NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society (Hindi Medium)

These Solutions are part of NCERT Solutions for Class 11 Sociology. Here we have given NCERT Solutions for Class 11 Sociology Introducing Sociology Chapter 1 Sociology and Society.

पाठ्यपुस्तक से हल प्रश्न [NCERT TEXTBOOK QUESTIONS SOLVED]

प्र० 1. समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर – समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन समाजशास्त्र में अनेक व्यक्तिगत एवं सामाजिक पहलुओं की जानकारी के लिए महत्वपूर्ण है।
1. इंग्लैंड औद्योगिक क्रांति का केंद्रबिंदु था। इस तथ्य की जानकारी अत्यधिक महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार शहरीकरण या कारखाना उत्पादन पद्धति ने सभी आधुनिक समाजों को प्रभावित किया।
2. भारत में समाजशास्त्र का केंद्रबिंदु व्यक्तियों के उद्गम और विकास, सामाजिक संगठन तथा इनकी समस्याएँ हैं। भारतीय इतिहास साम्राज्यवादी हमलों से भरा है। भारत में सामंतवाद, पूँजीवाद एवं उपनिवेशवाद की लंबी परंपरा रही है।
3. राजनीतिक, सामाजिक या सांस्कृतिक क्षेत्रों से संबंधित भारतीय इतिहास विदेशियों के द्वारा लिखा गया है और यह मुख्यतः उत्कंठाओं से भरा है। प्रधानतः भारतीय इतिहास पक्षपाती है। अतः भारत का समाजशास्त्र भी पक्षपाती है। वर्तमान समय में भारतीय समाज को इसकी परंपराओं की जटिलता के संदर्भ में समझा जा सकता है, जोकि तुर्क, मंगोल, कुषाण, अफगान तथा ब्रिटिश और आधुनिक विश्व के प्रभावों से निर्मित है। भारतीय समाजशास्त्र अपने इतिहास की जटिल उपज है। अतः समाजशास्त्र के उद्गम और विकास का अध्ययन समाजशास्त्र के लिए महत्वपूर्ण है।

प्र० 2. ‘समाज’ शब्द के विभिन्न पक्षों की चर्चा कीजिए। यह आपके सामान्य बौद्धिक ज्ञान की समझ से किस प्रकार अलग है?
उत्तर-
1. समाज सामाजिक संबंधों का जाल है।
2. मेकाइवर (Maciver) और पेज (Page) के अनुसार, “समाज रीतियों, कार्य-प्रणालियों, अधि कार एवं पारस्परिक सहयोग, अनेक समूह और उनके विभागों, मानव व्यवहार के नियंत्रणों और स्वतंत्रताओं की व्यवस्था है।
3. समाजशास्त्र की यह परिभाषा इस तथ्य पर बल देती है कि समाज की मुख्य विशिष्टताएँ, रीतियाँ, कार्यविधि, प्राधिकार, आपसी सहयोग, समूह तथा उपसमूह और स्वतंत्रताएँ हैं।
4. रीतियों का सरोकार, समाज के स्वीकृत प्रतिमानों से है।
5. कार्य-विधि का तात्पर्य सामाजिक संगठनों से है। उदाहरणार्थ, परिवार तथा विवाह जो सामाजिक अंत:संबंधों की रचना के लिए महत्वपूर्ण हैं।
6. प्राधिकार का तात्पर्य एक व्यवस्था से है, जो समाज की इकाइयों को नियंत्रित करती है और सामाजिक जाल का पोषण करती है।
7. समूहों तथा वर्गों का संबंध समूहों और उपसमूहों से है, जिसमें व्यक्ति अंत:क्रिया करते हैं एवं सामाजिक प्रतिमानों का ज्ञान प्राप्त करते हैं।
8. मानवीय व्यवहार के नियंत्रण का सरोकार लिखित या अलिखित प्रतिमानों के संदर्भ में व्यक्तियों के सामाजिक नियंत्रण और स्वतंत्रता से है, जो सामाजिक जालों के निर्विघ्न (Smooth) क्रियान्वयन (सुचारु रूप से संचालक) के लिए महत्वपूर्ण है।
9. मेकाइवर (Maciver) और पेज (page) के अनुसार, उपरोक्त वर्णित तथ्य समाज के विभिन्न परिदृश्य तथा सामाजिक संबंधों के जाल हैं।

प्र०3. चर्चा कीजिए कि आजकल अलग-अलग विषयों में परस्पर लेन-देन कितना ज्यादा है।
उत्तर- छात्र आपस में स्वयं चर्चा करें।

प्र० 4. अपनी या अपने दोस्त अथवा रिश्तेदार की किसी व्यक्तिगत समस्या को चिह्नित कीजिए। इसे समाजशास्त्रीय समझ द्वारा जानने की कोशिश कीजिए।
उत्तर- छात्र स्वयं करें।

Hope given Introducing Sociology Class 11 Solutions Chapter 1 are helpful to complete your homework.

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