NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन

Our detailed NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन Textbook Questions and Answers help students in exams as well as their daily homework routine.

भक्तिन NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11

भक्तिन Questions and Answers Class 12 Hindi Aroh Chapter 11

पाठ के साथ

प्रश्न 1.
भक्तिन अपना वास्तविक नाम लोगों से क्यों छिपाती थी? भक्तिन को यह नाम किसने और क्यों दिया होगा? (Outside Delhi 2017, Set-III))
उत्तर :
भक्तिन का वास्तविक नाम लछमिन अर्थात लक्ष्मी था जो समृद्धि और ऐश्वर्य का प्रतीक होता है। भक्तिन एक गरीब महिला थी जबकि उसका नाम लक्ष्मी था। वह धनहीन थी लेकिन इसके साथ वह बहुत समझदार भी थी। लोग उसके इस नाम को सुनकर उसकी हँसी न उड़ाएँ इसलिए वह अपना वास्तविक नाम छिपाती थी। भक्तिन को यह नाम लेखिका ने दिया था। लेखिका ने यह नाम शायद भक्तिन की सेवा-भावना और कर्तव्यपरायणता को देखकर दिया होगा क्योंकि भक्तिन में एक सच्ची सेविका के संपूर्ण गुण विद्यमान थे जिस पर कोई भी स्वामी गर्व कर सकता है।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन

प्रश्न 2.
दो कन्या-रत्न पैदा करने पर भक्तिन पुत्र-महिमा में अंधी अपनी जिठानियों द्वारा घृणा और उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। क्या इससे आप सहमत हैं?
उत्तर :
हाँ, हम इस बात से पूर्णतः सहमत हैं कि दो कन्या-रत्न पैदा करने पर भी भक्तिन पुत्र-महिमा में अंधी अपनी जेठानियों द्वारा घृणा और उपेक्षा का शिकार बनी। ऐसी घटनाओं से ही अकसर यह धारणा चलती है कि स्त्री ही स्त्री की दुश्मन होती है। समाज में प्रायः देखा जाता है कि पुरुष की अपेक्षा स्त्री ही स्त्री से घृणा और ईर्ष्या भाव रखती है। स्त्री ही स्त्री को पग-पग पर अपनी उपेक्षा का शिकार बनाना चाहती है।

शायद समाज में नारी की मनोवृत्ति ऐसी बन गई है कि वह अपने सामने किसी भी अन्य नारी को देखना नहीं चाहती। वह नहीं चाहती कि उसके द्वारा प्राप्त पद, मान-सम्मान कोई अन्य स्त्री भी ग्रहण कर सके। विडंबना यह है कि नारी ही नारी की भावनाओं को समझने में सक्षम नहीं है।

अपनी कुंठित और संकीर्ण मानसिकता के कारण नारी ही संसार में जन्म लेनेवाली कन्या की उपेक्षा करती है। वह केवल पुत्र को जन्म देने में अपनी महिमा समझती है। अपनी सफलता मानती है। वह शायद जन्म लेनेवाली कन्या की अपेक्षा पुत्र को अधिक चाहती है। वह पुत्र-रत्न की आकांक्षा लिए एक सास और जेठानी के रूप में नारी की उपेक्षा करती है।

प्रश्न 3.
भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरन पति थोपा जाना एक दुर्घटना भर नहीं, बल्कि विवाह के संदर्भ में स्त्री के मानवाधिकार (विवाह करें या न करें अथवा किससे करें) इसकी स्वतंत्रता को कुचलते रहने की सदियों से चली आ रही सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। कैसे?
उत्तर :
भारतीय समाज एक पुरुष प्रधान समाज है। इस समाज में पुरुष समाज ही पूर्णरूप से स्वतंत्र है नारी समाज नहीं। सदियों से नारी इसी सामाजिक परंपरा की शिकार रही है। इस समाज की परंपरा है कि यहाँ केवल पुरुष को अपना मनपसंद जीवनसाथी चुनने का अधिकार है, स्त्री को नहीं। प्रायः देखा जाता है कि विवाह के संदर्भ में केवल पुरुष की आकांक्षाओं की पूर्ति की जाती है। पुरुष विवाह करने या न करने के प्रत्येक दृष्टिकोण से स्वतंत्र होता है लेकिन एक स्त्री अनेक मर्यादाओं में दबकर रह जाती है।

जब भी वह अपनी इच्छा जाहिर करना चाहती है तभी इस समाज की अनेक मर्यादाएँ उसके सामने दीवार बनकर खड़ी हो जाती हैं। प्रस्तुत पाठ में भी भक्तिन की बेटी पर पंचायत द्वारा जबरदस्ती पति थोपना भी स्त्री के मानवाधिकारों के कुचलते रहने की सामाजिक परंपरा का प्रतीक है। जहाँ युवती की इच्छाओं और अधिकारों को अनदेखा करके पुरुष प्रधान पंचायत एकपक्षीय निर्णय देकर यवती

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन

प्रश्न 4.
‘भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा, क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं।’ लेखिका ने ऐसा क्यों कहा होगा? (Delhi C.B.S.E. 2016, Set-II, A.I.C.B.S.E. 2011, Set-I,C.B.S.E. Delhi 2017, Set-1)
उत्तर :
भक्तिन अच्छी है, यह कहना कठिन होगा क्योंकि उसमें दुर्गुणों का अभाव नहीं। लेखिका ने ऐसा इसलिए कहा क्योंकि कभी-कभी भक्तिन उसके घर में इधर-उधर पड़े पैसों को भंडारघर की मटकी में छिपा देती थी। जिस बात से लेखिका को क्रोध आ जाता था उसे वह बदलकर इधर-उधर करके बताया करती थी। वह ऐसी बात को अपनी ओर से और चुटीली बनाकर कहा करती तथा थोड़ा झूठ-सच का मिश्रण कर बात को बदल देती थी।

प्रश्न 5.
भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का क्या उदाहरण लेखिका ने दिया है ? (C.B.S.E. Model Question Paper 2008)
उत्तर :
लेखिका ने भक्तिन द्वारा शास्त्र के प्रश्न को सुविधा से सुलझा लेने का यह उदाहरण दिया है “शास्त्र का प्रश्न भी भक्तिन अपनी सुविधा के अनुसार सुलझा लेती है। मुझे स्त्रियों का सिर घुटाना अच्छा नहीं लगता। अतः मैंने भक्तिन को रोका। उसने अंकुठित भाव से उत्तर दिया कि शास्त्र में लिखा है कुतूहलवश मैं पूछ ही बैठी-‘क्या लिखा है?’ तुरंत उत्तर मिला-‘तीरथ गए मुंडाए सिद्ध’ कौन-से शास्त्र का यह रहस्यमय सूत्र है, यह जान लेना मेरे लिए संभव ही नहीं था। अतः मैं हारकर मौन ही रही और भक्तिन का चूडाकर्म हर बृहस्पतिवार को एक दरिद्र नापित के गंगाजल से धुले उस्तुरे द्वारा यथाविधि निष्पन्न होता रहा।”

प्रश्न 6.
भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती कैसे हो गई ? (C.B.S.E. 2014, Set-I, II, II)
उत्तर :
भक्तिन एक देहाती अर्थात ग्रामीण महिला थी जो अनपढ़ थी। इसलिए वह बिलकुल देहाती भाषा का प्रयोग करती थी। भक्तिन एक देहाती होने के साथ-साथ समझदार भी थी। उसका स्वभाव ऐसा बन चुका था कि वह दूसरों को तो अपने मन के अनुसार बना लेती थी लेकिन अपने अंदर किसी प्रकार का परिवर्तन नहीं चाहती थी। महादेवी वर्मा बार-बार प्रयास करके भी उसके स्वभाव को परिवर्तित न कर सकी। इसलिए भक्तिन के आ जाने से महादेवी अधिक देहाती हो गई।

पाठ के आस-पास

प्रश्न 1.
आलो आँधारि की नायिका और लेखिका बेबी हालदार और भक्तिन के व्यक्तित्व में आप क्या समानता देखते हैं?

प्रश्न 2.
भक्तिन की बेटी के मामले में जिस तरह का फैसला पंचायत ने सुनाया, वह आज भी कोई हैरतअंगेज बात नहीं है अखबारों या टी० वी० समाचारों में आने वाली किसी ऐसी ही घटना को भक्तिन के उस प्रसंग के साथ रखकर उस पर चर्चा करें।

प्रश्न 3.
पाँच वर्ष की आयु में ब्याही जाने वाली लड़कियों में सिर्फ भक्तिन नहीं है, बल्कि आज भी हज़ारों अभागिनियाँ हैं। बाल-विवाह और उम्र के अनमेलपन वाले विवाह की अपने आस-पास हो रही घटनाओं पर दोस्तों के साथ गंभीर परिचर्चा करें।

प्रश्न 4.
महादेवी जी इस पाठ में हिरनी सोना, कुत्ता बसंत, बिल्ली गोधूलि आदि के माध्यम से पशु-पक्षी को मानवीय संवेदना से उकेरने वाली लेखिका के रूप में उभरती हैं। उन्होंने अपने घर में और भी कई पशु-पक्षी पाल रखे थे तथा उन पर रेखाचित्र भी लिखे हैं। शिक्षक की सहायता से उन्हें ढूँढ़कर पढ़ें जो मेरा परिवार नाम से प्रकाशित है।
उत्तर
अपने अध्यापक/अध्यापिका की सहायता से स्वयं कीजिए।

भाषा की बात

प्रश्न1.
नीचे दिए गए विशिष्ट भाषा-प्रयोगों के उदाहरणों को ध्यान से पढ़िए और इनकी अर्थ-छवि स्पष्ट कीजिए
(क) पहली कन्या के दो संस्करण और कर डाले।
(ख) खोटे सिक्कों की टकसाल जैसी पत्नी।
(ग) अस्पष्ट पुनरावृत्तियाँ और स्पष्ट सहानुभूतिपूर्ण।
उत्तर
विद्यार्थी अध्यापिका की सहायता से इसे स्वयं करें।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन

प्रश्न 2.
‘बहनोई’ शब्द ‘बहन’ (स्त्री) + ओई से बना है। इस शब्द में हिंदी भाषा की एक अनन्य विशेषता प्रकट हुई है। पुल्लिंग शब्दों में कुछ स्त्री-प्रत्यय जोड़ने से स्त्रीलिंग शब्द बनने की एकसमान प्रक्रिया कई भाषाओं में दिखती है, पर स्त्रीलिंग शब्द में कुछ पुल्लिंग प्रत्यय जोड़कर पुल्लिंग शब्द बनाने की घटना प्रायः अन्य भाषाओं में दिखलाई नहीं पड़ती। यहाँ पुल्लिंग प्रत्यय ‘ओई’ हिंदी की अपनी विशेषता है। ऐसे कुछ और शब्द और उनमें लगे पुल्लिंग प्रत्ययों की हिंदी तथा और भाषाओं में खोज करें।
उत्तर :
विद्यार्थी अध्यापिका की सहायता से इसे स्वयं करें।

प्रश्न 3.
पाठ में आए लोकभाषा के इन संवादों को समझकर इन्हें खड़ी बोली हिंदी में ढाल कर प्रस्तुत कीजिए।
(क) ई कउन बड़ी बात आय। रोटी बनाय जानित है, दाल राँध लेइत है साग-भाजी ,उक सकित है, अउधर बाकी का रहा।
(ख) हमारे मालकिन तौ रात-दिन कितबियन माँ गड़ी रहती हैं। अब हमहूँ पढ़े लागतब तो घर-गिरिस्ती कउन देखी-सुनी।
(ग) ऊ बिचरिअउ तौ रात-दिन काम माँ झुकी रहती हैं, अउर तुम पचै घूमती-फिरती हौ, चलौ तनिक हाथ बटाय लेउ।
(घ) तब ऊ कुच्छौ करिहैं-धरि, ना-बस गली-गली गाउत-बजाउत फिरिहैं।
(ङ) तुम पजै का का बताईयहै पचास बरिस से संग रहित है।
(च) हम कुकुरी बिलारी न होयँ, हमार मन पुसाई तौ हम दूसरा के जाब नाहिं त तुम्हार पचै की छाती पै होरहा पूँजब और राज करब, समुझै रहौ।
उत्तर
(क) यह क्या बड़ी बात है। रोटी बनाना जानती हूँ, दाल बना लेती हूँ। साग-भाजी छौंक सकती हूँ और बाकी क्या रहा।

(ख) हमारी मालकिन तो रात-दिन किताबों में गड़ी रहती है। अब हम भी पढ़ने लगे तो घर-गृहस्थी कौन-देखेगा।

(ग) वह बेचारी तो रात-दिन काम में झुकी रहती है और तुम वैसे ही घूमती-फिरती हो, चलो थोड़ा हाथ बटाओ।

(घ) तब वह कुछ कर्ता-धर्ता नहीं, बस गली-गली में गाते-बजाते फिरता है।

(ङ) तुम्हें हम क्या-क्या बताएँ, पचास वर्ष से साथ रहता है।

(च) हम मुरगी या बिल्ली नहीं, हमारा मन चाहेगा तो हम दूसरे के यहाँ जाएँगे नहीं तो तुम्हारी छाती पर मूंग दलेंगे और राज करेंगे, समझे।

NCERT Solutions for Class 12 Hindi Aroh Chapter 11 भक्तिन

प्रश्न 4.
‘भक्तिन’ पाठ में पहली कन्या के दो संस्करण जैसे प्रयोग लेखिका के खास भाषाई संस्कार की पहचान कराता है, साथ ही ये प्रयोग कथ्य को संप्रेषणीय बनाने में भी मददगार हैं। वर्तमान हिंदी में भी कुछ अन्य प्रकार की शब्दावली समाहित हुई है। नीचे कुछ वाक्य दिए जा रहे हैं जिससे वक्ता की खास पसंद का पता चलता है। आप वाक्य पढ़कर बताएँ कि इनमें किन तीन विशे ष्रकार की शब्दावली का प्रयोग हुआ है। इन शब्दावलियों या इनके अतिरिक्त अन्य किन्हीं विशेष शब्दावलियों का प्रयोग करते हुए आप भी कुछ वाक्य बनाएँ और कक्षा में चर्चा करें कि ऐसे प्रयोग भाषा की समृद्धि में कहाँ तक सहायक हैं?

-अरे! उससे सावधान रहना! वह नीचे से ऊपर तक वायरस से भरा हुआ है। जिस सिस्टम में जाता है उसे हैंग कर देता है।

– घबरा मत! मेरी इनस्वींगर के सामने उसके सारे वायरस घुटने टेकेंगे। अगर ज्यादा फाउल मारा तो रेड कार्ड दिखाके हमेशा के लिए पवेलियन भेज दूंगा।

– जानी टेंसन नई लेने का वो जिस स्कूल में पढ़ता है अपुन उसका हेडमास्टर है।
उत्तर

  • नीचे से ऊपर तक वायरस से भरा।
  • सारे वायरस घुटने टेकेंगे। ज्यादा फाउल मारा, रेड कार्ड दिखा के, पवेलियन भेज दूंगा।
  • जान, टेंसन नई लेने का, अपुन उसका हेडमास्टर है।
error: Content is protected !!