Class 7 Sanskrit Grammar Book Solutions पद-विचारः

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Sanskrit Vyakaran Class 7 Solutions पद-विचारः

पद
शब्दों के मूल रूप को प्रातिपदिक कहते हैं। उनके साथ सुपतिङ् प्रत्यय लगने पर वे शब्द पद कहलाते हैं।

शब्द के भेद-शब्द के दो भेद हैं
(क) विकारी अर्थात् जिनमें परिवर्तन होता है।
(ख) अविकारी जिनमें परिवर्तन नहीं होता

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1. विकारी के भेद-विकारी के दो भेद हैं-
(1) सुबन्त
(2) तिङन्त।

1.1 सुबन्त (संज्ञा, सर्वनाम व विशेषण)
जिनके अन्त में सुप् प्रत्यय लगाते हैं। यथा-रामः, साधुभ्याम् इत्यादि। संज्ञा, सर्वनाम, विशेषण इसके अन्तर्गत आते हैं।

1.2 तिङन्त (आख्यात)
जिन पदों के अन्त में ‘ति’, तः, ‘न्ति’ इत्यादि प्रत्यय आते हैं उन्हें तिङन्त पद कहते हैं। यथा-पठति, चलन्ति इत्यादि। सभी क्रियापद (आख्यात) इसके अन्तर्गत आते हैं।

2. अविकारी के भेद
अविकारी के दो भेद प्रसिद्ध हैं
(1) निपात
(2) अव्यय

वाक्य में इनका स्वतन्त्र रूप से प्रयोग होता है। यथा-अद्य, कदा, कुत्र आदि अव्यय पद हैं।

प्रत्यय तथा उपसर्ग
धातु या शब्द के बाद लगने वाले अंश को प्रत्यय कहते हैं। धातु के पहले जुड़ने वाले अंश को उपसर्ग कहते हैं। प्र, उप, अव, निस्, निर्, सम्, आ तथा वि इत्यादि उपसर्ग हैं। इनसे शब्द के अर्थ में कोई प्रभाव/परिवर्तन आ जाता है।

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प्र – प्रतापः, प्रभावः, प्रकर्षः, प्रक्रिया, प्रमाणः, प्रदानम् इत्यादि।
उप – उपसर्गः, उपादानम्, उपस्थितिः, उपचारः, उपकारः, उपरामः, इत्यादि।
वि – विशेषः, विचारः, विभावः, विस्तारः, विश्रान्तिः, विज्ञानम्, विभीषणम्, इत्यादि।
आ – आकाशः, आकारः, आदानम्, आकर्षणम्, आलेखः, आनन्दः, आस्था, इत्यादि।
अव – अवसादः, अवसानम्, अवमानः, अवदानम्, अवज्ञा इत्यादि।
निस् – निष्कर्षः, निस्सारः, निस्तारः, निश्चयः, इत्यादि।
निर् – निर्गतिः, निर्ममः, निर्मोहः, निरर्थकः, निरादरः, इत्यादि।

2.1 विकार जनक तत्त्व
पदों का विचार करते समय वाक्य या पद में कुछ महत्वपूर्ण तत्त्व होते हैं। जैसे-वचन, पुरुष, लिङ्ग, विशेषण, विशेष्य, लकार इत्यादि।

वचन
यह संख्या का बोध कराता है। इसके तीन भेद होते हैं। एक का बोध कराने वाला एकवचन, दो का बोध कराने वाला द्विवचन तथा दो से अधिक का बोध कराने वाला बहुवचन होता है।
एकवचन – रामः, लता, मुनिः, भवति, अभवत्, भविष्यति, इत्यादि।
द्विवचन -रामौ,लते,मुनी,भवतः ,अभवत् ,भविष्यतः, इत्यादि।
बहुवचन – रामाः, लताः, मुनयः, भवन्ति, अभवन्, भविष्यन्ति, इत्यादि।

पुरुष
वक्ता, श्रोता आदि की दृष्टि से पुरुष का भेद होता है। वक्ता के लिए उत्तम पुरुष, श्रोता के लिए मध्यम पुरुष तथा अन्य के लिए प्रथम पुरुष का प्रयोग होता है। सः, तौ, ते, देवः, देवौ, देवाः, भवति, भवतः, भवन्ति इत्यादि प्रथम पुरुष के उदाहरण हैं। मध्यम पुरुष में त्वम्, युव”, यूयम् का और उत्तम पुरुष में अहम्, आवाम्, वयम् का प्रयोग होता है। भवान् का प्रयोग प्रथम पुरुष में होता है

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लिङ्ग
संस्कृत भाषा में पुरुषवाचक के लिए पुंल्लिङ्ग, स्त्रीवाचक के लिए स्त्रीलिङ्ग तथा अन्य के लिए नपुंसकलिङ्ग का प्रयोग होता है। देवः, सुतः, पिता, सः, तौ, ते पुल्लिङ्ग में तथा देवी, सुता, माता, सा, ते, ताः स्त्रीलिङ्ग में होते हैं। तत्, ते, तानि, किम्, के, कानि नपुंसकलिङ्ग में होते हैं।

विशेषण-विशेष्य
संस्कृत में संज्ञा शब्दों की विशेषता प्रकट करने वाले शब्दों को विशेषण कहा जाता है और विशेषण के द्वारा जिसकी विशेषता प्रकट की जाती है उसको विशेष्य कहा जाता है। नीलः, कृष्णः, सरलः आदि विशेषण पद हैं। ‘नीलः आकाशः’ में आकाशः विशेष्य पद है। ‘कृष्णः मृगः’ में मृगः विशेष्य पद है। ‘सरलः मार्गः’ में मार्गः विशेष्य पद है। जो वचन तथा लिङ्ग विशेष्य का होता है वही वचन तथा लिङ्ग विशेषण का होता है। यथा-शोभना लता, शोभनम् वस्त्रम्, शोभनः छात्रः।

कारक विचार
वाक्य में क्रियापद की सहायता के लिए अन्य पद होते हैं उन्हें कारक कहते हैं। क्रिया को करने वाला कर्ता, क्रिया का जिस पर प्रभाव पड़े वह कर्म, जिसकी सहायता से क्रिया हो वह करण, जिसके लिए कार्य किया जाता है, वह सम्प्रदान है, जिससे अलग हो वह अपादान, दो पदों के सम्बन्ध को सम्बन्ध, क्रिया के
आधार को अधिकरण कहते हैं।

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लकार
क्रियापदों को काल तथा भावों की दृष्टि से दस भागों में बाँटा गया है जिन्हें लकार की संज्ञा दी है। वर्तमान काल के लिए लट् लकार, भूतकाल के लिए लङ् लकार तथा भविष्यत् काल के लिए लुट् लकार का प्रयोग होता है। लट् लकार के साथ प्रथम पुरुष में स्म का प्रयोग करके भूतकाल का अर्थ प्रगट होता है जैसे गच्छति स्म (गया)।

अभ्यासः
प्रश्न 1.
अधोलिखित में से बहुवचन के रूप लिखें
(i) रामः, (ii) पत्राणि, (iii) साधवः, (iv) लता, (v) बालाः, (vi) देवाः, (vii) नदी।
उत्तर:
पत्राणि, साधवः, बालाः, देवाः।

प्रश्न 2.
अधोलिखित में से धातुओं को पृथक् करके लिखो
राम, रामः, रम्, रमते, देव, देवः, दिव्, दीव्यति,
भू, भावः, भवति, पठ्, पाठः, पठति, हस्, हासः, हसति।
धातवः-(i ) ……… (ii) ……… (iii) ………
(iv) ……. (v) ……. (vi) …….
उत्तर:
रम्, दिव्, भू, पठ्, हस्।।

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प्रश्न 3.
निम्नलिखित में से विशेषण पदों को पृथक् करके लिखो
सरलः, वृक्षः, सुन्दरी, छाया, पवित्रम्, वस्त्रम्,
योग्यः, लेखकः, निपुणः, हार्दिकः, धन्यवादः, निवेदनम्, निष्ठा।
उत्तर:
विशेषणपदानि – (i) …………… (ii) ………………
(iii) ………………… (iv) …………. (v) …………………..
(vi) ……………..
सरलः, सुन्दरी, पवित्रम्, योग्यः, निपुणः, हार्दिकः।

प्रश्न 4.
निम्नलिखित में से विकारी शब्दों को पृथक् करके लिखो
उप, प्र, अव, अधः, पश्चात्, राम, लता, गो, कृष्ण, भवति।
उत्तर:
राम, लता, गो, कृष्ण, भवति।

प्रश्न 5.
निम्नलिखित में से क्रियापदों को पृथक् करो
जगन्ति, भवन्ति, सन्ति, भाषाः, भाषते, सुखानि, पीडयन्ति, दु:खानि।
उत्तर:
भवन्ति, सन्ति, भाषते, पीडयन्ति।

प्रश्न 6.
निम्नलिखित में से उपसर्गों को पृथक् करके लिखो
तूष्णीम्, अधः, पश्चात्, उपरि, अव, प्र, कृ, नी, शी, आ, वा।
उपसर्ग- (i) …….. (ii) …… (iii) …….. (iv) …….
उत्तर:
अव, प्र, आ।

प्रश्न 7.
निम्नलिखित में से सुबन्त पदों को पृथक् करके लिखो
रामाः, देवाः, भवन्ति, पठामः, गायामः, गीतानि।
सुबन्तपदानि- (i) ……. (ii) …… (iii)……….
उत्तर:
रामाः, देवाः, गीतानि।

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प्रश्न 8. निम्नलिखित में से पदों को पृथक् करो
चरण, पद, पदानि, वद, वदामः, हस्, हसन्ति।
पदानि- (i) …….. (ii) …….. (iii) ………
उत्तर:
पदानि, वदामः, हसन्ति।

प्रश्न 9.
भवति, अभवत्, भविष्यति, हसति, अहसत्, हसिष्यति, गच्छति, अगच्छत्, गमिष्यन्ति।
उत्तर:
भवति, हसति, गच्छति।

बहुविकल्पीयप्रश्नाः

प्रश्न 1.
शब्दानाम् मूलरूपं ……….. कथ्यते।
(क) प्रातिपदिक
(ख) स्वर
(ग) व्यञ्जन
(घ) हल्
उत्तर:
(क) प्रातिपदिक

प्रश्न 2.
सुबन्तः …………. च विकारिपदानाम् द्वौ रूपौ स्तः।
(क) निपात
(ख) तिङ्
(ग) तिङ्न्त
(घ) अव्यय
उत्तर:
(ग) तिङ्न्त

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प्रश्न 3.
निपात ………. च अविकारिपदानाम् द्वौ रूपौ स्तः।
(क) अव्यय
(ख) तिङ्
(ग) सुप्
(घ) उपसर्ग
उत्तर:
(क) अव्यय

प्रश्न 4.
कियाया: मूलरूप ——— उच्चते
(क) स्वर्ण
(ख) धातु
(ग) विशेषण
(घ) स्वर
उत्तर:
(ख) धातु

प्रश्न 5.
उप्, अनु, प्र, निर् च इत्यादयः ……… सन्ति।
(क) अव्यय
(ख) निपात
(ग) उपसर्गाः
(घ) प्रत्यय
उत्तर:
(ग) उपसर्गाः

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प्रश्न 6.
एकवचनं …………. बहुवचनं च संस्कृते त्रीणि वचनानि सन्ति।
(क) द्वेवचनं
(ख) द्वयवचनं
(ग) द्वेवचनं
(घ) द्वयाः वचनं
उत्तर:
(क) द्वेवचनं

प्रश्न 7.
संस्कृतभाषायाम् पुंल्लिङ्ग, स्त्रीलिङ्ग ………. च सन्ति।
(क) पञ्चलिङ्ग
(ख) नपुंलिङ्ग
(ग) नपुंसकलिङ्ग
(घ) त्रयलिङ्ग
उत्तर:
(ग) नपुंसकलिङ्ग

प्रश्न 8.
‘शोभनानि आभूषणानि’ अनयोः पदयोः विशेषणपदं किं?
(क) आभूषणानि
(ख) शोभनानि
(ग) आभूषणं
(घ) शोभनं
उत्तर:
(क) आभूषणानि

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प्रश्न 9.
‘उन्नतः पर्वतः’ अत्र विशेष्यपदं किं?
(क) उन्नतं
(ख) पर्वतः
(ग) उन्नतः
(घ) पर्वतः
उत्तर:
(घ) पर्वतः

प्रश्न 10.
सम्प्रदाने चतुर्थी, अपादाने पञ्चमी ……… च षष्ठी विभक्तिः प्रयुज्यते।
(क) करणे
(ख) सम्बन्धे
(ग) कर्मे
(घ) अधिकरणे
उत्तर:
(ख) सम्बन्धे

प्रश्न 11.
संस्कृते वर्तमानकालाय लट्लकार प्रयुज्यते। इदं वाक्यं ……… अस्ति।
(क) शुद्ध
(ख) अशुद्धं
उत्तर:
(क) शुद्ध

प्रश्न 12.
भूतकालार्थे .. …… लकारः प्रयुज्यते।
(क) लृट्
(ख) लङ्
(ग) लट
(घ) लोट
उत्तर:
(ख) लङ्

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