NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 Role of the Government in Health.

पाठगत प्रश्न

1. भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि सरकार के पास इसके लिए पर्याप्त धन और सुविधाएँ नहीं हैं। क्या इस बात से आप सहमत हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-20)
उत्तर :l भारत में प्रायः यह कहा जाता है कि हम सबको सरकार स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने में असमर्थ हैं, क्योंकि उसके पास इसके लिए पर्याप्त धन है और सुविधाएँ नहीं हैं। हम इस बात से सहमत नहीं हैं, क्योंकि संसार भर में भारत में सर्वाधिक चिकित्सा महाविद्यालय है और यहाँ सबसे अधिक डॉक्टर तैयार किए जाते हैं। लगभग हर वर्ष 15,000 नए डॉक्टर योग्यता प्राप्त करते हैं, लेकिन सरकार की गलत नीतियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं में कमी हो रही है। हमारे यहाँ से काफी संख्या में डॉक्टर विदेशों में पलायन कर जाते हैं। जिससे स्वास्थ्य सेवाओं में कमी होती है।

2. रंजन को इतना अधिक पैसा क्यों खर्च करना पड़ा? कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर रंजन ने अपनी बीमारी का इलाज एक निजी अस्पताल में करवाया था, जहाँ सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध थीं। निजी अस्पताल में रंजन का कई तरह का परीक्षण किया गया, क्योंकि इन सभी परीक्षणों को करवाने के लिए डॉक्टर ने कहा था। इन सभी परीक्षणों के बाद यह पता चला कि रंजन को सिर्फ वायरल बुखार है। रंजन को कई तरह के परीक्षण की फीस, डॉक्टर की फीस तथा बेड का चार्ज के कारण अधिक पैसा खर्च करना पड़ा।

3. सरकारी अस्पताल में अमन को किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा? आपके विचार से अस्पताल कैसे बेहतर ढंग से काम कर सकता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : सरकारी अस्पताल में अमन को लम्बी कतार में खड़ा होना पड़ा। जब उसकी बारी आई तो उसे डॉक्टर ने खून की जाँच कराने के लिए कहा। इसके लिए उसे एक और लंबी लाइन में खड़े होना पड़ा जहाँ जाँच के लिए खून लिया जा रहा था, वहाँ भी बहुत भीड़-भड़क्का हो रहा था और इन सभी कार्यों के लिए काफी समय लगा। इसके बाद ओ.पी.डी. काउंटर पर भी एक लंबी लाइन में इंतजार करना पड़ा।

अस्पताल के बेहतर ढंग से काम करने के उपाय

  1. अस्पताल के प्रत्येक कर्मचारी को अलग-अलग काम सौंपा जाना चाहिए।
  2. प्रत्येक कर्मचारी के लिए समय सीमा निर्धारित किया जाना चाहिए कि वह निश्चित समय में एक । निश्चित संख्या में रोगियों की समस्या का निपटारा करें और जिस कर्मचारी एवं डॉक्टर के कार्यों में लापरवाही मिले उस पर उचित कार्रवाई की जानी चाहिए।
  3. अस्पताल की साफ़-सफ़ाई के लिए अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निगरानी करना चाहिए।

4. जब आप बीमार होते हैं, तो कहाँ जाते हैं? क्या आपको किन्हीं कठिनाइयों का सामना करना पड़ता | है? अपने अनुभवों के आधार पर एक अनुच्छेद लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : जब हम बीमार होते हैं, तो हम सरकारी अस्पताल में जाते हैं। सरकारी अस्पताल में लम्बी लाइन में खड़ा होना पड़ता है। उसके बाद सरकारी अस्पताल के विभिन्न जाँच परीक्षण केन्द्रों में जाने पर यह पता चलता है कि वहाँ के कई जाँच परीक्षण की मशीन खराब है। डॉक्टर से इलाज कराने के लिए भी लम्बा इंतजार करना पड़ता है। डॉक्टर द्वारा जो दवाइयाँ लिखी जाती हैं उनमें से कई दवाइयाँ अस्पताल में नहीं मिलतीं, उसे बाहर की दुकानों से खरीदना पड़ता है।

5. निजी चिकित्सालयों में हमें किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-24)
उत्तर : निजी चिकित्सालयों में हमें निम्न समस्याओं का सामना करना पड़ता है

  1. निजी चिकित्सालयों में इलाज कराने में अधिक पैसे खर्च करने पड़ते हैं।
  2. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई डॉक्टर ऐसे होते हैं जिनमें योग्यता की कमी होती है।
  3. गलियों या मुहल्लों में कुछ निजी चिकित्सालय के डॉक्टर एम.बी.बी.एस. नहीं होते, दूसरे शब्दों में उन्हें झोला छाप डॉक्टर कहा जाता है, जो कंपाउंटर से डॉक्टर बने होते हैं।
  4. छोटे निजी चिकित्सालयों में कई जाँच परीक्षण यंत्रों की कमी होती है। जिसके कारण बाहर से जाँच परीक्षण कराना पड़ता है।

6. किन-किन अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था’ सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : निम्न अर्थों में सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था सबके लिए उपलब्ध एक सेवा है

  1. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में अमीर-गरीब कोई भी व्यक्ति अपने रोग का इलाज करा सकता है।
  2. सार्वजनिक स्वाथ्य केंद्र में मुफ्त में इलाज और दवाइयाँ दी जाती हैं इसलिए इसमें इलाज कराना सबके लिए संभव है।
  3. सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्र में रोगी का इलाज करते समय किसी भी आधार पर भेदभाव नहीं किया जाता।
  4. सरकार ने सभी नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाएँ प्रदान करने की वचनबद्धता को पूरा करने के लिए ये । अस्पताल तथा स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं।
  5. इन सेवाओं को चलाने के लिए धन उस पैसे से आता है, जो लोग सरकार को टैक्स के रूप में देते हैं।

7. कुछ सार्वजनिक स्वास्थ्य केंद्रों अथवा अस्पतालों की सूची बनाइए, जो आपके घर के पास हैं। अपने अनुभव से अथवा उनमें से किसी एक में जाकर केन्द्र चलाने वाले लोगों को और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-25)
उत्तर : सार्वजनिक स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. गुरु तेग बहादुर अस्पताल
  2. लोकनायक जयप्रकाश अस्पताल
  3. हिन्दू राव अस्पताल
  4. राम मनोहर लोहिया अस्पताल
  5. गोविंद वल्लभ पंत अस्पताल
  6. ऑल इंडिया मेडिकल इंस्टीट्यूट
  7. सफदरजंग अस्पताल

इन सरकारी अस्पतालों की स्थिति

  1. इन सरकारी अस्पतालों को अधिकारीगण समूह के प्रबंधन द्वारा चलाए जाते हैं।
  2. इन सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों के समूह कायम हैं, जो अलग-अलग रोगों के विशेषज्ञ हैं।
  3. इन सरकारी अस्पतालों के भवन काफी विशाल हैं तथा इनमें सभी तरह की सुविधाएँ उपलब्ध करवाई। | गई हैं। इन अस्पतालों में कई जाँच परीक्षण यंत्र भी हैं।
  4. इन अस्पतालों में रोगी को मुफ़्त इलाज के साथ-साथ मुफ्त दवाइयाँ भी दी जाती हैं।

8. आपके घर के पास कौन-सी निजी स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं? उन्हें चलाने वाले लोगों और वहाँ दी जाने वाली सुविधाओं का पता लगाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-26)
उत्तर : निजी स्वास्थ्य केन्द्र जो दिल्ली में स्थित हैं

  1. अपोलो अस्पताल
  2. गंगा राम अस्पताल
  3. सेंट स्टीफेंस अस्पताल निजी अस्पतालों को निजी व्यक्ति या किसी डॉक्टर द्वारा संचालित किए जाते हैं। इनमें भी सभी तरह की सुविधाएँ दी जाती हैं। इन अस्पतालों में सेवाएँ सार्वजनिक अस्पतालों से अच्छी होती हैं। रोगियों को किसी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ता।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. इस अध्याय में आपने पढ़ा है कि स्वास्थ्य में सिर्फ बीमारी की बात नहीं की जा सकती है। संविधान से लिए गए एक अंश को यहाँ पढ़िए और अपने शब्दों में समझाइए कि ‘जीवन का स्तर’ और ‘सार्वजनिक स्वास्थ्य’ के क्या मायने होंगे। संविधान का एक महत्त्वपूर्ण हिस्सा यह कहता है कि ‘‘पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है।”
उत्तर : भारतीय संविधान के नीति निर्देशक तत्व में लोगों के कल्याण से संबंधित कई उपबंध लिखे गए हैं। जिसके तहत सरकार के लिए कई तरह के दिशा का निर्देश जारी किए गए हैं। इसी संदर्भ में नीति निर्देशक सिद्धान्त में कहा गया है कि पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने तथा लोक स्वास्थ्य का सुधार करने का राज्य का कर्तव्य है। इसलिए भारत सरकार राज्य सरकार और स्थानीय सरकार ने कई स्वास्थ्य केन्द्र का निर्माण किया है तथा पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊँचा करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए गए हैं।

2. सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार कौन-कौन से कदम उठा सकती है? चर्चा कीजिए।
उत्तर : सबके लिए स्वास्थ्य की सुविधाएँ उपलब्ध कराने के लिए सरकार निम्न कदम उठा सकती है

  1. स्वास्थ्य केन्द्रों या चिकित्सा केन्द्रों में वृद्धि करके।
  2. सरकार स्वास्थ्य की सुविधाओं में वृद्धि के लिए अपने बजट में वृद्धि करें।
  3. सरकार द्वारा प्रदूषण नियंत्रण कानून लाकर प्रदूषण में कमी लाया जा सकता है। वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक होता है।
  4. पीने के लिए स्वच्छ जल लोगों को उपलब्ध करवाकर।

10. अपने शिक्षक की सहायता से पता लगाइए कि उपरोक्त शासकीय विभाग क्या काम करते हैं और उन्हें तालिका में दिए गए रिक्त स्थानों में भरिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-39)
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 3 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 3 (Hindi Medium) 2

4. पानी और साफ़-सफाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम, की जा सकती है। उदाहरण देते हुए इस कथन को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवत्ता को सुधार कर अनेकों बीमारियों की रोकथाम निम्न प्रकार से की जा सकती है

  1. संचारणीय बीमारियाँ पानी के द्वारा एक से दूसरे को लगती हैं। इन बीमारियों में से 21% बीमारियाँ जल जनित होती हैं। जैसे-हैजा, पेट के कीड़े और हैपेटाइटिस।।
  2. साफ़-सफ़ाई की कमी एवं प्रदूषण के कारण भी अनेक बीमारियाँ फैलती हैं; जैसे- भारत में ही लगभग | 5 लाख व्यक्ति प्रतिवर्ष तपेदिक (टी.बी.) से मर जाते हैं। डेंगू, मलेरिया आदि अनेकों बीमारियाँ साफ़-सफ़ाई की कमी से होती है।
    उपरोक्त तथ्यों से स्पष्ट है कि पानी और साफ़-सफ़ाई की गुणवता में सुधार करके अनेकों बीमारियों की रोकथाम संभव है।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 2 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 Environment.

पाठगत प्रश्न

1. अपने आस-पास के स्थल को देखिए और आपके पड़ोस में भूमि का उपयोग किस-किस प्रकार हो रहा ? उसकी सूची बनाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर

  • खेती
  • सड़कें
  • औद्योगिक क्षेत्र
  • दुकानें
  • इंस्टीट्यूट
  • रेजीडेंटीयल बिल्डिग इत्यादि।

2. अपने घर एवं स्कूल में आप जो पानी उपयोग करते हैं, वह कहाँ से आता है? हमारे दैनिक जीवन में पानी के विभिन्न उपयोगों की सूची बनाएँ। क्या आपने किसी को पानी व्यर्थ करते देखा है? कैसे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर हम जो पानी अपने घर एवं स्कूल में उपयोग करते हैं, वह दिल्ली जल बोर्ड से आता है।

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium) 1

हाँ, मैंने ऐसे बहुत से लोगों को देखा है जो कि विभिन्न प्रकारों से जल को बर्बाद करते हैं। वे जब तक अपने दाँतों में ब्रश करते हैं तब तक नल को खुला रखते हैं। मैंने बहुत-सी पानी की टंकी भर जाने के बाद पानी छतों से बहता देखा है। प्रत्येक दिन मैंने देखा है कि बहुत से लोग अपनी कार धोते हैं और सड़क को भी जो उनके घर के सामने की होती है। सड़क के किनारे लगे नल से पानी बहता रहता है, लेकिन कोई बंद नहीं करता है।

3. स्कूल जाते समय आसमान को देखें। ध्यान दें कि दिन कैसा है? वर्षा हो रही है, आसमान में बादल हैं, तेज़ धूप है या कोहरा इत्यादि? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर दिन बदली वाला है। यह तो बहुत अच्छा–काले बादल छाकर वर्षा के आने की सूचना देते हैं। अब मौसम ठंडा और आरामदायक है, क्योंकि तापमान में गिरावट आई है।

4. अपने पड़ोस के किसी बुजुर्ग व्यक्ति से बात करें और निम्न जानकारी प्राप्त करें

  1. जब वे आपकी उम्र के थे, तब उनके आस-पास कैसे पेड़ थे?
  2. उस समय के घर के अंदर खेले जाने वाले खेल।
  3. उस समय उनका पसंदीदा फल।
  4. गर्मी एवं सर्दी का मौसम वे कैसे बिताते थे?

प्राप्त जानकारी को दीवार/बुलेटिन बोर्ड पर प्रदर्शित करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-3)
उत्तर

  1. आम, अमरूद, पपीता, लीची, अनार इत्यादि के पेड़।
  2. लूडो, शतरंज और कैरमबोर्ड।
  3. गर्मियों के समय वे केले के पेड़ों की घने छाया में बैठते थे।
  4. गर्मियों के समय वे केले के पेड़ों की घनी छाया में बैठते थे। जाड़े के समय में आग के पास बैठकर समय बिताते थे। वे धूप में बैठकर सूर्य की गर्मी भी लेते थे।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) पारितंत्र क्या है?
उत्तर वह तंत्र जिसमें समस्त जीवधारी आपस में एक-दूसरे के साथ तथा पर्यावरण के उन भौतिक एवं रासायनिक कारकों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं, जिसमें वे निवास करते हैं पारितंत्र कहलाता है। ये सब ऊर्जा और पदार्थ के स्थानान्तरण द्वारा संबद्ध हैं।

(ख) प्राकृतिक पर्यावरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर भूमि, जल, वायु, पेड़-पौधे एवं जीव-जंतु मिलकर प्राकृतिक पर्यावरण बनाते हैं। दूसरे शब्दों में पृथ्वी पर उपस्थित उन समस्त जैविक और अजैविक तत्त्वों का योग प्राकृतिक पर्यावरण कहलाता है।

(ग) पर्यावरण के प्रमुख घटक कौन-कौन से हैं?
उत्तर
पर्यावरण के प्रमुख घटक –

  1. प्राकृतिक घटक, खनिज, भूमि, पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जल, वायु आदि।
  2. मानव-निर्मित घटक-यातायात के साधन, संचार के साधन, उद्योग, पार्क आदि।

(घ) मानव-निर्मित पर्यावरण के चार उदाहरण दीजिए।
उत्तर मानव-निर्मित पर्यावरण के उदाहरण-यातायात के साधन, संचार के साधन, उद्योग, पार्क आदि।

(च) स्थलमंडल क्या है?
उत्तर पृथ्वी की ठोस पर्पटी या कठोर ऊपरी परत को स्थलमंडल कहते हैं। यह चट्टानों एवं खनिजों से बना होता है एवं मिट्टी की पतली परत से ढंका होता है। यह पहाड़, पठार, मैदान, घाटी आदि जैसी विभिन्न स्थलाकृतियों वाला विषम धरातल होता है। ये स्थलाकृतियाँ महाद्वीपों के अलावा महासागर की सतह पर भी पाई जाती हैं।
स्थलमंडल वह क्षेत्र है, जो हमें वन, कृषि एवं मानव बस्तियों के लिए भूमि, पशुओं को चरने के लिए घासस्थल प्रदान करता है। यह खनिज संपदा का भी एक स्रोत है।

(छ) जीवीय पर्यावरण के दो प्रमुख घटक क्या हैं?
उत्तर
जीवीय पर्यावरण के दो घटक–

  1. पेड़-पौधे
  2. पशु-पक्षी।

(ज) जैवमंडल क्या है?
उत्तर पादप एवं जीव-जंतु मिलकर सजीव संसार का निर्माण करते हैं, जिसे जीवमंडल कहते हैं। यह पृथ्वी का वह संकीर्ण क्षेत्र है, जहाँ स्थल, जल एवं वायु मिलकर जीवन को संभव बनाते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) इनमें से कौन-सा प्राकृतिक पारितंत्र नहीं है?

  1. मरुस्थल
  2. ताल
  3. वन

उत्तर 3. ताल

(ख) इनमें से कौन-सा मानवीय पर्यावरण की घटक नहीं है?

  1. स्थल
  2. धर्म
  3. समुदाय

उत्तर 1. स्थल

(ग) इनमें से कौन-सा मानव-निर्मित पर्यावरण है?

  1. पहाड़
  2. समुद्र
  3. सड़क

उत्तर 1. सड़क

(घ) इनमें से कौन-सा पर्यावरण के लिए खतरा है?

  1. पादप-वृद्धि
  2. जनसंख्या वृद्धि
  3. फसल वृद्धि

उत्तर 2. जनसंख्या वृद्धि

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए


NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium) 2

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium) 3

4. कारण बताइए

(क) मानव अपने पर्यावरण में परिवर्तन करता है।
उत्तर मानव अपने पर्यावरण के साथ पारस्परिक क्रिया करता है और उसमें अपनी आवश्यकता के अनुसार परिवर्तन करता है। वह अपनी आवश्यकता के लिए फसल उगाता है, पशुओं को पालता है, वस्तुओं को निर्मित करने के उद्योगों की स्थापना करता है। आवागमन के लिए यातायात के साधनों का निर्माण करता है। नदियों पर बाँध बनाकर बाढ़ पर नियंत्रण और सिंचाई का प्रबंध करता है। ये सभी मनुष्य को पर्यावरण से प्राप्त नहीं होता, बल्कि वह पर्यावरण में बदलाव करके प्राप्त करता है।

(ख) पौधे एवं जीव-जंतु एक-दूसरे पर आश्रित हैं।
उत्तर सभी पेड़-पौधे, जीव-जन्तु एवं मानव अपने आस-पास के पर्यावरण पर आश्रित होते हैं। प्रायः वे एक-दूसरे पर भी आश्रित हैं। जीवधारियों का आपसी एवं अपने आस-पास के पर्यावरण के बीच का संबंध ही पारितंत्र का निर्माण करता है। अधिक वर्षा वाले वन, घासस्थल, रेगिस्तान, पर्वत, झील, नदी, महासागर एवं छोटे से ताल का भी एक पारितंत्र हो सकता है।

5. क्रियाकलाप-एक आदर्श पर्यावरण की कल्पना कीजिए, जिसमें आप रहना चाहेंगे। अपने इस आदर्श पर्यावरण का चित्र बनाइए।
उत्तर
एक आदर्श पर्यावरण

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 (Hindi Medium) 4

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 Struggle for Equality (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 Struggle for Equality.

पाठगत प्रश्न

1. ‘मताधिकार की ताकत’ से आप क्या समझते हैं? इस पर आपस में विचार कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-115)
उत्तर : भारत के संविधान में भारत के सभी नागरिकों को जो वयस्क हैं या 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र के हैं, उन्हें एक गुप्त मत देने का अधिकार है। भारत के प्रत्येक नागरिक अपने मताधिकार का प्रयोग करके अपने प्रतिनिधि का चुनाव करते हैं और कई चुने हुए प्रतिनिधि मिलकर ही सरकार का गठन करते हैं। नागरिकों के मताधिकार के कारण ही भारतीय लोकतंत्र की सर्वोच्च शक्ति जनता में निहित है।

2. क्या आप अपने परिवार, समुदाय, गाँव या शहर में किसी ऐसे व्यक्ति के बारे में सोच सकते हैं, जिनका आप इसलिए सम्मान करते हैं, क्योंकि उन्होंने न्याय और समानता के लिए लड़ाई लड़ी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-116)
उत्तर : हम अपने गाँव के ग्राम प्रधान उदय नारायण सिंह के बारे में जानते हैं। जो शिवनगर ग्राम पंचायत के ग्राम प्रधान के साथ-साथ एक समाज सेवी भी हैं। कई बार ग्राम पंचायत में एक जाति के लोग दूसरे जाति के साथ अन्याय और असमानता का व्यवहार करते थे तो वे अन्याय करने वाले व्यक्ति को समझाते थे। लोग उनका सम्मान करते हैं, इसलिए उनकी बातों को जल्द मान लेते हैं। इस तरह से उनके प्रयास के कारण ग्राम पंचायत के लोगों में सौहार्द का वातावरण उत्पन्न हुआ है।

3. ‘तवा मत्स्य संघ’ के संघर्ष का मुद्दा क्या था? ( एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : तवा मत्स्य संघ के संघर्ष का मुद्दा : संघ ने सरकार से माँग की कि लोगों के जीवन-निर्वाह के लिए बाँध में मछलियाँ पकड़ने के काम को जारी रखने की अनुमति दी जाए, जो कि 1994 से तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया गया था।

4. गाँव वालों ने यह संगठन बनाने की जरूरत क्यों महसूस की? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : 1994 में सरकार ने तवा बाँध के क्षेत्र में मछली पकड़ने का काम निजी ठेकेदारों को सौंप दिया। इन ठेकेदारों ने स्थानीय लोगों को काम से अलग कर दिया और बाहरी क्षेत्र से सस्ते श्रमिकों को ले आए। ठेकेदारों ने गुंडे बुलाकर गाँव वालों को धमकियाँ देना भी आरंभ कर दिया, क्योंकि लोग वहाँ से हटने को तैयार नहीं थे। गाँव वालों ने एकजुट होकर तय किया कि अपने अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ने और संगठन बनाकर सामने खड़े होने का वक्त आ गया है। इस तरह ‘तवा मत्स्य संघ’ नाम के संगठन को बनाया गया।

5. क्या आप सोचते हैं कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी? इस संबंध में दो पंक्तियाँ लिखिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-118)
उत्तर : यह बात सही है कि ‘तवा मत्स्य संघ’ की सफलता का कारण था, ग्रामीणों की बड़ी संख्या में भागीदारी। ग्रामीणों ने सरकार पर दबाव बनाने के लिए एकजुटता का परिचय दिया। ग्रामीण लोगों ने चक्का जाम अभियान शुरू किया। उनके प्रतिरोध को देखकर सरकार ने पूरे मामले की समीक्षा के लिए एक समिति गठित की। । समिति ने गाँव वालों के जीवनयापन के लिए उनको मछली पकड़ने का अधिकार देने की अनुशंसा की।

6. समानता के लिए लोगों के संघर्ष में हमारे संविधान की क्या भूमिका हो सकती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-121)
उत्तर : संविधान भी भारत के सभी नागरिकों को एक समान मानता है। संविधान जाति, धर्म, भाषा, क्षेत्र, लिंग के आधार पर किसी से भेदभाव नहीं करता। इसलिए तब लोग समानता के लिए संघर्ष करते हैं, संवैधानिक कानून उनके पक्ष में होता है। जब भी समानता के लिए संघर्ष का मामला न्यायालय में जाता है। न्यायालय संविधान को ध्यान में रखते हुए फैसला संघर्ष करने वालों के पक्ष में देता है। इसलिए समानता के लिए लोगों के संघर्ष में संविधान की महत्त्वपूर्ण भूमिका होती है।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 10 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 On Equality (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 On Equality.

पाठगत प्रश्न

1. आपके विचार से समानता के बारे में शंका करने के लिए कांता के पास क्या पर्याप्त कारण हैं? उपरोक्त कहानी के आधार पर उसके ऐसा सोचने के तीन कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-6)
उत्तर : कांता के समानता के बारे में शंका करने के तीन कारण

  1. कांता एक झोपड़पट्टी में रहती है और उसके घर के पीछे एक नाला है। यह एक आर्थिक विषमता | का सूचक है।
  2. उसे अपने काम में एक भी छुट्टी नहीं मिलती जबकि निगमित उद्यम में काम करने वाले लोगों को कई-कई छुट्टियाँ मिलती हैं।
  3. उसे अपने बच्चों का इलाज कराने के लिए सरकारी अस्पताल में लंबी लाइन लगानी पड़ती है। जबकि सम्पन्न लोग निजी अस्पतालों में अपने बच्चों का इलाज कराते हैं जिसमें उन्हें लंबी लाइन नहीं लगानी पड़ती है।

2. आपके विचार से ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ उसके शिक्षक और सहपाठियों ने असमानता का व्यवहार क्यों किया था? अपने-आपको ओमप्रकाश वाल्मीकि की जगह रखते हुए चार पंक्तियाँ लिखिए कि उक्त स्थिति में आप कैसा अनुभव करते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8)
उत्तर: हमारे समाज में सामाजिक असमानता और आर्थिक असमानता कायम है। सामाजिक असमानता के तहत जातीय आधार पर भेदभाव किए जाते हैं। इसी आधार पर ओमप्रकाश बाल्मीकि के साथ उसके शिक्षक और सहपाठी ने असमानता का व्यवहार किया।

अगर हम ओमप्रकाश वाल्मीकि की जगह होते तो हमें निम्न तरह का अनुभव होता

  1. सामाजिक व्यवस्था के खिलाफ असंतोष पैदा होता।
  2. जातीय आधार पर भेदभाव को भी गलत मानते।
  3. अपने आपको सम्मानित महसूस नहीं करते।
  4. हमारे मन में कुंठा और ग्लानि उत्पन्न होती।

3. आपके विचार से अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार क्यों किया जा रहा था? यदि आप अंसारी दंपति की जगह होते और आपको रहने के लिए इस कारण जगह न मिलती क्योंकि कुछ पड़ोसी आपके धर्म के कारण आपके पास नहीं रहना चाहते, तो आप क्या करते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-8)
उत्तर: हमारे देश में कई तरह की विविधता है। इन विविधताओं में जाति, भाषा, धर्म, लिंग, क्षेत्र और संस्कृति प्रमुख है। इन विविधताओं के कारण देश में कुछ लोग एक-दूसरे से भेदभाव करते हैं। इस भेदभाव का मुख्य कारण संकीर्ण मानसिकता और शिक्षा का अभाव है। यदि हम अंसारी दंपति की जगह होते और हमें रहने के लिए इस कारण जगह नहीं मिलती, क्योंकि कुछ पड़ोसी हमारे धर्म के कारण हमारे पास नहीं रहना चाहते हैं तो हम निम्न गतिविधि को करते

  1. अपने पड़ोसी को समझाने का प्रयास करते।
  2. अपने मकान मालिक को उनके अनुकूल रहने का भरोसा दिलाते।
  3. हम अपने अच्छे विचारों को उनके सामने रखते।

4. यदि आप अंसारी परिवार के एक सदस्य होते, तो प्रॉपर्टी डीलर के नाम बदलने के सुझाव का उत्तर किस प्रकार देते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-9)
उत्तर: यदि हम अंसारी परिवार के एक सदस्य होते तो प्रॉपर्टी डीलर के नाम बदलने के सुझाव का उत्तर निम्न प्रकार से देते

  1. प्रॉपर्टी डीलर को यह बतलाते कि हम अपना नाम बदल सकते हैं, लेकिन मिलने वाले रिश्तेदारों का नाम कैसे बदलेंगे।
  2. नाम बदलने के बाद अपने मजहब के पर्व त्यौहार, नमाज पढ़ना और रीति-रिवाजों को कैसे छोड़ सकते हैं।
  3. नाम बदलने से हमेशा जो मन में डर बना रहेगा कि कहीं मकान मालिक और पड़ोसी को हमारे धर्म
    के बारे में पता न चल जाए।

5. क्या आपको अपने जीवन की कोई ऐसी घटना याद है, जब आपकी गरिमा को चोट पहुँची हो? आपको उस समय कैसा महसूस हुआ था? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-9)
उत्तर :भारत में कई आधारों पर लोगों की गरिमा को चोट पहुँचाई जाती है। दिल्ली जैसे शहर में पूर्वांचल से (बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड) आने वाले लोगों को बिहारी कहकर संबोधित किया जाता है। यह संबोधन व्यंग्य का प्रतीक है। यह शब्द बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, झारखंड के लोगों के लिए ही संबोधन नहीं किया जाता बल्कि दिल्ली में भी किसी व्यक्ति को अपमानित करना होता है तो उसे बिहारी शब्द से संबोधित करके अपमानित करते हैं। ऐसी स्थिति में मुझे यह महसूस होता है कि भारतीयों में सबसे बड़ी कमी यही है कि वे अपनी कमी को नहीं देखते बल्कि दूसरे की कमी को देखकर व्यंग्य करते हैं। यही कारण है कि हमारे देश के पास पर्याप्त संसाधन हैं, लेकिन हम पिछड़े हुए हैं।

6. मध्याह्न भोजन कार्यक्रम क्या है? क्या आप इस कार्यक्रम के तीन लाभ बता सकते हैं? आपके विचार से यह कार्यक्रम किस प्रकार समानता की भावना बढ़ा सकता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-11)
उत्तर : मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के अंतर्गत सभी सरकारी प्राथमिक स्कूलों के बच्चों को दोपहर का भोजन स्कूल द्वारा दिया जाता है। यह योजना भारत में सर्वप्रथम तमिलनाडु राज्य में प्रारंभ की गई और 2001 में उच्चतम न्यायालय ने सभी राज्य सरकारों को इसे अपने स्कूलों में छह माह के अंदर आरंभ करने के निर्देश दिए।

मध्याह्न भोजन कार्यक्रम के तीन लाभ

  1. दोपहर का भोजन मिलने के कारण गरीब बच्चों ने अधिक संख्या में स्कूल में प्रवेश लेना और नियमित रूप से स्कूल जाना शुरू कर दिया।
  2. इस कार्यक्रम के पहले बच्चे खाना खाने घर जाते थे और फिर वापस स्कूल लौटते ही नहीं थे, परंतु इस कार्यक्रम के बाद उनकी दोपहर की उपस्थिति में सुधार आया है।
  3. वे माताएँ जिन्हें पहले अपना काम छोड़कर दोपहर को बच्चों को खाना खिलाने के लिए घर पर आना पडता था, अब उन्हें ऐसा नहीं करना पड़ता है।

7. अपने क्षेत्र में लागू की गई किसी एक सरकारी योजना के बारे में पता लगाइए। इस योजना में क्या किया जाता है। यह किसके लाभ के लिए बनाई गई है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-11)
उत्तर : हमारे क्षेत्र दिल्ली में सरकार द्वारा छात्रों को स्कूल ड्रेस के लिए पैसे दिए जाते हैं। यह रकम कक्षा के अनुसार अलग-अलग दिए जाते हैं। बिहार राज्य में स्कूल ड्रेस के लिए और साइकिल के लिए छात्राओं को पैसे दिए जाते हैं। दिल्ली में लाडली योजना के तहत लड़कियों की शादी के लिए कुछ रकम दी जाती है। इस योजना द्वारा दिए जाने वाली अधिकतम राशि एक लाख रुपये है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश सरकार ने भी लड़कियों के लिए योजना लागू की है। इन राज्यों के अतिरिक्त भी कई राज्यों में विभिन्न योजनाएँ लागू की गई हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्त्वपूर्ण है?
उत्तर : लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का महत्त्व

  1. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार भारत के सभी नागरिकों को प्राप्त है।
  2. ‘सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार का विचार’ समानता के विचार पर आधारित है, क्योंकि यह घोषित करता है कि देश का प्रत्येक वयस्क स्त्री/पुरुष चाहे उसका आर्थिक स्तर या जाति कुछ भी क्यों न हो, एक वोट का हकदार है।
  3. सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार के माध्यम से भारत का प्रत्येक नागरिक अपने प्रतिनिधियों का चुनाव स्वयं करता है।

2. बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद 15 के अंश को पुनः पढ़िए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर : अनुच्छेद 15 के द्वारा असमानता को दूर करने के तरीके

  1. राज्य किसी नागरिक के विरुद्ध केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई भेद नहीं करेगा।
  2.  कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर किसी व्यक्ति को दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश करने से वंचित नहीं कर सकता। पूर्णतः अंशतः राज्य निधि से निर्मित कुँओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग पर प्रतिबंध नहीं लगा सकता।

3. ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर ओमप्रकाश वाल्मीकि और अंसारी दंपति का अनुभव निम्न रूप से समान था

  1. ओमप्रकाश वाल्मीकि को समाज के अन्य उच्च वर्गों के छात्रों से अलग फर्श पर बैठना पड़ता था और शिक्षकों के द्वारा भी उससे झाड़ लगवाया जाता था, उसी तरह से अंसारी दंपति को भी लोग अपने मकान में कमरा नहीं देना चाहते थे।
  2. ओमप्रकाश वाल्मीकि के साथ असमानता का व्यवहार जातिगत कारणों से किया गया था, जबकि अंसारी दंपति के साथ असमानता का व्यवहार धार्मिक कारणों से किया गया था।

4. “कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं”-इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्त्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर : कानून के समक्ष सभी व्यक्ति बराबर है इससे तात्पर्य है कि

  1. कानून के समक्ष सभी व्यक्ति समान हैं चाहे वह भारत का सबसे बड़ा पद राष्ट्रपति का हो या एक सामान्य नागरिक। सभी को एक तरह के अपराध के लिए एक ही तरह के दंड देने का प्रावधान है।
  2. कानून किसी भी व्यक्ति के साथ उसके धर्म, जाति, लिंग, वंश, क्षेत्र के आधार पर भेदभाव नहीं करता। कानून के समक्ष भारत के सभी नागरिक एक समान हैं। हमारे विचार से कानून के समक्ष समानता से लोगों में यह संदेश जाता है कि देश में किसी के साथ भेदभाव नहीं हो रहा है और हम कानून के समक्ष सामान्य जनता का भी वही महत्त्व है, जो एक बड़े पद पर बैठे व्यक्ति का। इससे लोकतंत्र काफी मजबूत होता है।

5. भारत सरकार ने 1995 में विकलांगता अधिनियम स्वीकृत किया था। यह कानून कहता है कि विकलांग व्यक्तियों को भी समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें निःशुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूल की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे-भवन, स्कूल आदि में ढलान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 (Hindi Medium) 1

चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में विकलांगता का कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर :

  1. उपरोक्त चित्र में विकलांगता कानून का पालन नहीं किया जा रहा है, क्योंकि भवन में ढलान नहीं बना हुआ है इसलिए बच्चे को सीढ़ियों के माध्यम से लाया जा रहा है।
  2. विकलांग व्यक्ति के लिए आसानी से भवन में आने-जाने के लिए सीढ़ियों के स्थान पर ढलान का निर्माण किया जाना चाहिए।
  3. उसे सीढ़ियों से उठाकर लाने-ले जाने से उसके आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है। वह अपने को अक्षम मानने लगता है, जिससे उसका आत्मबल कमजोर होगा। उसे बार-बार सीढ़ियों से चढ़ाने और उतारने से दुर्घटना हो सकती है जिससे उसे शारीरिक चोट पहुँच सकती है।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 1 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 A Shirt in the Market.

पाठगत प्रश्न

1. क्या स्वप्ना को रूई का उचित मूल्य प्राप्त हुआ? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : स्वप्नों को रूई का उचित मूल्य प्राप्त नहीं हुआ क्योंकि स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। व्यापारी ने स्वप्ना को 1500 रुपये प्रति क्विटल के हिसाब से रूई के 6000 रुपये दिए, जबकि रूई का बाजार भाव 1800 रुपये किंवटल था।

2. व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य क्यों दिया? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर क्योंकि स्वप्ना ने व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज लिया था। व्यापारी ने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी। अतः स्वप्ना को रूई व्यापारी को ही बेचना पड़ा। इसलिए व्यापारी ने स्वप्ना को कम मूल्य दिया। |

3. आपके विचार से बड़े किसान अपनी रूई कहाँ बेचेंगे? उनकी स्थिति किस प्रकार स्वप्ना से भिन्न (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-105)
उत्तर : हमारे विचार से बड़े किसान अपनी रूई मंडी में जाकर अधिक दाम में बेचेंगे। वे मंडी में किसी भी व्यापारी । को रूई बेचने के लिए स्वतंत्र हैं, जबकि स्वप्ना कर्ज लेने वाले व्यापारी को ही रूई बेच सकती थी।

4. इरोड के कपड़ा बाजार में निम्नलिखित लोग क्या काम कर रहे हैं-व्यापारी, बुनकर, निर्यातक? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : इरोड के कपड़ा बाज़ार में व्यापारी का कार्य-इरोड के कपड़ा बाजार में कई प्रकार का कपड़ा बेचा जाता है। आस-पास के गाँवों से बुनकर द्वारा बनाया गया कपड़ा भी इस बाज़ार में बिकने के लिए आता है। बाज़ार के पास कपड़ा व्यापारियों के कार्यालय हैं, जो इस कपड़े को खरीदते हैं। दक्षिणी भारत के शहरों के अन्य व्यापारी भी इस बाजार में कपड़ा खरीदने आते हैं। बुनकर-बाजार के दिनों में बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ा बनाकर यहाँ लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। निर्यातक का कार्य-इरोड का व्यापारी, बुनकरों द्वारा निर्मित कपड़ा दिल्ली के पास बने-बनाए वस्त्र निर्यात करने वाले एक कारखाने को भेजता है। वस्त्र निर्यात करने वाली फैक्टरी इसका उपयोग कमीजें बनाने के लिए करती है। ये कमीनें विदेशी खरीददारों को निर्यात की जाती हैं।

5. बुनकर, व्यापारियों पर किस-किस तरह से निर्भर हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-107)
उत्तर : बुनकर व्यापारियों के ऑर्डर के अनुसार कपड़ी बनाकर लाते हैं। बुनकर व्यापारी से सूत लेते हैं और तैयार कपड़ा देते हैं। बुनकर व्यापारियों से ऊँचे ब्याज दर पर ऋण लेकर करघे खरीदते हैं। एक करघे का मूल्य 20,000 रुपये हैं।

6. यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है। क्या यह संभव है? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : यदि बुनकर खुद सूत खरीदकर बने हुए कपड़े बेचते हैं, तो उन्हें तीन गुना ज्यादा कमाई होती है लेकिन यह संभव नहीं है, क्योंकि बुनकरों को कच्चा माल व्यापारियों से प्राप्त होता है और बेचने के लिए भी व्यापारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। बुनकरों के पास यह जानने का कोई साधन नहीं है कि वे किसके लिए कपड़ा बना रहे हैं और वह किस कीमत पर बेचा जाएगा।

7. क्या इसी तरह की दादन व्यवस्था पापड़, बीड़ी और मसाले बनाने में भी देखने को मिलती है? अपने इलाके से इस संबंध में जानकारी इकट्ठी कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : दादन व्यवस्था में जहाँ व्यापारी कच्चा माल देता है और तैयार माल प्राप्त करता है। हमारे इलाके में भी इस तरह की व्यवस्था देखने को मिलती है। पापड़ के लिए आलू एवं अन्य सामान, बीड़ी के लिए बीड़ी पत्ता और धागा, मसालों के लिए हल्दी, धनियाँ, काली मिर्च, जीरा, सोंठ एवं अन्य गर्म मसाले कारीगर को दे दिए जाते हैं। वे पापड, बीडी और मसालें बनाकर व्यापारी को दे देते हैं।

8. आपने अपने इलाके में सहकारी संस्थाओं के बारे में सुना होगा, जैसे-दूध, किराना, धान आदि के व्यवसाय में। पता लगाइए कि ये किसके लाभ के लिए स्थापित की गई थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-108)
उत्तर : हमारे इलाके में कई दूधियों ने मिलकर दूध की एक सहकारी संस्था बनाई है और इस संस्था से दूध सरकार द्वारा स्थापित डेयरी द्वारा खरीदा जाता है। इसी तरह से कई किसान भाई मिलकर किराना और धान को एकत्रित | करते हैं और ये किराना और धान को किसी वाहन पर लादकर सरकार द्वारा स्थापित बाजार समिति में ले जाकर बेचते हैं।

9. विदेशों में खरीदार वस्त्र निर्यात करने वालों से क्या-क्या अपेक्षाएँ रखते हैं? वस्त्र निर्यातक इन शर्तो को क्यों स्वीकार कर लेते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : कमीजों के विदेशी ग्राहकों में अमेरिका और यूरोप के ऐसे व्यवसायी भी हैं, जो स्टोर्स की श्रृंखला चलाते हैं। ये बड़े-बड़े स्टोर्स के स्वामी केवल अपनी शर्तों पर ही व्यापार करते हैं। वे माल देने वालों से न्यूनतम मूल्य पर माल खरीदने की माँग करते हैं। साथ ही वे सामान की उच्चतम स्तर की गुणवत्ता और समय पर सामान देने की शर्त भी रखते हैं। सामान ज़रा सा भी दोषयुक्त होने पर या माल देने में जरा भी विलंब होने । पर वे बड़ा सख्त ऐतराज करते हैं। इसलिए निर्यातक इन शक्तिशाली ग्राहकों द्वारा निश्चित की गई शर्तों को भरसक पूरा करने की कोशिश करते हैं।

10. वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को किस प्रकार पूरा करते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-109)
उत्तर : वस्त्र निर्यातक विदेशी खरीदारों की शर्तों को निम्न प्रकार से पूरा करते हैं

  1. निर्यातक विदेशी खरीदारों को न्यूनतम कीमत पर वस्त्र उपलब्ध कराते हैं।
  2. निर्यातक वस्त्रों की उच्च गुणवत्ता पर अधिक ध्यान देते हैं।
  3. वस्त्रों को एक निश्चित अवधि में विदेशी खरीदारों के पास निर्यात कर दिया जाता है।

11. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर क्यों रखा गया होगा? चर्चा कीजिए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-110)
उत्तर : इम्पेक्स गारमेंट फैक्टरी में अधिक संख्या में महिलाओं को काम पर रखने के कारण

  1. इम्पेक्स गार्मेंट फैक्टरी में अधिकांश कर्मचारी अस्थायी हैं और महिलाओं को जब भी फैक्टरी में जरूरत होती है, काम के लिए बुला लिया जाता है।
  2. स्त्रियों को दर्जी के सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टाँकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है।

12. व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा कमा पाता है। इसका क्या कारण है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-111)
उत्तर : व्यवसायी बाज़ार में ऊँचा मुनाफा निम्न कारणों से कमा पाते हैं

  1. व्यवसायी मजदूरों से न्यूनतम मजदूरी पर काम करवाते हैं।
  2. व्यवसायी बुनकरों से कम कीमत पर कपड़े खरीदते हैं।
  3. व्यवसायी वस्त्र निर्यात करने वाले कारखाने के खर्चे में कटौती करने का प्रयत्न करते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई-बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को क्यों बेच दी?
उत्तर : स्वप्ना ने अपनी रूई कुर्नूल के रूई बाज़ार में न बेचकर व्यापारी को निम्न कारणों से बेच दी स्वप्ना ने एक व्यापारी से ऊँची ब्याज दर पर 2500 रुपये कर्ज पर लिए थे। उस समय स्थानीय व्यापारी ने स्वप्ना को एक शर्त मानने के लिए सहमत कर लिया था। उसने स्वप्ना से वादा करवा लिया था कि वह अपनी सारी रूई उसे ही बेचेगी।

2. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मज़दूरी का वर्णन कीजिए। क्या आप सोचते हैं कि मजदूरों के साथ न्याय होता है?
उत्तर : वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मजदूरों के काम के हालात और उन्हें दी जाने वाली मजदूरी

  1. वस्त्र निर्यातक कारखाने में काम करने वाले मज़दूर अस्थायी कर्मचारी हैं। अर्थात् जब भी फैक्टरी | मालिक को लगे कि कामगार की आवश्यकता नहीं है, वह उसे जाने को कह सकता है।
  2. कामगारों की मज़दूरी उनके कार्य कुशलता के अनुसार तय की जाती है। काम करने वालों में अधिकतम वेतन दर्जी को मिलता है, जो लगभग 3000 रुपये प्रतिमाह होता है।
  3. स्त्रियों को सहायक के रूप में धागे काटने, बटन टॉकने, इस्तरी करने और पैकिंग करने के लिए काम | पर रखा जाता है। इन कामों के लिए न्यूनतम मजदूरी दी जाती है। कमीज़ की इस्तरी करने की मज़दूरी 1 रुपये 50 पैसे, कमीज़ की जाँच करने वाले की मज़दूरी 2000 रुपये महीना है, धागे काटने व बटन लगाने वाले का वेतन 1500 रुपये महीना है।

3. ऐसी किसी चीज़ के बारे में सोचिए, जिसे हम सब इस्तेमाल करते हैं। वह चीनी, चाय, दूध, पेन, कागज़, पेंसिल आदि कुछ भी हो सकती है। चर्चा कीजिए कि यह वस्तु बाजारों की किस श्रृंखला से होती हुई, आप तक पहुँचती है। क्या आप उन सब लोगों के बारे में सोच सकते हैं, जिन्होंने इस वस्तु के उत्पादन व व्यापार में मदद की होगी?
उत्तर : जिसे हम इस्तेमाल करते हैं वह उत्पादक द्वारा निर्मित होने के बाद या उससे पहले, कई प्रक्रियाओं से गुजरता हुआ हमारे पास पहुँचता हैचीनी के उत्पादन की प्रक्रिया से लेकर उपभोक्ता तक पहुँचने तकगन्ना उत्पादक-किसान जो चीनी मील मालिकों को गन्ना उपलब्ध कराते हैं। चीनी मिल मालिकों से चीनी वितरक तथा थोक विक्रेताओं के पास पहुँचता है। थोक विक्रेता से खुदरा विक्रेताओं तक और खुदरा विक्रेताओं से हमारे पास तक चीनी पहुँचती है। इस प्रक्रिया में कई लोगों का सहयोग होता है; जैसे-किसान, मिल मालिक, मजदूर, थोक व्यापारी, ट्रांसपोर्टर, फुट विक्रेता आदि। चीनी के अतिरिक्त अन्य उत्पादों; जैसे–चाय, दूध, कागज, पेन, पेंसिल आदि भी इन्हीं प्रक्रियाओं से गुजरकर आम जनता तक पहुँचती है।

4. यहाँ दिए गए नौ कथनों को सही क्रम में कीजिए और फिर नीचे बनी कपास की डोडियों के चित्रों में सही कथन के अंक भर दीजिए। पहले दो चित्रों में आपके लिए अंक पहले से ही भर दिए गए हैं।

1. स्वप्ना, व्यापारी को रूई बेचती है।
2. ग्राहक, सुपरमार्केट में इन कमीजों को खरीदते हैं।
3. व्यापार, जिनिंग मिलों को रूई बेचते हैं।
4. गार्मेट निर्यातक, कमीज़ों बनाने के लिए व्यापारियों से कपड़ा खरीदते हैं।
5. सूत के व्यापारी, बुनकरों को सूत देते हैं।
6. वस्त्र निर्यातक, संयुक्त राज्य अमेरिका के व्यवसायी को कमीजें बेचता है।
7. सूत कातने वाली मिलें, रूई खरीदती हैं और सूत के व्यापारी को सूत बेचती हैं।
8. बुनकर कपड़ा तैयार करके लाते हैं।
9. जिनिंग मिलें रूई को साफ़ करती हैं और उनके गट्ठर बनाती हैं।
प्रश्न
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 (Hindi Medium) 2

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 9 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 Eighteenth Century Political Formations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 Eighteenth Century Political Formations (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 Eighteenth Century Political Formations (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 Eighteenth Century Political Formations.

पाठगत प्रश्न

1. औरंगजेब के शासनकाल में किन-किन लोगों ने मुगल सत्ता को सबसे लम्बे समय तक चुनौती दी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यक्रम पुस्तक, पेज-139)
उत्तर औरंगजेब को उत्तर भारत में सिक्खों, जाटों और संतनामियों, उत्तर पूर्व में अहोमो और दक्कन में मराठों के विद्रोहों का सामना करना पड़ा। मराठों ने औरंगजेब को काफी लम्बे समय तक चुनौती दी थी।

2. अपने राज्य को सुदृढ़ करने की कोशिशों में मुगल सूबेदार दीवान के कार्यालय पर भी क्यों नियंत्रण जमाना चाहते थे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यक्रम पुस्तक, पेज-144)
उत्तर दीवान ही राज्य के विभिन्न क्षेत्रों से कर वसूल करता था। राज्य के आय का मुख्य स्रोत राजस्व व्यवस्था ही था, इसलिए मुगल सूबेदार अपने राज्य को सुदृढ़ करने के लिए दीवान के कार्यालय पर भी नियंत्रण जमाना चाहते थे।

3. खालसा से क्या अभिप्राय है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यक्रम पुस्तक, पेज-148)
उत्तर खालसा का शाब्दिक अर्थ है शुद्ध। खालसा पंथ के संस्थापक गुरु गोविंद सिंह थे। विक्रम संवत् 1756 ई. में बैसाख के प्रथम दिन आनंदपुर में एक बड़ी सभा का आयोजन किया गया तथा खालसा पंथ का गठन किया।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 (Hindi Medium) 1
NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 (Hindi Medium) 2

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 (Hindi Medium) 3

2. रिक्त स्थानों की पूर्ति करें :

(क) औरंगजेब ने …………. में एक लंबी लड़ाई लड़ी।
(ख) उमरा और जागीरदार मुगल ………….. के शक्तिशाली अंग थे।
(ग) आसफ़ जाह ने हैदराबाद राज्य की स्थापना ………………. में की।
(घ) अवध राज्य का संस्थापक ……………. था।

उत्तर

(क) दक्कन
(ख) साम्राज्य
(ग) 18वीं शताब्दी
(घ) सआदत खाँ

3. बताएँ सही या गलत :

(क) नादिरशाह ने बंगाल पर आक्रमण किया।
(ख) सवाई राजा जयसिंह इन्दौर का शासक था।
(ग) गुरु गोविंद सिंह सिक्खों के दसवें गुरु थे।
(घ) पुणे अठारहवीं शताब्दी में मराठों की राजधानी बना।

उत्तर

(क) गलत
(ख) गलत
(ग) सही
(घ) सही

4. सआदत ख़ान के पास कौन-कौन से पद थे ?
उत्तर सआदत ख़ान के पास निम्नलिखित पद थे

  1. सूबेदारी
  2. फ़ौजदारी
  3. दीवानी

आइए विचार करें

5. अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को हटाने की कोशिश क्यों की?
उत्तर अवध और बंगाल के नवाबों ने जागीरदारी प्रथा को निम्न कारणों से हटाने की कोशिश की

  1. दोनों नवाब मुगल शासन के प्रभाव को कम करना चाहते थे।
  2. राजस्व के पुर्ननिर्धारण के लिए।
  3. अपने विश्वस्त लोगों की नियुक्ति के लिए।
  4. जमींदारों द्वारा की जाने वाली धोखाधड़ी को रोकने के लिए।

6. अठारहवीं शताब्दी में सिक्खों को किस प्रकार संगठित किया गया?
उत्तर अठारहवीं शताब्दी में कई योग्य नेताओं के नेतृत्व में सिक्खों ने अपने-आपको पहले ‘जत्थों में और बाद में ‘मिस्लों में संगठित किया। इन जत्थों और मिस्लों की संयुक्त सेनाएँ ‘दल खालसा’ कहलाती थीं। उन दिनों दल खालसा, बैसाखी और दीवाली के पर्वो पर अमृतसर में मिलता था। इन बैठकों में वे सामूहिक निर्णय लिए जाते थे, जिन्हें गुरमत्ता (गुरु के प्रस्ताव) कहा जाता था। सिक्खों ने राखी व्यवस्था स्थापित की, जिसके अंतर्गत किसानों से उनकी उपज का 20 प्रतिशत कर के रूप में लेकर बदले में उन्हें संरक्षण प्रदान किया जाता था।

7. मराठा शासक दक्कन के पार विस्तार क्यों करना चाहते थे?
उत्तर मराठा शासक निम्न कारणों से दक्कन के पार अपने साम्राज्य का विस्तार करना चाहते थे

  1. मराठा सरदारों को शक्तिशाली सेनाएँ खड़ी करने के लिए संसाधन मिल सके।
  2. एक बड़े क्षेत्र पर शासन स्थापित करने के लिए।
  3. उत्तरी मैदानी भागों के उपजाऊ क्षेत्रों पर नियंत्रण स्थापित करने के लिए।
  4. अधिक-से-अधिक क्षेत्रों से चौथ तथा सरदेशमुखी वसूल करने के लिए।

8. आसफजाह ने अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए क्या-क्या नीतियाँ अपनाईं?
उत्तर असाफ़जाह द्वारा अपनी स्थिति को मजबूत बनाने के लिए अपनाई गई नीतियाँ

  1. असाफ़जाह अपने लिए कुशल सैनिकों तथा प्रशासकों को उत्तरी भारत से लाया था।
  2. उसने मनसबदार नियुक्त किए और इन्हें जागीरें प्रदान की।
  3. हैदराबाद राज्य पश्चिम की ओर मराठों के विरुद्ध और पठारी क्षेत्र के स्वतंत्र तेलुगु सेनानायकों के साथ युद्ध करने के लिए भी कूटनीति का सहारा लिया।

9. क्या आपके विचार से आज महाजन और बैंकर उसी तरह का प्रभाव रखते हैं, जैसाकिं वे अठारहवीं शताब्दी में रखा करते थे?
उत्तर हमारे विचार में आज महाजन और बैंकर उस तरह का प्रभाव नहीं रखते, क्योंकि 18वीं सदी में महाजन और बैंकर निम्न तरीके से राज्य को प्रभावित करते थे

  1. राज्य ऋण प्राप्त करने के लिए स्थानीय सेठ, साहूकारों और महाजनों पर निर्भर रहता था।
  2. साहूकार महाजन लोग लगान वसूल करने वाले इजारेदारों को पैसा उधार देते थे, बदले में बंधक के रूप में जमीन रख लेते थे।
  3. साहूकार महाजन जैसे कई नए सामाजिक समूह राज्य की राजस्व प्रणाली के प्रबंध को भी प्रभावित करने लगे थे।

10. क्या अध्याय में उल्लिखित कोई भी राज्य आपके अपने प्रांत में विकसित हुए थे? यदि हाँ, तो आपके विचार से अठारहवीं शताब्दी का जनजीवन आगे इक्कीसवीं शताब्दी के जनजीवन से किस रूप में भिन्न था?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

आइए करके देखें

11. अवध, बंगाल या हैदराबाद में से किसी एक की वास्तुकला और नए क्षेत्रीय दरबारों के साथ जुड़ी संस्कृति के बारे में कुछ और पता लगाएँ।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. राजपूतों, जाटों, सिक्खों अथवा मराठों में से किसी एक समूह के शासकों के बारे में कुछ और कहानियों का पता लगाएँ।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 10 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 Life in the Deserts (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 Life in the Deserts (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 Life in the Deserts (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 Life in the Deserts.

पाठगत प्रश्न

1. वैज्ञानिकों को तो सहारा मरुस्थल से मछलियों के कंकाल भी मिले हैं। आपके अनुसार ये क्या हो सकते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-73)
उत्तर सहारा मरुस्थल से मछलियों के कंकाल मिलने से यह पता चलता है कि अतीत में इन क्षेत्रों में कई जलाशय रहे होंगे। इन जलाशयों में नदियाँ, तालाब, झील, कुएँ आदि प्रमुख थे। इन्हीं जलाशयों में मछलियाँ पाई जाती हैं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए

(क) विश्व में कौन-से दो प्रकार के रेगिस्तान पाए जाते हैं?
उत्तर विश्व में गरम रेगिस्तान और ठंडे रेगिस्तान दो प्रकार के रेगिस्तान पाए जाते हैं।

(ख) सहारा रेगिस्तान किस महाद्वीप में स्थित है?
उत्तर अफ्रीका महाद्वीप में।

(ग) लद्दाख रेगिस्तान की जलवायुगत परिस्थितियाँ क्या हैं?
उत्तर लद्दाख की जलवायुगत परिस्थितियाँ निम्न हैं

  1. यहाँ की जलवायु अत्यधिक शीतल एवं शुष्क होती है।
  2. लद्दाख क्षेत्र 3000 मीटर से 8000 मीटर तक ऊँचा क्षेत्र है। इसलिए इस ऊँचाई पर वायु की परत पतली होती है, जिससे सूर्य की गर्मी की अत्यधिक तीव्रता महसूस होती है।
  3. ग्रीष्म ऋतु में दिन का तापमान 0° सेल्सियस से कुछ ही अधिक होता है एवं रात में तापमान शून्य से -30° सेल्सियस से नीचे चला जाता है।
  4. शीत ऋतु में यह बर्फीला ठंडा हो जाता है, तापमान लगभग हर समय -40° सेल्सियस से नीचे ही रहता है।
  5. यह हिमालय के वृष्टि छाया क्षेत्र में स्थित है, अतः यहाँ वर्षा बहुत ही कम होती है मुश्किल से 10 सेंटीमीटर प्रतिवर्ष।
  6. इस क्षेत्र में बर्फीली हवाएँ चला करती हैं।

(घ) लद्दाख में पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण क्या हैं?
उत्तर लद्दाख में पर्यटकों के प्रमुख आकर्षण केन्द्र

  1. यहाँ पर कई बौद्ध मठ और गोंपा है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
  2. यहाँ पर कई आकर्षित घास के मैदान एवं हिम नदियाँ स्थित हैं।
  3. कई बौद्धिष्ट यहाँ के उत्सवों तथा अनुष्ठानों को देखने आते हैं।

(ङ) सहारा रेगिस्तान के लोग किस प्रकार के वस्त्र पहनते हैं?
उत्तर सहारा रेगिस्तान के लोग धूलभरी आँधियों एवं गर्म हवाओं से बचने के लिए भारी वस्त्र पहनते हैं।

(च) लद्दाख में उगने वाले पेड़ों के नाम बताएँ।
उत्तर लद्दाख के घाटी क्षेत्र में शरपत (विलो) एवं पॉप्लर वृक्ष मिलते हैं। ग्रीष्म ऋतु में सेब, खुबानी एवं अखरोट जैसे वृक्ष मिलते हैं।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए

(क) सहारा अफ्रीका के किस भाग में स्थित है?

  1. दक्षिणी
  2. उत्तरी
  3. पश्चिमी

उत्तर 2. उत्तरी

(ख) सहारा किस प्रकार का रेगिस्तान है?

  1. ठंडा
  2. गर्म
  3. मृदु

उत्तर 2. गर्म

(ग) लद्दाख रेगिस्तान के अधिकांश निवासी हैं

  1. ईसाई एवं मुसलमान
  2. बौद्ध एवं मुसलमान
  3. ईसाई एवं बौद्ध

उत्तर 2. बौद्ध एवं मुसलमान

(घ) रेगिस्तान की विशेषताएँ हैं

  1. विरल वनस्पति
  2. अधिक वर्षण
  3. अल्प जलवाष्पण

उत्तर 1. विरल वनस्पति

(ङ) लद्दाख में ‘हेमिस’ प्रसिद्ध है

  1. मंदिर
  2. चर्च
  3. बौद्ध मठ

उत्तर 3. बौद्ध मठ

(च) मिस्र निम्नलिखित फसल के लिए प्रसिद्ध है

  1. गेहूँ
  2. मकई
  3. कपास

उत्तर 3. कपास

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए

(क) रेगिस्तान में अत्यल्प वनस्पति होती है।
उत्तर रेगिस्तान में अत्यल्प वनस्पति के कारण

  1. रेगिस्तान में वर्षा काफी कम होती है।
  2. रेगिस्तान में रेत अधिक होती है तथा मिट्टी का अंश काफी कम होता है, जिसके कारण भी वनस्पति कम पाई जाती है।
  3. रेगिस्तान में कुछ भाग में पर्वत-पठार होते हैं उसकी भी चट्टानें नग्न होती हैं।

(ख) सहारा रेगिस्तान के लोग भारी वस्त्र पहनते हैं।
उत्तर सहारा मरुस्थल के लोगों को भारी वस्त्र पहनने के कारण

  1. इस क्षेत्र में धूलभरी आँधियाँ चलती हैं, इससे बचने के लिए लोग बुर्का, टोपी, कुरता, पैजामा जैसे वस्त्र पहनते हैं।
  2. यहाँ दिन में गर्म तेज हवाएँ चलती हैं।
  3. रातें अत्यधिक ठंडी होती हैं तथा तापमान गिरकर हिमांक बिन्दु लगभग 0° सेल्सियस तक पहुँच जाता है।

5. मानचित्र कौशल

(क) अफ्रीका के मानचित्र पर सहारा रेगिस्तान एवं इसके आस-पास चार देशों को चिह्नित करें।
उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 (Hindi Medium) 3

(ख) भारत के रूपरेखा मानचित्र पर काराकोरम श्रेणी, जास्कर श्रेणी, लद्दाख एवं जोजीला दर्रा को चिह्नित करें।
उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 (Hindi Medium) 4

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 10 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 Markets Around us (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 Markets Around us.

पाठगत प्रश्न

1. लोग साप्ताहिक बाजारों में क्यों जाते हैं? तीन कारण बताइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर :
लोगों के साप्ताहिक बाजारों में जाने के तीन कारण

  1. साप्ताहिक बाजारों में बहुत-सी चीजें सस्ते दामों पर मिल जाती हैं।
  2. जरूरत का सभी सामान एक ही जगह पर मिल जाता है।
  3. खरीदारों के पास यह भी अवसर होता है कि वे मोल-तोल करके भाव कम करवा सकें।

2. साप्ताहिक बाज़ारों में दुकानदार कौन होते हैं? बड़े व्यापारी इन बाजारों में क्यों नहीं दिखते? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर : साप्ताहिक बाजारों में प्रतिदिन खुलनेवाली पक्की दुकानें नहीं होती हैं। दुकानदार दिन में दुकान लगाते हैं और शाम होने पर उन्हें समेट लेते हैं। अगले दिन वे अपनी दुकानें किसी और जगह पर लगाते हैं। बड़े व्यापारी । को अपने स्थायी दुकानों से ही फुरसत नहीं मिलती, इसलिए वे साप्ताहिक बाजारों में नहीं दिखते।।

3. साप्ताहिक बाजारों में सामान सस्ते दामों में क्यों मिल जाता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर : साप्ताहिक बाजारों में बहुत-सी चीजें सस्ते दामों पर मिल जाती हैं। ऐसा इसलिए कि जो पक्की दुकानें होती।हैं, उन्हें अपनी दुकानों के कई तरह के खर्चे जोड़ने होते हैं। उन्हें दुकानों का किराया, बिजली का बिल, सरकारी शुल्क आदि देना पड़ता है। इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी इन्हीं खर्ची में जोड़नी होती है। साप्ताहिक बाजारों में बेची जाने वाली चीजों को दुकानदार अपने घरों में ही जमा करके रखते हैं। इन दुकानदारों के घर के लोग अकसर इनकी सहायता करते हैं, जिससे इन्हें अलग से कर्मचारी नहीं रखने पड़ते। साप्ताहिक बाजार में एक ही तरह के सामानों के लिए कई दुकानें होती हैं, जिससे उनमें आपस में प्रतियोगिता भी होती है। यदि एक दुकानदार किसी वस्तु के लिए अधिक कीमत माँगता है, तो लोगों के पास यह विकल्प होता है कि वे अगली दुकानों पर वही सामान देख लें, जहाँ संभव है कि वही वस्तु कम कीमत में मिल जाए। ऐसी स्थितियों में खरीदारों के पास यह अवसर भी होता है कि वे मोल-तोल करके भाव कम करवा सकें।

4. एक उदाहरण देकर समझाइए कि लोग बाज़ारों में कैसे मोल-तोल करते हैं? क्या आप ऐसी स्थिति के बारे में सोच सकते हैं, जहाँ मोल-तोल करना अन्यायपूर्ण होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-96)
उत्तर :
जब ग्राहक किसी सामान को लेने के लिए दुकानदार के पास जाता है और वह किसी सामान की कीमतपूछता है और जब दुकानदार द्वारा वस्तु की कीमत बतलाई जाती है, इसके बाद जब ग्राहक उस कीमत से संतुष्ट नहीं होता तो वह दुकानदार से मोल-तोल करने लगता है और जिस कीमत पर दुकानदार और ग्राहक वस्तु को देने और लेने के लिए सहमत हो जाते हैं, वस्तु की कीमत वहीं पर निर्धारित हो जाती है।

जिन वस्तुओं की कीमत सरकार द्वारा निश्चित की जाती है तथा बड़ी-बड़ी कम्पनियों की कीमत एक निश्चित होती है, वहाँ पर वस्तुओं की कीमत का मोल-तोल करना उचित नहीं होगा।

5. सुजाता नोटबुक लेकर दुकान क्यों गई? क्या यह तरीका उपयोगी है? क्या इसमें कोई समस्या भी। आ सकती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर :
सुजाता एक दिन अपने मोहल्ले की दुकान से कुछ सामान खरीदने पहुँची। दुकानदार सुजाता को जानने वाला था जो सुजाता को उधार सामान भी दिया करता था और उस उधार सामान की कीमत सुजाता के नोटबुक पर लिख देता था। इसलिए सुजाता को दुकानदार से जब उधार सामान लेना होता है, उसे अपने साथ नोटबुक लेकर जाना पड़ता था। यह तरीका काफी उपयोगी है, क्योंकि कभी किसी ग्राहक के पास पैसा न होने परभी उसे दुकानदार द्वारा सामान उपलब्ध करा दिया जाता है। इससे दुकानदार को भी फायदा होता है कि ग्राहक जुड़ा रहता है और सारा सामान उसी से लेता है।

इसमें कई बार दुकानदारों का पैसा डूब सकता है। दुकानदार भी ऐसे ग्राहकों को अधिक कीमत पर सामान उपलब्ध करवाता है।

6. आपके मोहल्ले में अलग-अलग प्रकार की कौन-सी दुकानें हैं? आप उनसे क्या-क्या खरीदते हैं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर : हमारे मोहल्ले में कई तरह की दुकानें हैं, जो कि निम्न हैं

  1. किराने की दुकान ।
  2. कपड़े की दुकान
  3. जनरल स्टोर ।
  4. मोबाइल की दुकान
  5. मिठाई की दुकान ।
  6. सोने-चाँदी ज्वैलरी की दुकान
  7. स्टेशनरी की दुकान
    हम इन दुकानों से खाने-पीने का सामान, पहनने का सामान, पढ़ने-लिखने के सामान एवं अन्य सामानों एवं सेवाओं को खरीदते हैं।

7. सड़क किनारे की दुकानों या साप्ताहिक बाज़ार में मिलने वाले सामान की तुलना में पक्की दुकानों से मिलने वाला सामान महँगा क्यों होता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-97)
उत्तर : सड़क किनारे की दुकानों या साप्ताहिक बाजार में मिलने वाले सामान की तुलना में पक्की दुकानों से मिलने वाला सामान महँगा होने के कारण

  1. पक्की दुकानों को कई तरह के खर्चे; जैसे-दुकानों का किराया, बिजली का बिल, सरकारी शुल्क आदि देना पड़ता है।
  2. इन दुकानों पर काम करने वाले कर्मचारियों की तनख्वाह भी इन्हीं खर्चे में जोड़नी होती है।
  3. पक्की दुकानों पर स्थानीय उत्पाद कम और ब्रांडेड कम्पनी के सामान अधिक मिलते हैं। स्थानीय उत्पाद वस्तुओं की अपेक्षा ब्रांडेड कम्पनी की वस्तुएँ महँगी होती हैं।

8. आप क्या सोचते हैं, सुरक्षा कर्मचारी ने सुजाता और कविता को अंदर जाने से रोकना क्यों चाहा होगा? यदि कहीं किसी बाज़ार में कोई आपको ऐसी ही दुकान में अंदर जाने से रोके तो आप क्या कहेंगे? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-98)
उत्तर : सुजाता और कविता अंजल मॉल में गयी थीं, जो कि एक पाँच मंजिला शॉपिंग कॉम्पलेक्स है। कविता और सुजाता इसमें लिफ्ट से ऊपर जाने और नीचे आने का आनंद ले रही थीं। इसमें से बाहर का नजारा देखती हुई ऊपर नीचे जा रही थीं। उन्हें यहाँ आईसक्रीम, बर्गर, पिज्जा आदि खाने की चीजें, घरेलू उपयोग का सामान, चमड़े के जूते, किताबें आदि तरह-तरह की दुकानों को देखना अद्भुत लग रहा था। जब वे लोग रेडिमेड कपड़े की दुकान पर पहुँची तो सुरक्षा कर्मचारी ने उन्हें रोकना चाहा, इसका मुख्य कारण यह था कि वे दोनों मॉल में सामान लेने नहीं, बल्कि घूमने के इरादे से गई थीं और वे मॉल में स्थित विभिन्न दुकानों को आश्चर्यचकित होकर देख रही थीं, इसलिए सुरक्षाकर्मी को उनके इरादों पर संदेह हो रहा था।

हमें ऐसी दुकान के अंदर जाने से रोकने पर हम उन सुरक्षाकर्मी को मॉल में आने के उद्देश्य बतलाएँगे अर्थात सामानों को खरीदने के बारे में बतलाएँगे।

9. ऐसा क्यों होता है कि लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल नहीं करते हैं, जबकि साप्ताहिक बाज़ारों में ऐसा खूब किया जाता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर :
लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल करना अपनी शख्सियत के खिलाफ मानते हैं। साथ-ही-साथ मॉल में कई दुकानों की कीमत निश्चित होती है। ऐसी स्थिति में लोग मॉल में दुकानदारों से मोल-तोल नहीं करते हैं।

साप्ताहिक बाजारों में ब्रांडेड कम्पनी के सामान नहीं मिलते हैं, जिसकी कीमत निश्चित होती है, बल्कि इन बाजारों में स्थानीय उत्पाद वाली वस्तुएँ मिलती हैं, जिसकी कीमत निश्चित नहीं होती। ऐसी स्थिति में लोग इन वस्तुओं के मोल-तोल करते हैं।

10. आपको क्या लगता है, आपके मुहल्ले की दुकान में सामान कैसे आता है? पता लगाइए और कुछ उदाहरणों से समझाइए। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर : हमारे मुहल्ले की दुकान में सामान थोक विक्रेताओं से आता है। उदाहरणस्वरूप-हर शहर में थोक बाज़ार का एक क्षेत्र होता है। थोक व्यापारी या विक्रेता अपना सामान वितरक या उत्पादक से काफी मात्रा में खरीदता | है। थोक विक्रेता अपना सामान खुदरा विक्रेता को बेचते हैं। खुदरा विक्रेता ही मोहल्ले में सामान बेचते हैं, जिसे उपभोक्ता खरीदते हैं।

11. थोक व्यापारी की भूमिका जरूरी क्यों होती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-99)
उत्तर : बाज़ार में थोक व्यापारी की भूमिका काफी महत्त्वपूर्ण होती है। थोक व्यापारी वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में वस्तु खरीदते हैं। उस वस्तु को थोक व्यापारी खुदरा व्यापारी को उपलब्ध कराते हैं। कई खुदरा व्यापारी के पास इतने अधिक पैसे नहीं होते कि वे वितरक तथा उत्पादक से काफी मात्रा में सामान खरीद सकें। खुदरा व्यापारी ही उपभोक्ता तक सामान को उपलब्ध कराता है।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. एक फेरीवाला, किसी दुकानदार से कैसे भिन्न है?
उत्तर : एक फेरीवाला दुकानदार से कई दृष्टि से भिन्न है

  1. फेरीवालों की कोई निश्चित या स्थायी दुकान नहीं होती है। वे घूम-घूमकर अपना सामान बेचते हैं, जबकि दुकानदार की अपनी एक निश्चित दुकान होती है।
  2. फेरीवाला अपने सामान को आवाज़ लगाकर बेचता है, जबकि दुकानदार को अपने सामान को बेचने के लिए आवाज़ नहीं लगानी पड़ती।
  3. फेरीवाले के पास सामान बहुत कम होता है, जिसके कारण पूँजी भी कम लगती है। इसकी अपेक्षा दुकानदार के पास सामान अधिक होता है और पूँजी भी अधिक लगती है।
  4. फेरीवाला स्थानीय उत्पाद का सामान बेचता है, जबकि दुकानदार स्थानीय उत्पाद का सामान और ब्रांडेड दोनों तरह के सामान बेचता है।।

2. निम्न तालिका के आधार पर एक साप्ताहिक बाज़ार और एक शॉपिंग कॉम्प्लेक्स की तुलना करते हुए उनका अंतर स्पष्ट कीजिए।
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 1
उत्तर :
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 (Hindi Medium) 2

3. स्पष्ट कीजिए कि बाजारों की श्रृंखला कैसे बनती है? इससे किन उद्देश्यों की पूर्ति होती है?
उत्तर : एक उत्पादक वस्तुओं का उत्पादन करता है। उत्पादक द्वारा वस्तुएँ वितरक तथा थोक व्यापारियों को बेचा जाता है। कई बड़ी-बड़ी कम्पनियाँ अपना सामान थोक विक्रेताओं को न देकर वितरकों को देते हैं और वितरक के माध्यम से थोक विक्रेताओं के पास सामान पहुँचता है। थोक विक्रेता खुदरा विक्रेता को सामान बेचता है। खुदरा विक्रेता उन वस्तुओं को स्थानीय ग्राहकों को बेचते हैं।
बाज़ार श्रृंखला द्वारा निम्नलिखित उद्देश्यों की पूर्ति होती है-

  1. उत्पादक के लिए सीधे रूप में ग्राहकों को सामान बेचना संभव नहीं होता, इसलिए बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
  2. छोटे व्यवसायी एवं खुदरा विक्रेता उत्पादक का सारा सामान खरीदने में असमर्थ होते हैं, इसलिए उन्हें भी बाज़ार श्रृंखला की आवश्यकता होती है।
  3. बाजार श्रृंखला के कारण ही उत्पादक से उपभोक्ता तक सामान आसानी से उपलब्ध हो जाता है।

4. सब लोगों को बाजार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। क्या आपके विचार से महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में यह बात सत्य है? उदाहरण देकर स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : सब लोगों को बाज़ार में किसी भी दुकान पर जाने का समान अधिकार है। यह बात महँगे उत्पादों की दुकानों के बारे में भी सत्य है, परंतु महँगे उत्पाद प्रायः उच्च आय वाले ही खरीद पाते हैं। गरीब लोग महँगे उत्पादों की दुकानों के सामान को नहीं खरीद सकते। वे सिर्फ साप्ताहिक बाज़ारों, स्थानीय दुकानों तथा फेरीवालों से ही सामान खरीदते हैं।

उदाहरणस्वरूप-उच्च आय वर्ग के लोग ब्रांडेड सामान शॉपिंग मॉल से खरीदते हैं, जबकि निम्न आय वर्ग के लोग इसे खरीदने में असमर्थ होते हैं।

5. बाज़ार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना हो सकता है। उदाहरण देकर इस कथन की व्याख्या कीजिए।
उत्तर : आज के वर्तमान युग में बाजार में जाए बिना भी खरीदना और बेचना संभव है। इसे उदाहरणों के माध्यम से समझा जा सकता है। उदाहरणस्वरूप-कोई उपभोक्ता अपने घर की आवश्यकता के लिए कुछ सामान खरीदना चाहता है उसके लिए वह सबसे पहले अपनी आवश्यक सामानों की सूची बनाएगा। इसके बाद वह नजदीक के डिपार्टमेंटल स्टोर को फोन अथवा ई-मेल द्वारा सामान की सूची को नोट कराएगा और साथ-ही-साथ उसे अपना फोन नम्बर। ई-मेल नम्बर और घर का पता भी बतलाएगा। डिपार्टमेंटल स्टोर के कर्मचारी उस पते पर सारे सामान को पहुँचा देगा और उपभोक्ता से सामान की कीमत वसूल कर वापस चला जाएगा।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 8 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 Life in the Temperate Grasslands.

पाठगत प्रश्न

1. वेल्ड दक्षिणी गोलार्ध में स्थित है। जब वेल्ड में ग्रीष्म ऋतु होती है, तो उस समय प्रेअरी में कौन-सी ऋतु होगी? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-68)
उत्तर जब वेल्ड में ग्रीष्म ऋतु होती है तो उस समय प्रेअरी में शीत ऋतु होती है।

2. किसी-न-किसी प्रकार की घास, पृथ्वी के धरातल पर लगभग सभी जगह पाई जाती है। उन स्थानों के नाम बताइए, जहाँ आपने घास को उगते देखा है। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-68)
उत्तर घास मुख्यतः खेतों में, खेल के मैदानों में, नदी के तटबंध पर, सड़क के किनारों पर या आसपास, पहाड़ी भागों के ढलानों पर, पठारी भागों में, पार्श्व मार्ग के दरारों में आदि स्थानों पर पाए जाते हैं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

1. निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए –

(क) उत्तर-अमेरिकी शीतोष्ण घासस्थल को क्या कहा जाता है?
उत्तर प्रेअरी।

(ख) उत्तर-अमेरिकी घासस्थल के पशु चरागाह को क्या कहते हैं?
उत्तर रैंच।

(ग) वेल्ड को अपवाहित करने वाली नदियों के नाम बताइए।
उत्तर वेल्ड को अपवाहित करने वाली नदियों के नाम-ऑरेंज नदी, लिंगपोपो नदी आदि प्रमुख हैं।

(घ) वेल्ड में वर्षा ऋतु कब आती है?
उत्तर, वेल्ड में वर्षा ऋतु ग्रीष्मकालीन महीनों (नवम्बर, दिसम्बर, जनवरी और फरवरी) में होती है।

(च) दक्षिण अफ्रीकी घासस्थल के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या है?
उत्तर दक्षिण अफ्रीकी घासस्थल के लोगों का मुख्य व्यवसाय पशुपालन है।

2. सही (✓) उत्तर चिह्नित कीजिए –

(क) मिसीसिपी नदी अपवाहित करती है

  1. कनाडा
  2. अफ्रीका
  3. संयुक्त राज्य अमेरिका

उत्तर 3. संयुक्त राज्य अमेरिका

(ख) डेकेन्सबर्ग पर्वत किसे घेरते हैं?

  1. प्रेअरी
  2. वेल्ड
  3. पंपास

 उत्तर 2. वेल्ड

(ग) मेरिनो प्रजाति है,

  1. मछली
  2. हाथी
  3. भेड़

उत्तर 3. भेड़

(घ) किंबरले किसके लिए प्रसिद्ध है?

  1. हीरा
  2. चाँदी
  3. प्लैटिनम

उत्तर 1. हीरा

3. निम्नलिखित स्तंभों को मिलाकर सही जोड़े बनाइए –

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 2

4. कारण बताइए –

(क) प्रेअरी को ‘विश्व का धान्यागार’ कहा जाता है।
उत्तर इस प्रदेश में उपजाऊ भूमि और गेहूँ के लिए अनुकूल जलवायु पाई जाती हैं तथा यह प्रदेश संयुक्त राज्य अमेरिका के उत्तरी भाग और कनाडा के दक्षिणी भाग में स्थित है। यह प्रदेश काफी विकसित क्षेत्र है, इसलिए यहाँ के किसान कृषि वैज्ञानिक विधियों एवं ट्रैक्टर, हारवेस्टर तथा कंबाइन के उपयोग करके गेहूं की फसल को अधिक मात्रा में उगाते हैं। गेहूँ के अत्यधिक उत्पादन के कारण प्रेअरी को विश्व का धान्यागार भी कहते हैं।

(ख) वेल्ड में ऊनी उद्योग का विकास उत्तर वेल्ड में ऊनी उद्योग के विकसित होने के कारण

  1. वेल्ड का अधिकतर भाग घास से ढंके हुए हैं।
  2. भेड़ पालन यहाँ के लोगों का मुख्य व्यवसाय है। मेरिनो भेड़ एक लोकप्रिय प्रजाति है और इससे काफी अच्छा ऊन मिलता है।
  3. यहाँ शीत ऋतु ठंडी एवं शुष्क होती है। इस दौरान तापमान 5° सेल्सियस से 10° सेल्सियस के मध्य रहता है तथा ग्रीष्म ऋतु काफी छोटी होती है, इसलिए यहाँ ऊनी वस्त्र की माँग काफी अधिक होती है।

5. मानचित्र कौशल

उत्तरी अमेरिका के रेखा मानचित्र पर रॉकी पर्वत, ग्रेट लेक, मिसीसिपी नदी, सासकेच्वान नदी, शिकागो एवं विनिपेग शहर चिह्नित करें।
उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 (Hindi Medium) 3

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Geography Chapter 9 are helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 The Making of Regional Cultures (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 The Making of Regional Cultures (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 The Making of Regional Cultures (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 The Making of Regional Cultures.

पाठगत प्रश्न

1. पता लगाएँ कि पिछले दस सालों में कितने नए राज्य बनाए गए हैं। क्या इनमें से प्रत्येक राज्य एक अलग क्षेत्र है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-122)
उत्तर पिछले दस सालों में बनने वाले नए राज्य झारखंड, छत्तीसगढ़ और उत्तरांचल हैं। ये राज्य भौगोलिक दृष्टि से जिन राज्यों से अलग हुए हैं, उससे भिन्न थे। इसलिए जब उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और बिहार राज्य के भौगोलिक विवरण का अध्ययन किया जाता था तो इन नए राज्यों को अलग भौगोलिक क्षेत्र के रूप में अध्ययन किया जाता था।

2. पता लगाएँ कि आपके घर में आप जो भाषा बोलते हैं, उसका लेखन में सर्वप्रथम कब प्रयोग हुआ होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-123)
उत्तर हम अपने घर में हिन्दी भाषा को बोलते हैं। इस भाषा का सर्वप्रथम लेखने के रूप में प्रयोग 12वीं सदी में हुआ था। इस भाषा में हिन्दी का पहला ग्रंथ पृथ्वीराज रासो था जिसे चन्दबरदाई ने लिखा था।

3. भरतनाट्यम (तमिलनाडु), कथाकली (केरल), ओडिसी (उड़ीसा), कुचिपुड़ (आन्ध्र प्रदेश), मणिपुरी (मणिपुर) में से किसी एक नृत्य के रूप में अधिक जानकारी प्राप्त करें। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-127)
उत्तर कुचिपुड़ी (आन्ध्र प्रदेश)-आन्ध्र प्रदेश के कुचेलपुरम् नामक ग्राम में प्रारंभ हुई यह नृत्य शैली तमिलनाडु के पागवत मेला नाटक शैली के समान ही एक प्रमुख नृत्य नाटिका है। यह शास्त्रीय नृत्य भरतमुनि के नाट्यशास्त्र के सिद्धान्तों का पालन करता है तथा इसका उद्देश्य वैदिक एवं उपनिषदों के धर्म व अध्यात्म का प्रचार करना था। इस शैली का विकास तीर्थ नारायण तथा सिद्धेन्द्र योगी ने किया। यह मूलतः पुरुषों का नृत्य है, परन्तु हाल में स्त्रियों ने भी इसे अपनाया है।

4. आपके विचार से द्वितीय श्रेणी की कृतियाँ लिखित रूप में क्यों नहीं रखी जाती थीं? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-132)
उत्तर दूसरी श्रेणी की कृतियाँ मौखिक रूप से कही-सुनी जाती थी, इसलिए उनका काल निर्णय सही-सही नहीं। किया जा सकता है। दूसरी श्रेणी की कृतियों की विश्वसनीयता काफ़ी कम थी, इसलिए ये कृतियाँ लिखित रूप में नहीं रखी जाती थीं।

प्रश्न-अभ्यास
(पाठ्यपुस्तक से)

फिर से याद करें

1. निम्नलिखित में मेल बैठाएँ :

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 (Hindi Medium) 1

उत्तर

NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 (Hindi Medium) 2

2. मणिप्रवालम क्या है? इस भाषा में लिखी पुस्तक का नाम बताएँ।
उत्तर ‘मणिप्रवालम’ एक भाषा-शैली है। मणिप्रवालम का शाब्दिक अर्थ है-हीरा और मुँगा, जो यहाँ दो भाषाओं-संस्कृत और क्षेत्रीय भाषा के साथ-साथ प्रयोग की ओर संकेत करता है।

3. कत्थक के प्रमुख संरक्षक कौन थे?
उत्तर राजस्थान के राजदरबार और लखनऊ के नवाब नृत्य-शैली के प्रमुख संरक्षक थे। अवध के अंतिम नवाब वाजिद अली शाह के संरक्षण में यह एक प्रमुख कला के रूप में उभरा।

4. बंगाल के मंदिरों की स्थापत्य कला के महत्त्वपूर्ण लक्षण क्या हैं?
उत्तर बंगाल के मंदिरों की स्थापत्यकला के महत्त्वपूर्ण लक्षण

  1. स्थानीय देवी-देवता जो पहले गाँवों में छान-छप्पर वाली झोपड़ियों में पूजे जाते थे।
  2. मंदिरों की शक्ल या आकृति बंगाल की छप्परदार झोपड़ियों की तरह दोचाला (दो छतों वाली) या चौचाला (चार छतों वाली) होती थी।
  3. मंदिर आमतौर पर एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाए जाते थे। उनके भीतरी भाग में कोई सजावट नहीं होती थी।
  4. मंदिरों की बाहरी दीवारें चित्रकारियों, सजावटी टाइलों अथवा मिट्टी की पट्टियों से सजी हुई थीं।

आइए विचार करें

5. चारण-भाटों ने शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा क्यों की?
उत्तर चारण-भाटों द्वारा शूरवीरों की उपलब्धियों की उद्घोषणा के कारण –

  1. चारण-भाटों द्वारा गाए गए काव्य एवं गीत ऐसे शूरवीरों की स्मृति को सुरक्षित रखते थे।
  2. चारण-भाटों से यह आशा की जाती थी कि वे अन्य जनों को भी उन शूरवीरों का अनुकरण करने के लिए प्रेरित एवं प्रोत्साहित करेंगे।

6. हम जनसाधारण की तुलना में शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों के बारे में बहुत अधिक क्यों जानते हैं?
उत्तर शासकों के सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की अधिक जानकारी के कारण

  1. शासकों द्वारा निर्मित कराए गए धार्मिक स्मारकों में हमें उनके सांस्कृतिक रीति-रिवाजों की जानकारी मिलती है।
  2. सांस्कृतिक परंपराएँ कई क्षेत्रों के शासकों के आदर्शों तथा अभिलाषाओं के साथ घनिष्ठता से जुड़ी थीं।
  3. शासकों के सांस्कृतिक गतिविधियों के बारे में यात्रा-वृत्तांतों तथा कई रचनाकारों द्वारा भी वर्णन किया गया है।

7. विजेताओं ने पुरी स्थित जगन्नाथ के मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने के प्रयत्न क्यों किए?
उत्तर ज्यों-ज्यों जगन्नाथ मंदिर को तीर्थस्थल यानी तीर्थयात्रा के केन्द्र के रूप में महत्त्व प्राप्त होता गया, सामाजिक और राजनीतिक मामलों में भी उसकी सत्ता बढ़ती गई। जिन्होंने भी उडीसा को जीता, जैसे-मुगल, मराठे और अंग्रेज़ी ईस्ट इंडिया कम्पनी, सबने इस मंदिर पर अपना नियंत्रण स्थापित करने का प्रयत्न किया। वे सब महसूस करते थे कि मंदिर पर नियंत्रण प्राप्त करने से स्थानीय जनता में उनका शासन स्वीकार्य हो जाएगा।

8. बंगाल में मंदिर क्यों बनाए गए?
उत्तर बंगाल में पंद्रहवीं शताब्दी के बाद वाले वर्षों में मंदिर बनाने का दौर जोरों पर रहा, जो उन्नीसवीं सदी तक चला। मंदिर निर्माण के कई कारण थे|

  1. मंदिर और अन्य धार्मिक भवन अकसर उन व्यक्तियों या समूहों द्वारा बनाए जाते थे, जो शक्तिशाली बन रहे थे। वे इनके माध्यम से अपनी शक्ति तथा भक्तिभाव का प्रदर्शन करना चाहते थे।
  2. बंगाल में जैसे-जैसे लोगों की सामाजिक तथा आर्थिक स्थिति सुधरती गई, उन्होंने इन मंदिर स्मारकों के निर्माण के माध्यम से अपनी प्रस्थिति या प्रतिष्ठा की घोषणा कर दी।

आइए करके देखें

9. भवनों, प्रदर्शन कलाओं, चित्रकला के विशेष संदर्भ में अपने क्षेत्र की संस्कृति के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण लक्षणों/विशेषताओं का वर्णन करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

10. क्या आप (क) बोलने, (ख) पढ़ने, (ग) लिखने के लिए भिन्न-भिन्न भाषाओं का प्रयोग करते हैं ? इनमें से किसी एक भाषा की किसी प्रमुख रचना के बारे में पता लगाएँ और चर्चा करें कि आप इसे रोचक क्यों पाते हैं?
उत्तर छात्र स्वयं करें।

11. उत्तरी, पश्चिमी, दक्षिणी पूर्वी और मध्य भारत से एक-एक राज्य चुनें। इनमें से प्रत्येक के बारे में उन भोजनों की सूची बनाएँ, जो आमतौर पर सभी के द्वारा खाए जाते हैं। आप उनमें कोई अंतर या समानताएँ पाएँ, तो उन पर प्रकाश डालें
उत्तर छात्र स्वयं करें।

12. इनमें से प्रत्येक क्षेत्र से पाँच-पाँच राज्यों की एक-एक अन्य सूची बनाएँ और यह बताएँ कि प्रत्येक राज्य में महिलाओं तथा पुरुषों द्वारा आमतौर पर कौन-से वस्त्र पहने जाते हैं। अपने निष्कर्षों पर चर्चा करें।
उत्तर छात्र स्वयं करें।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science History Chapter 9 is helpful to complete your homework.

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 Understanding Advertising (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 7 Social Science in Hindi Medium. Here we have given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 Understanding Advertising.

पाठगत प्रश्न

1. केयर साबुन के विज्ञापन में यह प्रतीत होता है कि बच्चे की देखभाल केवल माँ ही करती है। क्या इस छवि में आपको कोई समस्या नज़र आती है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-81)
उत्तर : केयर साबुन के विज्ञापन में यह प्रतीत होता है कि बच्चे की देखभाल केवल माँ ही करती है, यह सही नहीं है। किसी बच्चे की देखभाल माता-पिता दोनों मिलकर करते हैं। यह अलग बात है कि उसमें माँ का योगदान अधिक होता है।

2. विज्ञापन हमें ब्रांड का सामान इस्तेमाल पर क्या अनुभव कराना चाहता है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-84)
उत्तर : विज्ञापन अधिकतर हमारी व्यक्तिगत भावनाओं को केंद्र बनाने की कोशिश करते हैं। हमारी व्यक्तिगत भावनाओं को उत्पादों के साथ जोड़कर वे इस बात को भी प्रभावित करने की कोशिश करते हैं कि हमें अपना मूल्य कैसे आँकते हैं। विज्ञापन ब्रांड को उच्च स्तरीय उत्पाद बतलाने की कोशिश करता है और यह भी बताता है। कि वे उत्पाद खरीदने योग्य हैं। साथ ही विज्ञापन हमें अधिकांशतः धनाढ्य लोगों की जीवन शैली के चित्र दिखाते हैं।

3. यदि आपके पास विज्ञापित उत्पादों को खरीदने के लिए पैसा हो, तो आपको इन्हें देखकर कैसा महसूस होगा? यदि आपके पास पैसा न हो, तब कैसा अनुभव होगा? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-84)
उत्तर : विज्ञापित उत्पाद अधिकांशत: बड़ी कंपनियों की होती है, जो अपनी उत्पादों की गुणवत्ता को बनाए रखने के लिए तकनीकी पर करोड़ों रुपये खर्च करती है। ऐसी स्थिति में स्वाभाविक है कि इन कंपनियों का उत्पाद उच्च कोटि का होगा। इन वस्तुओं को खरीदकर हमें अच्छा महसूस होगा। यदि इन वस्तुओं को हमें खरीदने की क्षमता नहीं होगी तो हम बिना विज्ञापित उत्पादों को ही खरीदेंगे और विज्ञापित वस्तुओं के प्रति हमारी धारणा यह होगी कि ये वस्तुएँ विज्ञापन के कारण ही महँगी हैं। इनमें और हमारे द्वारा खरीदे गए वस्तुओं में ज्यादा अंतर नहीं है।

4. आपके विचार में सामाजिक विज्ञापन में किस श्रोता को संबोधित या ‘लक्षित किया गया है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : हमारे विचार में सामाजिक विज्ञापन में उन सभी श्रोताओं को संबोधित या लक्षित किया गया है, जो समाज के अंग हैं; जैसे-विकलांग बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों से संबंधित विज्ञापन, असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार करने से संबंधित विज्ञापन, उपभोक्ताओं के अधिकार से संबंधित विज्ञापन आदि।

5. राज्य शासन के अध्याय में आपने हैजा की महामारी फैलने के बारे में पढ़ा। इसे पढ़ने के बाद क्या आप एक सामाजिक विज्ञापन बना सकते हैं जिसमें हैजा की बीमारी से बचाव के उपायों के बारे में बताया गया हो। (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : “पानी को किसी बर्तन से ढककर रखें या पानी को उबालकर पीयें पानी में किसी तरह की अस्वच्छता
आपके घर में हैजा को दस्तक दे सकता है। । हैजा की बीमारी अस्वच्छ जल से ही फैलती है इसलिए ऊपर में विज्ञापन लोगों को स्वच्छ जल के
प्रति जागरूकता के लिए दिया गया है।

6. पाठ्यपुस्तक में से प्रत्येक सामाजिक विज्ञापन क्या संदेश पहुँचाना चाह रहा है? (एन०सी०ई०आर०टी० पाठ्यपुस्तक, पेज-88)
उत्तर : पाठ्यपुस्तक में दिए गए प्रत्येक सामाजिक विज्ञापन लोगों की सुरक्षा और अधिकार से संबंधित संदेश पहुँचाना चाहते हैं; जैसे-असुरक्षित रेलवे क्रॉसिंग को पार करने से संबंधित सामाजिक विज्ञापन। विकलांग बच्चों के शैक्षणिक अधिकारों से संबंधित सामाजिक विज्ञापन।

प्रश्न-अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

1. ‘ब्रांड’ शब्द से आप क्या समझते हैं? विज्ञापन के लिए ब्रांड निर्मित करने के दो मुख्य कारण बताइए।
उत्तर : ‘ब्रांड’ शब्द का आशय उत्पाद के विशेष नाम या पहचान से है। इस पहचान का निर्माण विज्ञापन प्रक्रिया द्वारा होता है। विज्ञापन के लिए ब्रांड निर्मित करने के कारण|

  1. प्रायः निर्माता अपने उत्पाद को बाजार में प्रचलित अन्य उत्पादों से भिन्न दिखाने के लिए विशेष नाम अथवा चिन्ह का प्रयोग करते हैं।
  2. निर्माता, ग्राहकों को अपने उत्पादों की ओर आकर्षित करने के लिए भी अपने उत्पादों को नाम देते हैं।

2. अपनी पसंद के दो छपे हुए विज्ञापन चुनिए। इन्हें देखकर निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए।

  • आपका ध्यान आकर्षित करने के लिए इन विज्ञापनों में कैसी भाषा और चित्रों का उपयोग किया गया है?
  • इन विज्ञापनों से किन मूल्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है?
  • यह विज्ञापन किन लोगों से संवाद कर रहा है और किन्हें छोड़ रहा है?
  • यदि आप विज्ञापित ब्रांड खरीदने में समर्थ नहीं होंगे, तो आपको कैसा लगेगा?

उत्तर :

  • हमारा ध्यान आकर्षित करने के लिए इन विज्ञापनों में सरल भाषा और चित्रों को आकर्षित रूप में प्रस्तुत किया गया है, जिससे उपभोक्ता देखकर और पढ़कर खरीदने के लिए तत्पर हो जाएँ।
  • इन विज्ञापनों के द्वारा अपने उत्पाद की विशेषताओं को बतलाया जा रहा है, जो सबसे अच्छी और बाज़ार में उचित मूल्य पर उपलब्ध है।
  • यह विज्ञापन उन लोगों से संवाद कर रहा है जो इन उत्पादों को खरीदने पर विचार कर रहे हैं या इन उत्पादों को खरीदने में रुचि रखते हैं और उन लोगों को छोड़ रहा है जिनकी बजट इन उत्पादों को खरीदने में सक्षम नहीं है।
  • यदि हम उन उत्पादों को खरीदने में सक्षम नहीं होंगे तो हमें लगेगा कि इन उत्पादों में कई तरह की खूबियाँ हैं, अगर मौका मिलेगा तो इन उत्पादों NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 1

3. क्या आप ऐसे दो तरीके बता सकते हैं, जिनके द्वारा आप सोचते हैं कि विज्ञापन का प्रभाव लोकतंत्र में समानता के मुद्दे पर पड़ता है?
उत्तर : विज्ञापन का प्रभाव लोकतंत्र में समानता के मुद्दे पर पड़ता है। विज्ञापन के ऐसे दो तरीके निम्न हैं

  1. ब्रांड या उत्पाद के विज्ञापन की कीमत भी वस्तु के मूल्य में शामिल होने से उसकी कीमत बढ़ जाती | है, जिसके कारण वह वस्तु निम्न आय वर्ग की पहुँच से बाहर हो जाती है।
  2. केवल बड़ी कंपनियाँ ही बड़े स्तर पर अपने ब्रांड का विज्ञापन कर सकती हैं। छोटे व्यापारी या उत्पादक | उद्यमी अपने अच्छे उत्पाद को भी सस्ते मूल्य पर बेचने में भी असफल रहते हैं। इस प्रकार लोकतंत्र में जहाँ सब लोग समान हैं और जहाँ सभी को सम्मानीय जीवन जीने का अवसर मिलना चाहिए। विज्ञापन के कारण समाज में दो तरह के उत्पाद उपलब्ध होते हैं। एक ब्रांड उत्पाद और दूसरा स्थानीय उत्पाद। ब्रांडेड उत्पाद को अच्छा माना जाता है और स्थानीय उत्पाद को ब्रांडेड उत्पाद की अपेक्षा कम अच्छा माना जाता है।

4. विज्ञापन बनाने में रचनात्मकता की बहुत आवश्यकता होती है। आइए, हम एक ऐसी स्थिति की कल्पना करें, जहाँ एक निर्मात्री ने एक नयी घड़ी बनाई है। निर्मात्री कहती है कि वह यह घड़ी स्कूल के बच्चों को बेचना चाहती है। वह आपकी कक्षा में आकर आप सबसे घड़ी के लिए एक ब्रांड का नाम और विज्ञापन बनाने को कहती है। कक्षा को छोटे-छोटे समूहों में बाँट दीजिए। हर समूह इस घड़ी के लिए एक विज्ञापन और तैयार करेगा। अब आपस में अपने बनाए कच्चे-पक्के विज्ञापनों और नाम को कक्षा के सामने रखिए।
उत्तर एक घड़ी के विज्ञापन तैयार करने के लिए कक्षा के छात्रों को चार भागों में बाँटें
घड़ी के ब्रांड का नाम-‘टाइम वॉच’:
NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 (Hindi Medium) 2

पहले समूह का विज्ञापन : ‘टाइम वॉच’ एक सस्ती और टिकाऊ घड़ी है, जो सालों-साल चलती है। यह घड़ी काफी आकर्षित भी है और बच्चों के लिए सबसे उपयोगी घड़ी है, कीमत मात्र : 325 रुपये है।
दूसरे समूह का विज्ञापन-टाइम वॉच” दुनिया की सबसे बेहतरीन घड़ी है। जिसे लाखों-करोड़ों की संख्या में लोगों नेआजमाया है और इसकी सराहना की है। अब आपके लिए भी उपलब्ध है। कीमत मात्र : 325 रुपये।
तीसरे समूह का विज्ञापन : ‘टाइम वॉच’ ‘‘सभी घड़ियों से अलग खूबियों वाली” इसकी खूबियाँ जो अन्य घड़ियों से इसे अलग करती हैं

  1. डायमंड लगा हुआ फ्रैंक बलूची वॉच
  2. 1 साल की मैन्युफेक्चरर वॉरन्टी
  3. वाटर प्रूफ
  4. बच्चों को ध्यान में रखकर बनाया गया।चौथे समूह का विज्ञापन : “टाइम वॉच” पर 20% की ।छूट। बच्चों के लिए यह छूट 25% तक की है। यह मौका आपके हाथ से कहीं निकल न जाए।

Hope given NCERT Solutions for Class 7 Social Science Civics Chapter 7 are helpful to complete your homework.

error: Content is protected !!