MCQ Questions for Class 10 Hindi Kshitij Chapter 15 स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन with Answers

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स्त्री शिक्षा के विरोधी कुतर्कों का खंडन Class 10 MCQs Questions with Answers

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Question 1.
पुराने लोग स्त्रियों को अनपढ़ क्यों बनाए रखना चाहते
(a) उस समय स्त्रियों के लिए विद्यालय नहीं थे
(b) उनको अपना वर्चस्व बनाकर रखना था
(c) स्त्रियाँ पढ़ना नहीं चाहती थीं
(d) स्त्रियों को पढ़ाने से धर्म की हानि होती थी

Answer

Answer: (b) उनको अपना वर्चस्व बनाकर रखना था
अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए।


Question 2.
बौद्धों के ग्रंथ त्रिपिटक की रचना प्राकृत में क्यों हुई?
(a) उस समय प्राकृत आमजन की भाषा थी
(b) वे लोग संस्कृत नहीं जानते थे
(c) प्राकृत अनपढ़ों की भाषा थी
(d) प्राकृत का चलन बौद्धों ने ही किया

Answer

Answer: (a) उस समय प्राकृत आमजन की भाषा थी
उस समय प्राकृत जन-साधारण की भाषा थी।


Question 3.
वेद मंत्रों में स्त्रियों का योगदान क्या सिद्ध करता है?
(a) स्त्रियाँ पुरुषों से अधिक पढ़ी लिखी थीं
(b) ईश्वर स्त्री-शिक्षा का समर्थक है क्योंकि वेद ईश्वरकृत
(c) स्त्रियों के बिना वेदों की रचना नहीं हो सकती थी
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) ईश्वर स्त्री-शिक्षा का समर्थक है क्योंकि वेद ईश्वरकृत
ईश्वर स्त्रियों की शिक्षा का समर्थक है; क्योंकि वेद ईश्वरकृत हैं।


Question 4.
सुशिक्षित लोगों का पेशा क्या होना चाहिए ?
(a) अशिक्षितों को शिक्षित करना
(b) पथ-भ्रष्टों को सही मार्ग पर लाना
(c) अधार्मिकों को धर्म का ज्ञान देना
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
उपर्युक्त सभी।


Question 5.
द्विवेदी जी ने शिक्षा को व्यापक क्यों कहा है?
(a) क्योंकि शिक्षा का प्रसाद पूरी दुनिया में है
(b) इसके अंतर्गत सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं होता बल्कि सीखने योग्य अन्य विषयों का भी समावेश होता है
(c) इसके द्वारा मनुष्य बहुत-सा धन कमा सकता है
(d) शिक्षा की अनेक शाखाएँ होती हैं

Answer

Answer: (b) इसके अंतर्गत सिर्फ पढ़ना-लिखना ही नहीं होता बल्कि सीखने योग्य अन्य विषयों का भी समावेश होता है
इसके अंतर्गत पढ़ने-लिखने के अतिरिक्त सीखने योग्य अन्य विषयों का समावेश होता है।


Question 6.
शिक्षा के संबंध में निम्न में से क्या होना चाहिए?
(a) स्त्री-पुरुष की शिक्षा में भेद होना चाहिए
(b) केवल पुरुष को शिक्षा मिलनी चाहिए
(c) स्त्री-पुरुष की शिक्षा में कोई भेद नहीं होना चाहिए
(d) शिक्षा का अधिकार सभी को एक समान नहीं होना चाहिए

Answer

Answer: (c) स्त्री-पुरुष की शिक्षा में कोई भेद नहीं होना चाहिए
स्त्री-पुरुष की शिक्षा में भेद नहीं होना चाहिए।


Question 7.
आचार्य महावीर प्रसाद जी ने स्त्री शिक्षा का विरोध करने वालों को क्या कहा है ?
(a) पागल
(b) बात-व्यथित
(c) ग्रहग्रस्त
(d) उपर्युक्त सभी

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी।


Question 8.
व्यक्ति को शिक्षा किस मार्ग पर चलने की प्रेरणा देती है?
(a) सन्मार्ग पर
(b) कुटिल मार्ग पर
(c) टेढ़े मार्ग पर
(d) ऊँचे मार्ग पर

Answer

Answer: (a) सन्मार्ग पर।


Question 9.
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी का जन्म कहाँ हुआ?
(a) सन् 1864 इलाहाबाद में
(b) सन् 1869 में पोरबंदर गुजरात में
(c) सन् 1864 में रायबरेली (उ.प्र.) के गाँव दौलतपुर में
(d) सन् 1901 में वाराणसी में

Answer

Answer: (c) सन् 1864 में रायबरेली (उ.प्र.) के गाँव दौलतपुर में
1864 में रायबरेली उत्तर प्रदेश के दौलतपुर गाँव में।


Question 10.
आचार्य महावीर प्रसाद द्विवेदी जी ने किस पत्रिका का संपादन किया?
(a) सरस्वती
(b) वीणा
(c) हंस
(d) इन्द्रप्रस्थ भारती

Answer

Answer: (a) सरस्वती


Question 11.
लेखक ने शोक की बात किसे माना है ?
(a) स्त्रियों की पढ़ाई को
(b) स्त्रियों को न पढ़ाने को
(c) स्त्रियों को पढ़ाना गृह-सुख नाश का कारण
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (c) स्त्रियों को पढ़ाना गृह-सुख नाश का कारण
स्त्रियों को पढ़ाना गृह-सुख का नाश करने का शोक कहा है।


Question 12.
लेखक ने ‘ऐसे-वैसे’ लोग किन्हें कहा है?
(a) अशिक्षित लोगों को
(b) दकियानूसी लोगों को
(c) धार्मिक कट्टरवादियों को
(d) जो स्वयं शिक्षित हैं, परन्तु स्त्रियों की शिक्षा का विरोध करते हैं

Answer

Answer: (d) जो स्वयं शिक्षित हैं, परन्तु स्त्रियों की शिक्षा का विरोध करते हैं
जो स्वयं शिक्षित है, परन्तु स्त्रियों की शिक्षा का विरोध करता है।


Question 13.
बौद्धों के ग्रंथ का क्या नाम है?
(a) पउम चरिउ
(b) त्रिपिटक
(c) धम्म कथा
(d) पुनर्जन्म गाथाएँ

Answer

Answer: (b) त्रिपिटक
बौद्धों के ग्रंथ का नाम त्रिपिटक है।


Question 14.
बौद्धों के ग्रंथ की रचना किस भाषा में हुई?
(a) संस्कृत
(b) अपभ्रंश
(c) प्राकृत
(d) तमिल

Answer

Answer: (c) प्राकृत
बौद्धों के ग्रंथों की रचना ‘प्राकृत’ में हुई।


Question 15.
कालकूट का शाब्दिक अर्थ क्या है?
(a) अमृत
(b) यमराज का भोज्य पदार्थ
(c) विष
(d) एक तरह का प्रसाद

Answer

Answer: (c) विष
कालकूट का शाब्दिक अर्थ विष है।


गद्यांश पर आधारित बहुविकल्पीय प्रश्न

(1)

नाटकों में स्त्रियों का प्राकृत बोलना उनके अपढ़ होने का प्रमाण नहीं। अधिक से अधिक इतना ही कहा जा सकता है कि वे संस्कृत न बोल सकती थीं। संस्कृत न बोल सकना न अपढ़ होने का सबूत है और न गँवार होने का। अच्छा तो उत्तररामचरित में ऋषियों की वेदांतवादिनी पत्नियाँ कौन-सी भाषा बोलती थीं? उनकी संस्कृत क्या कोई गँवारी संस्कृत थी? भवभूति और कालिदास आदि के नाटक जिस ज़माने के हैं उस ज़माने में शिक्षितों का समस्त समुदाय संस्कृत ही बोलता था, इसका प्रमाण पहले कोई दे ले तब प्राकृत बोलने वाली स्त्रियों को अपढ़ बताने का साहस करे। इसका क्या सबूत कि उस ज़माने में बोलचाल की भाषा प्राकृत न थी? सबूत तो प्राकृत के चलन के ही मिलते हैं। प्राकृत यदि उस समय की प्रचलित भाषा न होती तो बौद्धों तथा जैनों के हज़ारों ग्रंथ उसमें क्यों लिखे जाते, और भगवान शाक्य मुनि तथा उनके चेले प्राकृत ही में क्यों धर्मोपदेश देते? बौद्धों के त्रिपिटक ग्रंथ की रचना प्राकृत में किए जाने का एकमात्र कारण यही है कि उस ज़माने में प्राकृत ही सर्वसाधारण की भाषा थी। अतःएव प्राकृत बोलना और लिखना अपढ़ और अशिक्षित होने का चिह्न नहीं।

Question 1.
कौन-सी भाषा बोलने को लोग अनपढ़ होने का प्रमाण मानते थे?
(a) हिन्दी
(b) पाली
(c) प्राकृत
(d) अपभ्रंश

Answer

Answer: (c) प्राकृत
प्राकृत भाषा को।


Question 2.
भवभूति और कालिदास के समय शिक्षित समाज कौन-सी भाषा बोलता था?
(a) संस्कृत एवं प्राकृत
(b) हिन्दी
(c) पाली
(d) प्राकृत

Answer

Answer: (a) संस्कृत एवं प्राकृत।


Question 3.
बौद्ध और जैनों का साहित्य किस भाषा में लिखा गया?
(a) पाली
(b) हिन्दी
(c) अपभ्रंश
(d) प्राकृत

Answer

Answer: (d) प्राकृत
प्राकृत भाषा में।


Question 4.
बौद्धों के किस ग्रंथ का उल्लेख यहाँ हुआ है?
(a) पउमचरिउ
(b) त्रिपिटक
(c) कुमारपाल चरित
(d) माथा सप्तशती

Answer

Answer: (b) त्रिपिटक।


Question 5.
प्राकृत बोलना किस का चिह्न नहीं है?
(a) शिक्षित होने का
(b) महान होने का
(c) अनपढ़ होने का
(d) बौद्ध होने का

Answer

Answer: (c) अनपढ़ होने का।


(2)

जिन पंडितों ने गाथा-सप्तशती, सेतुबंध-महाकाव्य और कुमारपालचरित आदि ग्रंथ प्राकृत में बनाए हैं, वे यदि अपढ़ और गँवार थे तो हिंदी के प्रसिद्ध से प्रसिद्ध अखबार का संपादक इस ज़माने में अपढ़ और गँवार कहा जा सकता है; क्योंकि वह अपने ज़माने की प्रचलित भाषा में अखबार लिखता है। हिंदी, बाँग्ला आदि भाषाएँ आजकल की प्राकृत हैं, शौरसेनी, मागधी, महाराष्ट्री और पाली आदि भाषाएँ उस ज़माने की थीं। प्राकृत पढ़कर भी उस ज़माने में लोग उसी तरह सभ्य, शिक्षित और पंडित हो सकते थे जिस तरह कि हिंदी, बाँग्ला, मराठी आदि भाषाएँ पढ़कर इस ज़माने में हम हो सकते हैं। फिर प्राकृत बोलना अपढ़ होने का सबूत है, यह बात कैसे मानी जा सकती है?
जिस समय आचार्यों ने नाट्यशास्त्र-सम्बंधी नियम बनाए थे उस समय सर्वसाधारण की भाषा संस्कृत न थी। चुने हुए लोग ही संस्कृत बोलते या बोल सकते थे। इसी से उन्होंने उनकी भाषा संस्कृत और दूसरे लोगों तथा स्त्रियों की भाषा प्राकृत रखने का नियम कर दिया।

Question 1.
लेखक के अनुसार हिन्दी अखबार के संपादक को भी अनपढ़ क्यों कहा जाना चाहिए ?
(a) क्योंकि वह संस्कृत नहीं बोलता
(b) क्योंकि वह प्राकृत नहीं बोलता
(c) क्योंकि वह अपभ्रंश नहीं बोलता
(d) क्योंकि उसके ज़माने की भाषा संस्कृत नहीं है।

Answer

Answer: (a) क्योंकि वह संस्कृत नहीं बोलता।


Question 2.
हिंदी, बाँग्ला आदि भाषाएँ आजकल की प्राकृत भाषाएँ क्यों हैं ?
(a) जिस तरह प्राकृत बोली जाती है उसी तरह ये भाषाएँ बोली जाती हैं
(b) इन भाषाओं को बोलने वाले लोग ही शिक्षित होते
(c) प्राकृत का विकास संस्कृत से हुआ है
(d) जिस तरह संस्कृत से प्राकृत निकली है उसी प्रकार प्राकृत से हिन्दी व बाँग्ला निकली है

Answer

Answer: (d) जिस तरह संस्कृत से प्राकृत निकली है उसी प्रकार प्राकृत से हिन्दी व बाँग्ला निकली है
जिस तरह संस्कृत से प्राकृत निकली है, उसी प्रकार प्राकृत से हिन्दी व बाँग्ला का विकास हुआ है।


Question 3.
किस भाषा को पढ़कर लोग पंडित हो सकते हैं ?
(a) संस्कृत
(b) पाली
(c) प्राकृत
(d) उपयुक्त

Answer

Answer: (d) उपयुक्त
सभी भाषाओं को।


Question 4.
प्राकृत बोलना क्या अपढ़ होने का सबूत है ?
(a) हाँ
(b) नहीं
(c) कह नहीं सकते
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (b) नहीं
‘नहीं’ प्राकृत बोलना अनपढ़ होने का सबूत नहीं


Question 5.
जिस समय आचार्यों ने नाट्य-शास्त्र के नियम बनाए उस समय सर्व-साधारण की भाषा क्या थी?
(a) संस्कृत
(b) हिन्दी
(c) अपभ्रंश
(d) प्राकृत

Answer

Answer: (d) प्राकृत
उस समय जन साधारण की भाषा प्राकृत थी।


(3)

स्त्रियों का किया हुआ अनर्थ यदि पढ़ाने ही का परिणाम है तो पुरुषों का किया हुआ अनर्थ भी उनकी विद्या और शिक्षा ही का परिणाम समझना चाहिए। बम के गोले फेंकना, नर हत्या करना, डाके डालना, चोरियाँ करना, घूस लेना-ये सब यदि पढ़ने-लिखने ही का परिणाम हो तो सारे कॉलिज, स्कूल और पाठशालाएँ बंद हो जानी चाहिए। परंतु विक्षिप्तों, बातव्यथितों और ग्रहग्रस्तों के सिवा ऐसी दलीलें पेश करने वाले बहुत ही कम मिलेंगे। शकुंतला ने दुष्यंत को कटु वाक्य कहकर कौन-सी अस्वाभाविकता दिखाई? क्या वह यह कहती कि-“आर्य पुत्र, शाबाश! बड़ा अच्छा काम किया जो मेरे साथ गांधर्व-विवाह करके मुकर गए। नीति, न्याय, सदाचार और धर्म की आप प्रत्यक्ष मूर्ति हैं!” पत्नी पर घोर से घोर अत्याचार करके जो उससे ऐसी आशा रखते हैं वे मनुष्य-स्वभाव का किंचित् भी ज्ञान नहीं रखते।

Question 1.
कुतर्कवादी लोगों का क्या मानना है?
(a) स्त्रियाँ पढ़-लिख नहीं सकतीं
(b) स्त्रियों को पढ़ने का अधिकार नहीं है
(c) स्त्रियों का किया हुआ अनर्थ उन्हें पढ़ाने का परिणाम है
(d) स्त्रियों के अनर्थ का कारण पुरुष है

Answer

Answer: (c) स्त्रियों का किया हुआ अनर्थ उन्हें पढ़ाने का परिणाम है।


Question 2.
पुरुष जो अनर्थ करते हैं, वह किसका परिणाम है ?
(a) उनके पढ़े-लिखे होने का
(b) उनका अनपढ़ होने का
(c) स्त्रियों के पढ़ने का
(d) स्त्रियों के न पढ़ने का

Answer

Answer: (b) उनका अनपढ़ होने का।


Question 3.
पढ़े-लिखे पुरुष क्या-क्या अनर्थ करते हैं ?
(a) वे नरहत्या करते हैं
(b) डाके डालते हैं
(c) घूस लेते हैं
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं
चोरी, डाका, नर-हत्या, घूसखोरी आदि सभी।


Question 4.
शकुंतला कौन थी?
(a) दुर्वासा ऋषि की पुत्री
(b) राजा दुष्यंत की पत्नी
(c) भरत की माता
(d) उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं

Answer

Answer: (a) दुर्वासा ऋषि की पुत्री
शकुंतला दुर्वासा ऋषि की पुत्री और दुष्यंत की पत्नी थी। भरत शकुंतला का पुत्र था।


Question 5.
शकुंतला का दुष्यंत को कटुवाक्य कहना कहाँ तक उचित
(a) बिल्कुल उचित है
(b) उचित नहीं है
(c) कह नहीं सकते
(d) इनमें से कोई नहीं

Answer

Answer: (a) बिल्कुल उचित है
बिल्कुल उचित है क्योंकि दुष्यंत ने शकंतला के साथ गांधर्व-विवाह किया परन्तु वह उसे अपने साथ हस्तिनापुर नहीं ले गया।


(4)

पुराने ज़माने में स्त्रियों के लिए कोई विश्वविद्यालय न था। फिर नियमबद्ध प्रणाली का उल्लेख आदि पुराणों में न मिले तो क्या आश्चर्य। और, उल्लेख उसका कहीं रहा हो, पर नष्ट हो गया हो तो ? पुराने ज़माने में विमान उड़ते थे। बताइए उनके बनाने की विद्या सिखाने वाला कोई शास्त्र! बड़े-बड़े जहाजों पर सवार होकर लोग द्वीपांतरों को जाते थे। दिखाइए, जहाज़ बनाने की नियमबद्ध प्रणाली के दर्शक ग्रंथ! पुराणादि में विमानों और जहाजों द्वारा की गई यात्राओं के हवाले देखकर उनका अस्तित्व तो हम बड़े गर्व से स्वीकार करते हैं, परंतु पुराने ग्रंथों में अनेक प्रगल्भ पंडिताओं के नामोल्लेख देखकर भी कुछ लोग भारत की तत्कालीन स्त्रियों को मूर्ख, अपढ़
और गँवार बताते हैं! इस तर्कशास्त्रज्ञता और इस न्यायशीलता की बलिहारी! वेदों को प्रायः सभी हिंदू ईश्वर-कृत मानते हैं। सो ईश्वर तो वेद-मंत्रों की रचना अथवा उनका दर्शन विश्ववरा आदि स्त्रियों से करावे और हम उन्हें ककहरा पढ़ाना भी पाप समझें। शीला और विज्जा आदि कौन थीं? वे स्त्री थीं या नहीं? बड़े-बड़े पुरुष-कवियों से आदृत हुई हैं या नहीं? शार्ङ्गधर-पद्धति में उनकी कविता के नमूने हैं या नहीं? बौद्ध-ग्रंथ त्रिपिटक के अंतर्गत थेरीगाथा में जिन सैकड़ों स्त्रियों की पद्य-रचना उद्धत है वे क्या अपढ़ थीं ? जिस भारत में कुमारिकाओं को चित्र बनाने, नाचने, गाने, बजाने, फूल चुनने, हार गूंथने, पैर मलने तक की कला सीखने की आज्ञा थी उनका लिखने पढ़ने की आज्ञा न थी। कौन विज्ञ ऐसी बात मुख से निकालेगा? और, कोई निकाले भी तो मानेगा कौन?

Question 1.
पुराने ज़माने में स्त्रियों के लिए विश्वविद्यालय था यह आप किस आधार पर कह सकते हैं ?

Answer

Answer:
संकेत :

  • जैसे पुराने जमाने में विमान उड़ते थे हम इस बात को स्वीकार करते हैं
  • बड़े-बड़े जहाजों पर सवार होकर लोग एक द्वीप से दूसरे द्वीप पर जाते थे।

Question 2.
हम बड़े गर्व से किसका उल्लेख करते हैं ?

Answer

Answer:
संकेत :

  • विमान बनाने का
  • एक द्वीप से दूसरे द्वीप जाने का।

Question 3.
वेदों के बारे में लोगों का क्या विचार है?

Answer

Answer:
संकेत :

  • वेद ईश्वरकृत हैं
  • वेद मंत्रों की रचना स्त्रियों द्वारा हुई।

Question 4.
शीला और विज्जा कौन थीं ?

Answer

Answer:
संकेत :

  • बहुत बड़ी विदुषियाँ थीं।

Question 5.
पुराने ज़माने में लड़कियों को क्या-क्या आजादी थी?

Answer

Answer:
संकेत :

  • नाचना
  • फूल चुनना
  • गाना
  • चित्र बनाना।

(5)

मान लीजिए कि पुराने ज़माने में भारत की एक भी स्त्री पढ़ी-लिखी न थी। न सही। उस समय स्त्रियों को पढ़ाने की ज़रूरत न समझी गई होगी। पर अब तो है। अतएव पढ़ाना चाहिए। हमने सैकड़ों पुराने नियमों, आदेशों और प्रणालियों को तोड़ दिया है या नहीं? तो, चलिए, स्त्रियों को अपढ़ रखने की इस पुरानी चाल को भी तोड़ दें।
क्षणभर के लिए भी इस कल्पना को अपने मन में स्थान न देना चाहिए कि पुराने ज़माने में यहाँ की सारी स्त्रियाँ अनपढ़ थीं अथवा उन्हें पढ़ने की आज्ञा न थी। जो लोग पुराणों में पढ़ी-लिखी स्त्रियों के हवाले माँगते हैं, उन्हें श्रीमद्भागवत, दशमस्कंध के उत्तरार्द्ध का पनवाँ अध्याय. पढ़ना चाहिए। उसमें रुक्मिणी-हरण की कथा है। रुक्मिणी ने जो एक लंबा-चौड़ा पत्र एकांत में लिखकर, एक ब्राह्मण के हाथ, श्रीकृष्ण को भेजा था; वह तो प्राकृत में न था। उसके प्राकृत में होने का उल्लेख भागवत में तो नहीं। उसमें रुक्मिणी ने जो पांडित्य दिखाया है वह उसके अपढ़ और अल्पज्ञ होने अथवा गँवारपन का सूचक नहीं।

Question 1.
स्त्रियों को क्यों पढ़ाना चाहिए?

Answer

Answer:
संकेत :

  • क्योंकि आज स्त्रियों के पढ़े-लिखे होने की जरूरत है
  • एक पढ़ी-लिखी स्त्री पूरे घर को शिक्षित कर सकती है।

Question 2.
लेखक ने किस चलन को समाप्त करने की बात कही है?

Answer

Answer:
संकेत :

  • स्त्रियों को अनपढ़ रखने के चलन की।

Question 3.
लोगों को अपने मन में किस कल्पना को स्थान नहीं देना चाहिए।

Answer

Answer:
संकेत :

  • पुराने जमाने की सारी स्त्रियाँ अनपढ़ थीं
  • स्त्रियों को पढ़ने की आज्ञा नहीं थी।

Question 4.
पुराणों में पढ़ी-लिखी स्त्रियों का प्रमाण माँगने वालों को क्या करना चाहिए?

Answer

Answer:
संकेत :

  • उन्हें श्रीमदभागवत, दशमस्कंध के उत्तरार्द्ध का त्रेपनवाँ अध्याय पढ़ना चाहिए।

Question 5.
श्रीमदभागवत् के त्रेपनवें अध्याय में क्या है?

Answer

Answer:
संकेत :

  • रुक्मिणी के उस पत्र का उल्लेख जो उन्होंने श्रीकृष्ण को लिखा था।
  • वह पत्र प्राकृत में नहीं था
  • यह पत्र गँवारपन का सूचक नहीं है।

(6)

‘शिक्षा’ बहुत व्यापक शब्द है। उसमें सीखने योग्य अनेक विषयों का समावेश हो सकता है। पढ़ना-लिखना भी उसी के अंतर्गत है। इस देश की वर्तमान शिक्षा प्रणाली अच्छी नहीं। इस कारण यदि कोई स्त्रियों को पढ़ाना अनर्थकारी समझे तो उसे उस प्रणाली का संशोधन करना या कराना चाहिए, खुद पढ़ने-लिखने को दोष न देना चाहिए। लड़कों ही की शिक्षा प्रणाली कौन-सी बड़ी अच्छी है। प्रणाली बुरी होने के कारण क्या किसी ने यह राय दी है कि सारे स्कूल और कॉलिज बंद कर दिए जाएँ? आप खशी से लड़कियों और स्त्रियों की शिक्षा की प्रणाली को संशोधन कीजिए। उन्हें क्या पढ़ाना चाहिए, कितना पढ़ाना चाहिए, किस तरह की शिक्षा देनी चाहिए और कहाँ पर देनी चाहिए-घर में या स्कूल में-इन सब बातों पर बहस कीजिए, विचार कीजिए, जी में आवे सो कीजिए; पर परमेश्वर के लिए यह न कहिए कि स्वयं पढ़ने-लिखने में कोई दोष है-वह अनर्थकर है, वह अभिमान का उत्पादक है, वह गृह-सुख का नाश करने वाला है। ऐसा कहना सोलहों आने मिथ्या है।

Question 1.
शिक्षा का क्या अर्थ है?

Answer

Answer:
संकेत-

  • केवल अक्षर ज्ञान करना शिक्षा नहीं
  • जो हम सीखते हैं वह शिक्षा है
  • पढ़ना-लिखना शिक्षा का एक अंग है।

Question 2.
शिक्षा प्रणाली के बारे में लेखक की क्या राय है?

Answer

Answer:
संकेत-

  • शिक्षा-प्रणाली लाभकारी होनी चाहिए
  • पढ़ने-लिखने को दोष देना उचित नहीं है ।

Question 3.
लेखक स्त्री-शिक्षा के विरोधियों को क्या कहना चाहता है?

Answer

Answer:
संकेत-

  • आवश्यकता पड़े तो स्त्री-शिक्षा में संशोधन कीजिए
  • शिक्षा किस प्रकार की हो बैठकर विचार कीजिए
  • यह मत कहिए कि स्त्रियों का पढ़ना अन

Question 4.
कैसा कहना सोलह आना मिथ्या है?

Answer

Answer:
संकेत-

  • स्त्रियों का पढ़ना अनर्थकारी है
  • वह गृह-सुख का नाश करने वाला है

Question 5.
अनर्थ का और पढ़ने-लिखने का क्या संबंध है?

Answer

Answer:
संकेत-

  • कोई सम्बंध नहीं
  • अनर्थ का कारण शिक्षा नहीं है।

बोधात्मक-प्रश्न

Question 1.
बौद्धों एवं जैनियों के ग्रंथ किस भाषा में लिखे गए हैं, इनसे क्या बात सिद्ध होती है?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं
  • उस ज़माने में प्राकृत ही पढ़े-लिखों की भाषा थी ।

Question 2.
रुक्मिणी का प्रेम-पत्र जो उन्होंने श्रीकृष्ण को भेजा था क्या सिद्ध करता है ?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • पहले भी स्त्रियाँ पढ़ी लिखी होती थीं रुक्मिणी का पत्र अल्पज्ञ और गँवारपन का सूचक नहीं

Question 3.
हिन्दी के प्रसिद्ध से प्रसिद्ध अखबार के संपादक को गँवार क्यों कहना चाहिए?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • क्योंकि वह हिंदी में लिख रहा है
  • हिन्दी जन-भाषा है परन्तु हिन्दी संस्कृत नहीं है
  • क्योंकि संस्कृत जानने वाला ही पढ़ा-लिखा है |

Question 4.
विमान का उदाहरण देकर लेखक क्या सिद्ध करना चाहता

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • विमान का उल्लेख है, पर प्रमाण नहीं
  • यदि उल्लेख प्रमाण माना जा सकता है तो यह क्यों नहीं माना जाता कि पुराण काल में स्त्रियाँ पढ़ी-लिखी थी
  • प्रमाण नष्ट भी हो सकते हैं।

Question 5.
द्विवेदी जी ने स्त्री-शिक्षा के समर्थन में क्या-क्या तर्क दिए?

Answer

Answer:
संकेत बिंदु :

  • प्रमाण नष्ट भी हो सकते हैं
  • प्राकृत गँवारों की भाषा नहीं है
  • आज के संपादक हिन्दी भाषा में अखबार निकालते हैं कोई उनको अपढ़ नहीं कहता
  • गलत परंपराओं को छोड़ देना चाहिए
  • शकुंतला द्वारा दुष्यंत को कटुवचन कहना शिक्षा का परिणाम नहीं है। वर्तमान शिक्षा प्रणाली में संशोधन की आवश्यकता है।

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