NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 पतंग

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पतंग NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2

पतंग Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 2

कविता के साथ

प्रश्न 1.
सबसे तेज़ बौछारें गयीं, भादों गया के बाद प्रकृति में जो परिवर्तन कवि ने दिखाया है, उसका वर्णन अपने शब्दों में करें। (Outside Delhi 2017, Set-III)
उत्तर :
यह कविता प्राकृतिक सौंदर्य से ओत-प्रोत है। सबसे तेज बौछारें तथा भादों के जाने के बाद सवेरा हुआ जो अत्यंत लालिमा और  र्ण था। वह सवेरा खरगोश की आँखों के समान लाल रंग का था। शरद ऋतु अनेक बौछारों और झाड़ियों को चीरता हुआ आया है। कवि ने शरद ऋतु का मानवीकरण करते हुए कहा है कि शरद अपनी चमकीली साइकिल पर सवार होकर घंटी बजाता हुआ आया।

उसने चमकीले संकेतों के द्वारा पतंग उड़ाने वाले बच्चों के समूह को अपने पास बुलाया। उसने आकाश को इतना मुलायम और सुंदर बना दिया जिसमें पतंग उड़ सके। साथ ही संसार का पहला पतला कागज़, बाँस की कमानी और रंग-बिरंगी वस्तु उड़ सके। जब बच्चे के रंग-बिरंगे पतंग आकाश में उड़ाने लगे तो चारों ओर सीटियों और किलकारियों की आवाज़ गूंज उठी तथा तितलियों ने मधुर गुंजार शुरू कर दिया।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 2 पतंग

प्रश्न 2.
सोचकर बताएँ कि पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग क्यों किया है?
उत्तर :
पतंग के लिए सबसे हल्की और रंगीन चीज़, सबसे पतला कागज, सबसे पतली कमानी जैसे विशेषणों का प्रयोग इसलिए किया गया है क्योंकि पतंग में हल्के रंगीन कागज़ और पतली बाँस की कमानी का प्रयोग किया जाता है, ताकि वह उड़ सके।

यह कविता बाल सुलभ . चेष्टाओं और उनके क्रियाकलापों का चित्रांकन करती है। बच्चे का मन अत्यंत कोमल और हल्का होता है, वह शरीर से भी दुबला, .. पतला, कोमल, चंचल और निश्छल होता है। अतः एक कोमल बच्चे की कोमल भावनाओं, कोमल शरीर, निश्छल मन, चंचलता आदि की अभिव्यक्ति के लिए ही इन विशेषणों का प्रयोग किया गया है।

प्रश्न 3.
बिंब स्पष्ट करें
सबसे तेज़ बौछारें गईं भादों
गया सवेरा हुआ
खरगोश की आँखों जैसा लाल सवेरा
शरद आया पुलों को पार करते हुए
अपनी नई नमकीली साइकिल तेज़ चलाते हुए
घंटी बजाते हुए ज़ोर-ज़ोर से
चमकीले इशारों से बुलाते हुए और
आकाश को इतना मुलायम बनाते हुए
कि पतंग ऊपर उठ सके।
उत्तर :
प्रस्तुत काव्यांश में कवि ने गतिशील बिंब-योजना का सजीव चित्रण किया है। इसके साथ-साथ दृश्य बिंब का भी समायोजन किया गया है।

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प्रश्न 4.
जन्म से ही वे अपने साथ लाते हैं कपास-कपास के बारे में सोचें कि कपास से बच्चों का क्या संबंध बन सकता है ?
उत्तर :
कपास की प्रकृति जैसे निर्मल और सुकोमल होती है, उसी प्रकार से बच्चे भी अत्यंत निर्मल और सुकोमल होते हैं। बच्चों में भी कपास की भाँति कोमलता झलकती है। कपास की तरह बच्चों के साफ़-स्वच्छ मन में भी कोई मैल नहीं होती। उनमें इसी की तरह निर्मलता होती है।

प्रश्न 5.
पतंगों के साथ-साथ वे भी उड़ रहे हैं-बच्चों का उड़ान से कैसा संबंध बनता है ?
उत्तर :
पतंग बच्चों की कोमल भावनाओं का प्रतीक है, इसलिए पतंग के साथ बच्चों का अटूट संबंध है। असीम आकाश में उड़ती हुई पतंग जैसे-जैसे हिलोरें लेती है वैसे-वैसे बच्चों का मन भी हिलोरे लेता हुआ प्रतीत होता है। बच्चे पतंग के साथ तन-मन से जुड़ जाते हैं। वे पतंगों को उड़ाते हुए उनमें इतना डूब जाते हैं कि अपने-आपको ही भूल जाते हैं। इस प्रकार बच्चों का उड़ान से गहन संबंध है।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित पंक्तियों को पढ़कर प्रश्नों का उत्तर दीजिए।
(अ) दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने का क्या तात्पर्य है?
(ब) जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए क्या आपको छत कठोर लगती है?
(स) खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद आप दुनिया की चुनौतियों के सामने स्वयं को कैसा महसूस करते हैं ?
उत्तर:
(अ) “दिशाओं को मृदंग की तरह बजाने’ का तात्पर्य है कि बच्चे चहकते और किलकारियाँ मारते सभी दिशाओं में दौड़ते-फिरते हैं; शोर करते हैं और इधर-उधर भागते हैं। उनकी मधुर और उत्साह-भरी आवाज़ सभी दिशाओं में उनके उत्साह-भाव को व्यक्त करती है और ऐसा लगता है जैसे वे उन्हें बजा रहे हों।

(ब) जब पतंग सामने हो तो छतों पर दौड़ते हुए वह कदापि कठोर नहीं लगती। तब तो केवल पतंग ही दिखाई देती है और कोई कष्ट
का अनुभव होता ही नहीं।

(स) खतरनाक परिस्थितियों का सामना करने के बाद दुनिया की चुनौतियों के सामने हम स्वयं को अधिक सक्षम और साहस से भरे हुए
अनुभव करते हैं। हमारे मन से डर का भाव निकल जाता है।

कविता के आस-पास

प्रश्न 1.
आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर आपके मन में कैसे ख्याल आते हैं? लिखिए।
उत्तर
आसमान में रंग-बिरंगी पतंगों को देखकर हमारा मन भी रंग-बिरंगा हो जाता है। हमारा मन इन्हीं पतंगों की भाँति हिलोरें लेने लगता है। उसकी भी चाहत होती है कि वह भी इन पतंगों की भाँति खुले आसमान में उड़ान लगाए। वह भी चाहता है कि वह चारों दिशाओं की सैर करे तथा असीम आकाश को छू ले।

प्रश्न 2.
रोमांचित शरीर का संगीत’ का जीवन के लय से क्या संबंध है?
उत्तर :
रोमांचित शरीर का संगीत का जीवन के लय के साथ अनूठा संबंध है। जब मनुष्य का शरीर किसी कार्य में पूर्णता से लग जाता है तो उस कार्य की पूर्ति करते हुए शरीर में एक अद्भुत रोमांच और संगीत पैदा होता है। ऐसा ही जीवन में भी होता है। जीवन में भी जब पूर्ण समर्पित होकर कोई कार्य किया जाता है तो उसमें भी एक अनूठी लय पैदा होती है। इस प्रकार जीवन के लय का रोमांचित शरीर के संगीत से अदभुत संबंध है।

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प्रश्न 3.
महज़ एक धागे के सहारे पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ, उन्हें (बच्चों को) कैसे थाम लेती हैं ? चर्चा करें।
उत्तर :
पतंग बच्चों की सुकोमल भावनाओं का प्रतीक है। उड़ती पतंगों के साथ बच्चे इतने खो जाते हैं कि वे अपने-आप को ही भूल जाते हैं। पतंग के हिलोरों के साथ बच्चों का मन भी हिलोरे लेता है। इसलिए पतंग आकाश में जितनी ऊँचाई को छूता है बाल मन भी उतनी ही ऊँचाई को छूना चाहता है। उड़ती पतंग ही बच्चे के मन में साहस और निडरता प्रदान करती है तथा उन्हें पग-पग पर जोश प्रदान करती है। यही कारण है कि महज़ एक धागे के सहारे पतंगों की धड़कती ऊँचाइयाँ बच्चों को थाम लेती हैं।

आपकी कविता

प्रश्न 1.
हिंदी साहित्य के विभिन्न कालों में तुलसी, जायसी, मतिराम, द्विजदेव, मैथिलीशरण गुप्त आदि कवियों ने भी शरद ऋतु का सुंदर वर्णन किया है। आप उन्हें तलाश कर कक्षा में सुनाएँ और चर्चा करें कि पतंग कविता में शरद ऋतु का वर्णन उनसे किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर :
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

प्रश्न 2.
आपके जीवन में शरद ऋतु क्या मायने रखती है?
उत्तर :
हमारे जीवन में शरद ऋतु विशेष मायने रखती है। यह वह समय है जब खेतों में धान की फसल लहलहाने लगती है जो ग्रामीण जीवन की आधार है। हम अपने खाली समय में फ़सलों से लहलहाती अपनी खेती की देखभाल करते हैं। यही समय होता है जब हमारी परीक्षाएँ निकट आ जाती हैं और हम अधिक पढ़ने-लिखने लगते हैं और इसी समय खेलने-कूदने को मन अधिक करता है। धूप में बैठकर आराम करने और मूंगफली खाने का समय भी यही है।

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