में होती हैं।
(iv) चुबंकीय रेखा के किसी बिन्दु पर उसके साथ खींचा गया अभिलम्ब उस बिन्दु पर चुबंकीय क्षेत्र की दिशा बताता है।

उत्तर 6-
धातुओं तथा अधातुओं के रासायनिक गुणों में भिन्नताएँ : धातु
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 6

उत्तर 7-
अमीबा कोशिकीय सतह से अँगुली जैसे अस्थायी प्रवर्ध की मदद से भोजन ग्रहण करता है। यह प्रवर्ध भोजन के कणों को घेर लेते हैं तथा संगलित होकर खाद्य रिक्तिका बनाते हैं। खाद्य रिक्तिका के अंदर जटिल पदार्थों का विघटन सरल पदार्थों में किया जाता है और वे कोशिकाद्रव्य में विसरित हो जाते हैं। बचा हुआ अपचे पदार्थ कोशिका की सतह की ओर गति करता है तथा शरीर से बाहर निष्कासित कर दिया जाता है।
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 7

उत्तर 8-
प्रतिवर्ती चाप-किसी प्रतिवर्ती क्रिया को पूरा करने के लिए जिस पथ को अपनाया जाता है, उसे प्रतिवर्ती चाप कहते हैं।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 8

हल 9-
R1 = R2 = R3 = 6 Ω
(a) R1 को R2 वे R3 के समान्तर क्रम के साथ श्रेणी क्रम में जोड़ने पर :
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उत्तर 10-
(i)
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 10
(ii)
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 10.1

उत्तर 11-
ऐथेनॉल (C2H5OH) :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 11
जब हम ऐथेनॉल को सान्द्र H2SO4 अम्ल के साथ गर्म करते है तो एथीन गैस बनती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 11.
सान्द्र H2SO4 अम्ल निर्जलीकारक के रूप में कार्य करता है जो निर्मुक्त जल को अवशोषित करता है।
अथवा
एस्टरीकरण ; ऐसी अभिक्रिया में एक ऐल्कोहॉल तथा एक कार्बोक्सिलिक अम्ल के साथ सान्द्र H2SO4 की उपस्थिति में क्रिया करके खुशबूदार एस्टर यौगिक बनता है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 11.1
साबुनीकरण : इस अभिक्रिया में एक एस्टर की क्रिया NaOH क्षार के साथ करवाई जाती है तो अम्ल का एक सोडियम लवणे व ऐल्कोहॉल बनती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 11.2
उपयोग :
(i) एस्टर्स का उपयोग ऑइसक्रीम व पेय पदार्थों को बनाने के लिए किया जाता है।
(ii) साबुनीकरण विधि का उपयोग विभिन्न प्रकार के साबुन बनाने में किया जाता है।

उत्तर 12-
(a) Al धातु की संयोजकता सबसे अधिक है क्योंकि इसके सबसे बाहरी कक्ष में 3 इलेक्ट्रॉन हैं।
(b) Na धातु के परमाणुओं का आकार सबसे बड़ा है क्योंकि एक आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर परमाणु आकार कम होता जाता है।
(c) Na धातु सबसे अधिक क्रियाशील धातु है क्योंकि एक आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर धातुओं की रासायनिक क्रियाशीलता कम होती जाती है।

उत्तर 13-
स्त्रियों में गर्भधारण को रोकने की कोई तीन विधियाँ :
(i) यांत्रिक अवरोध विधि-इस विधि में पुरुष श्श्नि को ढकने वाले कंडोम तथा स्त्रियाँ डायाफ्राम का प्रयोग करती हैं।
(ii) हार्मोन विधि (रासायनिक विधि)-इस विधि में स्त्रियों को गोलियाँ (मौखिक तथा यौनिक) दी जाती हैं जो उनके हार्मोन संतुलन को नियंत्रित करती हैं ताकि वह गर्भधारण न कर सकें।
(iii) शल्य विधि-इस विधि में शल्य चिकित्सा द्वारा पुरुषों की शुक्रवाहिकाओं को अवरुद्ध कर दिया जाता है। जिससे शुक्राणुओं का स्थानांतरण रुक जाता है तथा स्त्रियों की अण्डवाहिनी को बाधित कर दिया जाता है जिसके परिणामस्वरूप अंड गर्भाशय तक नहीं पहुँच पाता।।
हार्मोन विधि का प्रयोग पुरुषों द्वारा नहीं किया जा सकता।
इन विधियों को अपनाने से परिवार के स्वास्थ्य तथा उन्नति पर प्रभाव-गर्भरोधक विधियों को अपना कर एक परिवार बच्चों की संख्या को सीमित कर सकते है जिससे उसकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ हो जाएगी। ऐसे परिवारों में कम बच्चे होने से माता-पिता उनको अच्छी शिक्षा तथा अच्छा पोषण दे पायेंगे जिससे बच्चों का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा। यही नहीं इन विधियों को अपनाने से बढ़ती जनसंख्या जैसी भयानक समस्या पर भी नियंत्रण किया जा सकता है।

उत्तर 14-
यह लेंस एक अवतल लेंस है।।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 14
इसलिए इस लेंस की फोकस दूरी -10 cm है।

उत्तर 15-
(a) ‘पानी को कैसे बचाया जाए’ के लिये जागरूकता लाने वाले दो उपाय :
(i) हम लोगों को पानी को बचाने हेतु कई उपाय सुझा सकते हैं। जैसे नहाने, बर्तन-कपड़े आदि क्रियाएँ सम्पन्न होने के बाद नल को भली प्रकार से बंद कर देना चाहिए तथा नहाने के लिए
शॉवर के स्थान पर बालटी का उपयोग करना चाहिए।
(ii) हम घर-घर जाकर एक अभियान द्वारा लोगों को, पानी का विकट अभाव तथा गर्मियों के मौसम में पानी की कमी के विषय में, जागरूक कर सकते हैं।
(iii) मैं यह सुझाव भी दे सकता हूँ कि अपने मौहल्ले के पार्क में वर्षा ऋतु के दौरान व्यर्थ होने वाले वर्षा जल का संग्रहण किस प्रकार किया जा सकता है ताकि गर्मियों में, जब पानी की
बहुत किल्लत होती है, इस संग्रहित पानी का उपयोग किया जा सके।
(b) भौम जल स्तर और अधिक नीचे ना जाए इसके लिए हम वर्षा जल को अपने क्षेत्र के पार्क अथवा किसी घास के मैदान में बने भूमिगत टैंकों में संग्रहित कर सकते हैं।

उत्तर 16-
(a) दैनिक जीवन में pH का महत्त्व
(i) हमारे शरीर में आमाशय व छोटी आंत में भोजन का पाचन एक विशेष pH मान पर ही होता है। यदि इन अंगों में pH के मान में परिवर्तन हो जाए तो भोजन का पाचन ठीक प्रकार से
नहीं हो पाता है।
(ii) मुख गुहिका में जब pH का मान 5.5 से कम हो जाता है तो दाँतों की ऊपरी परत हटने लगती है तथा दाँत खोखले हो जाते हैं।
(iii) सजीव प्राणी pH मान के बेहद कम परिवर्तन में जीवित रह पाते हैं। जब अम्लीय वर्षा का पानी, पानी के स्रोतों, जैसे तालाब, नहरें, नदियों आदि, में बह जाता है तो यह जलीय जीवन
के लिए अत्यंत घातक सिद्ध होता है। पौधों को भी अपनी स्वस्थ वृद्धि के लिए एक विशेष pH मान की आवश्यकता होती है।
(b) जब सोडियम क्लोराइड के जलीय विलयन से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है तो इसका विद्युत अपघटन हो जाता है और एनोड पर Cl2 गैस प्राप्त होती है तथा विलयन के रूप में सोडियम हाइड्रॉक्साइड, क्षार प्राप्त होता है। इस प्रक्रम को क्लोर-क्षारीय प्रक्रम कहते हैं।
2NaCl (aq) + 2H2O (l) → 2NaOH (aq) + Cl2(g) + H2(g)

उत्तर 17-
(a) तंत्रिका कोशिका (न्यूरॉन) तंत्रिका तंत्र की कार्यात्मक इकाई है।
कार्य-किसी संवेदी ग्राही की सूचना एक तंत्रिका कोशिका के द्रुमकृतिक सिरे द्वारा उपार्जित की जाती है और एक रासायनिक क्रिया द्वारा यह एक विद्युत आवेग पैदा करती है। यह आवेग द्रुमिका से कोशिकाकाय तक जाता है और तब तंत्रिकाक्ष (एक्सॉन) में होता हुआ इसके अंतिम सिरे तक पहुँच जाता है। तंत्रिकाक्ष के अंत में विद्युत आवेग कुछ रसायनों को विमोचन कराता है। ये
रसायन सिनेप्स को पार करते हैं और अगली तंत्रिका कोशिका की दुमिका में इसी तरह को विद्युत आवेग प्रारंभ करते हैं। यह शरीर में तंत्रिका आवेग की मात्रा की सामान्य योजना है। इस तरह का एक अंतग्रर्थन अंततः ऐसे आवेगों को तंत्रिका | कोशिका से अन्य कोशिकाओं, जैसे कि पेशी कोशिकाओं या ग्रंथि तक ले जाया जाता है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 17
(b) पौधों में प्रकाशानुवर्तन-पौधों की प्रकाश की ओर वृद्धि को प्रकाशानुवर्तन कहते हैं। पौधे को तना भाग प्रकाश की ओर वृद्धि व गति करता है तथा इसकी जड़े प्रकाश की विपरीत दिशा में वृद्धि करती है। ऑक्सिन हार्मोन द्वारा इस वृद्धि को नियंत्रित किया जाता है। छाया की तरफ ऑक्सिन अधिक बनता है और प्रकाश की तरफ ऑक्सिन कम बनता है। जिससे छाया की तरफ तने की वृद्धि अधिक होती है तथा प्रकाश की तरफ वृद्धि कम होती है। इस कारण पौधे का तना सामान्यतः प्रकाश की ओर झुका हुआ होता है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 17.1

उत्तर 18-
(a) सौर सेल पैनल-जब काफी संख्या में सौर सेलों को एक साथ विशेष प्रकार के बोर्ड पर लगाकर ऊंचा खड़ा कर देते हैं तो इस व्यवस्था को सौर सेल पैनल कहते हैं। इन सभी सौर सेलों से उत्पन्न विद्युत ऊर्जा काफी अधिक मात्रा में विभवांतर उत्पन्न कर सकते हैं। सौर सेल पैनलों का उपयोग कृत्रिम उपग्रहों में तथा दूर-दराज़ के स्थानों पर विद्युत आपूर्ति के लिए किया जाता है। सौर सेलों को परस्पर संयोजित करके सौर पैनल बनाने में सिल्वर का उपयोग होता है क्योंकि सिल्वर विद्युत का अच्छा चालक है जिसकी प्रतिरोधकता कम है। सिल्वर सौर सेलों की गुणवत्ता में वृद्धि करता है।
(b) पवन चक्की का कार्य सिंद्धात-पवन चक्की एक संयंत्र है जिससे पवन की गतिज ऊर्जा का उपयोग कर विद्युत ऊर्जा बनाई जाती है। पवन की तेज़ गति से पवन चक्की के आँखों को घूर्णन गति दी जाती है। इस घूर्णन गति से जनित्र के टरबाईन को गतिशील किया जाता है। टरबाईन की गतिज ऊर्जा को फिर जनित्र द्वारा विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित किया जाता है। पवन चक्की की पंखुड़ियों की घूर्णी गति का उपयोग कुओं से जल खींचने के लिए, आटे की मिल, पानी के पम्प आदि में भी किया जाता है। जिस विशाल क्षेत्र में बहुत-सी पवन चक्कियाँ लगाई जाती हैं उस क्षेत्र को पवन ऊर्जा फॉर्म कहते हैं।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 18

उत्तर 19-
इन यौगिकों के अणुओं में केवल कार्बन व हाइड्रोजन के ही परमाणु होते हैं इसलिए इन्हें हाइड्रोकार्बन यौगिक कहते हैं।
सामान्य सूत्र :
• एल्केन – CnH2n+2
• एल्कीन – CnH2n
• एल्काइन – CnH2n-2
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 19

उत्तर 20-
(a) (i) अण्डाशय-इसमें मादा जनन कोशिकाएँ बनती है तथा दो प्रकार के हार्मोन स्रावित होते हैं-एस्ट्रोजन तभा प्रोजैस्टरॉन।
(ii) गर्भाशय-मादा अण्डाणु के निषेचन के बाद वह गर्भ में भ्रूण के रूप में विकसित होने लगता है। यह भ्रूण फिर गर्भाशय के प्लेसेंटा पर स्थापित होकर पूर्ण बच्चे में विकसित होता है।
(iii) अण्डवाहिका-इस भाग में नर शुक्राणु द्वारा मादा अण्डाणु का निषेचन होता है तथा निषेचित अण्डाणुओं को गर्भाशय तक अण्डवाहिका द्वारा पहुँचाया जाता है।
(b) प्लेसेंटा की संरचना-यह एक तश्तरीनुमा सरंचना है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। इसमें भ्रूण की तरफ के उत्तक में विशेष प्रकार के प्रवर्ध होते हैं। मां के उत्तकों में रिक्त स्थान होते हैं जो प्रवर्ध को आच्छादित करते हैं।
प्लेसेंटा के कार्य-भ्रूण को ग्लूकोज, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थ प्लेसेंटा से माँ के रक्त द्वारा प्रदान किये जाते हैं। विकासशील भ्रूण द्वारा जो अपशिष्ट पदार्थ उत्पन्न किए जाते हैं उनको प्लेसेंटा के माध्यम से मां के मूत्र द्वारा बाहर निकाल दिया जाता है।

उत्तर 21-
(a) ये दर्पण उतल दर्पण है।
किरण आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 21
इसका उपयोग गाड़ियों में पीछे देखने वाले दर्पण (rear view mirror) के रूप में, एवं दुकानों तथा फैक्टरियों में सुरक्षा दर्पण के रूप में उपयोग किया जाता है।
(b) गोलीय दर्पण का परावर्तक पृष्ठ जिस गोले का भाग है उसकी त्रिज्या दर्पण की वक्रता त्रिज्या कहलाती है। वक्रता त्रिज्या को R से दर्शाते हैं। यह दर्पण के PC दूरी के बराबर होती है। R = 24 cm, f = ?
f = \(\frac { R }{ 2 }\) = \(\frac { 24 }{ 2 }\) = 12 cm
f = +12 cm (+) धन चिन्ह यह दर्शाता दर्पण उतल दर्पण है।
अथवा
(a) निकट दृष्टि दोष के दो कारण :
• उसके नेत्रगोलकों का आकार बढ़ गया है।
• उसकी आंख के लेंस की वक्रता सामान्य लेंस की वक्रता से अधिक हो गई है।
(i) किरण आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 21.1
(ii) इस दोष को दूर करने के लिए अवतल लेंस का उपयोग करना पड़ता है।
निकट दृष्टि दोष के संशोधन के लिए किरण आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 21.2
(b) f = -5 m (अवतल लेंस की । ऋणात्मक होती है); P = ?
P = \(\frac { 1 }{ f }\) = \(\frac { 1 }{ -5 }\) = -0.2D
ठीक करने वाले अवतल लेंस की शक्ति -0.2 D (डायपटर) है।

उत्तर 22-
(a) दो बिंदुओं के बीच किसी वोल्टमीटर द्वारा कम से कम विभवांतर मापने की क्षमता को उसकी न्यूनतम माप कहते है।
(b) दो बिंदुओं के बीच माप = 0.5 – 0.0 = 0.5V
इन दो बिंदुओं के बीच भाग = 20
∴ वोल्टमीटर की न्यूनतम माप = \(\frac { 0.5 }{ 20 }\) = \(\frac { 5 }{ 200 }\) = 0.025 वोल्ट

उत्तर 23-
(a) एक ड्रीपर की सहायता से दिए गए विलयन की एक बूंद pH पेपर की कतरन पर डालने पर जो रंग pH पेपर की कतरन पर प्राप्त होता है उस रंग का pH चार्ट के रंग से मिलान कर के उस विलयन का pH मान ज्ञात किया जाता है।
(b) (i) सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन [NaOH (aq)] का मान pH मान 7 से अधिक होगा क्योंकि सोडियम हाइड्रॉक्साइड क्षारीय प्रकृति का है।।
(ii) तनु HCI विलयन का pH मान 7 से कम होगा क्योंकि तनु HCI अम्लीय प्रकृति का है।

उत्तर 24-
अस्थाई स्लॉइड बनाते समय की जाने वाली सावधानियाँ :
(i) झिल्ली हमेशा ताजी तोड़ी गई पत्ती से लेनी चाहिए।
(ii) झिल्ली को हमेशा स्लाइड के मध्य भाग में रखना चाहिए।
(iii) पत्ती की झिल्ली सूखनी नहीं चाहिए।
(iv) झिल्ली पर कवर स्लिप धीरे-धीरे आराम से रखनी चाहिए ताकि हवा के बुलबुले बीच में न रह जाएं।
(v) स्लाइड को हमेशा किनारे से पकड़ना चाहिए ताकि वह गंदी न हो जाए।

उत्तर 25-
साबुन बनाने के लिए आवश्यक रसायन-कोई एक वनस्पति तेल, सांद्र सोडियम हाइड्रॉक्साइड विलयन वे साधारण नमक।
साबुन बनने के पश्चात् साबुन की पहचान लिटमस पत्र द्वारा की जाती है। साबुन लाल लिटमस पत्र को नीला कर देता है इससे पता चलता है कि साबुन एक क्षारीय पदार्थ है।।

उत्तर 26-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 2 26

उत्तर 27-
(a) वह लेंस को हर बार पर्दे से दूर करता जाएगा।
(b) प्रतिबिम्ब आकार में छोटे से बड़ा होता जाएगा।
(c) प्रतिबिम्ब की चमक फीकी पड़ती जाएगी।
(d) अब परदे पर ज्वाला का प्रतिबिम्ब नहीं बनेगा।

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CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1

Board CBSE
Class X
Subject Science
Sample Paper Set Paper 1
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 1 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
  • भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
  • प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
  • प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
  • प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
  • भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।

SECTION A

प्र०1.
जब बेरियम क्लोराइड का विलयन सोडियम सल्फेट विलयन से अभिक्रिया करता है, इस अभिक्रिया का संतुलित रासायनिक समीकरण उपयुक्त संकेतों के साथ लिखिए।

प्र०2.
पारितन्त्र क्या है?

प्र०3.
एक उत्तल दर्पण के सामने 30 cm दूरी पर एक वस्तु पड़ी है। यदि इस दर्पण की फोकस दूरी 15 cm है तो वस्तु का जो प्रतिबिम्ब प्राप्त होता है उसकी चार विशेषताएँ लिखिए।

प्र०4.
संपोषित प्रबंधन क्या है? पुनः उपयोग, पुनःचक्रण की अपेक्षा क्यों अच्छा है?

प्र०5.
आयनी यौगिकों के मुख्य गुण लिखिए।

प्र०6.
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम लिखिए। इसके बनाने के लिए समीकरण लिखिए। इस यौगिक को सूखे व शुष्क स्थान पर क्यों रखना चाहिए।

प्र०7.
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की सरंचना व कार्यविधि लिखिए।

प्र०8.
जंतुओं में नियंत्रण एवं समन्वय के लिए तंत्रिका तथा हार्मोन क्रियाविधि की तुलना तथा अंतर स्पष्ट कीजिए।

प्र०9.
दो बल्ब, एक 40 वाट का व दूसरा 100 वाट का, 220 वोल्ट के विद्युत परिपथ में समान्तर क्रम में जुड़े
(i) इसके विद्युत परिपथ का चित्र बनाइए।
(ii) विद्युत परिपथ में प्रवाहित विद्युतधारा का मान ज्ञात कीजिए।
(iii) जब दोनों बल्ब एक साथ एक घण्टे के लिए जलाए जाते हैं तो खर्च हुई विद्युत ऊर्जा की गणना कीजिए।
अथवा
दो प्रतिरोधक, जिनका क्रमशः मान 10Ω तथा 15Ω है, को 12 वोल्ट की बैटरी से किस प्रकार जोड़ा। जाए कि हमें :
(i) न्यूनतम विद्युत धारा प्राप्त हो?
(ii) अधिकतम विद्युत धारा प्राप्त हो?
(a) प्रत्येक स्थिति में प्रतिरोधों को जोड़ने का तरीका स्पष्ट कीजिए।
(b) दोनों बार प्रवाहित होने वाली विद्युत धारा भी ज्ञात कीजिए।

प्र०10.
एक तांबे की कुण्डलित तार के साथ गैल्वैनोमीटर को लगाया गया है। क्या होगी यदि एक छड़ चुबंक को
(i) कुण्डलित तार में धकेला जाता है?
(ii) उसे कुण्डली से बाहर निकाला जाता है?
(iii) उसे कुण्डलित तार में स्थिर रखा जाता है?

प्र०11.
निम्नलिखित समीकरणों को पूरा कीजिए :
(i) CH3COOC2H5 + NaOH →
(ii) CH3COOH + NaOH →
(iii) C2H5OH + CH3COOH →सांद्र H2SO4

प्र०12.
आधुनिक आवर्त सारणी में खड़ी पंक्तियों तथा क्षैतिज पंक्तियों को क्या कहते हैं? खड़ी पंक्तियों में ऊपर से नीचे जाने पर धातुओं के धात्विक गुण किस प्रकार बदलते हैं? क्षैतिज पंक्ति में बाएँ से दाएँ जाने पर परमाणु आकार किस प्रकार बदलता है? प्रत्येक उत्तर के लिए कारण भी लिखिए।
अथवा
एक तत्व P ( परमाणु क्रमांक, 20) दूसरे तत्व Q (परमाणु क्रमांक, 17) के साथ एक यौगिक बनाता है। अब निम्नलिखित प्रश्नों का कारण सहित उत्तर लिखिए। P तथा Q तत्व का आवर्त सारणी में स्थान बताइए। P तथा Q के बीच बनने वाले यौगिक का अणु सूत्र लिखिए।

प्र०13.
लैंगिक जनन की मूलभूत आवश्यकता क्या है? प्रकृति में इस जनन का क्या महत्त्व है?

प्र०14.
जैव विकास हुआ है’ इसे निम्नलिखित द्वारा कैसे प्रमाणित किया जा सकता है? प्रत्येक का एक उदाहरण भी दीजिए :
(a) समजात अंग;
(b) समरूप अंग;
(c) जीवाश्म

प्र०15.
जब किसी व्यक्ति की आँख की पक्ष्माभी पेशियाँ कमजोर होने लगती हैं तथा आँख के लेंस को लचीलापन कम होने लगता है तो उस व्यक्ति की आँख के इस दोष को क्या नाम दिया जाता है? इस दोष को ठीक करने के लिए उसे किस प्रकार के लेंस का चश्मा लगाया जाता है, इस लेंस का वर्णन करें।

प्र०16.
एक क्रियाकलाप द्वारा अम्लों की धातु कार्बोनेट तथा धातु हाइड्रोजन कार्बोनेट लवणों के साथ अभिक्रिया दर्शाए।

प्र०17.
मनुष्य में दोहरे रक्त परिसंचरण के विषय में लिखिए।
(a) यह क्यों आवश्यक है?
(b) धमनियों तथा शिराओं में भिन्नताएँ लिखिए।

प्र०18.
सौर कुकर की बनावट, कार्यविधि, उसके लाभ तथा हानियों के विषय में लिखिए।

प्र०19.
साबुन तथा अपमार्जक एक प्रकार के कार्बनिक अम्लों के लवण है। दोनों में क्या अंतर है? साबुन की सफाई करने की विधि लिखिए। कठोर जल के साथ साबुन झाग क्यों नहीं बनाते हैं। अपमार्जकों के उपयोग से होने वाली दो समस्याओं के विषय में लिखिए।

प्र०20.
(a) मनुष्य में उस अंग का नाम लिखिए जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है। उस हार्मोन का नाम लिखिए तथा उसका कार्य भी लिखिए।
(b) स्त्री के जनन तंत्र के उस अंग का नाम लिखिए जहाँ निषेचन होता है।
(c) विकसित होता भ्रूण माता के शरीर से किस प्रकार पोषण प्राप्त करता है? इसका वर्णन कीजिए।

प्र०21.
(a) किरण आरेख बनाने के लिए हमें ऐसी दो किरणों को चुनना है जिनकी दिशा हम दर्पण से। परावर्तन के बाद आसानी से जान सकें। ऐसी दो किरणों को चुनिए तथा अवतल दर्पण से परावर्तन के बाद इनके मार्ग के विषय में लिखिए। अब इन्हीं दो किरणों का प्रयोग करके अवतल दर्पण के सामने, ध्रुव तथा फोकस के बीच बिम्ब रखिए तथा बिंब के प्रतिबिंब को प्राप्त करने
के लिए किरण आरेख बनाइए।
(b) एक अवतल दर्पण अपने सामने रखे बिंब का तीन गुणा बड़ा प्रतिबिम्ब पर्दे पर बनाता है। यदि बिम्ब दर्पण के सामने 20 cm पर रखा है तो बिम्ब व पर्दे के बीच दूरी ज्ञात कीजिए।
अथवा
(a) एक किरण आरेख की सहायता से प्रिज्म के विचलन कोण के विषय में लिखिए।
(b) एक प्रिज्म में से सफेद प्रकाश की किरण गुजरने पर वह सात रंगों के स्पैक्ट्रम में क्यों विभाजित | हो जाती है? व्याख्या कीजिए।
(c) इन्द्रधनुष बनने को दिखाने के लिए एक नामांकित किरण आरेख बनाइए।

SECTION B

प्र०22.
क्या होता है, जब सोडियम सल्फेट का विलयन बेरियम क्लोराइड के विलयन में मिलाया जाता है। इसको संतुलित रासायनिक समीकरण लिखिए। यह अभिक्रिया किस प्रकार की है?

प्र०23.
प्रतिरोधों को श्रेणी क्रम में जोड़ने पर परिणामी प्रतिरोध ज्ञात करने के लिए किए गए प्रयोग में एक विद्यार्थी को क्या-क्या सावधानियाँ अपनानी चाहिए?

प्र०24.
स्लाइड बनाते समय अधिकतर पत्ती की निचली परत से ही झिल्ली क्यों ली जाती है?

प्र०25.
एसिटिक अम्ल को जब एक परखनली में लिये गये सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के पाउडर पर डालते हैं तो तेज़ बुलबुलों के साथ एक गैस निकलती है। इस गैस का नाम लिखिए तथा इस गैस को पहचानने के लिए एक प्रयोग लिखिए।

प्र०26.
उस अलैंगिक प्रजनन का नाम लिखिए जिसमें एक जनक से दो नये जीव बनते हैं तथा इसमें जनक अपनी पहचान खो देता है। इस जनन के पहले चरण को नाम लिखिए। इस प्रकार के जनन की पहली दो अवस्थाओं का चित्र भी बनाइए।

प्र०27.
एक विद्यार्थी एक मोमबत्ती की ज्वाला को एक उतल लेंस से 60 cm की दूरी पर रखता है और उसके प्रतिबिम्ब को परदे पर फोकस करता है। अब वह ज्वाला को धीरे-धीरे लेंस की ओर ले जाता है तथा हर बार प्रतिबिम्ब को परदे पर प्राप्त करता है। इस लेंस की फोकस दूरी 10 cm
(a) वह पर्दे को किस तरफ ले जाता है, लेंस से दूर अथवा लेंस की तरफ।
(b) प्रतिबिम्ब का आकार किस प्रकार बदलता है?
(c) जब वह उस ज्वाला को लेंस की तरफ ले जाता है तो प्रतिबिम्ब की चमक कैसे बदलती है?
(d) लेंस से ज्वाला कितनी दूरी पर रखी होगी जब उसका प्रतिबिंब पर्दे पर उलटा व आकार में बिंब के बराबर बनता है?

Answers

उत्तर 1-
BaCl2 (aq) + Na2SO4(aq) → BaSO4(s)सफेद अवक्षेप + 2 NaCl(aq)

उत्तर 2-
किसी स्थान या विशेष क्षेत्र में पाए जाने वाले जैव समुदाय व अजैव कारकों के बीच संबंध को पारितंत्र कहते

उत्तर 3-
प्रतिबिम्ब की चार विशेषताएँ :
(i) प्रतिबिम्ब सीधा व आभासी होगा।
(ii) प्रतिबिम्ब वस्तु से साइज में छोटा बनता है।
(iii) प्रतिबिम्ब दर्पण के पीछे बनता है।
(iv) प्रतिबिम्ब दर्पण के P व F बिंदुओं के बीच बनता है।

उत्तर 4-
संपोषित प्रबंधन से तात्पर्य है कि प्राकृतिक संसाधनों का इस प्रकार उपयोग हो कि इनके दोहन से वर्तमान आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति एवं विकास को प्रोत्साहित करते हुए, इन संसाधनों को साथ ही साथ भावी संतति के लिए संरक्षित भी करें। पुन:चक्रण में ऊर्जा की कुछ मात्रा खर्च होती है, जबकि पुन:उपयोग में कोई ऊर्जा खर्च नहीं होती है। पदार्थों के पुन:चक्रण से पर्यावरण प्रदूषित होता है जबकि पुनःउपयोग में ऐसा नहीं होता है, इसलिए पुन:चक्रण की तुलना में पुनःउपयोग उत्तम माना जाता है।

उत्तर 5-
(i) आयनी यौगिक ठोस व कठोर होते हैं।
(ii) इन यौगिकों का गलनांक व क्वथनांक उच्च होता है।
(iii) अपनी तरल तथा जलीय अवस्था में यह यौगिक विद्युत धारा के सुचालक होते हैं।
(iv) यह यौगिक जल में घुलनशील होते हैं तथा कार्बनिक विलायकों, जैसे पेट्रोल, मिट्टी के तेल आदि, में अघुलनशील होते हैं।

उत्तर 6-
प्लास्टर ऑफ पेरिस का रासायनिक नाम कैल्सियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट तथा इसका सूत्र CaSO½H20 है।
बनाने के लिए समीकरण :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 6
वायु में नमी की उपस्थिति में प्लास्टर ऑफ पेरिस, कठोर ठोस जिप्सम में बदल जाता है इसलिए इसे शुष्क स्थान पर रखना चाहिए।

उत्तर 7-
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की सरंचना-वृक्काणु, वृक्क (kidney) की कार्यिक इकाई है। यह एक बहुत महीन कुण्डलित नलिका होती है जिसमें एक कप जैसी सरंचना होती है, जिसे बोमेन संपुट कहते है। इस कप में वृक्क धमनी की एक शाखा रक्त लेकर आती है और एक कोशिका गुच्छ बनाती है। अंत में यह नलिका मूत्र लेकर संग्राहक वाहिनी में जा कर खुलती है।
वृक्काणु (नेफ्रॉन) की कार्यविधि (मूत्र बनने की प्रक्रिया)-वृक्क में आधारी निस्पंदन एकक, फुफ्फुस की तरह ही बहुत पतली भित्ति वाली रुधिर कोशिकाओं का गुच्छा होता है। वृक्क में प्रत्येक कोशिका गुच्छ, एक नलिका के कप के आकार के सिरे के भीतर होता है। यह नलिका छने हुए मूत्र को एकत्र करती है। प्रत्येक वृक्क में ऐसे अनेक नियंदन एकक (filtration units) होते हैं जिन्हें वृक्काणु (Nephron) कहते हैं।
प्रारंभिक नियंदन में कुछ पदार्थ, जैसे ग्लूकोज़, अमीनो अम्ल, लवण तथा प्रचुर मात्रा में जल, रह जाते हैं। जैसे-जैसे मूत्र इस नलिका में प्रवाहित होता है, इन पदार्थों का चयनित पुन:अवशोषण हो जाता है। प्रत्येक वृक्क में बनने वाला मूत्र एक लंबी नलिका, मूत्रवाहिनी (ureter) में प्रवेश करता है। जो वृक्क को मूत्राशय से जोड़ती है। मूत्राशय (urinary bladder) में मूत्र एकत्रित होता है, जब तक कि फैले हुए मूत्राशय का दाब मूत्रमार्ग द्वारा उसे बाहर न कर दे।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 7

उत्तर 8-
तंत्रिका कार्यविधि तथा हार्मोन कार्यविधि में अंतर :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 8

उत्तर 9-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 9
अथवा
(i) न्यूनतम विद्युत धारा प्राप्त करने के लिए हमें इन प्रतिरोधकों को श्रेणी क्रम में जोड़ना होगा।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 9.1

उत्तर 10-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 10
(i) जब छड़ चुबंक का N ध्रुव कुण्डली के भीतर जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई दाईं तरफ मुड़ती है।
(ii) जब छड़ चुबंक का N ध्रुव कुण्डली से बाहर निकाला जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई बाईं तरफ मुड़ती है।
(iii) जब चुबंक को कुण्डलित चालक तार में स्थिर रखा जाता है तो गैल्वैनोमीटर की सुई स्थिर रहती है अर्थात् चालक में प्रेरित विद्युत धारा उत्पन्न नहीं होती है।

उत्तर 11-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 11

उत्तर 12-
आधुनिक आवर्त सारणी में :
खड़ी पंक्तियाँ = समूह क्षैतिज पंक्तियाँ = आवर्त
एक समूह में ऊपर से नीचे जाने पर धात्विक गुण अधिक होते जाते हैं क्योंकि ऊपर से नीचे जाने पर एक नया कोश जुड़ जाता है। इससे नाभिक तथा सबसे बाहय कोश के मध्य दूरी बढ़ जाती है। इससे नाभिक को आवेश बढ़ जाने के बाद भी परमाणु का आकार बढ़ जाता है। जिससे बाहरी कोश के इलेक्ट्रॉन आसानी से परमाणु से बाहर निकाले जा सकते हैं।
एक आवर्त में बांये से दांये जाने पर परमाणु आकार कम होता जाता है क्योंकि नाभिक में प्रोटॉन की संख्या बढ़ती जाती है, इसलिए उसी बाहरी कक्ष के इलेक्ट्रॉनों को वे अधिक बल से आकर्षित करते हैं, जिसके कारण परमाणु का आकार छोटा हो जाता है।
अथवा
तत्व P का परमाणु क्रमांक = 20
∴ इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8, 8, 2 है।
यह तत्व P आवर्त 4 तथा समूह 2 पर स्थित है क्योंकि इसमें 4 कक्ष हैं तथा इसके परमाणु के बाहरी कक्ष में 2 इलेक्ट्रॉन हैं।
तत्व Q का परमाणु क्रमांक = 17
∴ इसका इलेक्ट्रॉन विन्यास 2, 8, 7 है।
यह तत्व Q आवर्त 3 तथा समूह 17 पर स्थित है क्योंकि इसके परमाणु में 3 कक्ष हैं तथा इसके बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं।
यौगिक का अणु सूत्र PQ2 है क्योंकि P की संयोजकता 2 तथा Q की संयोजकता 1 है।

उत्तर 13-
लैंगिक जनन की मूलभूत आवश्यकता नर तथा मादा में लैंगिक संभोग करके नुर युग्मक तथा मादा युग्मक का एकीकरण कर अण्डाणु को निषेचित करना है। निषेचित अण्डाणु युग्मनज में बदल कर नये जीव में विकसित होने लगता है।
लैंगिक जनन का महत्त्व-लैंगिक जनन से उत्पन्न हुए जीवों में अधिक विभिन्नताएँ पाई जाती हैं जिसके कारण परिवर्तित होते हुए वातावरण में सफलतापूर्वक जीवन व्यतीत कर पाते हैं। इन विभिन्नताओं के कारण नई प्रजाति के जीवों का विकास संभव हो पाता है। लैंगिक जनन जनसंख्या में विविधता को जन्म देता है जो प्राकृतिक चयन में सहायक होता है।

उत्तर 14-
(a) समजात अंग-वे अंग जिनकी मूल संरचना अलग-अलग जीवों में एक जैसी होती है परन्तु इनका इन जीवों में कार्य भिन्न-भिन्न होता है। उदारहण-मनुष्य की बांहे, घोडे व शेर आदि की अगली टांगे एक-दूसरे के समजात अंग हैं। इनके बुनियादी ढाँचे से पता चलता है कि ये एक ही पूर्वजों से विकसित हुए हैं।
(b) समरुप अंग-वे अंग, जो अलग-अलग जीवों में कार्य तो एक जैसी करते हैं परन्तु उनकी मूल सरंचना एक-दूसरे से भिन्न होती है, समरुप अंग कहलाते हैं। उदारहण-पक्षियों, चमगादड़ों तथा कीटों के पंख समरूप अंग है। इन अंगों के अध्ययन से पता चलता है कि इनमें तो समानता है परंतु इनके डिजाइन और संरचना बहुत अलग है।
(c) जीवाश्मे-लुप्त हुए जीवों के अंगों के कुछ अवशेष अथवा चट्टानों पर पाये जाने वाले उनके अंगों के छाप जीवाश्म कहलाते हैं। जीवाश्मों के अध्ययन से जैव विकास होने के प्रमाण मिलते हैं तथा यह पता चलता है कि सरल जीवों से ही जटिल जीवों का विकास हुआ है। उदाहरण-आर्कियोप्टेरिक्स जीवाश्म के अध्ययन से यह ज्ञात हुआ कि उसमें कुछ गुण सरीसृप वर्ग के तथा कुछ गुण पक्षी वर्ग के विकसित हुए थे। इससे पता चलता है कि पक्षियों का विकास सरीसृपों से हुआ है।

उत्तर 15-
इस दोष को नाम जरादूरदृष्टिता है।
इस दोष को ठीक करने के लिए द्विफोकसी लेंस का उपयोग किया जाता है। इस लेंस के ऊपरी भाग में अवतल लेंस होता है जो कि दूर की वस्तुओं को ठीक से देखने के लिए उपयोग किया जाता है। इस लेंस के नीचे वाले भाग में उतल लेंस होता है जो नज़दीक की वस्तुओं के देखने के लिए उपयोग किया जाता है।

उत्तर 16-
दो परखनलियाँ लेकर इन्हें A तथा B से अंकित कीजिए। परखनली A में 0.5 ग्राम सोडियम कार्बोनेट तथा परखनली B में 0.5 ग्राम सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट डालिए। अब प्रत्येक परखनली में 2 मिली तनु HCl अम्ल डालिए तथा निष्कासित गैस को चूने के पानी से गुज़ार कर उसकी पहचान कीजिए। हम देखेंगे कि दोनों परखनलियों से निकली गैस चूने के पानी को दूधिया कर देती है। इससे पता चलता है कि यह CO2 गैस है अर्थात् कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट यौगिक अम्लों के साथ अभिक्रिया करके CO2 गैस उत्पन्न करते हैं।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 16
यह अभिक्रिया यह दर्शाती है कि अम्लों की कार्बोनेट तथा हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया से लवण, कार्बनडाइऑक्साइड तथा जल बनता है।

उत्तर 17-
दोहरा रक्त परिसंचरण-मनुष्य में रक्त एक बार जब बाकी अंगों में परिवहन करता है तो हृदय में उसी एक चक्र में दोबारा आता है। पहली बार फेफड़ों से ऑक्सीकृत रक्त बाएं आलिंद में तथा दूसरे बार सभी अंगों से अनॉक्सीकृत रक्त दाएं आलिंद में आता है। इसे ही दोहरा रक्त परिसंचरण कहते हैं।
(a) दोहरा रक्त परिसंचरण, ऑक्सीकृत तथा अनॉक्सीकृत रक्त को अलग-अलग करने के लिए आवश्यक है। इससे शरीर को विभिन्न कार्यों को करने के लिए अधिक ऊर्जा प्राप्त होती है।
(b) धमनियाँ तथा शिराओं में अंतर :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 17

उत्तर 18-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 18
सौर कुकर की बनावट-यह एक वर्गाकार बॉक्स की तरह होता है। इसके ढक्कन पर समतल दर्पण लगा होता है। बॉक्स पर एक काँच की शीट लगी होती है। बॉक्स को अंदर एवं बाहर से काले
रंग से पेंट किया जाता है। बॉक्स के ढक्कन को इस प्रकार टेढा खुला रखा जाता है ताकि सूर्य की किरणें समतल दर्पण पर पड़ सके।
सौर कुकर की कार्यविधि-जब सौर किरणें कुकर के समतल दर्पण पर पड़ती हैं तो वे परावर्तित होकर बॉक्स में जाती है। कांच पट्टिका के हरितगृह प्रभाव के कारण बॉक्स के अंदर का तापक्रम
बढ़ जाता है, जिसके कारण उसमे रखा खाना पक जाता है।
सौर कुकर के लाभ :
(i) इससे सौर ऊर्जा द्वारा भोजन आसानी से व सस्ते तरीके से बनाया जा सकता है।
(ii) खाना पकाने के लिए किसी भी प्रकार का ईंधन जलाना नहीं पड़ता। जिससे पर्यावरण प्रदूषित नहीं होता।
(iii) सौर ऊर्जा द्वारा बने भोजन के पौष्टिक तत्व नष्ट नहीं होते।
सौर कुकर की हानियाँ :
(i) सौर ऊर्जा को उपयोग वर्षा के दिनों में तथा रात को नहीं किया जा सकता।
(ii) खाना बनाने के लिए इसका उपयोग घर की छत पर या धूप आने वाले खुले स्थान में करना पड़ता है। बाहर की गर्मी व तपिश की दिशानुसार सौर कुकर की दिशा निरंतर बदलनी पड़ती है।।

उत्तर 19-
साबुन लम्बी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम अथवा पोटेशियम लवण हैं।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 19
अपमार्जक लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के अमोनियम अथवा सल्फोनेट लवण हैं। साबुन की सफाई करने की विधि-अधिकांश मैल तैलीय होती है। तथा तेल पानी में अघुलनशील है। साबुन के अणु लंबी श्रृंखला वाले कार्बोक्सिलिक अम्लों के सोडियम एवं पोटैशियम लवण होते हैं। साबुन का आयनिक भाग जल में घुल जाता है जबकि कार्बन श्रृंखला तेल में घुल जाती है। इस प्रकार साबुन के अणु मिसेली संरचना तैयार करते हैं। जहां अणु का एक सिरा तेल कण की ओर तथा आयनिक सिरा बाहर की ओर होता है। इससे पानी में झाग बनता है। इस प्रकार साबुन का मिसेल (micelle) मैल को पानी में घुलाने में सहायता करता हैं तथा हमारे कपड़े साफ हो जाते है।
साबुन के अणु कठोर जल में उपस्थित Ca2+ तथा Mg2+ आयनों के साथ मिलकर अघुलनशील सफेद अवक्षेप बनाते हैं जो कि वस्तु के साथ चिपक जाते हैं तथा इसलिए उसकी सफाई नहीं हो पाती है।
अपमार्जकों के उपयोग से होने वाली दो समस्याएँ :
(i) अपमार्जक जैव-अनिम्नीकरणीय पदार्थ हैं इसलिए यह जलस्रोतों का प्रदूषण करते हैं।
(ii) अपमार्जक हमारी त्वचा के लिए हानिकारक हैं।

उत्तर 20-
(a) मनुष्य का वह अंग जो शुक्राणु बनाता है तथा एक हार्मोन भी उत्पन्न करता है : वृषण जो हार्मोन उत्पन्न हुआ है : टेस्टेस्ट्रॉन हार्मोन
टेस्टेस्ट्रॉन के कार्य-यह हार्मोन लड़कों में किशोरावस्था में होने वाले शारीरिक परिवर्तनों तथा जनन अंगों के परिवर्तनों को नियंत्रित करता है। जैसे–किशोरों में चेहरे पर दाढ़ी-मूंछों का विकसित होना आदि।
(b) स्त्री के जनन तंत्र का वह अंग जहाँ निषेचन होता है : अण्डवाहिका
(c) गर्भस्थ भ्रूण माँ के रुधिर से अपना पोषण विशेष उत्तकों द्वारा बनी नलिका से प्राप्त करता है जिसे अपरा (प्लैसेन्टा) कहते हैं। यह एक तश्तरीनुमा संरचना होती है जो गर्भाशय की भित्ति में धंसी होती है। प्लेसेन्टा माँ से भ्रूण को ग्लूकोज़, ऑक्सीजन एवं अन्य पदार्थों के स्थानान्तरण हेतु एक बड़ा क्षेत्र प्रदान करता है। विकासशील भ्रूण द्वारा उत्पादित अपशिष्ट पदार्थों को प्लेसेन्टा के माध्यम द्वारा माँ के रुधिर को भेजा जाता है। माँ के रुधिर से ये अपशिष्ट पदार्थ माँ के मूत्र के रूप में शरीर से बाहर निकलते हैं।

उत्तर 21-
(a) दो किरणें हैं :
(i) प्रकाश किरण, जो मुख्य अक्ष के समान्तर जाती है, वह दर्पण से परावर्तित होने के बाद F बिन्दु से होकर गुजरती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 21
अथवा
(a) एक प्रिज्म में से गुजरने वाली आपतित किरण व निर्गत किरण के बीच बनने वाले कोण को विचलन कोण कहते है (दोनों किरणों को बढ़ाने पर यह कोण बनता है।)। PQ = आपतित किरण, RS = निर्गत किरण ∠D = विचलन कोण
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 21.1
(b) प्रिज्म में से गुजरने वाली श्वेत प्रकाश किरण, सात रंगों के स्पेक्ट्रम में इसलिए विभाजित हो जाती है। क्योंकि प्रिज्म में से गुजरते हुए प्रत्येक रंग के किरण की चाल अलग-अलग होती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 21.2
(c) इन्द्रधनुष का बनना-इन्द्रधनुष वायुमंडल में उपस्थित जले की सूक्ष्म बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के परिक्षेपण के कारण बनता है। जल की यह सूक्ष्म बूंदें प्रिज्मों की भांति कार्य करती है।

SECTION B

उत्तर 22-
• इस अभिक्रिया में BaSO4 (बेरियम सल्फेट) के सफेद अवक्षेप बनते हैं।
• Na2SO4 (aq) + BaCl2(aq) →BaSO4 (s) सफेद अवक्षेप + 2NaCl (aq)
• यह एक द्विविस्थापन अभिक्रिया है।

उत्तर 23-
(i) जोड़ने वाली चालक तारों के अंतिम सिरों को खुरदरे (रेतीले) कागज से साफ कर लेना चाहिए।
(ii) तारों के जोड़ों को पूरी तरह से कस लेना चाहिए।
(iii) विद्युत परिपथ को कुंजी के पठन लेते समय ही बंद कीजिए।
(iv) एमीटर तथा वोल्टमीटर की शून्य त्रुटियों को पहले से नोट कर लें।

उत्तर 24-
स्कूल में प्रयोगशाला के आस-पास द्विबीजपत्री पौधे होते हैं। ऐसे पौधों में स्टोमेटा छिद्र पत्ती की निचली परत में होते हैं इसीलिए पत्ती की झिल्ली की स्लॉइड निचली परत से बनाई जाती है।

उत्तर 25-
उत्पन्न होने वाली गैस CO2 है।
जब CO2 गैस को चूने के पानी के में से गुजारते हैं तो वह दूधिया हो जाता है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 25

उत्तर 26-
यह अलैंगिक प्रजनन द्विखण्डन विधि है।
यह प्रजनन क्रिया, कोशिका के केन्द्रक के लंबाई में बढ़ने से, आरंभ होती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 1 26

उत्तर 27-
(a) वह पर्दे को लेंस से दूर ले जायेगा।
(b) प्रतिबिम्ब का आकार बढ़ता जायेगा।
(c) प्रतिबिम्ब की चमक धीमी पड़ती जायेगी।
(d) लेंस से 20 cm (2f) की दूरी पर ज्वाला को रखना होगा।

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CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 is part of CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium . Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4

CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4

Board CBSE
Class X
Subject Science
Sample Paper Set Paper 4
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium is given below with free PDF download solutions.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश :

  • इस प्रश्न पत्र के दो भाग, A व B हैं। आप को दोनों भाग करने हैं।
  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • भाग A के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं तथा भाग B के सभी प्रश्न एक साथ करने हैं।
  • भाग A के प्रश्न सं० 1 व 2 एक अंक के हैं। इनका उत्तर एक शब्द अथवा एक वाक्य में लिखना है।
  • प्रश्न सं० 3 से 5 तक दो अंक के हैं। इनका उत्तर 30 शब्दों में (प्रत्येक प्रश्न के लिए) लिखिए।
  • प्रश्न सं० 6 से 15 तक तीन अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 50 शब्दों में लिखिए।
  • प्रश्न सं० 16 से 21 तक पाँच अंक के हैं। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 70 शब्दों में लिखिए।
  • भाग B के प्रश्न सं० 22 से 27 तक प्रयोगात्मक कौशल पर आधारित हैं। प्रत्येक प्रश्न दो अंक का है।

SECTION A

प्र०1.
एक ऐसे पुष्प का नाम लिखिए जिसमें पुंकेसर व स्त्रीकेसर दोनों भाग पाए जाते हैं।

प्र०2.
पेप्सिन एवं ट्रेप्सिन एंजाइमों के बीच एक अंतर लिखिए। पेप्सिन

प्र०3.
एक तत्व “X” जिसका परमाणु द्रव्यमान 35 है तथा उसके परमाणु में यदि 18 न्यूट्रॉन हों तो उस तत्व “X” की समूह संख्या तथा आवर्त संख्या ज्ञात कीजिए।

प०4.
1.2 m ऊँचाई वाले बिम्ब को एक अवतल दर्पण के सामने रखा है। यदि दर्पण की फोकस दूरी 20 cm है और बिम्ब का प्रतिबिम्ब दर्पण के सामने 60 cm की दूरी पर वास्तविक प्रतिबिम्ब बनता है। ज्ञात कीजिए कि बिम्ब दर्पण के सामने कितनी दूरी पर रखा है? बनने वाले प्रतिबिम्ब की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

प्र०5.
गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के दोहन की क्या आवश्यकता है? कोई दो मुख्य कारण लिखिए।

प्र०6.
उस वैद्युत संयंत्र का नाम लिखिए जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है। इसका एक नामांकित चित्र बनाएं तथा इसकी कार्यविधि का सिद्धांत भी लिखिए।
अथवा
(i) वैद्युत उपकरणों में भूसंपर्क तार को क्या कार्य है?
(ii) विद्युत प्रवाह में लघुपथन का क्या अर्थ है? इसकी व्याख्या कीजिए।
(iii) निम्नलिखित के लिए कितनी मात्रा का फ्यूज़ विद्युत परिपथ में लगाना चाहिए :
(a) बल्ब तथा पंखों के लिए
(b) 2 kW या उससे अधिक शक्ति वाले उपकरणों के लिए?

प्र०7.
एक ऐसे विद्युत परिपथ का आरेख बनाइए जिसमें एक सेल, एक कुंजी, एक ऐमीटर तथा एक 4Ω के प्रतिरोधक के साथ श्रेणी क्रम में, दो 8Ω के प्रतिरोधक जो परस्पर समांतर क्रम में लगे हैं, उसके साथ जुड़े हैं। समांतर क्रम के साथ वोल्टमीटर भी लगा है। ये तीनों प्रतिरोधक, प्रत्येक अधिकतम ऊर्जा लेकर 16Ω की शक्ति को बिना पिघले हुए सह सकते हैं। प्रत्येक प्रतिरोधक में से अधिकतम कितनी विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है, उसकी गणना कीजिए।

प्र०8.
जल के वैद्युत अपघटन में :
(a) केथोड तथा एनोड पर एकत्रित होने वाली गैसों के नाम लिखिए।
(b) एक इलेक्ट्रॉड पर एकत्र होने वाली गैस का आयतन दूसरी गैसों से दोगुना क्यों है?
(c) यदि जल में तनु H2SO4 अम्ल नहीं डालेंगे तो क्या होगा?

प्र०9.
मेन्डेलीफ की आवर्त सारणी तथा आधुनिक आवर्त सारणी में तत्वों को स्थान देने के तरीकों में अंतर स्पष्ट कीजिए।

प्र०10.
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज़ किस प्रकार विघटित होता है, उन विधियों के बारे में लिखिए।
अथवा
धमनियों तथा शिराओं के बीच कोई तीन अंतर लिखिए।

प्र०11.
मेंडल के प्रयोगों से किस प्रकार सिद्ध होता है कि लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं?

प्र०12.
रोहित ने एक उत्तल लेंस का उपयोग करते हुए एक मोमबत्ती की ज्वाला को एक सफेद पर्दे पर फोकसित किया। उसने निम्नलिखित पठनों को अंकित किया :
मोमबत्ती की स्थिति = 26.0 cm
उत्तल लेंस की स्थिति = 50.0 cm
पर्दे की स्थिति = 74.0 cm
अब निम्नलिखित को उत्तर दीजिए :
(i) उत्तल लेंस की फोकस दूरी ज्ञात कीजिए।
(ii) यदि रोहित अब मोमबत्ती को 38 cm पर रखता है तो उसका प्रतिबिम्ब कहाँ पर बनेगा?
(iii) ऊपर की (ii) स्थिति के लिए प्रतिबिम्ब के बनने के लिए किरण आरेख बनाइए।

प्र०13.
“pH का हमारे जीवन में काफी महत्त्व है”, इसका वर्णन तीन उदाहरण देते हुए कीजिए।
अथवा
जिप्सम से एक यौगिक को बनाया जाता है। यह यौगिक पानी की उचित मात्रा को साथ मिलाने पर कठोर हो जाता है। इस यौगिक को पहचानिए एवं इसका रासायनिक सूत्र लिखिए। इसे बनाने के लिए समीकरण लिखिए। इस यौगिक का एक उपयोग भी लिखिए।

प्र०14.
जैव विकास के अध्ययन के लिए जीवाश्मों का ज्ञान क्यों महत्त्वपूर्ण है? उन दो विधियों का वर्णन कीजिए जिनसे जीवाश्मों की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है।

प्र०15.
AIDS के विषय में लोगों को जानकारी देने के लिए हमारी सरकार समय-समय पर पोस्टरों द्वारा, रेडियो कार्यक्रमों द्वारा तथा अन्य प्रकार के विज्ञापनों द्वारा इससे बचने के उपाय तथा उपचार के विषय में बताती रहती है।
(a) AIDS किस प्रकार का रोग है? इस रोग के कारक का नाम लिखिए।
(b) हमारी सरकार ऊपरलिखित कार्यक्रमों द्वारा AIDS के विषय में लोगों में किस प्रकार की जागरूकता विकसित करना चाहती है?

प्र०16.
एक लंबे सीधे चालक तार में विद्युत धारा प्रवाहित होने पर उसके चारों तरफ किस प्रकार का चुंबकीय क्षेत्र उत्पादित होता है, विद्युत परिपथ के नामांकित चित्र द्वारा एक क्रियाकलाप द्वारा इसका वर्णन करें।
(i) उस नियम का नाम लिखिए जो इस प्रकार के विद्युत धारा प्रवाहित चालक में उत्पादित चुंबकीय क्षेत्र की दिशा को बताता है।
(ii) क्या इसी प्रकार का चुंबकीय क्षेत्र तब भी विकसित होगा जबे
(a) एल्फा कणों का एक पतला पुंज गतिशील है तथा
(b) न्यूट्रॉन कणों का एक पतला पुंज गतिशील है?

प्र०17.
यदि आपको गेंद व तीलियों के 6 कार्बन व 14 हाइड्रोजन परमाणुओं वाला मॉडल दिया गया है। साथ में अतिरिक्त तीलियाँ भी दी गई हैं। इनसे आप C6H14 वाले कितने प्रकार के अणुओं को बना सकते है?
अथवा
C3H6O अणुसूत्र वाले दो समावयव यौगिकों के संरचना सूत्र लिखिए। इन दोनों यौगिकों के इलेक्ट्रॉन बिन्दु संरचना सूत्र भी लिखिए।

प्र०18.
(a) (i) मनुष्य के मस्तिष्क का एक साफ़ चित्र बनाइए।
(ii) इस चित्र में मेडुला व अनुमस्तिष्क को नामांकित कीजिए।
(iii) ऊपरलिखित भागों के कार्य भी लिखिए।।
(b) वृद्धि हार्मोन के अधिक उत्पादन तथा कम उत्पादन के कारण हमारे शरीर में किस प्रकार के रोग हो जाते हैं? उनका वर्णन कीजिए।

प्र०19.
नूपुर को अपनी आंख की दृष्टि को ठीक करने के लिए -4.5 D शक्ति के लेंस लगाने की आवश्यकता पड़ती है।
(a) नुपुर को किस प्रकार का दृष्टिदोष है? ।
(b) इस दोष को ठीक करने वाले लेंस की प्रकृति व फोकस दूरी क्या है?
(c) (i) दोष दिखाने के लिए व
(ii) उसके संशोधन के लिए किरण आरेख बनाइए।
(d) इस दृष्टि दोष के दो कारण लिखिए।

प्र०20.
(a) धातुओं की सक्रियता श्रेणी से आप क्या समझते हैं? इस श्रेणी की सहायता से हम विभिन्न धातुओं का परस्पर अधिक या कम् क्रियाशील होने का पता किस प्रकार लगा सकते हैं?
(b) धातुओं की सक्रियता श्रेणी में मध्य भाग में पाई जाने वाली धातुओं को उनके ऑक्साइड अयस्कों से किस प्रकार प्राप्त किया जा सकता है? इसी प्रकार इस श्रेणी में ऊपरी सिरे पर पाई जाने वाली धातुओं को उनके ऑक्साइडों से किस प्रकार प्राप्त कर सकते हैं? प्रत्येक के लिए एक उदाहरण दीजिए।

प्र०21.
(a) “हमारी जीवनशैली की उन्नति के कारण बहुत मात्रा में कचरे का उत्पादन हो रहा है।” इस कथन के पक्ष में दो उदाहरण दीजिए। एक ऐसे परिवर्तन के विषय में लिखिए जो हम अपनी जीवनशैली में अपनायें जिससे अनिम्नीकरण वाले कचरे की मात्रा कम हो सके।
(b) निम्नलिखित जीव एक खाद्य श्रृंखला बनाते हैं :
कीड़ा, बाज, घास, सांप, मेंढक
इनमें से किस जीव में सबसे अधिक मात्रा में अनिम्नीकरणीय रसायन पाए जाएंगे। इस प्रकृम का नाम लिखिए।
अथवा
(a) ‘जले संभर प्रबंधन’ से आप क्या समझते हैं? इसके कोई दो लाभ लिखिए।
(b) “मनुष्य किसी खाद्य श्रृंखला में सबसे अधिक पोषी स्तर पर है।’ इसका हमारे शरीर पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

SECTION B

प्र०22.
आप निम्नलिखित परखनलियों में बारी-बारी से एसिटिक अम्ल की कुछ बूंदें डालने पर क्या प्रेक्षण करेंगे?
(a) फिनॉलफ्थेलीन
(b) सार्वत्रिक सूचक
(c) आसुत जल
(d) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट

प्र०23.
साबुन के घोल से कितनी मात्रा में झाग बनती है, इसके लिए रिया ने दो प्रयोग किए। ये प्रयोग हैं :
प्रयोग I: रिया ने एक परखनली “A” में 10 मिली आसुत जल लिया तथा उसमें 5-6 बूंदें तरल साबुन की डाल कर, उसे अच्छी प्रकार से हिलाया।
प्रयोग II: उसने एक परखनली “A” में 10 मिली आसुत जल लेकर उसमें 5-6 बूंदें तरल साबुन की डालीं तथा उसमें आधा चम्मच CaSO4 डाला तथा परखनली को अच्छी तरह से हिलाया।
अब इन दोनों परखनलियों में आप क्या प्रेक्षण करेंगे, लिखिए।

प्र०24.
एक विद्यार्थी ने यीस्ट में अलैंगिक प्रजनन को दिखाते हुए एक स्थाई स्लाइड को सूक्ष्मदर्शी में देखा। उसने स्लाइड में जो प्रेक्षण देखे, उसे चित्रों द्वारा दिखाएं तथा इस प्रजनन विधि का नाम भी लिखिए।

प्र०25.
श्वसन क्रिया में CO2 गैस उत्पादित होती है, इसके लिए एक विद्यार्थी ने एक प्रयोग किया। इस प्रयोग को करते हुए कौन-कौन सी सावधानियाँ अपनानी चाहिए। कोई दो सावधानियाँ लिखिए।

प्र०26.
एक प्रतिरोधक में प्रवाहित विद्युत धारा I तथा उसके लिए विभावंतर V के मानों को नीचे एक सारणी में दर्शाया गया है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 26
इस आधार पर V तथा I के बीच एक ग्राफ बनाइए तथा उससे प्रतिरोधक का प्रतिरोध ज्ञात कीजिए।
अथवा
ओम के नियम को सत्यापित करने वाले प्रयोग में एक विद्यार्थी ऐमीटर की सुई को 17 के निशान पर पाता है। यदि ऐमीटर में 10 भागों के बीच 0 से 0.5 A का मान हो तो 17 भागों के बराबर विद्युत धारा की मात्रा क्या होगी?

प्र०27.
एक प्रिज्म में से एक प्रकाश की किरण को जाते हुए दिखाने के लिए एक किरण आरेख बनाइए तथा उसमें आपतन कोण व विचलन कोण को नामांकित कीजिए।

Answers

उत्तर 1-
ऐसे पुष्प उभयलिंगी पुष्प कहलाते हैं।
उदाहरण : सरसों के पुष्प, गुड़हल (Hibiscus) के पुष्प आदि।

उत्तर 2-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 2

उत्तर 3-
तत्व X की परमाणु संख्या = (35 – 18) = 17
∴ इसका इलेक्ट्रॉनिक विन्यास = 2, 8, 7
∴ इस तत्व की समूह संख्या 17 है क्योंकि इसके सबसे बाहरी कक्ष में 7 इलेक्ट्रॉन हैं। इसकी आवर्त संख्या 3 है, क्योंकि इसके तीन कक्ष हैं।

उत्तर 4-
h1 = 1.2 m; f = -20 cm (अवतल दर्पण); v = -60 cm;
u = ? h2 = ?
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 4
प्रतिबिम्ब की ऊँचाई -2.4 m है, ऋणात्मक चिन्ह दर्शाता है कि प्रतिबिम्ब वास्तविक व उलटा बना है।।

उत्तर 5-
गैर-परम्परागत ऊर्जा स्रोतों के दोहन के मुख्य कारणः
(i) मनुष्य की जनसंख्या वृद्धि के कारण तथा आधुनिक जीवन शैली के कारण, ऊर्जा की मांग काफी बढ़ती जा रही है।
(ii) जीवाश्म ईंधनों की मात्रा काफी तेज़ी से पृथ्वी पर घटती जा रही है।

उत्तर 6-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 6
जो संयंत्र यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में रूपांतरित करता है वह विद्युत जनित्र (Electric Generator) कहलाता है।
विद्युत जनित्र की कार्यविधि का सिद्धांत-विद्युत जनित्र का कार्य विद्युत चुम्बक प्रेरण पर आधारित है तथा इसे फ्लेमिंग के दक्षिण-हस्त (दाँया हाथ) नियम के आधार पर समझा जा सकता है। जब एक विद्युतरोधी तार को एक चुंबक के चुंबकीय क्षेत्र में घुमाया जाता है तो चुंबकीय क्षेत्र परिवर्तित हो जाता है। इस कारण विद्युतरोधी तार में विद्युत प्रवाह प्रेरित होता है।
अथवा
(i) वैद्युत उपकरणों में भूसंपर्क तार का कार्य- भूसंपर्क तार एक सुरक्षा व्यवस्था है जिसे विद्युत परिपथ में प्रयोग किया जाता है। जब उपकरण में किसी त्रुटि के कारण विद्युत धारा का रिसाव होने लगता है। तो यह तार काफी अधिक मात्रा की विद्युत धारा को भूमि में ले जाती है तथा ऐसे उपकरण को छूने पर हम विद्युत आघात से बच जाते हैं।
(ii) विद्युत प्रवाह में लघुपथन का अर्थ-विद्युत प्रवाह के समय यदि विद्युन्मय तार, उदासीन तार को परिपथ के बीच में ही संपर्क कर ले तो उसे लघुपथन कहते हैं। इससे परिपथ में काफी अधिक मात्रा में विद्युत प्रवाहित होने लगती है जिसके कारण आग भी लग सकती है।
(iii) (a) 5A का।।
(b) 15A को।।

उत्तर 7-
हमें ज्ञात है, P = I²R;
P = 16 वाट
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 7

उत्तर 8-
(a) कैथोड पर हाइड्रोजन H2 व एनोड पर ऑक्सीजन O2 गैस एकत्र होगी।
(b) कैथोड पर हाइड्रोजन गैस का आयतन एनोड पर ऑक्सीजन गैस के आयतन से दोगुना होगा क्योंकि जल (H2O) के अणु में इनका आयतन अनुपात 2:1 होता है। जल में ऑक्सीजन तत्वों के एक भाग की तुलना में हाइड्रोजन तत्वों के दो भाग होते हैं।
(c) यदि जल में तनु H2SO4 अम्ल की थोड़ी-सी मात्रा नहीं डालेंगे तो जल में से विद्युत धारा प्रवाहित नहीं होगी क्योंकि शुद्ध जल विद्युत धारा का कुचालक है। H2SO4 अम्ल की बूंदें डालने पर, हम इसे विद्युत धारा का अच्छा सुचालक बना सकते हैं।

उत्तर 9-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 9
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 9.1

उत्तर 10-
ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में ग्लूकोज़ दो प्रकार से विघटित होता है :
(i) जीवाणुओं तथा यीस्ट फंफूद कोशिका में, ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में, ग्लूकोज़ CO2 गैस तथा एथिल अल्कोहॉल (C2H5OH) में विघटित होता है। इस क्रिया में बहुत कम मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है। क्योंकि यह प्रक्रम वायु ऑक्सीजन की अनुपस्थिति में होता है, इसे अवायवीय श्वसन कहते है।
(ii) हमारी मांसपेशियों में भी ग्लूकोज वायु की अनुपस्थिति में कभी-कभी विघटित होकर लैक्टिक अम्ल के दो अणु बनाता है। इस प्रक्रिया में भी कम मात्रा में ऊर्जा प्राप्त होती है।
अथवा
धमनियों तथा शिराओं के बीच अंतर :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 10

उत्तर 11-
लक्षण प्रभावी अथवा अप्रभावी होते हैं-जब मेंडल ने एक संतति (F1 पीढ़ी) पाने हेतु अलग-अलग लक्षण की प्रवृत्ति वाले एक जैसे पौधों, एक लंबे मटर के पौधे (TT) तथा एक बौने मटर के पौधे (tt), का आपस में संकरण करवाया तो उसने पाया कि सभी F1 पौधे लम्बे थे। इस पीढी का प्रभावी गुण लंबाई था। परंतु जब F1 पीढ़ी के पौधों का स्वनिषेचन कराया तो इसे पीढ़ी में दोनों लक्षण अलग अलग हो गए। F2 पीढ़ी के सभी पौधे लंबे नहीं थे। F2 पीढ़ी के एक-चौथाई पौधे बौने थे। F1 और F2 दोनों पीढ़ियों में लंबाई अभिलक्षण पाया गया अर्थात् यह प्रभावी लक्षण था। वहीं बौनेपन का लक्षण F1 पीढ़ी में दिखाई नहीं देता परंतु यह लक्षण फिर से F2 पीढ़ी में दिखाई दिया अर्थात् यह अप्रभावी लक्षण था।।

उत्तर 12-
(i) लेंस की स्थिति = 50.0 cm;
मोमबत्ती की स्थिति = 26.0 cm
u = (50 – 26) = 24 cm;
u = -24 cm (चिन्ह परिपाटी अनुसार)
पर्दे की स्थिति = 74.0 cm;
v = 74 – 50 = 24 cm
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 12

उत्तर 13-
हमारे जीवन में pH के महत्त्व के लिए तीन उदाहरण :
(i) हमारे पाचन तंत्र का pH : हमारे अमाशय में भोजन अम्लीय माध्यम pH मान 4 से 6 के बीच में पचता है। pH मान इससे कम हो जाए तो अम्लता का रोग हो सकता है।
(ii) जलीय जीव अपने जैविक कार्यों को ठीक प्रकार से तब कर पाते हैं जब जल स्रोतों का pH मान उदासीन (pH मान 6.5 से 7.5 के बीच) होता है। अम्लीय वर्षा के कारण जब जल स्रोतों का pH मान घट जाता है तो जलीय जीवन बुरी तरह से प्रभावित होता है।
(iii) pH परिवर्तन के कारण दंत-क्षय : हमारे दांतों में छेद भी pH के मुख गुहिका में मान के कम होने के कारण होते हैं। दांतों के बीच फंसे हुए रात के भोजन के अवशेषों के साथ मुख में जीवाणु अभिक्रिया करते हैं तथा उसे अम्ल में बदल देते हैं। यह अम्ल दांतों के ऊपरी कठोर चमकीले भाग से क्रिया कर उसे हटाने लगता है। जिसके कारण दांतों में छेद होने लगते हैं। इसके कुप्रभावों से बचने के लिए हमें रात को दांत साफ करके सोना चाहिए। टूथपेस्ट क्षारीय होने के कारण अम्ल के प्रभाव को समाप्त कर देता है।
अथवा
यह यौगिक प्लास्टर ऑफ पेरिस (POP) है।
इसका रासायनिक सूत्र : CaSO4. ½H2O
POP बनाने के लिए समीकरण :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 13
इस यौगिक का एक उपयोग-इस यौगिक का उपयोग घर की दीवारों तथा आंतरिक छतों को सजाने के लिए किया जाता है।

उत्तर 14-
जीवाश्मों के अध्ययन से हमें पता चलता है कि किस प्रकार सरल जीवों से जटिल जीवों का विकास हुआ है। जीवाश्म दो प्रकार के जीवों के समूह के बीच संबंध के लिए जोड़ (link) का कार्य भी करते हैं, अर्थात् बताते हैं कि किस प्रकार एक प्रकार के समूह से दूसरी प्रकार के समूह के जीवों का विकास हुआ है।
दो विधियाँ जिनसे जीवाश्मों की आयु का अनुमान लगाया जा सकता है :
(i) जीवाश्मों की आयु का अनुमान हम समस्थानिकों C-14 की प्रतिशत मात्रा की तुलना द्वारा जीवाश्मों में | उपस्थित इसकी प्रतिशत मात्रा व आजकल के जीवों में इसकी प्रतिशत मात्रा के आधार पर लगा सकते हैं।
(ii) जीवाश्म चट्टानों में कितनी गहराई से प्राप्त हुए हैं, उसे आधार पर भी उनकी आयु का अनुमान लगा सकते हैं। जैसे कि ऊपरी चट्टानों पर पाये जाने वाले जीवाश्मों की आयु गहरी चट्टानों पर पाए जाने वाले जीवाश्मों से कम है।

उत्तर 15-
(a) AIDS एक प्रकार का विषाणुजनित रोग है। इसका कारक HIV विषाणु है। यह लैंगिक संचारित रोग है।
(b) हमारी सरकार ऊपर प्रश्न में लिखे गए कार्यक्रमों द्वारा, AIDS जैसी घातक बीमारी के प्रति जागरूक करना चाहती है। यह रोग यौन क्रियाओं द्वारा अधिक तेज़ी से फैलता है। इस रोग से किस प्रकार बचा जा सकता है, इसके विषय में सरकार समय-समय पर समाचार पत्रों, रेडियो तथा टी०वी० के माध्यम से लोगों को जानकारी देने का प्रयास करती रहती है।

उत्तर 16-
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 16
क्रियाकलाप-एक 12 V की बैटरी, एक परिवती प्रतिरोध (धारा नियंत्रक), 0-5 A परिसर को ऐमीटर, एक प्लग कुजी तथा एक लंबा मोटा सीधा ताँबे का तार लीजिए। एक आयताकार कार्डबोर्ड का टुकड़ा लेकर उसके बीचोंबीच कार्डबोर्ड के तल के अभिलंबवत इस मोटे तार को प्रविष्ट कराइए। यह सावधानी रखिए कि कार्डबोर्ड तार में स्थिर रहे, ऊपर-नीचे हिले-डुले नहीं। चित्र में दिखाए अनुसार ताँबे के तार को उर्ध्वाधरत: बिंदुओं A तथा B के बीच श्रेणीक्रम में बैटरी, ऐमीटर, धारा नियंत्रक तथा प्लग कुंजी से संयोजित कीजिए। तार के चारों ओर कार्डबोर्ड पर कुछ लौह-चूर्ण एकसमान रूप से छितराइए। धारा-नियंत्रक के परिवर्तक को किसी एक नियत स्थिति पर रखिए तथा ऐमीटर में विद्युत धारा का पाठ्यांक नोट कीजिए। कुंजी लगाकर परिपथ बंद कीजिए ताकि ताँबे के तार से विद्युत धारा प्रवाहित हो। यह सुनिश्चित कीजिए कि बिंदुओं A और B के बीच में लगा ताँबे का तार ऊध्र्वाधरतः सीधा रहे। कार्डबोर्ड को हलके से कुछ बार थपथपाइए। लौह-चूर्ण के पैटर्न का प्रेक्षण कीजिए। आप देखेंगे कि लोह-चूर्ण संरेखित होकर तार के चारों ओर संकेंद्री वृत्तों के रूप में व्यवस्थित होकर एक वृत्ताकार पैटर्न बनाता है।
(i) यह नियम दक्षिण-हस्त अंगुष्ठ नियम है।
(ii) • हाँ, इसमें चुंबकीय क्षेत्र उत्पादित होगा क्योंकि एल्फा कणों पर धन आवेश होता है तथा ये गतिशील कण एक प्रकार से विद्युत धारा का प्रवाह कर रहे हैं।
• न्यूट्रॉन कणों के गतिशील पुंज के कारण कोई चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न नहीं होगा क्योंकि इन कणों पर कोई आवेश नहीं होता है।

उत्तर 17-
इनसे हम 5 प्रकार के C6H14 वाले अणु बना सकते हैं क्योंकि C6H14 (हेक्सेन) के 5 समावयव होते हैं।
ये अणु हैं :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 17
अथवा
C3H6O अणुसूत्र वाले दो समावयव
(i) C2H5CHO, प्रोपेनैल और
(ii) CH3COCH3 प्रोपेनोन हैं।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 17.1

उत्तर 18-
(a) (i) & (ii):
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 18
(iii) मेडुला के कार्य-यह पश्चमस्तिष्क का एक भाग है। मेडुला रक्तदाब, लार आना तथा वमन आदि क्रियाओं को नियंत्रित करता है।
अनुमस्तिष्क के कार्य-अनुमस्तिष्क भी पश्चमस्तिष्क का एक भाग है। अनुमस्तिष्क एच्छिक क्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह भाग शरीर की संस्थिति तथा संतुलन के लिए भी उत्तरदायी
(b) वृद्धि हार्मोन शरीर की वृद्धि तथा विकास को नियत्रित करता है। वृद्धि हार्मोन के अधिक उत्पादन के कारण, व्यक्ति काफी लम्बा व दानव रूपी हो जाता है। तथा इस हार्मोन के कम उत्पादन के कारण व्यक्ति बौना रह जाता है।

उत्तर 19-
(a) नुपुर निकटदृष्टि दोष से पीड़ित है।।
(b) P = -4.5D; f= ?; f = \(\frac { 1 }{ p }\)
f = \(\frac { 1 }{ -4.5 }\) = \(\frac { -10 }{ 45 }\) = -0.22 मी०
दोष को ठीक करने वाले लेंस की फोकस दूरी -0.22 m है। (-) चिन्ह दर्शाता है कि यह अवतल लेंस है।
(c) (i) दोष दिखाने के लिए व (ii) उसे ठीक करने के लिए किरण आरेख :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 19
(d) निकटदृष्टि दोष के कारण :
(i) नेत्रगोलकों की लम्बाई बढ़ने के कारण।
(ii) अभिनेत्र लेंस की वक्रता अत्यधिक होने के कारण।

उत्तर 20-
(a) सक्रियता श्रेणी-धातुओं को उनकी घटती हुई क्रियाशीलता के अनुसार एक खड़ी पंक्ति में क्रमबद्ध करने की प्रक्रिया को धातुओं की सक्रियता श्रेणी कहा जाता है।
सक्रियता श्रेणी में जो धातु ऊपर हैं, वह अधिक क्रियाशील हैं, बीच वाली धातु मध्यम क्रियाशील हैं नीचे वाली धातु कम क्रियाशील हैं। कोई भी धातु, अपने से नीचे वाली धातुओं को उनके लवणों के विलयनों से विस्थापित कर सकती है। जो धातु इस श्रेणी में हाइड्रोजन से ऊपर हैं, वे हाइड्रोजन को तनु अम्लों में से तथा जल में से विस्थापित कर सकती हैं।
(b) मध्यम क्रम की धातुओं को उनके ऑक्साइड यौगिकों से दो विधियों द्वारा प्राप्त किया जा सकता हैं :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 20

उत्तर 21-
(a) आधुनिक जीवन में अधिक कचरा उत्पादन होने के दो उदाहरण :
(i) वर्तमान में बहुत अधिक मात्रा में अपघटित पदार्थों, जैसे पॉलीथीन, प्लास्टिक तथा पेपर प्लेट्स, का उपयोग बढ़ गया है।
(ii) कांच की बोतलों तथा टिन के डिब्बों आदि का उपयोग भी बहुत बढ़ गया है।
कचरा, कम करने के सुझाव-हम अनिम्नीकरणीय कचरे का निपटान कम उपयोग, पुन: उपयोग तथा पुनः चक्रण जैसी तकनीकों का प्रयोग करके कर सकते हैं। हमें प्लास्टिक व कांच के डिब्बों को घरों में पुनः प्रयोग करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए ताकि हम इस प्रकार के कचरे की मात्रा में कमी ला सकें। पैकिंग किए जाने वाले पदार्थ पुनः प्रयोग किए जाने वाले पदार्थों से बनाए जाने चाहिएं-जैसे कपड़ा तथा कागज़।
(b) इस खाद्य श्रृंखला का सही क्रम है :
घास → कीड़ा → मेंढक → सांप → बाज
इनमें से बाज में सबसे अधिक मात्रा में अनिम्नीकरणीय रसायन पाए जाएंगे। इस प्रक्रम को जैव आवर्धन कहते हैं।
अथवा
(a) जल संभर प्रबंधन-मिट्टी, भूमि तथा जल स्रोतों को संरक्षण जब वैज्ञानिक पद्धतियाँ अपना करे किया जाए तो इसे जल संभर प्रबंधन कहते हैं।
जल संभर प्रबंधन के दो लाभ :
(i) इससे हम अकाल तथा बाढ़ की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित कर सकते हैं।
(ii) इस प्रबंधन द्वारा स्थानीय समुदाय के लोगों द्वारा बनाए गए उत्पादों का उत्पादन बढ़ेगा जिससे उनकी आय में भी वृद्धि होगी।
(b) मनुष्यों का अपनी खाद्य श्रृंखलाओं में सबसे ऊपर के पोषी स्तर पर पाये जाने के कारण, मानव शरीर में हानिकारक रसायनों की मात्रा जैव-आवर्धन के कारण लगातार बढ़ती जाएगी। जिससे मानव शरीर में कई प्रकार के घातक रोग हो सकते हैं।
सबसे ऊपरी पोषी स्तर पर होने के कारण, मनुष्य को भोजन की ऊर्जा भी काफी कम मात्रा में उपलब्ध हो पाती है (10% ऊर्जा प्रवाह नियमानुसार)।

उत्तर 22-
(a) ऐसिटिक अम्ल फिनॉफ्थेलीन विलयन में रंगहीन का रंगहीन ही रहेगा।
(b) सार्वत्रिक सूचक में इसका रंग संतरी हो जाएगा।
(c) आसुत जल में अम्ल विलय हो जाएगा तथा एक पारदर्शी शुद्ध विलयन बनाएगा।
(d) इसमें से एक रंगहीन गैस CO2 उत्पादित होगी, जो कि चूने के पानी को दूधिया कर देती है।

उत्तर 23-
प्रयोग I में साबुन की झाग की काफी अधिक मात्रा बनेगी।
प्रयोग II में साबुन की झाग काफी कम मात्रा में बनेगी क्योंकि उसमें Ca2+ आयन होने के कारण वह जल कठोर हो जाएगा। कठोर जल में साबुन झाग नहीं बनाता है, परंतु सफेद अघुलनशील झाग बनाता है।

उत्तर 24-
यह विधि अलैंगिक प्रजनन की मुकुलन विधि के नाम से जानी जाती है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 24

उत्तर 25-
दो सावधानियाँ :
(i) उपकरण पूरी तरह से वायुरुद्ध होना चाहिए ताकि उत्पादित CO2 गैस उसमें से बाहर न निकल पाए।
(ii) फ्लास्क में अंकुरित होते हुए (जीवित) बीज लिए जाएं।

उत्तर 26-
ग्राफ से हम V तथा I के मानों को ले सकते हैं :
V = (6.7 – 3.4) = 3.3 वोल्ट
I = (2.0 – 1.0) = 1.0 A
R = \(\frac { V }{ I }\) = \(\frac { 3.3 }{ 1.0 }\) = 3.3Ω
प्रतिरोध = 3.3 Ω
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 26
अथवा
ऐमीटर में 10 भागों के बीच 0 से 0.5 A का मान है।
1 भाग का मान = \(\frac { 0.5-0.0 }{ 10 }\) = 0.05A
ऐमीटर की सुई 17 वें भाग के निशाने पर पाई जाती है।
विद्युत धारा की मात्रा = 0.05 x 17 = 0.85A

उत्तर 27-
काँच के त्रिभुज प्रिज्म से प्रकाश का अपवर्तन :
CBSE Sample Papers for Class 10 Science in Hindi Medium Paper 4 27
PE – आपतित किरण
EF – अपवर्तित किरण
FS – निर्गत किरण
∠A – प्रिज्म कोण
∠i – आपतन कोण
∠r – अपवर्तन कोण
∠e – निर्गत कोण
∠D – विचलन कोण

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4

CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 4

Board CBSE
Class X
Subject Sanskrit
Sample Paper Set Paper 4
Category CBSE Sample Papers

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समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्    10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्    25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (10)
स्वस्थं पर्यावरणं अस्माकं जीवनस्य आधारः अस्ति। पर्यावरणस्य च आधाराः पुष्पिता: पल्लविताः वृक्षाः भवन्ति। प्रत्येक प्राणी श्वसनक्रियायां आक्सीजनवायुं गृह्णाति। कार्बन-डाइऑक्साइड वायुं बहिः विसृजति। वृक्षाणाम् श्वसनक्रिया तु मानवानां विपरीता अस्ति। अतः अनया पर्यावरणं स्वस्थं भवति। वृक्षाः पर्यावरण संतुलितं कुर्वन्ति। ते यथाकालम् मेघानाम् वर्षणे सहायकाः भवन्ति। वृक्षाः भूमेः जलं गृह्णन्ति। अस्य जलस्य किञ्चित् भागं ते उपभुञ्जन्ति। अवशिष्टं जलं वाष्परूपे पत्राणां रन्धेभ्यः बहिः निर्गच्छति। इदं जलं मेघानाम् निमार्णे सहायकं भवति। भूमौ पतितानि तेषां पत्राणि पुष्पाणि च अतिरिक्तं जलं मृदं च व्यर्थं वहनात् अवरुन्धन्ति। इत्थम् ते भूमये पर्याप्यं जलं प्रदाय तस्याः उर्वराशक्तिं वर्धयन्ति। वृक्षाः पुष्पाणाम् फलानाम् औषधीनाम् च आगाराः सन्ति। वृक्षपादपानाम् हरीतिमा तेषां पुष्पाणाम् शोभा, पक्षिणाम् कलरवः च शुष्कहृदयान् अपि रसविभोरान् कुर्वन्ति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) पुष्पिता: वृक्षाः कस्य आधाराः?
(ii) अवशिष्टं जलं कस्मिन् रूपे बहिः निर्गच्छति ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)
(i) भूमौ पतितानि पत्राणि पुष्पाणि च किम् कुर्वन्ति ?
(ii) मनुष्यः किम् गृह्णाति किम् च विसृजति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘स्वस्थं’ इति विशेषणपदस्य विशेष्यपदं अत्र किम् प्रयुक्तम् ?
(क) जलम्
(ख) वृक्षाः
(ग) पर्यावरणम्
(घ) मृदम्

(ii) अत्र ‘तस्याः’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) जलाय
(ख) भूमये
(ग) मेघाय
(घ) वर्षणे

(iii) ‘गृह्णन्ति’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) वृक्षाः
(ख) पत्राणि
(ग) मेघाः
(घ) पर्यावरणम्

(iv) छिद्रेभ्यः’ इति पदस्य कृते गद्यांशे किम् पदं प्रयुक्तम् ?
(क) पत्रेभ्यः
(ख) जलेभ्यः
(ग) रन्ध्रेभ्यः
(घ) औषधिभ्यः

(IV) गद्यांशस्य समुचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम् 

प्रश्न 2:
भवतः मित्रस्य संस्कृतभाषायां रुचिः वर्तते, तस्य उत्कण्ठां शमयितुम् लिखितं इदं पत्रं मञ्जूषायां दत्तैः पदैः पूरयित्वा पुनः उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत – (1/2 × 10 = 5)

49 ग्रेटर कैलाश,
………(1)
तिथिः ……….

प्रिय मित्र ………… (2)
सप्रेम नमोनमः।
अद्य मया ……………….(3) पत्रं प्राप्तम्। संस्कृतविषये तव अभिरुचिं ………………(4) प्रसन्नः जातः । संस्कृतभाषा सर्वासां ……………..(5) जननी अस्ति। पाणिनेः व्याकरणस्य उपयोगः …………..(6) (कम्प्यूटर) अपि अस्ति। अस्याः विशालः शब्दकोषः अद्वितीयः अस्ति। समृद्ध-संस्कृतसाहित्यस्य वैभवं ……………..(7) अस्ति। अधुना वैदेशिकविद्वांसः अपि …………….(8) महत्त्वं स्वीक्रियन्ते। मनोयोगेन त्वं संस्कृतभाषायाः ………………(9) कुरु इति मम निवेदनम्।।
शेषमत्र कुशलम्। शीघ्रं प्रत्युत्तरं प्रेषय।

तव …….(10)
विक्रमः।

मञ्जूषा- संगणकयन्त्रे, ज्ञात्वा, अध्ययनम्, मित्रम्, नवदिल्लीतः, तव, संस्कृतभाषायाः, भाषाणाम्, अभूतपूर्वम्, अरुण।

प्रश्न 3:
इदं चित्रं पश्यत । चित्रम् आधृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया च संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत – (2 × 5 = 10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 9 Q.3
मञ्जूषा
कक्षा, छात्राः, श्यामपट्टः, शाटिका, भित्तौ, अध्यापिका, पुस्तकम्, मानचित्रं, आसन्दिका, दत्तचित्ताः।
अथवा
‘समाचारपत्राणाम् महत्त्वम्’ इति विषयं अधिकृत्य संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत।
मञ्जूषा-मानवजीवने, व्यावहारिकम्, भाषाज्ञानं, बाल्यकालात्, विकासः, जनाः, अवगच्छन्ति, बौद्धिकः, वर्धते, बालसमाचारपत्राणि।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदेषु सन्धिच्छेदम् अथवा सन्धिं कृत्वा लिखत – (4)

  1. पश्य पश्य रमणीयम् भो + अनम्
  2. गुप्तं पापं कम् + टकम् इव पीडयति।
  3. वर्षायाम् वृक्षाः पादपाश्च हरिताः सन्ति।
  4. वसन्ततॊः आगमनेन सर्वे प्रसन्नाः भवन्ति।

प्रश्न 5:
अधोलिखितेषु प्रश्नोत्तरेषु समासं अथवा विग्रहं कृत्वा लिखत – (4)

  1. प्रश्नः- सेवकः कथं निवेदयति ?               उत्तरम्- सविनयम्।
  2. प्रश्नः- छात्रः कुत्र गतः?                          उत्तरम्- ग्रामगतः।
  3. प्रश्नः- एषः कस्य देवालयः?                    उत्तरम्- त्रिशूलं पाणौ यस्य सः।
  4. प्रश्नः- सरोवरे किम् विकसितम् ?            उत्तरम्- नीलोत्पलम्।

प्रश्न 6:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानां “प्रकृतिः प्रत्ययः” च पृथक् पृथक् कृत्वा अथवा संयोज्य उत्तरपुस्तिकायाम् लिख्यताम् – (4)

  1. सः (अर्थ + इन्) अस्ति।
  2. वृद्धाः (पूज् + अनीयर्) भवन्ति।
  3. (सेव् + शानच्) पुत्रः सुखं लभते।
  4. बालानाम् (चपलत्वं) खलु मनोहारी।

प्रश्न 7:
(अ) इमम् आदेशं उचितैः अव्ययपदैः पूरयत। अव्ययानाम् सूची अधः प्रदत्ता – (2)

मा, मृषा, तूष्णीम् , धिक्

(i) दुर्जने दयां ………….. कुरु।
(ii) …………. न वदितव्यम्।
(iii) कक्षायाम्। …………. स्थातव्यम्।
(iv) ……………. असत्यवादिनम्।

(ब) उचितेन अव्ययपदेन रिक्तस्थानानि पूरयत – (2)
(i) यावत् अहं पठामि ……………… त्वम् अपि पठ।
(ii) यत्र तडागः ……………….मीनाः।
(iii) …………….वृष्टिः भवति तदा कृषकाः नन्दन्ति।
(iv) मम मातुलः ह्यः आगतः ………………..गमिष्यति।

प्रश्न 8:
वाच्यं अधिकृत्य द्वयोः मित्रयोः संवादं पूरयत – (3)

  1. वैभवः : सखे! सर्वे जनाः तत्र किं ………………..?
  2. विनयः : ………… तु तत्र समाचारपत्रं दृश्यते । यतः अद्य दशमकक्षायाः परीक्षापरिणामः आगतः।
  3. वैभवः : एवं तर्हि शीघ्रम् चल ………….. अपि परिणामः अवलोक्यते।

प्रश्न 9:
घटिकां दृष्ट्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत यत् रजनीशः कतिवादने किम् करोति ? (2)

  1. सः (2.30) ……………….. विद्यालयात प्रत्यागच्छति।
  2. रजनीशः (3.45) …………………. गृहकार्यं करोति।

प्रश्न 10:
स्थूलपदानां अशुद्धिशोधनम् कृत्वा पुनः लिखत – (4)
एकस्मिन् वने भासुरकः नामम् सिंहः अवसत्। सः सर्वाः पशून् भक्षयति स्म। एकदा पशवः मिलित्वा तस्य समीपे आगच्छत्। ते अकथयन्-भवान् एव मम राजा।

खण्डः ‘घ’–पठित-अवबोधनम्

प्रश्न 11:
(अ) अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (6)
मम कलनस्य तु आधारः सूर्य एव। सूर्यस्य द्वे गती उत्तरायणम् दक्षिणायनञ्च। प्रत्येकम् अयनस्य अवधिः षण्मासाः । भारतीयमासानां नामानि नक्षत्रनामभिः सम्बद्धानि । पूर्णिमायां यत् नक्षत्रं भवति तेनैव नाम्ना तस्य मासस्य नाम भवति । यथा चैत्रेमासे पूर्णिमा चित्रानक्षत्रयुता भवति, अतः तस्य मासस्य नाम ‘चैत्र:’ भवति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) कलनस्य आधारः कः?
(ii) चैत्रमासे का चित्रानक्षत्रयुता भवति ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
केषां नामानि नक्षत्रनामभिः सम्बद्धानि ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) पूर्णिमा’ इति कर्तृपदस्य क्रियापदं किम् ?
(ii) ‘तेन’ इति सर्वनामः अत्र कस्मै प्रयुक्तः ?
(iii) गद्यांशे ‘समयः’ इति अर्थे किम् पदं प्रयुक्तम् ?
(iv) ‘चित्रानक्षत्रयुता पूर्णिमा’ अनयोः पदयो: विशेष्यपदं किम् ?

(आ) अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा प्रश्नाने उत्तरत् – (6)
चञ्चलं हि मनः कृष्ण! प्रमाथि बलवदृढ़म्।
तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम्॥
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) मनसः निग्रहं कस्य इव सुदुष्करम् ?
(it) कस्य निग्रहं सुदुष्करम् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
मनः कीदृशम् अस्ति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘पवनस्य’ इत्यर्थे किं पदं श्लोके प्रयुक्तम् ?
(ii) अस्मिन् श्लोके ‘प्रमाथि’ इति पदम् कस्य पदस्य विशेषणं अस्ति?
(iii) अस्य श्लोकस्य श्रोता कः अस्ति?
(iv) ‘तस्य’ इति सर्वनाम: कस्मै प्रयुक्तः ?

(इ) अधोलिखितं संवादम् पठित्वा एतदाधारितानाम् प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत –
काकः – (प्रविश्य, सक्रोधम्) आः किम् उक्तवती भवती ? यदि अहं कृष्णवर्ण: तर्हि श्रीरामस्य वर्णः कीदृशः ? श्रीवासुदेवस्य वर्णः कीदृशः? मुग्धे! अहं तु अतीव कर्तव्यपरायणः। प्रभाते ‘काका’ ध्वनिना सुप्तान्। प्रबोधयामि कर्मसु च विनियोजयामि।
राजहंसः – हुं! किमनेन ? एतत् कार्यं तु कुक्कुटोऽपि करोति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) एतत् कार्यं कः अपि करोति ?
(ii) कः अतीव कर्तव्यपरायणः अस्ति?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
काकः प्रभाते किं करोति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘कृष्णवर्णः’ इति पदस्य विशेष्यपदं किम् ?
(क) कुक्कुटः
(ख) काकः
(ग) राजहंसः

(ii) ‘यदि अहं कृष्णवर्णः’ अत्र ‘अहं’ सर्वनाम कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) राजहंसाय
(ख) राजहंस्यै
(ग) काकाय

(iii) ‘प्रबोधयामि’ क्रियायाः कर्तृपदं किम् ?
(क) अहं
(ख) त्वं
(ग) काकः

(iv) ‘कार्येषु’ इत्यर्थे अत्र किं पदं प्रयुक्तम् ?
(क) कर्मसु
(ख) सुप्ता
(ग) करोति

प्रश्न 12:
अधोलिखित श्लोकयोः अन्वयं उचितपदक्रमेण सम्पूरयत – (4)
(अ) अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्।
स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते॥
अन्वयः –
यत् वाक्यं (i)………… सत्यं (ii)………….. च; (iii)…………. अभ्यसनं चैव (iv)………… तप उच्यते।

(ब) दास्यामीति प्रतिज्ञाय योऽन्यथा कुरुते मनः।
कार्पण्यानिश्चितमतेः कः स्यात् पापतरस्ततः॥
अन्वयः-
(i)…………. इति प्रतिज्ञाय यः मनः अन्यथा (ii)………….. । (iii)…………. कः पापतरः ततः (iv)…………..।
मञ्जूषा- प्रियहितम्, दास्यामि, कुरुते, अनुद्वेगकरम्, कार्पण्यनिश्चितमतेः, वाङमयम्, स्यात्, स्वाध्याय।

प्रश्न 13:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं कुरुत – (4)

  1. संसारे विवेकी जागर्ति।
  2. विषादं त्यक्त्वा उद्यमः क्रियताम्।
  3. गगनात् उल्काः पतन्ति।
  4. सुखं वै पुण्यकर्मणाम्।

प्रश्न 14:
अधोलिखितासु पंक्तिषु स्थूलाक्षरपदानाम् प्रसङ्गानुसारम् शुद्धम् अर्थम् चित्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत – (4)
I. तस्य क्षितौ प्रलुठतः वह्निज्वालाः समुत्थिताः।
(i) क्षितिजे
(ii) आकाशे
(iii) भूमौ

II. स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाड्मयं तपः उच्यते।
(i) साहित्यम्
(ii) वाचिकम्
(iii) वाक्युक्तम्

III. प्रच्छन्नं यत्कृतं पापम्।
(i) गुप्तम्।
(ii) प्रसन्नम्
(iii) सुप्तम्।

IV. प्रत्येकं अयनस्य अवधिः षण्मासाः।
(i) ऋतोः
(ii) गतेः
(iii) पक्षस्य

उत्तराणि
खण्डः ‘क’- अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
I. (i) पर्यावरणस्य
(ii) वाष्परूपे

II. (i) भूमौ पतितानि पत्राणि पुष्पाणि च अतिरिक्तं जलं मृदं च व्यर्थं वहनात् अवरुन्धन्ति।
(ii) मनुष्यः आक्सीजनवायुं गृह्णाति कार्बनडाइऑक्साइड वायुं बहिः विसृजति।

III. (i) (ग) पर्यावरणं
(ii) (ख) भूमये
(iii) (क) वृक्षाः
(iv) (ग) रन्ध्रेभ्यः

IV. स्वस्थम् पर्यावरणम्; वृक्षाः पर्यावरणस्य आधाराः।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. नवदिल्लीत:
  2. अरुण
  3. तव
  4. ज्ञात्वा
  5. भाषाणाम्
  6. संगणकयन्त्रे
  7. अभूतपूर्वं
  8. संस्कृतभाषायाः
  9. अध्ययनम्
  10. मित्रम्

उत्तर 3:

  1. इदं कक्षायाः चित्रम् अस्ति।
  2. एका अध्यापिका शाटिकां धारयित्वा छात्रान् पाठयति।
  3. छात्रा: रुच्या दत्तचित्तेन पाठं शृण्वन्ति।
  4. भित्तौ एक: श्यामपट्टः अस्ति।
  5. भारतदेशस्य मानचित्रं अपि भित्तौ अस्ति।
  6. निश्चयमेव एतत् अनुशासितकक्षायाः दृश्यं प्रतीयते।

अथवा
(समाचारपत्राणाम महत्त्वम्)

  1. मानव जीवने समाचारपत्राणां महत्त्वं अस्ति।
  2. समाचारपत्राणां पठनेन न केवलं व्यावहारिक ज्ञानं वर्धते, अपितु भाषाज्ञानं अपि वर्धते।
  3. समाचारपत्र पठनेन जनाः देशस्य संसारस्य च अवस्थां अवगच्छन्ति।
  4. समाचारपत्राणि बालकानां मानसिक: बौद्धिकः च विकासं कुर्वन्ति।
  5. अतएव बालाः बाल्यकालात् एवं समाचारपत्राणि पठेयुः।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. भवनम्
  2. कण्टकम्
  3. पादपाः + च
  4. वसन्त + ऋतोः

उत्तर 5:

  1. विनयेन सहितम्
  2. ग्रामम् गतः
  3. त्रिशूलपाणे:
  4. नीलं च तत् उत्पलम्

उत्तर 6:

  1. अर्थी
  2. पूजनीयाः
  3. सेवमानः
  4. चपल + त्व

उत्तर 7:
(अ) (i) मा
(ii) मृषा
(iii) तूष्णीम्
(iv) धिक्

(ब) (i) तावत्
(ii) तत्र
(iii) यदा
(iv) श्वः

उत्तर 8:

  1. पश्यन्ति
  2. जनैः
  3. अस्माभिः

उत्तर 9:

  1. सार्धद्विवादने
  2. पादोनचर्तुवादने

उत्तर 10:

  1. नाम
  2. सर्वान्
  3. अगच्छन्
  4. अस्माकम्

खण्डः ‘घ’–पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) I. (i) सूर्यः
(ii) पूर्णिमा

II. भारतीयमासानां नामानि नक्षत्रनामभिः सम्बद्धानि। .

III. (i) भवति
(ii) नक्षत्राय
(iii) अवधिः
(iv) पूर्णिमा

(आ) I. (i) वायोः
(ii) मनसः

II. मनः चञ्चलं प्रमाथि बलवदृढम् च अस्ति।

III. (i) वायोः
(ii) मनसः
(iii) कृष्णः
(iv) मनसे

(इ) I. (i) कुक्कुटः
(ii) काकः

II. प्रभाते ‘का-का’ ध्वनिना सुप्तान् प्रबोधयति कर्मसु च विनियोजयति।

III. (i) (क) काकः
(ii) (ग) काकाय
(iii) (क) अहम्
(iv) (क) कर्मसु

उत्तर 12:
(अ) (i) अनुद्वेगकरम्
(ii) प्रियहितं
(iii) स्वाध्याय
(iv) वाङ्मयम्

(ब) (i) दास्यामि
(ii) कुरुते
(iii) कार्पण्यनिश्चितमतेः
(iv) स्यात्

उत्तर 13:

  1. कः?
  2. कम्?
  3. का:?
  4. केषाम्?

उत्तर 14:
I. (iii) भूमौ
II. (ii) वाचिकम्
III. (i) गुप्तम्
IV. (ii) गतेः

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 1

CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 1

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 1

Board CBSE
Class X
Subject Sanskrit
Sample Paper Set Paper 1
Category CBSE Sample Papers

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समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्    10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्    25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’- अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदद्वयं पठित्वा तदाधारितान् प्रश्नान् उत्तरपुस्तिकायाम् उत्तरत – (10)
एकदा कश्चन वृद्धः कृषक: मन्दिरम् आगतवान्। ग्रामीणस्य तस्य वस्त्राणि जीर्णानि विच्छिन्नानि च आसन्। सः अतीव निर्धनः आसीत्। तस्य पाश्र्वे स्वल्पं पिष्टम् एकः कम्बलः च आसीत्। मन्दिरस्य पुरतः धनिकाः निर्धनेभ्य: वस्त्राणि, मिष्ठान्नानि, अन्यवस्तूनि च वितरन्ति स्म। तदा एव कश्चन कुष्ठरोगपीडितः मन्दिरात् अनतिदूरे पीडया आर्तनादं करोति स्म। सः चलितुम् अपि न शक्नोति स्म। तस्य सम्पूर्ण शरीरे व्रणाः आसन्। सः बुभुक्षितः आसीत्। परन्तु जनाः तस्य उपरि दृष्टिपातं अपि न कुर्वन्ति स्म। मन्दिरं गच्छन् सः वृद्धकृषक: तं दृष्ट्वा दयार्द्रः भूत्वा तस्य समीपं गतवान्। सर्वप्रथमं तस्य व्रणान् स्वच्छीकृतवान्। ततः तस्मै भोजनार्थं पिष्टं दत्त्वा स्वकीयेन कम्बलेन तस्य शरीरम् आच्छादितवान्। तदनन्तरम् सः मन्दिरं गतवान्। सत्यमुक्तम्-परोपकारार्थमिदं शरीरम्।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. कुष्ठरोगपीडितस्य शरीरे के आसन् ?
  2. कः दयार्द्रः अभवत् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)

  1. वृद्धकृषकस्य पाश्र्वे किम् आसीत् ?
  2. मन्दिरस्य पुरतः धनिकाः किम् कुर्वन्ति स्म?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. अस्मिन् गद्यांशे ‘वस्त्राणि’ इति पदस्य किम् विशेषणपदं प्रयुक्तम् ?
(क) अन्यवस्तूनि
(ख) जीर्णानि
(ग) मिष्ठान्नानि
(घ) स्वकीयेन

2. तस्मै’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) कृषकाय
(ख) निर्धनाय
(ग) कुष्ठरोगपीडिताय
(घ) धनिकाय

3. ‘कुर्वन्ति स्म’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) जनाः
(ख) व्रणाः
(ग) धनिकाः
(घ) निर्धनाः

4. ‘पृष्ठतः’ इति अव्ययपदस्य किम् विपर्ययः अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) पाश्र्वे
(ख) कश्चन
(ग) पुरतः
(घ) तदनन्तरम्।

(IV) अस्य गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मकं कार्यम्

प्रश्न 2:
पितुः परीक्षाविषयकं जिज्ञासां शमयितुम् पितरं प्रति लिखितं पत्रं मञ्जूषातः उचितपदान् विचित्य रिक्तस्थानानि पूरयत। (1/2 × 10 = 5)

माडलविद्यालय छात्रावासः
(1) ………..
तिथिः …………..

पूज्य (2) …………….!
(3) ………….. !
अद्यैव मया भवदीयं (4) ………. प्राप्तम्। भवतः मम (5) ………… अतीव जिज्ञासा प्रतीयते । निरंतरम् अभ्यासेन सर्वेषाम् प्रश्नपत्राणाम् उत्तराणि सम्यक् रूपेण दत्तानि। (6) …………. आशीर्वादेन न केवलं प्रथमश्रेण्याम् (7) …………. भविष्यामि (8) ……………. अपि प्रथमं (9) ……………… लप्स्ये।
मातृचरणयोः सादरं नमस्कारम् !

(10) …………. पुत्रः
अनुजः।

मञ्जूषा- पत्रम्, सफलः, पितृमहोदय !, स्थानम्, कक्षायाम्, सादरं प्रणामाः, भवदाज्ञाकारी, परीक्षा-विषये, भवताम्, दिल्लीतः।

प्रश्न 3:
चित्रम् आधृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया संस्कृते पञ्चवाक्यानि उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत- (10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 6 Q.3
मञ्जूषा – मञ्चे, मृगराजः सिंहः, पशवः, शाखायाम्, जन्तुसभा, शुकः, ध्यानेन, मुकुटम्, अधः।

अथवा

‘मम मित्रम्’ इति विषयं अधिकृत्य मञ्जूषायाः सहायतया पञ्चवाक्यानि संस्कृते लिखत।
मजूषा – अनेके गुणाः, अनुशासनप्रियः, उदारः, सत्यवादी, गर्वम्, प्रथमंस्थानं, निपुणः,विश्वसनीयः, आदरम्, विनम्रः।

खण्डः’ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदेषु सन्धिविच्छेदम् अथवा सन्धिं कृत्वा पुनः लिखत – (4)

  1. अस्य नाटकस्य नायकः कः अस्ति ?
  2. वृक्षैः वातावरणं स्वच्छं भवति।
  3. विद्यालये बालाः + नमन्ति।
  4. गुरुः + ब्रह्मा अस्ति।

प्रश्न 5:
निम्नलिखित प्रश्नानाम् उत्तराणि तदधस्ताद् दत्तानि। एतेषु उत्तरेषु समासम् अथवा विग्रहं कृत्वा पुनः लिखत – (4)

  1. प्रश्नः – कान् दृष्ट्वा मयूराः नृत्यन्ति ?                                               उत्तरम् – कृष्णान् मेघान्।
  2. प्रश्नः – सः अहम् कौ वन्दे?                                                          उत्तरम् – सूर्यदर्शनम्
  3. प्रश्नः – अहम् कौ वन्दे?                                                               उत्तरम् – मातापितरौ।
  4. प्रश्नः – हरिद्वार: कुत्र अस्ति?                                                         उत्तरम् – गङ्गायाः समीपम्।

प्रश्न 6:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानां “प्रकृतिः प्रत्ययः” च पृथक्-पृथक् कृत्वा अथवा संयोज्य पुनः लिख्यताम् – (4)

  1. एतौ बालकौ (विवदमानौ) आगच्छतः।
  2. स्वाध्यायः अस्माकं (दिन + ठक्) कर्तव्यः।
  3. नृपेण प्रजा ( पाल् + अनीयर् )।
  4. (बाल + टाप्) बालाभिः सह क्रीडति।

प्रश्न 7:
(अ) मञ्जूषायाम् दत्तैः अव्ययपदैः अधोलिखितम् अनुच्छेदं पूरयित्वा पुनः लिखत – (2)
नूनम्, कुत्रापि, बहिः, सहसा।
रात्रौ द्वादशवादनवेलायाम् …………………. कोलाहलः अभवत्। अहम् गृहात्। ………. कस्यापि गृहे चौरकार्यं अभवत्। चौरः तु …………… न दृष्टः।

(ब) उचितेन अव्ययपदेन रिक्तस्थानानि पूरयित्वा लिखत – (2)

  1. ह्यः सोमवासरः आसीत्। ….. बुधवासरः भविष्यति।
  2. यदा सूर्यः उदेति ……………. तमः नश्यति।
  3. ………………. क्रिकेटक्रीड़ा वर्तते तत्र दर्शकाः सन्ति।
  4. …………………. स्थास्यन्ति गिरयः तावत् रामायणीकथा प्रचारिष्यति।

प्रश्न 8:
अधोलिखितं संवादं वाच्यानुसारं पूरयित्वा पुनः लिखत – (3)
देवेन्द्रः    –      मित्र! पश्य, पश्य। कृषकाः क्षेत्रे किं …………..?
सुरेन्द्रः    –      …………… तु क्षेत्रे बीजानि उप्यन्ते।
देवेन्द्रः    –     आम्! कृषकाः एव अन्नानि उत्पाद्य अस्मान् …………….।
सुरेन्द्रः    –     सत्यम् ! कृषकैः एव वयं पालयामहे।

प्रश्न 9:
घटिकां दृष्ट्वा लिखत यत् रामः कतिवादने किम् करोति ? (2)

  1. रामः (9.45) ……………. दुग्धं पिबति ।
  2. रामः (5.15) ………… क्रीडति।

प्रश्न 10:
अधोलिखिते अनुच्छेदे काश्चन अशुद्धयः सन्ति। स्थूलपदानां संशोधनं कृत्वा वाक्यानि पुनः लिखत – (4)

  1. यूयम् सदैव सत्यम् मधुरम् च वद।
  2. असत्यभाषणे बहवः दोषानि सन्ति।
  3. सत्यवादिनः सदैव भयरहितः तिष्ठन्ति।
  4. अधुना सत्यस्य महती आवश्यकता वर्तन्ते।

खण्डः ‘घ’-पठित-अवबोधनम्

प्रश्न 11:
अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत – (6)
(अ) एतत् कुण्डम् तु लोहितनद्याः किञ्चिद्-दूरे अस्ति। पूर्वम् इदं ब्रह्मकुण्डम् आसीत्। इदं लोहितनद्याः उद्गमस्थलम् इति मन्यते। अत्र अनेकानि अन्यानि दर्शनीयानि स्थलानि अपि सन्ति। अस्माकं पर्यटन विभागेन प्रकाशिताम् केषाञ्चित् प्रसिद्धस्थलानां सूचीं पठित्वा ज्ञायताम् इमानि पर्यटनस्थलानि।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. अत्र अनेकानि कीदृशानि स्थलानि सन्ति ?
  2. इदं कस्याः उद्गमस्थलम् मन्यते ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
अरुणाचलप्रदेशस्य पर्यटनस्थलानि कथं ज्ञायते ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)

  1. ‘इदं’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
  2. गद्यांशे ‘नातिदूरे’ इति पदस्य कः पर्यायः प्रयुक्तः?
  3. आसीत् क्रियापदस्य कर्तृपदम् किम् ?
  4. गद्यांशे ‘सूचीम्’ इति पदस्य विशेषणपदं किम् ?

(आ) प्रकृतेः इमं संवादं पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (6)
प्रकृतिः- (सस्नेहम्) अलम् अलं मिथः कलहेन। अहम् प्रकृतिः एव युष्माकं जननी। यूयं सर्वे एव मम प्रियाः। सर्वेषामेव महत्त्वं विद्यते यथासमयम्। सर्वे एव में शोभा। न तावत् कलहेन समयं वृथा यापयेत । मिलित्वा एव मोदध्वं जीवनं च रसमयं कुरुध्वम्। सर्वे मिलित्वा गायन्ति –

अधुना रमणीया हि सृष्टिरेषा जगत्पतेः।
जीवाः सर्वेऽत्र मोदन्तो भावयन्तः परस्परम्॥

(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. केन समयः वृथा ने यापयितव्यः ?
  2. का सर्वेषाम् जननी ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
सर्वे मिलित्वा किं गायन्ति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
1. अस्मिन संवादे ‘मम’ इति पदम् कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) जनन्ये
(ख) प्रकृत्ये
(ग) शोभायै

2. अत्र ‘गायन्ति’ क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) खगाः
(ख) वृक्षाः
(ग) सर्वे

3. अत्र ‘ईश्वरस्य कृते’ किम् पर्यायपदं प्रयुक्तम् ?
(क) जीवस्य
(ख) जगत्पतेः
(ग) प्रकृतेः

4. अत्र ‘रमणीया’ इति विशेषणपदस्य विशेष्य पदं किम्?
(क) सृष्टिः
(ख) प्रकृतिः
(ग) जीवाः

(इ) अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत –

विद्वांस एव लोकेऽस्मिन् चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिता।
अन्येषां वदने ये तु ते चक्षुर्नामनी मते।।

(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)

  1. लोकेऽस्मिन् के चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिताः?
  2. अन्येषां वदने के नामनी मते ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
अस्मिन् लोके विद्वांसः कीदृशाः प्रकीर्तिताः?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)

  1. ‘लोकेऽस्मिन् अत्र विशेष्यपदं किम् ?
  2. ‘मुखे’ अस्य पर्यायवाचिपदं श्लोकात् चित्वा लिखत।
  3. मूर्खाः’ अस्य विलोमपदं पद्यात् विचित्य लिखत।
  4. ‘ते चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिताः’ अत्र क्रियापदं किम् ?

प्रश्न 12:
अधोलिखितश्लोकयोः अन्वयम् उचितपदक्रमेण लिखत – (4)
(अ) ध्यायतः विषयान् पुंसः संगस्तेषूपजायते।
सङ्गात्सञ्जायते कामः कामाक्रोधोऽभिजायते॥
अन्वयः – विषयान् ध्यायतः (1)………… तेषु संगः (2)………….। सङ्गात् (3)………… सञ्जायते, (4)…………… क्रोधः अभिजायते।

(ब) अवक्रता यथा चित्ते तथा वाचि भवेद् यदि।
तदेवाहुः महात्मानः समत्वमिति तथ्यतः॥
अन्वयः – यथा (1)……………… अवक्रता तथा यदि (2)……………… भवेत्। (3)……………….. तथ्यतः तदेव (4) ………………… इति आहुः।
मञ्जूषा – उपजायते, वाचि, चित्ते, पुंसः, कामः, समत्वम्, कामात्, महात्मानः।

प्रश्न 13:
अधोलिखितकथनेषु स्थूलाक्षरपदानि आधृत्य उदाहरणानुसार प्रश्ननिर्माणं क्रियताम् – (4)

  1. पतितात् कलशात् विषधरः निर्गतः।
  2. दानशालासु विचरन् सः राजा अचिन्तयत्।
  3. सः तु एकाकी एव द्रोणपुत्राय अलम्।
  4. मैत्री सुखदा भवति।

प्रश्न 14:
उदाहरणं अनुसृत्य प्रसङ्गानुसारम् शुद्धम् अर्थम् चित्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत – (4)
I. अपूर्वः कोऽपि कोशोऽयम्।
(i) न पूर्वे
(ii) अद्वितीयः
(iii) पर्वहीनम्

II. परमहम् अखण्ड: शाश्वत: विभुः च।
(i) अध्यापकः
(ii) संस्थापकः
(iii) व्यापकः

III. पापकर्मणा द्रौणिना मे पुत्राः ……..।
(i) द्रोणाचार्येण
(ii) द्रोणपुत्रेण
(iii) द्रोणशिष्येन

IV. किं विषम् ? अवधीरणा गुरुषु।
(i) तिरस्कारः
(ii) अवधारणा
(iii) सधैर्येण

उत्तराणि
खण्डः ‘क’- अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
I.

  1. व्रणाः
  2. कृषक:

II.

  1. वृद्धकृषकस्य पावें स्वल्पं पिष्टम् एकः कम्बलः च आसीत्।
  2. मन्दिरस्य पुरतः धनिकाः निर्धनेभ्यः वस्त्राणि, मिष्ठान्नानि, अन्यवस्तूनि च वितरन्ति स्म।

III.

  1. (ख) जीर्णानि
  2. (ग) कुष्ठरोगपीडिताये
  3. (क) जनाः
  4. (ग) पुरतः

IV. परोपकारार्थमिदं शरीरम्।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. दिल्लीतः
  2. पितृमहोदय!
  3. सादरं प्रणामाः
  4. पत्रम्
  5. परीक्षा-विषये
  6. भवताम्
  7. सफलः
  8. कक्षायाम्।
  9. स्थानम्
  10. भवदाज्ञाकारी

उत्तर 3:

  1. इदं वटवृक्षस्य अधः जन्तुसभायाः दृश्यं अस्ति।
  2. मञ्चे मृगराजः सिंहः मुकुटं धारयित्वा उपविशति।
  3. सः सर्वान् पशून् सम्बोधयति।
  4. पशवः ध्यानेन तस्य वार्ता शृण्वन्ति।
  5. वृक्षस्य शाखायाम् शुकः अपि तिष्ठति।

अथवा
(मम मित्रम्)

  1. राकेशः मम मित्रम् अस्ति।
  2. तस्मिन् अनेके गुणाः सन्ति।
  3. सः उदारः सत्यवादी, विश्वासयोगयः, कार्यकुशलः च अस्ति।
  4. सः पठने अपि सर्वप्रथमं स्थानं लभते, खेलने अपि अतिनिपुणः।
  5. अहम् स्वमित्रे गर्वं करोमि।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. नै + अकः
  2. स्व+ छम्
  3. बाला नमन्ति
  4. गुरुर्ब्रह्मा

उत्तर 5:

  1. कृष्णमेघान्
  2. सूर्यस्य दर्शनम्
  3. माता च पिता च
  4. उपगङ्गम्

उत्तर 6:

  1. वि+ वद्+ शानच्
  2. दैनिकः
  3. पालनीया
  4. बाला

उत्तर 7:
(अ) सहसा; बहिः ; नूनम्; कुत्रापि।
(ब) श्वः; तदा; यत्र; यावत् ।

उत्तर 8:

  1. वपन्ति
  2. कृषकैः
  3. पालयन्ति

उत्तर 9:

  1. पादोनदशवादने
  2. सपादपञ्चवादने

उत्तर 10:

  1. वदत
  2. दोषाः
  3. भयरहिताः
  4. वर्तते

खण्डः ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) I.

  1. दर्शनीयानि
  2. लोहितनद्याः

II. पर्यटनविभागेन प्रकाशिताम् प्रसिद्धस्थलानां सूचीं पठित्वा इमानि पर्यटनस्थलानि ज्ञायते।

III.

  1. कुण्डाय
  2. किञ्चिद्-दूरे
  3. ब्रह्मकुण्डम्
  4. प्रकाशिताम्

(आ) I.

  1. कलहेन
  2. प्रकृतिः

II. सर्वे मिलित्वा गायन्ति –

  1. अधुना रमणीया हि सृष्टिरेषा जगत्पतेः।
  2. जीवाः सर्वेऽत्र मोदन्तो भावयन्तः परस्परम्।

III.

  1. (ख) प्रकृत्ये
  2. (ग) सर्वे
  3. (ख) जगत्पतेः
  4. (क) सृष्टिः

(इ) I.

  1. विद्वांसः
  2. चक्षु

II. अस्मिन् लोके विद्वांसः चक्षुष्मन्तः प्रकीर्तिता।

III.

  1. लोके
  2. वदने
  3. विद्वांसः
  4. प्रकीर्तिताः

उत्तर 12:
(अ)

  1. पुंसः
  2. उपजायते
  3. कामः
  4. कामात्

(ब)

  1. चित्ते
  2. वाचि
  3. महात्मानः
  4. समत्वम्

उत्तर 13:

  1. कः?
  2. कुत्र?
  3. कस्मै?
  4. कीदृशी?

उत्तर 14:
I. (ii) अद्वितीयः
II. (iii) व्यापकः
III. (ii) द्रोणपुत्रेण
IV. (i) तिरस्कार:

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 3

CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 3

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CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 3

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समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्    10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्    25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम्-अनुच्छेदं पठित्वा अनुच्छेदाधारितान् प्रश्नान् उत्तरपुस्तिकायाम् उत्तरत – (10)
आदिमानवकाले कस्याञ्चित् गुहायां कश्चन अस्वस्थचित्तः मानवः इतस्ततः चलन् आसीत्। पाश्र्वे हस्तौ निबध्य सः चिन्तयन् आसीत् – ‘का नाम शक्तिः एतस्य जगतः सञ्चालनं करोति, प्रकाशं जनयति, ध्वनि निर्माति, गन्धान् सृजति प्रसारयति च? इति। सः मानवः एतेषां प्रश्नानाम् उत्तरं प्राप्तुम् न शक्तः। अहं उच्चतमं स्थानं गत्वा पश्यामि चेत् कदाचित् तस्याः शक्तेः दर्शनं भवेत्’ इति चिन्तयित्वा सः एकम् उन्नतम् गिरिशिखरं गच्छति। तत्र निष्कम्पम् उपविशति। अयं मानवः नेत्रे निमीलयति। सुदीर्घ श्वसनं करोति। तदा अकस्मात् आकाशे मेघः गर्जति। घनगर्जितं पर्वतपृष्ठे पतति, परावर्तते च। प्रतिध्वनिः अधः गच्छति, प्रत्यावर्तते। ऊर्ध्वं गच्छन् सः ध्वनिः क्षीयते । एवं भवति आविष्कारः आदिमस्वरस्य ‘ॐ कारस्य । सहजतया सः मानवः ॐकारनादस्य अनुकरणं करोति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) सः मानवः कथम् उपविशति ?
(ii) गुहायां कीदृशः मानवः चलन् आसीत् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)
(i) हस्तौ निबध्य मानवः किम् चिन्तयन् आसीत् ?
(ii) किम् चिन्तयित्वा सः गिरिशिखरं गच्छति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘उन्नतं’ कस्य विशेष्यपदस्य विशेषणम् अस्ति?
(ii) ‘सहसा’ इति अव्ययपदस्य कृते गद्यांशे किम् अव्ययपदम् ?
(iii) ‘क्षीयते’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(iv) ‘अहम्’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?

(IV) अस्य गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मकं कार्यम्

प्रश्न 2:
स्वाणुजाय समयस्य सदुपयोगाय लिखितं इदं पत्रं मञ्जूषायां दत्तैः पदैः पूरयित्वा उत्तर-पुस्तिकायाम् पुनः लिखत – (5)

………(1)
तिथिः …………

प्रिय अतुल !
…….(2) आशिषः।
अतुल ! मानवस्य जीवनस्य प्रतिपलं …………..(3) अस्ति। विश्वे प्रकृतेः सम्पूर्णानि कार्याणि नियमितसमये …….. (4)। उचितसमये यदि वृष्टिः न भवेत् तदा सर्वं क्षेत्रं शुष्येत्। तथैव बाल्यकाले यदि छात्रः न पठेत् तदा सः समस्तजीवने ………… (5) करोति । समयः तस्य एव जनस्य कार्येषु सहभागितां करोति यः ……….(6) सदुपयोगं करोति । गते काले शोकः ……….. (7) समयः कदापि कस्यचिदपि च ………… (8) न करोति। अतः सदा समयस्य सदुपयोगः …………….(9)।

भवतः …..(10)
गौरवः।

मञ्जूषा- निरर्थकः, अग्रजः, देहरादूनतः, सप्रेम, करणीयः, महत्वपूर्णम् , पश्चात्तापम्, भवन्ति, प्रतीक्षां, समयस्य।

प्रश्न 3:
चित्रम् आधृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां च संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत – (10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 8 Q.3
मंजूषा
विद्युत्स्तम्भाः, बसयानम्, कृषिभूमिः, राजपथम्, गृहाणि, मार्गे, आधुनिकीकरणम्, ग्रामस्य, यातायातव्यवस्था, वृक्षः।
अथवा
‘संघे शक्तिः’ इति विषयम् अधिकृत्य संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत।
मञ्जूषा- मानवस्य, प्रगतिः, संहिताः, स्वाधीनता, विदेशीयाः, विनाशस्य, शस्त्रं विना, राष्ट्रस्य।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदेषु सन्धिच्छेदम् अथवा सन्धिं कृत्वा लिखत – (4)

  1. षडाननः गणेशस्य भ्राता अस्ति।
  2. त्यागेऽपि संतोषः भवति।
  3. नास्ति कः + चित् वाग्विशेषः।
  4. वने सिंहः + गर्जति।

प्रश्न 5:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदेषु समासं अथवा विग्रहं कृत्वा लिखत – (4)

  1. ईश्वरः त्रिलोकीनाथः अस्ति।
  2. रामश्च लक्ष्मणश्च वनं अगच्छताम्।
  3. उज्जयिन्यां चन्द्रशेखरस्य देवालयः अस्ति।
  4. एषः आगच्छति राजपुत्रः।

प्रश्न 6:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानां ‘‘प्रकृतिः प्रत्ययः” च पृथक् पृथक् कृत्वा अथवा संयोज्य लिख्यताम् – (4)

  1. परहिताय सर्वस्वं त्यक्तव्यम्।
  2. बहुभाषणं मूर्ख + त्वं प्रकटयति।
  3. मम कक्षे एका मूषक + टाप् कूर्दति।
  4. श्रीमन्तं मुख्यातिथिं नमामः।

प्रश्न 7:
(अ) इमम् आदेशं उचितैः अव्ययपदैः पूरयित्वा पुनः लिखत। (अव्ययसूची अधः प्रदत्ता) (2)
सहसा, वृथा, कदापि, एवं
मम माता उपदिशति –
(i) समयं …….. मा यापय।
(ii) ……….. विदधीत न क्रियाम्।
(iii) प्रियं च सत्यं च …………. वक्तव्यम्।
(iv) ………….. असत्यं न ब्रूयात्।

(ब) उचितेन अव्ययपदेन रिक्तस्थानानि पूरयित्वा लिखत – (2)
(i) यदा कृष्णमेघाः गर्जन्ति ………… वर्षा भवति।
(ii) यत्र-यत्र वर्षाजलं भवति ………….. मण्डूकाः शब्दं कुर्वन्ति।
(iii) यथा प्रकृतिः प्रसन्ना …………… जनाः।
(iv) उच्चैः गगनं अस्ति ………… समुद्रः अस्ति।

प्रश्न 8:
वाच्यं अधिकृत्य द्वयोः मित्रयोः अधोलिखितं संवादं पूरयित्वा लिखत – (3)
रामः     :         अधुना ……….. किं क्रियते ?
भरतः    :         मया तु दूरदर्शनं ………..।
रामः     :         किम् त्वया गृहकार्यं न ………..?

प्रश्न 9:
घटिकां दृष्ट्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत यत् भरतः कतिवादने किम् करोति ? (2)

  1. अहं सायम् (6.00) ………. दुग्धं पिबामि।
  2. अहं रात्रौ (7.45) ………… भोजनं करोमि।

प्रश्न 10:
अशुद्धिशोधनम् कृत्वा वाक्यानि पुनः लिखत – (4)

  1. रमेशः मम मित्रः अस्ति।
  2. सः अतीव सरलं अस्ति।
  3. सः प्रतिदिनं विद्यालयं गच्छसि।
  4. तस्याः भगिनी अपि तत्रैव पठति।

खण्डः ‘घ’-पठित-अवबोधनम्

प्रश्न 11:
अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा एतदाधारितानाम् प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (6)
(अ) एतत् श्रुत्वा दुष्टबुद्धिः झटिति एव क्षेत्रं गत्वा अश्वत्थमूलं च खनित्वा तम् सुवर्णकलशं प्राप्य यदा तस्य आवरणम् अपसारितवान् तदा भयङ्करमेकं विषधरं फूत्कारं कुर्वन्तम् दृष्टवान्। भीतः स कलशं पुनः आवृत्य तञ्चादाय मित्रस्य गृहं समागतः । स्वमित्रं सर्पेण मारयितुम् इच्छन् सः भित्तौ सन्धिं प्रकल्प्य तन्मध्यतः कलशं गृहाभ्यन्तरे क्षिप्तवान्। विचित्रा खलु दैवगतिः। पतितात् कलशाद् बहिर्निर्गत्य विषधरः तमेव दुष्टबुद्धिं दष्टवान्।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) सुवर्णपूरितः कलशः कस्य वृक्षस्य मूले स्थितः आसीत् ?
(ii) दुष्टबुद्धिः सुवर्णकलशे कम् दृष्टवान् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
स्वमित्रं मारयितुम् इच्छन् दुष्टबुद्धिः किं अकरोत् ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘तस्य’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(ii) अस्मिन् गद्यांशे कः शब्दः ‘सर्पः’ इति शब्दस्य पर्यायः अस्ति ?
(iii) शीघ्रम्’ इति अर्थे किं अव्ययपदं अत्र प्रयुक्तम् ?
(iv) ‘भयंङ्करं विषधरं’ अनयोः पदयोः किं विशेष्यपदं अस्ति?

(आ) अधोलिखितं श्लोकं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत
शक्नोतीहैव यः सोढुं प्राक् शरीरविमोक्षणात्।
कामक्रोधोद्भवं वेगं, स युक्तः स सुखी नरः।।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) कः कामक्रोधोद्भवं वेगं सोढुं शक्नोति।
(ii) कः नरः सुखी?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
किं कृत्वा नरः सुखी भवति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4= 2)
(i) ‘युक्त:’ पदस्य अर्थः …….. अस्ति।
(क) सहितः
(ख) योगी
(ग) योगः
(घ) युजितः

(ii) ‘पूर्वम्’ इत्यर्थे श्लोके किं पदं प्रयुक्तम् ?
(क) प्राक्
(ख) युक्तः
(ग) सुखी
(घ) वेगम्

(iii) ‘सुखी नरः’ अनयोः पदयोः विशेषणपदं किम् ?
(क) नरः
(ख) वेगम्
(ग) सुखी
(घ) युक्तः

(iv) ‘अस्मिन् संसारे’ इत्यर्थे अत्र किं पदं प्रयुक्तम् ?
(क) इह
(ख) एवं
(ग) प्राक्
(घ) युक्तः

(ई) अधोलिखितं नाट्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत – (6)
अश्वत्थामा- रे दुष्ट भीम! त्वम् अद्य वध्योऽसि मया। (विलोक्य) अये! कथं श्रीकृष्णार्जुनौ युधिष्ठिरश्च? (स्वगतम्) इदानीं किं करवाणि? आः, दृष्टम्, अस्मिन् विषमे समये ब्रह्मास्त्रम् एव मे शरणम् । मोचयामि अस्त्रम्। (ध्यानं नाटयति ब्रवीति च) इदम् अपाण्डवाय।
श्रीकृष्णः- पार्थ पश्य, पश्य! एतद् विमुच्यते ब्रह्मास्त्रं द्रोणपुत्रेण! त्रैलोक्यं दहन् इव प्रचण्डज्वाल: अग्निः परितः प्रसरति । अर्जुन! अर्जुन ! त्वमपि मुञ्च ब्रह्मास्त्रं एतत् निवारयितुम्।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) किम् मोचयामि?
(ii) केन ब्रह्मास्त्रं विमुच्यते?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
कीदृशी अग्निः सर्वत्र प्रसरति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4= 2)
(i) “इदम् अपाण्डवाय।” अत्र इदम् इति सर्वनाम कस्मै प्रयुक्तम् ?
(ii) ‘पार्थ’ इति सम्बोधनपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(iii) ‘प्रचण्डज्वालः’ इति पदं कस्य पदस्य विशेषणपदम् ?
(iv) ‘प्रसरति’ इति क्रियापदस्य कर्ता कः?

प्रश्न 12:
अधोलिखित श्लोकयोः अन्वयं उचितपदक्रमेण पूरयित्वा पुनः लिखत – (4)
(अ) शक्रोऽहमस्मि देवेन्द्रस्त्वत्समीपमुपागतः।
वरं वृणीष्व राजर्षे! यदिच्छसि तदुच्यताम्॥
अन्वयः- (i) ……… अहं (ii) …………….. शक्रः अस्मि (iii) …………… समीपम् उपागतः। वरं वृणीष्व! यत् (iv) ………… तत् उच्यताम्॥

(ब) अधुना रमणीया हि सृष्टिरेषा जगत्पतेः।
जीवाः सर्वेऽत्र मोदन्तां भावयन्तः परस्परम्॥
अन्वयः- अधुना (i) ……………. एषा (ii) ………….. रमणीया हि अत्र परस्परं (iii) …………… सर्वे (iv) ……………… मोदन्ताम्।
मञ्जूषा- जगत्पतेः, राजर्षे, त्वत्, भावयन्तः, इच्छसि, सृष्टिः, जीवाः, देवेन्द्रः।

प्रश्न 13:
स्थूलाक्षरपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं क्रियताम् – (4)

  1. सूर्योदयभूमिः इति पदं अरुणाचल-प्रदेशाय प्रयुक्तम्।
  2. राजादेशं श्रुत्वा कपयः अचिन्तयन्।
  3. कृतयुग, त्रेतायुगं, द्वापरयुगं, कलियुगञ्चेति चत्वारि युगानि।
  4. भारत्याः कोष: अपूर्वः।

प्रश्न 14:
अधोलिखितासु पंक्तिषु स्थूलाक्षरपदानाम् प्रसङ्गानुसारम् शुद्धम् अर्थम् चित्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत- (4)
I. भोः भो वाचाल!
(i) प्रगल्भः
(ii) प्रकृष्टः
(iii) कुचालः

II. सर्वो भद्राणि पश्यतु।
(i) मित्राणि
(ii) कल्याणानि
(iii) सत्कर्माणि

III. किं जीवितम्? अनवद्यम्।
(i) वधयोग्यम्
(ii) अनुपयुक्तम्
(iii) निष्कलङ्कम्

IV. ते अनयोः अव्याहता शक्ति: द्रष्टुम् भविष्यति।
(i) निर्बाधा
(ii) नष्टा
(iii) विस्तीर्णा

उत्तराणि
खण्डः क’-अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
I. (i) निष्कम्पम्
(ii) अस्वस्थचित्तः

II. (i) मानवः चिन्तयन् आसीत्-‘” का नाम शक्तिः एतस्य जगतः सञ्चालनं करोति, प्रकाशं जनयति, ध्वनिं निर्माति, गन्धान् सृजति प्रसारयति च।”
(ii) ‘अहं उच्चतमं स्थानं पश्यामि चेत् कदाचित् तस्याः शक्तेः दर्शनं भवेत्’ इति चिन्तयित्वा सः गिरिशिखरं गच्छति।

III. (i) गिरिशिखरं
(ii) अकस्मात्
(iii) ध्वनिः
(iv) मानवाय

IV. आदिमस्वरः ॐकारः; आदिमानवस्य जिज्ञासा।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मकं कार्यम्

उत्तर 2:

  1. देहरादूनतः
  2. सप्रेम
  3. महत्त्वपूर्णम्
  4. भवन्ति
  5. पश्चात्तापम्
  6. समयस्य
  7. निरर्थकः
  8. प्रतीक्षाम्
  9. करणीयः
  10. अग्रजः

उत्तर 3:

  1. इदं ग्रामस्य आधुनिकीकरणस्य दृश्यम् अस्ति।
  2. अत्र विद्युत्स्तम्भेन ज्ञायते यत् ग्रामेऽपि विद्युत्व्यवस्था अस्ति।
  3. यातायातस्य कृते राजपथस्य मोटरयानस्य अपि सुविधा अस्ति।
  4. मार्गम् उभयतः कृषियोग्या भूमिः अस्ति।
  5. ग्राम्यजीवनं स्वास्थ्यस्य कृते लाभदायकं भवति।
  6. कृषक: ट्रैक्टर इति यन्त्रेण भूमौ कृषिकार्यं करोति।

अथवा
(संघे शक्तिः)

  1. संघे महती शक्तिः वर्तते।
  2. संघे एव मानवस्य, परिवारस्य, राष्ट्रस्य च प्रगतिः भवति।
  3. संघस्य अभाव: विनाशस्य कारणं भवति।
  4. अस्माकम् इतिहासः अत्र प्रमाणम्।
  5. अस्माकम् पराधीनताया: कारणं इदमेव आसीत्।
  6. सहिता भूत्वा वयं गान्धिमहोदयस्य नेतृत्वे शस्त्रं विना एव स्वाधीनतां प्राप्नुमः।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. षट् + आननः
  2. त्यागे + अपि
  3. कश्चित्
  4. सिंहो गर्जति

उत्तर 5:

  1. त्रयाणाम् लोकानाम् समाहारः (तस्य)
  2. रामलक्ष्मणौ
  3. चन्द्रः शेखरे यस्य सः (तस्य)
  4. राज्ञः पुत्रः

उत्तर 6:

  1. त्यज् + तव्यत्
  2. मूर्खत्वम्
  3. मूषिका
  4. श्री + मतुप्

उत्तर 7:
(अ) (i) वृथा
(ii) सहसा
(iii) एवं
(iv) कदापि

(ब) (i) तदा
(ii) तत्र-तत्र
(iii) तथा
(iv) नीचैः

उत्तर 8:

  1. त्वया
  2. दृश्यते
  3. कृतम् क्रियते वा

उत्तर 9:

  1. षड्वादने
  2. पादोनाष्टवादने

उत्तर 10:

  1. मित्रम्
  2. सरलः
  3. गच्छति
  4. तस्य

खण्डः ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) I. (i) अश्वत्थस्य
(ii) विषधरम्

II. स्वमित्रं मारयितुम् इच्छन् दुष्टबुद्धिः भित्तौ सन्धिं प्रकल्प्य तन्मध्यतः कलशं गृहाभ्यान्तरे क्षिप्तवान्।

III. (i) सुवर्णकलशाय
(ii) विषधरः
(iii) झटिति
(iv) विषधरम्

(आ) I. (i) यः
(ii) युक्तः

II. यः नरः शरीरविमोक्षणात् प्राक् कामक्रोधोद्भवं वेगं सोढुं शक्नोति, सः सुखी भवति।

III. (i) (ख) योगी
(ii) (क) प्राक्
(iii) (ग) सुखी
(iv) (क) इह

(इ) I. (i) ब्रह्मास्त्रम्
(ii) द्रोणपुत्रेण

II. त्रीन् एव लोकान् दहन इव प्रचण्डज्वालः अग्निः सर्वत्र प्रसरति।

III. (i) ब्रह्मास्त्राय
(ii) अर्जुनाय
(iii) अग्निः
(iv) अग्निः

उत्तर 12:
(अ) राजर्षे, देवेन्द्रः, त्वत्, इच्छसि
(ब) जगत्पतेः, सृष्टिः, भावयन्तः, जीवाः

उत्तर 13:

  1. कस्मै?
  2. के?
  3. कति?
  4. कस्याः?

उत्तर 14:
I. (i) प्रगल्भः
II. (ii) कल्याणानि
III. (iii) निष्कलंकम्
IV. (i) निर्बाधा

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    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदं पठित्वा प्रदत्तप्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत। (10)
अहम् एकः छिन्नः द्रुमः अस्मि। ह्यः वने एकः नरः आगच्छत्। सः काष्ठाय मम शरीरम् अच्छिनत्। छेदनेन मे शरीरे अनेके व्रणाः जाताः। छुरिकायाः प्रहारेण शरीरात् अश्रुरूपाः जलबिन्दवः अपतन्। अकथनीया मम पीडा। हृदयं विदीर्णं जातम् । अश्रुभिः कण्ठः अवरुद्धः। मम अन्तकालः समीपे एव तिष्ठति। काष्ठानि एकत्रीकृत्य सः तु अगच्छत्। परं कोऽस्ति अत्र कथाव्यथा श्रवणाय? वृक्षान् छित्त्वा नरः प्रकृतिमातुः अङ्गानि नाशयति इन्धनाय, कर्गदपत्राय, भवननिर्माणाय, मम काष्ठस्य प्रयोगः भवति। किन्तु कुतः मे पत्राणि, पुष्पाणि, कुतः च रोगनिवारणाय औषधयः ? निराश्रिताः भविष्यन्ति आश्रिताः खगाः कीटपतंगाश्च । पन्थानः अपि छायाहीनाः भविष्यन्ति। आतपेन तप्तः श्रान्तः पथिकः अधुना कुत्र गमिष्यति ? मम जीवने पुनः वसन्तर्तुः न आगमिष्यति।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) द्रुमस्य जीवने पुनः किम् न आगमिष्यति ?
(ii) नरः किमर्थं द्रुमस्य शरीरम् अच्छिनत् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)
(i) छुरिकाप्रहारेण वृक्षस्य शरीरात् के अपतन् ?
(ii) वृक्षान् छित्त्वा किं भवति?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘अपतन्’ इति क्रियापदस्य अत्र किम् कर्तृपदम् प्रयुक्तम् ?
(क) व्रणाः
(ख) जलबिन्दवः
(ग) काष्ठानि
(घ) अङ्गानि

(ii) ‘पथिकः’ पदस्य अत्र विशेषणपदं किम् ?
(क) विदीर्णम्
(ख) अन्तकालः
(ग) श्रान्तः
(घ) छायाहीनः

(iii) ‘मम’ इति सर्वनामपदं अत्र कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) छिन्नमाय
(ख) काष्ठाय
(ग) पथिकाय
(घ) अश्रुरूपाय

(iv) “निराश्रिताः’ पदस्य किम् विपर्ययः अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) जलबिन्दवः
(ख) आश्रिताः
(ग) पन्थानः
(घ) खगाः

(IV) अस्य गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

प्रश्न 2:
संस्कृतभाषायाः महत्त्वं वर्णयन् मित्रं प्रति लिखितं इदं पत्रं मञ्जूषायां दत्तैः पदैः पूरयत- (1/2 × 10 = 5)

लण्डन छात्रावासतः
तिथिः …………

प्रिय मित्र विक्रम,
सप्रेम …………..(1)।
अद्यैव मया तव पार्वे पत्रं प्रेषितम् । पत्रे मया लिखितं यत् अधुना ……… (2) संस्कृतभाषायाः महत्त्वं अत्यधिकं वर्धते। सर्वे विद्वांसः ………….(3) च (कम्प्यूटर वैज्ञानिकाः) संगणकयन्त्रस्य कृते अस्याः भाषायाः महत्त्वं स्वीकुर्वन्ति। ते मन्यन्ते यत् संस्कृतभाषायाः शब्दकोषः। …………(4) व्याकरणः च संगणकयन्त्राय अत्युपयोगी अस्ति। एतदर्थं तत्रत्याः ……………….(5) विद्यालयेषु संस्कृतभाषायाः अध्ययनम् अनिवार्यं क्रियते। अत्र ………… (6) संस्कृतग्रन्थानां आगाशः सन्ति। विद्वांसः छात्राः च व्याकरणस्य संस्कृतसाहित्यस्य च अध्ययनं …………….. (7) कुर्वन्ति। मित्र! यूयम् ………… (8) यत् भारतवर्षे जन्म लब्ध्वा संस्कृतभाषायाः अध्ययनं अपि कुरुथ। भवान् पत्रोत्तरं ……….. (9) एव लिखतु इति मम निवेदनम्। ………….. (10) नमः।

तव मित्रम्
अरुणः

मञ्जूषा
मनोयोगेन, विदेशेष्वपि, सर्वेभ्यो, नमोनमः, सौभाग्यशालिनः, संगणकवैज्ञानिकाः, संस्कृतभाषायां, पाणिनेः पुस्तकालयाः, सर्वकारः

प्रश्न 3:
चित्रम् आधृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया च संस्कृतभाषायां पञ्चवाक्यानि लिखत- (2 × 5 = 10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 10 Q.3
मञ्जूषा
समुद्रतटस्य, नौका जलाप्लावित, छिन्नाः भिन्नाः, सघनवृक्षाः, सहायतायै, चीत्कारं, प्रलय इव, विनष्टाः, तरङ्गैः
अथवा
‘विजयादशमी’ इति विषयम् अधिकृत्य संस्कृते पञ्च वाक्यानि लिखत।
मञ्जूषा- प्रमुखपर्वसु, सत्यम्, रामलीलायाः स्वच्छतादिवसः, उत्सवः वर्षर्तुः, प्रमुखंस्थानं, दशदिवसेषु, प्रदर्शनम् जानीमः।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
रेखाङ्कितपदेषु सन्धि-विच्छेदं वा कृत्वा उत्तरपुस्तिकायां लिखत – (1 × 4 = 4)

  1. भवान् कथयतु किम् एतत् + शक्यम् ?
  2. मुनावस्मिन् विश्वसिहि।
  3. युधिष्ठिरस्य व्यवहारः निः + छलः आसीत्।
  4. रात्रौ रजनीशः उदेति।

प्रश्न 5:
स्थूलपदेषु समास-विग्रहं वा कृत्वा उत्तरत – (1 × 4 = 4)

  1. धर्मार्थकाममोक्षाः जीवनस्य चत्वारि उद्देश्यानि सन्ति।
  2. समुद्रमन्थनात् निर्गतं गरलं महान् च असौ देवः (तेन) पीतम्।
  3. सतां चित्तं उत्पलम् इव कोमलम् भवति।
  4. जनाः देशभक्तान् पूजयन्ति।

प्रश्न 6:
स्थूलपदेषु प्रकृति-प्रत्ययः विभागः संयोगः वा कृत्वा उत्तरत – (1 × 4 = 4)

  1. सा छात्रा गुण + मतुप् अस्ति।
  2. भारते अनेकानि दर्शनीयानि स्थलानि सन्ति।
  3. रावणस्य अत्याचारैः जनाः दुःख + इन् आसन्।
  4. वसन्त कम्पमानेभ्यः वृक्षेभ्यः पुष्पपत्राणि पतन्ति।

प्रश्न 7:
अव्ययपदैः रिक्तस्थानानि पूरयत – (1/2 × 8 = 4)
श्वः, ऋते, बहिः, तत्र, यथा, विना, सर्वत्र, तथा
वयं ………. देवालयं गमिष्यामः। ………. भक्ताः भजनं करिष्यन्ति। देवालयात् ……….. उपवनम् अपि अस्ति। उपवने ……….. पुष्पाणि सन्ति। …………. पुष्पेभ्यः उपवनं न शोभते ………. ईश्वरस्य भजनं ………. देवालयः न शोभते।

प्रश्न 8:
चन्द्रादित्ययोः मध्ये संवादः भवति। चन्द्रः कर्तृवाच्यस्य प्रयोगं करोति। आदित्यः कर्मवाच्यस्य प्रयोगं करोति। तयोः संवादे रिक्तस्थानानि पूरयत – (1 × 3 = 3)
चन्द्रः          –              मित्र! अशोकः किम् लिखति ?
आदित्यः     –              अशोकेन नाटकानि …………..।
चन्द्रः          –              हरिः कं प्रणमति ?
आदित्यः     –               ……… जनकः प्रणम्यते।
चन्द्रः          –              छात्राः प्रार्थनां कुर्वन्ति। अस्य कर्मवाच्ये उत्तरतु।
आदित्यः     –               छात्रैः ……….. क्रियते।

प्रश्न 9:
निर्दिष्टजनः कतिवादने किम् करोति, निर्दिष्ट समयं लिखते – (1 × 2 = 2)

  1. सम्मार्जकाः प्रातः (7.45) ………. मार्ग स्वच्छं कुर्वन्ति।
  2. पत्रवाहक: मध्याह्ने (11.15) …………. पत्राणि आनयति।

प्रश्न 10:
अशुद्धिसंशोधनम् – (1 × 4 = 4)

  1. सर्वे ग्रहाः शान्तिकराः भवतु।
  2. इयं पुस्तकं मम अस्ति।
  3. हे राजन् ! मम दयस्व।
  4. नगरस्य उभयतः नदी वहति।

खण्डः ‘घ’- पठित-अवबोधनम् 

प्रश्न 11:
अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रश्नानाम् उत्तराणि लिखत – (6)
(अ) यूथपतेः वचनम् अश्रद्धेयं मत्वा मदोद्धताः कपयः प्रहस्य अवदन्-‘भो ! किमिदम् उच्यते ? न वयं स्वर्गसमानोपभोगान् विहाय अटव्यां क्षार-तिक्त-कषाय-कटु-रूक्षफलानि भक्षयिष्यामः। तच्छुत्वा साश्रुनयनो यूथपतिः सगद्गदम् उक्तवान्‘रसनास्वादलुब्धाः यूयम् अस्य सुखस्य कुपरिणामं न जानीथ। अहं तु वनं गच्छामि।’
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) कस्य वचनम् अश्रद्धेयम् आसीत् ?
(ii) कीदृशः यूथपतिः सगद्गदम् उक्तवान् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
मदोद्धताः कपयः स्वयूथपतिं किम् अवदन् ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘कपयः’ पदस्य विशेषणपदं किम् ?
(क) मदोद्धताः
(ख) अश्रद्धेयं
(ग) प्रहस्य

(ii) ‘वने’ इति अर्थे अत्र किम् पदं अस्ति?
(क) मत्वा
(ख) विहाय
(ग) अटव्याम्

(iii) ‘जानीथ’ क्रियायाः कर्ता कः ?
(क) रसनास्वादलुब्धाः
(ख) कुपरिणाम
(ग) यूयम्

(iv) ‘वयं’ सर्वनाम केभ्यः प्रयुक्तम् ?
(क) यूथपतये
(ख) फलेभ्यः
(ग) कपिभ्यः

(आ) इमं संवादं पठित्वा निर्देशानुसारम् उत्तरत –
श्रीकृष्णः     –     आम्! मया कथितम् । नाहं त्वत्तः ब्रह्मास्त्रम् इच्छामि। यदि त्वं मम गदां, शक्तिं, धनुः, चक्रं वा इच्छसि, तुभ्यं ददामि।
युधिष्ठिरः     –     ततस्ततः।
श्रीकृष्णः     –     स (द्रौणिः) तु चक्रम् एव अयाचत । गृहाण चक्रम् इति उक्तः सः सव्येन पाणिना चक्रम् गृहीतवान्, किन्तु सः तत् चक्रं स्वस्थानात् संचालयितुम् अपि समर्थः न अभवत्।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) श्रीकृष्णः द्रौणे: किं न इच्छति ?
(ii) द्रौणिः किं अयाचत ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (1 × 2= 2)
सः किम् कर्तुम् समर्थः न अभवत् ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4= 2)
(i) ‘सव्येन पाणिना’ अत्र विशेषणपदं किम् ?
(ii) ‘सः’ सर्वनाम कस्मै प्रयुक्तम् ?
(iii) ‘अयाचत’ क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(iv) पाणिना’ पदस्य अर्थः अस्ति-पादेन, करेण, मुखेन वा?

(इ) श्लोकं पठित्वा प्रश्नाने उत्तरत – (6)
कः पथ्यतरः ? धर्मः, कः शुचिरिह? यस्य मानसं शुद्धं।
कः पण्डितः ? विवेकी, किं विषम् ? अवधीरणा गुरुषु।।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) शुचिजनस्य किं शुद्धं भवति ?
(ii) धर्मः कीदृशः भवति ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत –
विषं किं वर्तते ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘अस्मिन् संसारे’ अस्य पदस्य अर्थे श्लोके किं पदम् आगतम् ?
(क) शुचिः
(ख) शुचिरिह
(ग) रिह
(घ) इह

(ii) श्लोके ‘अमृतं’ इत्यस्य कः विपर्ययः ?
(क) विषम्
(ख) विवेकी
(ग) पण्डितः
(घ) धर्मः

(iii) ‘पथ्यतर: धर्मः’ अनयोः पदयोः विशेष्यपदं किम्?
(क) पथ्यः
(ख) पथ्यतरः
(ग) धर्मः
(घ) धर्मम्

(iv) ‘अपमानम् अस्य पदस्य कः पर्याय: श्लोके प्रयुक्त: ?
(क) विषम्
(ख) गुरुषु
(ग) अवधीरणा
(घ) यस्य

प्रश्न 12:
अधोलिखितश्लोकयोः अन्वयम् उचितपदक्रमेण सम्पूरयत – (1/2 × 8 =4)
(अ) पाण्डवास्त्वं च राष्ट्रं च सदा संरक्ष्यमेव हि।
तस्माद् संहर दिव्यं त्वमस्त्रमेतन्महाभुज!।।
अन्वयः- पाण्डवाः त्वम् च (i) ………… च सदा हि (ii)……….. एव। (iii)………… तस्मात् त्वम् एतत् दिव्यम (iv)………….. संहर।

(ब) तस्मात् स्यात् कलहो यत्र गृहे नित्यमकारणः।
तद् गृहं जीवितं वाञ्छन् दूरतः परिवर्जयेत्।
अन्वयः- तस्मात् (i) ……….. नित्यम् (ii) ……….. कलहः स्यात् (iii) ……………. वाञ्छन् तत् गृहे (iv) ……………… परिवर्जयेत्।
मञ्जूषा- राष्ट्रम्, अकारणः, महाभुज, यत्र, दूरतः, संरक्ष्यम्, जीवितं, अस्त्रम्।

प्रश्न 13:
रेखाङ्कितपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं क्रियताम् – (1 × 4= 4)

  1. अरुणाचले पञ्चाशदधिकाः नद्यः प्रवहन्ति।
  2. चतुर्णा युगानां समूहः एव महायुगम्।
  3. जनकेन सुताय शैशवे विद्याधनं दीयते।
  4. चञ्चलं हि मनः कृष्ण।

प्रश्न 14:
स्थूलपदानां प्रसङ्गानुसारं शुद्धम् अर्थं चिनुत – (1 × 4 = 4)
I. पाप्मानं प्रजहि येनं ज्ञानविज्ञाननाशनम्।
(i) त्यज
(ii) मारय
(iii) प्रजा हि

II. परमहम् अखण्डः शाश्वतः।
(i) नित्यः
(ii) सनातनः
(iii) निरन्तरम्

III. अन्येषां वदने ये तु …………।
(i) शरीरे
(ii) वाद्ययन्त्रे
(iii) मुखे

IV. सहस्रांशु न भासते।
(i) भानुः
(ii) हिमांशुः
(iii) विभुः

उत्तराणि
खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
I. (i) वसन्तर्तुः
(ii) काष्ठाय

II. (i) छुरिकाप्रहारेण वृक्षस्य शरीरात् अश्रुरूपाः जलबिन्दवः अपतन्।
(ii) वृक्षान् छित्त्वा नरः प्रकृतिमातुः अङ्गानि नाशयति, इन्धनाय, कर्गदपत्राय, भवननिर्माणाय च काष्ठस्य प्रयोगः भवति।

III. (i) (ख) जलबिन्दवः
(ii) (ग) श्रान्तः
(iii) (क) छिन्नमाय
(iv) (ख) आश्रिताः

IV. छिन्नः द्रुमः; छिन्नमस्य व्यथा।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. नमोनमः
  2. विदेशेष्वपि
  3. संगणकवैज्ञानिकाः
  4. पाणिनेः
  5. सर्वकारः
  6. पुस्तकालयाः
  7. मनोयोगेन
  8. सौभाग्यशालिनः
  9. संस्कृतभाषायाम्
  10. सर्वेभ्यः

उत्तर 3:

  1. एतत् चित्रं समुद्रस्य अस्ति।
  2. जलप्रकोपेन सर्वतः प्रलय इव दृश्यते।
  3. जलाप्लाविता नौका जले मग्ना भवति।
  4. एकः नरः सहायतायै चीत्कारं करोति।
  5. उच्चैः जलतरङ्गैः सर्वम् छिन्नं भिन्नं अस्ति।
  6. तीव्रजलतरङ्गानां प्रवाहेन तटं अपि न दृश्यते।

अथवा
(विजयादशमी)

  1. भारतदेशस्य प्रमुखपर्वसु विजयादशम्याः प्रमुखं स्थानं अस्ति।
  2. अस्मिन काले वर्षर्तुः समाप्तः भवति।
  3. अतः एषः उत्सवः स्वच्छतादिवसः भवति।
  4. उत्सवात् पूर्वेषु दशदिवसेषु प्रतिनगरं रामलीलाया: प्रदर्शन क्रियते।
  5. अनेन उत्सवेन वयं जानीमः यत् ‘सत्यं सदा विजयते।’

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. एतत्छक्यम्
  2. मुनौ + अस्मिन्
  3. निश्छलः
  4. रजनी + ईशः

उत्तर 5:

  1. धर्मः च अर्थः च कामः मोक्षः च
  2. उत्पलकोमलम्
  3. महात्मा
  4. देशस्य भक्तान्

उत्तर 6:

  1. गुणवती
  2. दृश् + अनीयर्
  3. दुखिनः
  4. कम्प् + शानच्

उत्तर 7:
श्वः; तत्र; बहिः; सर्वत्रः; ऋते; यथा; तथा; विना।

उत्तर 8:

  1. लिख्यते
  2. हरिणा
  3. प्रार्थना

उत्तर 9:

  1. पादोनाष्टवादने
  2. सपादैकादशवादने

उत्तर 10:

  1. भवन्तु
  2. इदम्
  3. मयि
  4. नगरम्

खण्डः ‘घ’ – पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) I. (i) यूथपतेः
(ii) साश्रुनयनः

II. कपयः अवदन् -” भो। किमिदं उच्यते ? न वयं स्वर्गसमानोपभोगान् विहाय अटव्यां क्षार-तिक्त – कषाय-कटु रुक्षफलानि भक्षयिष्यामः”।

III. (i) (क) मदोद्धताः
(ii) (ग) अटव्याम्
(ii) (ग) यूयम्।
(iv) (ग) कपिभ्यः

(आ) I. (i) ब्रह्मास्त्रम्
(ii) चक्रम्

II. सः तत् चक्रं स्वस्थानात् संचालयितुं अपि समर्थः न अभवत्।

III. (i) सव्येन
(ii) द्रौणिने
(iii) सः
(iv) करेण

(इ) I. (i) मानसम्
(ii) पथ्यतरः

II. गुरुषु अवधीरणा विषं वर्तते।

III. (i) (घ) इह
(ii) (क) विषम्
(iii) (ग) धर्मः
(iv) (ग) अवधीरणा

उत्तर 12:
(अ) (i) राष्ट्रम्
(ii) संरक्ष्यम्
(iii) महाभुज
(iv) अस्त्रम्

(ब)
(i) यंत्र
(ii) अकारणः
(iii) जीवितं
(iv) दूरतः

उत्तर 13:

  1. का?
  2. केषाम् ?
  3. कदा ?
  4. कीदृशम् ?

उत्तर 14:
I. (i) त्यज
II. (ii) सनातनः
III. (iii) मुखे
IV. (i) भानुः

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समय: होरात्रयम्
पूर्णाङ्काः 80

निदेशाः

  1. प्रश्नपत्रं चत्वारः खण्डाः सन्ति
    • खण्ड: (क) अपठित-अवबोधनम्    10 अङ्कः
    • खण्ड: (ख) रचनात्मकं-कार्यम्        15 अङ्काः
    • खण्ड: (ग) अनुप्रयुक्तव्याकरणम्    25 अङ्काः
    • खण्डः (घ) पठित-अवबोधनम्        30 अङ्काः
  2. सर्वे प्रश्नाः अनिवार्याः
  3. प्रश्नानाम् उत्तराणि खण्डानुसारं क्रमेणैव लेखनीयानि।
  4. प्रश्नसंख्या अवश्यमेव लेखनीया।
  5. उत्तराणि संस्कृतेनैव लेखनीयानि।

खण्डः ‘क’-अपठित-अवबोधनम्

प्रश्न 1:
अधोलिखितम् अनुच्छेदंयं पठित्वा तदाधारितान् प्रश्नान् उत्तरपुस्तिकायाम् उत्तरत – (10)
अधुना तु गृहे-गृहे सङ्गणकं विद्यते। मार्गे-मार्गे सङ्गणकशिक्षणकेन्द्राणि विराजन्ते। किम् अधिककथनेन, प्राथमिक विद्यालयापेक्षया सङ्गणकशिक्षणकेन्द्राणि एव अधिकानि दृश्यन्ते। सङ्गणकयन्त्रेण विना अद्य वैज्ञानिकलोकः अन्धः एव। मनुष्येण कर्तुम् अशक्यानि अनेकानि कार्याणि अनेन सुखेन सम्पाद्यन्ते। कष्टसाध्यानि अपि गणनकार्याणि एतत् अत्यन्तं सुखेन निष्कृष्टतया अतिवेगेन च करोति। लक्षसंख्याकानि अपि गणनकर्माणि क्षणाभ्यन्तरे कर्तुं समर्थम् इदं यन्त्रम्। सङ्गणकस्य स्मरणशक्तिः अपि असाधारणी एव। असंख्यानां विषयानां संग्रहणं कृत्वा तान् अगणितकालपर्यन्तं स्वोदरे रक्षितुमपि समर्थं तत् यन्त्रम्। यदा वयं इच्छामः तदा तान् विषयान् तस्य स्मरणकोषम् उद्घाट्य ततः स्वीकृत्य द्रष्टुं शक्नुमः। तत् तु अनलसं, निष्कृष्टम् अविरतं च कर्म करोति। इदानीं तादृशी स्थितिः आगता दृश्यते यत् यदि कश्चन सङ्गणकंप्रवर्तनं न जानाति तर्हि सः निरक्षरः अज्ञानी इति वा परिगण्यते आधुनिकैः जनैः।
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) केन विना वैज्ञानिकलोकः अन्धः एव ?
(ii) सङ्गणकस्य का असाधारणी?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 2 = 4)
(i) आधुनिकजनैः कः निरक्षरः अज्ञानी वा परिगण्यते ?
(ii) सङ्गणकं कथं कर्म करोति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) अत्र ‘शक्नुमः’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) वयम्
(ख) मनुष्येन
(ग) जनैः
(घ) संगणकम्

(ii) ‘अशक्यानि’ इति विशेषणपदस्य विशेष्यपदं किम् ?
(क) अनेकानि
(ख) कार्याणि
(ग) कष्टसाध्यानि
(घ) अधिकानि

(iii) ‘तस्य’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) मनुष्याय
(ख) स्मरणकोषाय
(ग) संगणकाय
(घ) जनाय

(iv) ‘मन्यते’ इत्यर्थे किम् क्रियापदं अत्र प्रयुक्तम् ?
(क) परिगण्यते
(ख) सम्पाद्यन्ते
(ग) जानाति
(घ) विद्यते

(IV) अस्य गद्यांशस्य उचितं शीर्षकं लिखत।

खण्डः ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

प्रश्न 2:
स्वविद्यालयस्य वर्णनम् कुर्वन् मित्रं प्रति लिखितम् इदं पत्रं मञ्जूषायां दत्तैः उचितपदैः पूरयित्वा पुनः लिखत – (5)

केन्द्रियः विद्यालयः
पञ्चकूलातः।
तिथिः …………

प्रिय (1) ………..!
सस्नेहं (2) ………..!
अत्र (3) ……….. तत्रास्तु। अहम् अधुना स्वविद्यालयस्य वर्णनं कर्तुम् इच्छामि। मम (4) ………….. अतीव शोभनः अस्ति। अस्माकम् सर्वे (5) ……… दत्तचित्तेन पाठयन्ति। तेषां योग्यता वस्तुतः (6) …………. सर्वे छात्राः अपि (7) ………… सन्ति।
(8) ………… पुनः (9) …………।

भवतः (10)……………..
दिनेशः।

मञ्जूषा – राकेश, योग्याः, नमस्ते, अध्यापकाः, कुशलं, विद्यालयः, प्रशंसनीया, मित्रम्, लेखिष्यामि, विस्तरेण

प्रश्न 3:
चित्रम् आधृत्य मञ्जूषायां प्रदत्तशब्दानां सहायतया संस्कृते पञ्चवाक्यानि लिखत – (10)
CBSE Sample Papers for Class 10 Sanskrit Paper 7 Q.3
मञ्जूषा
वटवृक्षः, पिकः, काकः, सरोवरः, मयूरः, पुष्पाणि, उल्लूकः, कोटरः, कोकिलः, वर्तकः।
अथवा
‘वृक्षाणाम् उपयोगिता’ इति विषयम् अधिकृत्य पञ्चवाक्यानि लिखत।
मजूषा- वायुमण्डलम्, जीवनस्य, वातावरणं, धन्याः, परोपकाराय, ऑक्सीजन वायु, सन्तुषितम्, शोधयति।

खण्डः’ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

प्रश्न 4:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदेषु सन्धिच्छेदम् अथवा सन्धिं कृत्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत – (4)

  1. यः सर्वदा कल्याणं इच्छति, कः तच्छत्रुः ?
  2. गुरुर्देवो महेश्वरः।
  3. ब्रह्मास्त्रं पौ + अकः इव दहति।
  4. एषः + बालकः गृहकार्यं करोति।

प्रश्न 5:
निम्नलिखितेषु वाक्येषु स्थूलाक्षरपदेषु समासं अथवा विग्रहं कृत्वा उत्तरपुस्तिकायाम् लिखत – (4)

  1. माता कृष्णस्य मुखकमलम् पश्यति।
  2. सः भासविरचितं नाटकं पठति।
  3. त्वं शक्तिम् अनतिक्रम्य सेवां कुरु।
  4. नीलं कण्ठं यस्य सः (तस्य) देवालयः अत्र अस्ति।

प्रश्न 6:
अधोलिखितेषु वाक्येषु स्थूलपदानां प्रकृतिः प्रत्ययः” च पृथक्-पृथक् कृत्वा अथवा संयोज्य पुनः लिख्यताम् – (5)

  1. हस् + शतृ छात्राः क्रीडन्ति।
  2. सर्वे भवन्तु सुखिनः।
  3. एषा तरुणी सद्गुणैः सम्पन्ना।
  4. सः (ज्ञान + वतुप्) अस्ति ।

प्रश्न 7:
(अ) मञ्जूषायाम् दत्तैः अव्ययपदैः अधोलिखितम् अनुच्छेदं पूरयित्वा पुनः लिखत – (2)

कदापि, विना, नूनं, अपि

आशावादी धैर्यं न त्यजति। आशया मानवाः कष्टानि ……….. सहन्ते। आशां ………. न अस्ति जीवनम्। आशा बलवती ……….।

(ब) उचितेन अव्ययपदेन रिक्तस्थानानि पूरयित्वा पुनः लिखत –

  1. यत्र छात्राः …………….. विद्यालयः।
  2. ………. बीजं तथा फलम्।
  3. यदा मेघाः गर्जन्ति ……….. मयूरः नृत्यति।
  4. ……… वर्षा भवति तावत् हरीतिमा अस्ति।

प्रश्न 8:
वाच्यं अधिकृत्य द्वयोः मित्रयोः अधोलिखितं संवादं पूरयित्वा पुनः लिखत –
रविः         –          किम् अद्य ……… समाचार-पत्रं पठितम् ?
भरतः       –          आम्! अधुना एवं पठितम् ………..। यत् नगरे सर्वत्र उपद्रवाः सन्ति।
रविः         –          अतः ……….. विद्यालयं न गमिष्यामः

प्रश्न 9:
घटिकां दृष्ट्वा स्वदिनचर्या लिखत

  1. अहं (8.45) …………. विद्यालये क्रीडामि।
  2. अहं (4.15) ……….. दुग्धं पिबामि।

प्रश्न 10:
अशुद्धिशोधनम् –
मानवानाम् मने अनेके मनोरथाः सन्ति । तासाम् मनोरथानाम् कः अपि अन्तः न अस्ति । मानवाः न जानाति यत् मनोरथानाम् न अस्ति कः अपि सीमा।

खण्डः ‘घ’-पठित-अवबोधनम्।

प्रश्न 11:
(अ) अधोलिखितं गद्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत – (6)
राजा उवाच- भगवन्! भवन्मनोरथं पूरयित्वा आत्मानम् अनुगृहीतं कर्तुम् इच्छामि। आदिश्यताम्, किं करवाणि? विप्रः उवाच-यदि भवान् प्रीतः, तदा त्वत्तः एकस्य चक्षुषः दानम् इच्छामि। येन मम लोकयात्रा निर्बाधा भवेत्। तत् श्रुत्वा राजा अचिन्तयत्-‘लोके चक्षुर्दानं दुष्करमेव । नूनम् ईदृशं दानम् इच्छन् अयं याचकः केनापि प्रेरितः स्यात् ।’
(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) लोके किम् दुष्करमेव ?
(ii) कः केनापि प्रेरितः स्यात् ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
याचनां श्रुत्वा राजा किम् अचिन्तयत् ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ‘भवान्’ पदं कस्मै प्रयुक्तम् ?
(क) राज्ञे
(ख) नेत्राय
(ग) विप्राय

(ii) ‘इच्छामि’ क्रियापदस्य कर्तृपदं किम् ?
(क) राजा
(ख) अहम्
(ग) विप्रः

(iii) ‘लोकयात्रा’ इति विशेष्यपदस्य विशेषणपदं किम्?
(क) निर्बाधा
(ख) येन
(ग) मम

(iv) प्रसन्नः’ इत्यर्थे किम् पदम् अत्र अस्ति?
(क) प्रेरितः
(ख) प्रीतः
(ग) प्रेषितः

(आ) अधोलिखितं नाट्यांशं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत – (6)
काकः        –         (विहस्य) कुक्कुटः। अरे अद्य कुतः कुक्कुटा: नगरेषु। अहमेव सर्वत्र सुलभः
राजहंसी     –         भो-भो वाचाल! स्वीयै कटुभिः क्वणितै जनजागरणात् अन्यत् तु किमपि न करोषि।
काकः        –         अहो अज्ञानं भवत्याः। यस्य गृहस्य भित्तौ स्थित्वा आलपामि, जनाः प्रियस्य आगमन-संकेतं मत्वा हृष्यन्ति। अस्माकं एक्यं तु जगत्प्रसिद्धम्। मातरः शिशून् प्रायः कथयन्ति, ‘अनृतं वदसि चेत् काकः दशेत्।’

(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) राजहंसी काकं किं सम्बोधयति ?
(ii) अद्य नगरेषु के न दृश्यन्ते ?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
मातरः काकविषये शिशून् किं कथयन्ति ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (1/2 × 4 = 2)
(i) ”कटुभिः क्वणितैः” अत्र किं विशेष्यपदम् ?
(ii) ‘अहो अज्ञानं भवत्याः’ अत्र ‘भवत्याः’ इति सर्वनामपदं कस्यै प्रयुक्तम् ?
(iii) ‘सत्यम्’ अस्य विलोमपदं नाट्यांशात् चित्वा लिखत।
(iv) ‘बालान्’ अस्य किम् पर्यायवाचिपदं नाट्यांशे प्रयुक्तम् ?

(इ) अधोलिखितश्लोकं पठित्वा प्रश्नान् उत्तरत –
किं जीवितम् ? अनवद्यम् किं जाड्यम् ? पठतोऽप्यनभ्यासः।
को जागर्ति? विवेकी, का निद्रा? मूढता जन्तोः॥

(I) एकपदेन उत्तरत – (1 × 2 = 2)
(i) पठतोऽप्यनभ्यासः किम् ?
(ii) को जागर्ति?

(II) पूर्णवाक्येन उत्तरत – (2 × 1 = 2)
निद्रा का कथ्यते ?

(III) निर्देशानुसारम् उत्तरत – (4 × 4 = 2)
(i) ‘जागर्ति’ इति क्रियापदस्य कर्तृपदं अत्र किम् ?
(ii) अत्र ‘जीवस्य’ इत्यर्थे किं पदम् प्रयुक्तम् ?
(iii) ‘अभ्यासः’ इति पदस्य कः विपर्ययः अत्र प्रयुक्तम् ?
(iv) ‘का’ इति सर्वनामपदं कस्मै प्रयुक्तम् ?

प्रश्न 12:
अधोलिखितस्य श्लोकयोः अन्वयं उचितपदक्रमेण पूरयित्वा लिखत –
(अ) पापिनाञ्च सदा दुःखं, सुखं वै पुण्यकर्मणाम्।
एवं स्थिरतरं ज्ञात्वा साधुवृत्तिं समाचरेत्॥
अन्वयः- (i) ……… च सदा दुःखम् (ii) ……….. वै सुखम्, एवं (ii) ………….. ज्ञात्वा (iv) ………. समाचरेत्।

(ब) यः सप्तराज्येषु विभासमानः
तरङ्गिणी यत्र च लोहिताख्या।
ईटा’ हि यस्यास्ति पुरी प्रधाना
सुस्वागतं भो ! अरुणाचलेऽस्मिन्॥
अन्वयः- यः (i) …………….. विभासमानः यत्र च (ii) ………….. तरङ्गिणी। यस्य ‘ईटा’ पुरी हि (iii) ………… अस्मिन् (iv) ………. भो! सुस्वागतम्॥
मञ्जूषा – स्थिरतरं, पापिनाम्, प्रधाना, अरुणाचले, साधुवृत्तिं, पुण्यकर्मणाम्, सप्तराज्येषु, लोहिताख्या।

प्रश्न 13:
अधोलिखितकथनेषु स्थूलपदानि आधृत्य प्रश्ननिर्माणं क्रियताम् – (4)
(i) पूर्वस्याम् दिशि सूर्यः उदेति।
(ii) सर्वथा जागरुकोऽहं छात्राणाम् कृते आदर्शः।
(iii) राजगृहे बालवाहनयोग्यं मेषयूथम् आसीत्।
(iv) अमात्याः विषण्णाः भूत्वा अवदन्।

प्रश्न 14:
उदाहरणं अनुसृत्य स्थूलाक्षरपदानाम् प्रसङ्गानुसारम् शुद्धम् अर्थम् चित्वा लिखत – (4)
I. अहर्निशं महानसम् प्रविश्य ………….|
(i) महान्तम् आसनम्
(ii) पाकशालाम्
(iii) महानगरम्

II. सर्वान् कपीन् आहूय रहसि अवदत्।
(i) रजनी
(ii) एकान्ते
(iii) उषाकाले

III. त्यक्त्वा धर्मप्रदां वाचं परुषां योऽभ्युदीरयेत।
(i) कोमलाम्
(ii) कठोराम्
(iii) परेषाम्

IV. मेध्यम् अमेध्यं सर्वमेव भक्षयति।
(i) अशुद्धम्
(ii) विशुद्धम्
(iii) अस्वच्छम्

उत्तराणि
खण्डः ‘क’- अपठित-अवबोधनम्

उत्तर 1:
I. (i) सङ्गणकयन्त्रेण
(ii) स्मरणशक्तिः

II. (i) आधुनिकजनैः यदि कश्चन सङ्गणकप्रर्वतनं न जानाति तर्हि सः निरक्षरः अज्ञानी वा परिगण्यते।
(ii) संङ्गणकं तु अनलसं, निकृष्टं अविरतं च कर्म करोति।

III. (i) (क) वयम्
(ii) (ख) कार्याणि
(iii) (ग) संगणकाय
(iv) (क) परिगण्यते

IV. सङ्गणकयुगम्; सङ्गणकयन्त्रस्य लाभाः वा।

खण्ड: ‘ख’- रचनात्मक कार्यम्

उत्तर 2:

  1. राकेश
  2. नमस्ते
  3. कुशलम्
  4. विद्यालयः
  5. अध्यापकाः
  6. प्रशंसनीया
  7. योग्याः
  8. विस्तरेण
  9. लेखिष्यामि
  10. मित्रम्

उत्तर 3:

  1. अस्मिन् चित्रे एकः विशालः वटवृक्षः अस्ति।
  2. सरोवरे स्वच्छं जलम् अस्ति।
  3. सरोवरे हंसः तरति।
  4. सरोवरस्य तटे बहूनि मनोहराणि पुष्पाणि सन्ति।
  5. वटवृक्षे मयूरः, पिकः काकः च सन्ति।
  6. एकस्याम् शाखायाम् उल्लूकः अपि तिष्ठति।

अथवा
‘वृक्षाणाम् उपयोगिता

  1. वृक्षाः वायुमण्डलं शोधयन्ति।
  2. ते वातावरण सन्तुलितं कुर्वन्ति।
  3. वृक्षेभ्यः एव वयम् ऑक्सीजन-वायु गृहणीम्:।
  4. जीवनस्य सर्वाणि उपयोगीनि वस्तूनि वृक्षेभ्यः एव प्राप्यते।
  5. धन्याः वृक्षाः यतः ते परोपकाराय फलन्ति।

खण्डः ‘ग’-अनुप्रयुक्तव्याकरणम्

उत्तर 4:

  1. तत् + शत्रुः
  2. गुरुः + देवः
  3. पावकम्
  4. एष बालकः

उत्तर 5:

  1. मुखं कमलं इव
  2. भासेन विरचितम्
  3. यथाशक्ति
  4. नीलकंठस्य

उत्तर 6:

  1. हसन्तः
  2. सुख + इन्
  3. तरुण + ङीप्
  4. ज्ञानवान्

उत्तर 7:
(अ) कदापि; अपि; विना; नूनम्
(ब) तत्र; यथा; तदा; यावत्

उत्तर 8:

  1. त्वया
  2. मया
  3. वयम्

उत्तर 9:

  1. पादोननववादने
  2. सपादचतुर्वादने

उत्तर 10:

  1. मनसि
  2. तेषाम्
  3. जानन्ति
  4. का

खण्डः ‘घ’-पठित-अवबोधनम्

उत्तर 11:
(अ) I. (i) चक्षुर्दानम्
(ii) याचकः

II. याचनां श्रुत्वा राजा अचिन्तयत्-‘लोके चक्षुर्दानम् दुष्करमेव। नूनम् ईदृशं दानं इच्छन् अयं याचकः केनापि प्रेरितः स्यात् ।”

III. (i) (क) राज्ञे
(ii) (ख) अहम्
(iii) (क) निर्बाधा
(iv) (ख) प्रीतः

(आ) I. (i) वाचाल
(ii) कुक्कुटाः

II. मातरः शिशून् प्रायः कथयन्ति – “अनृतं वदसि चेत् काकः दशेत् ।”

III. (i) क्वणितैः
(ii) राजहंसये
(iii) अनृतं
(iv) शिशून्

(इ) I. (i) जाड्यम्
(ii) विवेकी

II. जन्तोः मूढता निद्रा कथ्यते।।

III. (i) विवेकी
(ii) जन्तोः
(iii) अनभ्यासः
(iv) निद्रा

उत्तर 12:
(अ) (i) पापिनाम्
(ii) पुण्यकर्मणाम्
(iii) स्थिरतरं
(iv) साधुवृत्तिं

(ब) (i) सप्तराज्येषु
(ii) लोहिताख्या
(iii) प्रधाना
(iv) अरुणाचले

उत्तर 13:

  1. कस्याम् ?
  2. केषाम् ?
  3. कीदृशम् ?
  4. के ?

उत्तर 14:
I. (ii) पाकशालाम्
II. (ii) एकान्ते
III. (ii) कठोराम्
IV. (ii) विशुद्धम्

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CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2

CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 are part of CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium. Here we have given CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2.

CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2

Board CBSE
Class 10
Subject Maths
Sample Paper Set Paper 2
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme, as prescribed by the CBSE, is given here. Paper 2 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

Time allowed: 3 hours
Maximum marks: 80

सामान्य निर्देश:

  • सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • इस प्रश्न-पत्र में 30 प्रश्न हैं।
  • खण्ड A में प्रश्न संख्या 1-6 प्रश्न अतिलघुत्तरीय हैं जिनमें से प्रत्येक 1 अंक का है।
  • खण्ड B में प्रश्न संख्या 7-12 प्रश्न लघुत्तरीय हैं जिनमें से प्रत्येक 2 अंक का है।
  • खण्ड C में प्रश्न संख्या 13-22 प्रश्न दीर्घ उत्तरीय-I हैं जिनमें से प्रत्येक 3 अंक का है।
  • खण्ड D में प्रश्न संख्या 23-30 प्रश्न दीर्घ उत्तरी-II हैं जिनमें से प्रत्येक 4 अंक का है।

SECTION A

प्रश्न संख्या 1 से 6 तक प्रत्येक प्रश्न का 1 अंक है।

Question 1.
बहुपद p(x) = (k2 – 14) x2 – 2x – 12 के शून्यकों का योग 1 है, तो k का मान ज्ञात कीजिए।

Question 2.
यदि AB = 4 cm, BC = 3.5 cm, CA = 2.5 cm तथा DF = 7.5 cm तथा ΔABC ~ ΔDEF है। ΔDEF का परिमाप ज्ञात कीजिए।

Question 3.
यदि tan α = √3 तथा tan β = \(\frac { 1 }{ \surd 3 }\), 0 < α, β < 90° है तो cot (α + β) का मान ज्ञात कीजिए।

Question 4.
यदि sin θ – cos θ = 0 है, तो sin4θ + cos4θ का मान ज्ञात कीजिए।

Question 5.
एक ठोस अर्द्धगोले का आयतन तथा पृष्ठीय क्षेत्रफल संख्यात्मक रूप में बराबर है। अर्द्धगोले का व्यास ज्ञात कीजिए।

Question 6.
संख्याओं -3, -2, -1, 0, 1, 2, 3 में से यादृच्छया एक संख्या को चुना गया। इस संख्या का वर्ग 1 या 1 से कम होने की प्रायिकता क्या होगी?

SECTION B

प्रश्न संख्या 7 से 12 तक प्रत्येक प्रश्न का 2 अंक है।

Question 7.
आकृति में, ∠A = 90°, AD ⊥ BC है। यदि BD = 2 cm तथा CD = 8 cm, तो AD ज्ञात करो।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q7

Question 8.
बहुपद f(x) = x4 + 2x3 – 13x2 – 12x + 21 में से क्या घटाना चाहिए, ताकि x2 – 4x + 3, ज्ञात बहुपद से पूर्णतः विभाजित हो जाए।

Question 9.
निम्नलिखित आंकड़ों का माध्य 18.75 है। P का मान ज्ञात कीजिए।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q9
अथवा
निम्नलिखित बंटन किसी फैक्ट्री के 50 श्रमिकों की दैनिक आय को दर्शाता है:
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q9.1
उपरोक्त बंटन को ‘से कम प्रकार’ की संचयी बारम्बारता में बदलिए।

Question 10.
द्विघात समीकरण √2 x2 + 7x + 5√2 = 0 के मूल ज्ञात कीजिए।

Question 11.
k का वह मान ज्ञात कीजिए जिसके लिए समीकरण x2 + k(2x + k – 1) + 2 = 0 के मूल वास्तविक तथा समान है।

Question 12.
दी गई आकृति में, किसी बाह्य बिंदु P से वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ PA तथा PB खींची गई हैं। CD एक अन्य स्पर्श रेखा है, जो वृत्त को बिंदु Q पर स्पर्श करती है। यदि PA = 12 cm तथा QC = QD = 3 cm हो, तो PC + PD का मान ज्ञात कीजिए।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q12

SECTION C

प्रश्न संख्या 13 से 22 तक प्रत्येक प्रश्न का 3 अंक है।

Question 13.
सत्यापित कीजिए कि 2, 3 तथा \(\frac { 1 }{ 2 }\) बहुपद p(x) = 2x3 – 11x2 + 17x – 6 के शून्यक हैं।
अथवा
बहुपद f(x) = x2 – 3x – 28 के शून्यक ज्ञात करो तथा उनके शून्यकों तथा गुणांको के बीच संबंध की सत्यतः की जाँच कीजिए।

Question 14.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q14

Question 15.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q15

Question 16.
आकृति में, ΔABC, बिंदु C पर एक समकोण त्रिभुज है तथा DE ⊥ AB है। सिद्ध कीजिए कि ΔABC ~ ΔADE तथा AE तथा DE की लंबाईयाँ ज्ञात करो।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q16
अथवा
ΔABC ~ ΔPQR है। BC तथा QR पर AD तथा PM क्रमशः मध्यिका है। सिद्ध कीजिए \(\frac { AB }{ PQ }\) = \(\frac { AD }{ PM }\)

Question 17.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q17

Question 18.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q18

Question 19.
5 cm आंतरिक क्रिया तथा 24 cm ऊँचाई के एक शंक्वाकार बर्तन का \(\frac { 3 }{ 4 }\) भाग पानी से भरा है। इस पानी को 10 cm आंतरिक त्रिज्या के बेलनाकार बर्तन में खाली किया जाता है। बेलनाकार बर्तन में पानी की ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

Question 20.
O केन्द्र वाले एक वृत्त पर एक बाह्य बिन्दु T से दो स्पर्श रेखाएँ TP तथा TQ खींची गई हैं। सिद्ध कीजिए। ∠PTQ = 2∠OPQ.

Question 21.
एक त्रिभुज का क्षेत्रफल 5 वर्ग इकाई है। इसके दो शीर्ष (2, 1) तथा (3, -2) हैं। यदि तीसरा शीर्ष (\(\frac { 7 }{ 2 }\) , y) है, तो y का मान ज्ञात कीजिए।

Question 22.
दो विभिन्न पासों को एक साथ फेंका गया। प्रायिकता ज्ञात कीजिए कि प्राप्त संख्याओं
(i) का योग 6 से कम हो।
(ii) का गुणनफले 16 से कम हो
(iii) का युग्म विषम संख्याओं का द्विक हो।

SECTION D

प्रश्न संख्या 23 से 30 तक प्रत्येक प्रश्न का 4 अंक है।

Question 23.
सिद्ध कीजिए कि 3 + 2√5 एक अपरिमेय संख्या है।

Question 24.
समीकरण x – y + 1 = 0 तथा 3x + 2y – 12 = 0 का ग्राफ खींचिए। इन रेखाओं तथा x-अक्ष से बने त्रिभुज के शीर्ष के निर्देशांक ज्ञात करो।
अथवा
एक आदमी 300 km की दूरी कुछ रेलगाड़ी द्वारा तथा कुछ कार द्वारा तय करता है। यदि वह 60 km रेलगाड़ी द्वारा तथा शेष कार द्वारा यात्रा करता है तो उसे 4 घंटे लगते हैं। यदि वह 100 km रेलगाड़ी से तथा शेष कार से यात्रा करे, तो उसे 10 मिनट अधिक लगते हैं। रेलगाड़ी एवं कार की क्रमशः चाल ज्ञात कीजिए।

Question 25.
निम्नलिखित आंकड़ों का माध्यक 525 है। x तथा y का मान ज्ञात करो यदि सभी बारम्बारता का योग 100 है।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q25
अथवा
दिए गए 100 विद्यार्थियों के अंकों के आंकड़ों से ‘से कम प्रकार’ का तोरण खींचिए:
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q25.1

Question 26.
त्रिकोणमिति cos 60° का मान ज्ञात करें। अत: त्रिकोणमिती cosec 60° का मान भी ज्ञात करें।
अथवा
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q26

Question 27.
सिद्ध कीजिए कि वृत्त के किसी बाह्य बिंदु से वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाइयाँ समान होती हैं।

Question 28.
एक नाव की शांत जल में चाल 15 किमी/घंटा है। यह नाव 30 किमी धारा के विपरीत दिशा में जाकर पुनः उसी जगह 4 घंटे 30 मिनट में वापस लौट आती है। धारा की चाल ज्ञात कीजिए।

Question 29.
एक झील के पानी की सतह से 60 मी ऊंचाई पर स्थित एक बिंदु से, बादल का उन्नयन कोण 30° है, तथा झील के पानी में बादल की परछाई का अवनमन कोण 60° है। बादल की झीले के पानी की सतह से ऊँचाई ज्ञात कीजिए।

Question 30.
दी गई आकृति में, दिए गए वर्ग की भुजा 28 सेमी है तथा प्रत्येक वृत्त की त्रिज्या वर्ग की भुजा की आधी है जबकि O तथा O’ वृत्तों के केन्द्र हैं। छायांकित भाग का क्षेत्रफल ज्ञात कीजिए।
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 Q30

SOLUTIONS

Solution 1.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S1

Solution 2.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S2
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S2.1

Solution 3.
tan α = √3 = tan 60°; tan β = \(\frac { 1 }{ \surd 3 }\) = tan 30°
α = 60° और β = 30°
अत: cot (α + β) = cot (60° + 30°) = cot 90° = 0

Solution 4.
sin θ – cos θ = 0
⇒ sin θ = cos θ
⇒ \(\frac { sin\theta }{ cos\theta }\) = 1
⇒ tan θ = 1
⇒ θ = 45°
अब sin4θ + cos4θ = sin4 45° + cos4 45°
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S4

Solution 5.
अर्धगोले का आयतन = अर्धगोले का पृ० क्षे० …[दिया है।]
\(\frac { 2 }{ 3 }\) πr3 = 2πr2
⇒ \(\frac { 1 }{ 3 }\) r = 1
⇒ r = 3
अर्धगोले का व्यास = 2r = 2(3) = 6 cm

Solution 6.
(-3)2 = 9; (-2)2 = 4; (-1)2 = 1; (0)2 = 0; (1)2 = 1; (2)2 = 4; (3)2 = 9
P(संख्या का वर्ग 1 या 1 से कम) = \(\frac { 3 }{ 7 }\)

Solution 7.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S7
∆ADB ~ ∆CDA …… [समकोण त्रिभुज में समकोण वाले शीर्ष से कर्ण पर डाला गया लंब बने संपूर्ण ∆ को दो बराबर समरूप त्रिभुजों में बांटता है।]
\(\frac { AD }{ CD }\) = \(\frac { BD }{ AD }\)
…[समानुपाती भुजाएं]
AD2 = BD. DC
⇒ AD2 = (2) (8) = 16 cm
⇒ AD = 4 cm

Solution 8.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S8

Solution 9.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S9

Solution 10.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S10

Solution 11.
x2 + k(2x + k – 1) + 2 = 0
x2 + 2kx + k2 – k + 2 = 0
यहाँ a = 1, b = 2k, c = k2 – k + 2
D = 0 …(वास्तविक व समान मूल]
⇒ b2 – 4ac = 0
⇒ (2k)2 – 4 x 1(k2 – k + 2) = 0
⇒ 4k2 – 4(k2 – k + 2) = 0
⇒ 4(k2 – 2 + k – 2) = 0
⇒ 4(k – 2) = 0
⇒ k – 2 = 0
⇒ k = 2

Solution 12.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S12
PA = PB = 12 cm …(i)
QC = AC = 3 cm …(ii)
QD = BD = 3 cm …(iii)
वृत्त के बाह्य बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाई समान होती हैं।
ज्ञात करना है:
PC + PD = (PA – AC) + (PB – BD) = (12 – 3) + (12 – 3) …[(i), (ii) तथा (iii) से]
= 9 + 9 = 18 cm

Solution 13.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S13
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S13.1

Solution 14.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S14

Solution 15.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S15
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S15.1

Solution 16.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S16
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S16.1

Solution 17.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S17

Solution 18.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S18
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S18.1

Solution 19.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S19

Solution 20.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S20
दिया है : एक केन्द्र O वाला वृत्त दिया गया है। जिससे बाह्य बिंदु T तथा दो स्पर्श रेखाएँ TP तथा TQ खींची गई हैं, जहाँ P तथा Q स्पर्श बिंदु हैं।
सिद्ध करना है :
∠PTQ = 2∠OPQ
माना ∠PTQ = θ
अब, TP = TQ [वृत्त के बाह्य बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाई समान होती हैं।]
अतः, TPQ एक समद्विबाहु Δ है।
∠TPQ = ∠TQP = \(\frac { 1 }{ 2 }\) (180° – θ) = 90° – \(\frac { 1 }{ 2 }\) θ
∠OPT = 90° [वृत्त की स्पर्श रेखा, स्पर्श बिंदु से जाने वाली त्रिज्या पर लंब होती है।]
अत: ∠OPQ = ∠OPT – ∠TPQ = 90° – (90° – \(\frac { 1 }{ 2 }\) θ) …[(1) से]
∠OPQ = \(\frac { 1 }{ 2 }\) θ
∠OPQ = \(\frac { 1 }{ 2 }\) ∠PTQ
∠PTQ = 2∠OPQ …(इति सिद्धम्)

Solution 21.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S21

Solution 22.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S22
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S22.1

Solution 23.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S23

Solution 24.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S24
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S24.1
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S24.2

Solution 25.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S25
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S25.1
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S25.2

Solution 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S26
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S26.1
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S26.2
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S26.3

Solution 27.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S27
दिया है: PT तथा PS वृत्त के बाह्य बिंदु P से खींची गई स्पर्श रेखाएँ।
सिद्ध करना है: PT = PS
रचना : O से P, T तथा S को मिलाया।
उपपत्ति : ΔOTP तथा ΔOSP में
OT = OS …[वृत्त की त्रिज्याएँ]
OP = OP …[उभयनिष्ठ]
∠OTP = ∠OSP ..[प्रत्येक 90°]
ΔOTP = ΔOSP …[R.H.S.]
PT = PS…[सर्वांगसम Δ के संगत कोण बराबर होते है।]

Solution 28.
माना धारा की चाल = x km/hr
नाव की स्थिर जल में चाल = 15 km/hr
तब, नाव की धारा के प्रतिकूल चाल = (15 – x) km/hr
नाव की धारा के अनुकूल चाल = (15 + x) km/hr
प्रश्नानुसार,
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Solution 29.
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S29
CBSE Sample Papers for Class 10 Maths in Hindi Medium Paper 2 S29.1

Solution 30.
भुजा = 28 cm,
त्रिज्या = \(\frac { 28 }{ 2 }\) cm = 14 cm
छायांकित भाग का क्षेत्रफल = वर्ग का क्षेत्रफल + \(\frac { 3 }{ 4 }\) (वृत्त का क्षेत्रफल) + \(\frac { 3 }{ 4 }\) (वृत्त का क्षेत्रफल)
= वर्ग का क्षेत्रफल + \(\frac { 3 }{ 2 }\) (वृत्त का क्षेत्रफल) …[वर्ग का क्षेत्रफल = (भुजा)2; वृत्त का क्षेत्रफल = πr²]
= (28)2 + \(\frac { 3 }{ 2 } \times \frac { 22 }{ 7 } \times 14\times 14\)
= 784 + 924
= 1708 cm2

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