CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4

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CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4

Board CBSE
Class 10
Subject Social Science
Sample Paper Set Paper 4
Category CBSE Sample Papers

Students who are going to appear for CBSE Class 10 Examinations are advised to practice the CBSE sample papers given here which is designed as per the latest Syllabus and marking scheme as prescribed by the CBSE is given here. Paper 4 of Solved CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium is given below with free PDF download Answers.

समय : 3 घण्टे
पूर्णांक : 80

सामान्य निर्देश:

  • इस प्रश्न-पत्र में कुल 26 प्रश्न हैं। सभी प्रश्न अनिवार्य हैं।
  • प्रत्येक प्रश्न के अंक उसके सामने दिए गए हैं।
  • प्रश्न संख्या 1 से 7 अति लघु-उत्तरीय प्रश्न हैं। प्रत्येक प्रश्न 1 अंक का है।
  • प्रश्न संख्या 8 से 18 तक प्रत्येक प्रश्न 3 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 80 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 19 से 25 तक प्रत्येक प्रश्न 5 अंक का है। इनमें से प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 100 शब्दों से अधिक का नहीं होना चाहिए।
  • प्रश्न संख्या 26 मानचित्र से सम्बंधित है। इसके दो भाग हैं 26(A) और 26(B) / 26(A) 2 अंक का इतिहास से तथा 26(B) 3 अंक का भूगोल से है। मानचित्र का प्रश्न पूर्ण होने पर उसे अपनी उत्तर-पुस्तिका के साथ नत्थी करें।
  • पूर्ण प्रश्न-पत्र में विकल्प नहीं हैं। फिर भी कई प्रश्नों में आंतरिक विकल्प हैं। ऐसे सभी प्रश्नों में से प्रत्येक से आपको एक ही विकल्प हल करना है।

प्र० 1.
असहयोग आंदोलन को वापस लेने का कौन-सा मुख्य कारण था? 1

प्र० 2.
गैर-परंपरागत ऊर्जा के किस साधन में भारत को विश्व ‘महाशक्ति’ माना जाता है? 1

प्र० 3.
विश्व के किसी एक देश का नाम लिखिए जहाँ ‘दो दलीय’ प्रणाली है? 1

प्र० 4.
धर्म-निरपेक्ष राज्य किसे कहते हैं? 1

प्र० 5.
आर्थिक सुधारों या नई आर्थिक नीति 1991 को परिभाषित कीजिए। 1

प्र० 6.
औपचारिक ऋण की प्रहरी संस्था का नाम बताइए जो ऋण व्यवस्था पर नज़र रखती है? 1

प्र० 7.
हॉलमार्क किसकी गुणवत्ता बनाए रखने वाला प्रमाणपत्र है? 1

प्र० 8.
‘कॉर्न-लॉ’ क्या था? उसे क्यों समाप्त किया गया और उसकी समाप्ति के क्या परिणाम हुए? 3
अथवा
19वीं सदी के मध्य में बंबई की आबादी में भारी वृद्धि क्यों हुई? स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
जॉबर कौन थे? उनके कार्यों को स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 9.
31 जनवरी 1930 को गाँधीजी द्वारा वाइसराय इरविन को लिखे पत्र में किन दो प्रकार की मांगों का उल्लेख किया गया? ‘नमक कर’ समाप्त करने की माँग सबसे अधिक हलचल पैदा करने वाली क्यों थी? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 10.
“सामाजिक बदलावों ने ब्रिटेन में महिला पाठकों की संख्या में वृद्धि की।” इस कथन को स्पष्ट कीजिए। 3
अथवा
प्रथम विश्वयुद्ध के कारण ब्रिटेन पर पड़े आर्थिक प्रभावों की व्याख्या कीजिए। 3

प्र० 11.
जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड पर प्रकाश डालिए। जनरल डायर ने गोली चलाने का आदेश क्यों दिया था? स्पष्ट कीजिए। 3

प्र० 12.
भारत लोहा और इस्पात के उत्पादन में अपनी पूर्ण संभाव्यता का विकास करने में समर्थ क्यों नहीं है? कोई तीन कारण स्पष्ट कीजिए। 3

प्र०13.
एक पेय फसल का नाम बताइए तथा उसको उगाने के लिए अनुकूल भौगोलिक परिस्थितियों का विवरण दीजिए। 3

प्र० 14.
उन देशों के सामने खड़ी तीन मुख्य चुनौतियों का विश्लेषण कीजिए जिनमें लोकतांत्रिक सरकारें नहीं 3

प्र० 15.
सामाजिक विभाजन किस तरह से राजनीति को प्रभावित करते हैं? दो उदाहरण भी दीजिए। 3

प्र० 16.
सत्ता का विकेंद्रीकरण किसे कहते हैं? विकेंद्रीकरण की दिशा में 1992 में क्या कदम उठाए गये थे? 3

प्र० 17.
ऋण के औपचारिक और अनौपचारिक स्रोतों का अर्थ स्पष्ट कीजिए। ऋणों के औपचारिक स्रोतों की कार्यप्रणाली पर नज़र कौन रखता है? क्या अनौपचारिक ऋणदाताओं पर भी नजर रखी जानी चाहिए? क्यों? 3

प्र० 18.
‘यह आवश्यक नहीं है कि पैसा सभी वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकते हैं। उदाहरण सहित समझाओ। 3

प्र० 19.
यूरोप में 1830 से लेकर उन्नीसवीं सदी के अन्त तक राष्ट्रीयता की भावना को रूप प्रदान करने में संस्कृति की भूमिका का वर्णन कीजिए। 5
अथवा
‘पूर्व की ओर चलो आंदोलन’ की किन्हीं पाँच विशेषताओं का वर्णन कीजिए। 5

प्र० 20.
भारत में नवीकरण-योग्य ऊर्जा संसाधनों के उपयोग की अति आवश्यकता क्यों है? कोई पाँच कारण स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 21.
देश के आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा किस प्रकार आधारभूत आवश्यकता है? उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 22.
“लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ आर्थिक असमानताओं को कम करने में बहुत सफल नहीं दिखाई पड़ती हैं।” इस कथन की पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 23.
“सभी देशों और सभी परिस्थितियों में कोई भी दलीय व्यवस्था आदर्श नहीं है।” इस कथन की पाँच तर्को के साथ न्यायसंगत पुष्टि कीजिए। 5

प्र० 24.
साख के स्रोतों के दो वर्ग कौन-से हैं? प्रत्येक वर्ग की चार-चार विशेषताओं का उल्लेख कीजिए। 5

प्र० 25.
“प्रौद्योगिकी में हुई उन्नति ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को किस प्रकार उत्प्रेरित किया है?” पाँच उदाहरणों सहित स्पष्ट कीजिए। 5

प्र० 26.
(A) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए : (a) से अंकित किया गया वह स्थान, जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकांड हुआ था। 1
पता लगाकर चिन्हित कीजिए : (b) वह स्थान, जहाँ नील उगाने वाले किसानों का आंदोलन हुआ था। 1
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 Q26
(B) भारत के दिए गए राजनीतिक रेखा-मानचित्र पर-
पहचानिए :
(c) से अंकित की गई एक प्रकार की मृदा पता लगाकर चिन्हित कीजिए: 1
(i) कांदला : प्रमुख समुद्री पत्तन
(ii) हीराकुड बांध
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 Q26.1
नोटः निम्नलिखित प्रश्न केवल दृष्टिबाधित परीक्षार्थियों के लिए प्रश्न संख्या 26 के स्थान पर हैं : (5 x 1 = 5)
(a) उस स्थान का नाम लिखिए जहाँ नील उगाने वाले किसानों का आंदोलन हुआ था।
(b) उस शहर का नाम लिखिए जहाँ जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड हुआ था।
(c) असम में किस प्रकार की मृदा पाई जाती है?
(d) हीराकुड बांध किस राज्य में स्थित है?
(e) ओडिशा (उड़ीसा) में स्थित लोहा और इस्पात संयंत्र का नाम लिखिए।

Answers

उत्तर 1.
असहयोग आंदोलन को वापस लेने का मुख्य कारण आंदोलन का हिंसक होना था।

उत्तर 2.
पवन ऊर्जा।

उत्तर 3.
संयुक्त राज्य अमेरिका (USA)।

उत्तर 4.
एक राज्य जो किसी धर्म विशेष पर आधारित नहीं होता और जिसमें धर्म के आधार पर नागरिकों के बीच किसी भी प्रकार का भेद-भाव नहीं किया जाता, धर्म-निरपेक्ष राज्य कहलाता है।

उत्तर 5.
आर्थिक सुधारों या नई आर्थिक नीति को भारत सरकार द्वारा जुलाई 1991 से अपनाई गई आर्थिक नीति के रूप में परिभाषित किया जाता है।

उत्तर 6.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI)।

उत्तर 7.
हॉलमार्क आभूषणों की गुणवत्ता बनाए रखने वाला प्रमाणपत्र है।

उत्तर 8.
18वीं शताब्दी के अंतिम दशक में ब्रिटेन की आबादी तेजी से बढ़ने लगी। इससे देश में भोजन की मांग भी बढ़ने लगी। सरकार ने बड़े भूस्वामियों के दबाव में कानून पास करके मक्के के आयात पर रोक लगा दी। जिस कानून की सहायता से मक्के के आयात पर रोक लगाई थी, उसे ही ‘कॉर्न-लॉ’ कहा जाता था।
कॉर्न-लॉ की समाप्ति तथा उसके परिणाम – खाद्य पदार्थों की ऊँची कीमतों से परेशान उद्योगपतियों और शहरी नागरिकों ने सरकार को इस कानून को तुरंत वापिस लेने के लिए बाध्य कर दिया। कॉर्न-लॉ के निरस्त होने का परिणाम यह हुआ कि अब बहुत कम कीमत पर खाद्य पदार्थों का आयात किया जाने लगा। आयातित खाद्य पदार्थों की लागत ब्रिटेन में पैदा होने वाले खाद्य पदार्थों से भी कम थी। फलस्वरूप ब्रिटिश किसानों की स्थिति दयनीय हो गई क्योंकि वे आयातित माल की कीमत का मुकाबला नहीं कर सकते थे। विशाल भू-भागों पर खेती बंद हो गई। हजारों लोग बेरोजगार हो गए तथा गाँवों से उजड़ कर वे या तो शहरों या दूसरे देशों में जाने लगे।
अथवा
बंबई की आबादी में वृद्धि के कारण :

  1. बंबई का प्रेसीडेंसी सिटी बनना – 1819 में बंबई को प्रेसीडेंसी सिटी घोषित किया गया। इससे बंबई एक औद्यागिक शहर बन गया, जहाँ बड़ा बंदरगाह, वेयरहाऊस, अनेक घर एवं दफ्तर थे। 19वीं सदी के अन्तिम वर्षों में बंबई तेज़ी से फैलने लगी थी। 1872 में उसकी आबादी 6,44,405 थी जो 1941 में 15,00,000 तक पहुँच चुकी थी।
  2. उद्योगों की स्थापना होना – नये उद्योगों की स्थापना भी जनसंख्या वृद्धि का एक महत्त्वपूर्ण कारण बना। 1921 में वहाँ 85 कपड़ा मिलें थीं जिनमें 1,46,000 मज़दूर काम करते थे।
  3. रेल मार्गों का विकास – बंबई शहर दो प्रमुख रेलवे नेटवर्क का जंक्शन था। रेल मार्गों के विकास के कारण शहर में आने वालों को सुविधा होने लगी।

अथवा
मिलों व कारखानों में नए मजदूरों की भर्ती के लिए प्रायः एक जॉबर रखते थे। जॉबर कोई पुराना और विश्वस्त कर्मचारी होता था।
जॉबर के कार्य – जॉबर अपने गाँव से लोगों को लाता था, उन्हें काम का भरोसा देता था, उन्हें शहर में जमने के लिए मदद देता था और मुसीबत में पैसे से उनकी मदद करता था। इस प्रकार जॉबर ताकतवर और मजबूत व्यक्ति बन गया था। बाद में जॉबर मदद के पैसे व तोहफ़ों की माँग करने लगे और मजदूरों की जिंदगी को नियंत्रित करने लगे।

उत्तर 9.
31 जनवरी 1930 को गाँधी जी द्वारा वाइसराय इरविन को लिखे पत्र में 11 मांगें रखी गई थीं। इनमें से कुछ सामान्य माँगें थीं और कुछ मांगें उद्योगपतियों से लेकर किसानों तक विभिन्न वर्गों से जुड़ी थीं। परंतु इनमें सबसे महत्त्वपूर्ण माँग ‘नमक कर’ को खत्म करने की थी।
नमक एक ऐसी वस्तु है जिसे अमीर-गरीब सभी प्रयोग करते हैं। यह भोजन का एक अभिन्न अंग है। इसीलिए नमक पर कर और उसके उत्पादन पर सरकारी कर प्रणाली को महात्मा गाँधी ने ब्रिटिश शासन का सबसे दमनकारी पहलू बताया।

महात्मा गाँधी ने अपने 78 विश्वस्त साथियों के साथ नमक यात्रा शुरू की। यह यात्रा साबरमती से प्रारंभ होकर 240 किलोमीटर दूर डांडी नामक गुजरात के तटीय कस्बे में जाकर खत्म होनी थी। गाँधीजी की टोली ने 24 दिन तक प्रतिदिन लगभग 10 मील का सफर तय किया। 6 अप्रैल को वह डांडी पहुँचे और उन्होंने समुद्र का पानी उबालकर नमक बनाना शुरू कर दिया जो कानून का उल्लंघन था और यह उपनिवेशवाद के खिलाफ प्रतिरोध का एक असरदार प्रतीक बना।

उत्तर 10.
18वीं सदी में मध्यवर्ग और संपन्न हो गए। परिणामस्वरूप महिलाओं को उपन्यास पढ़ने और लिखने के लिए | अवकाश मिलने लगा। अब उपन्यासों में महिला जगत को, उनकी भावनाओं, उनके तजुर्बो, मसलों और उनकी पहचान से जुड़े मुद्दों को समझा-सराहा जाने लगा। अधिकतर उपन्यास घरेलू जिंदगी पर केन्द्रित थे। इन उपन्यासों द्वारा महिलाओं को अधिकार के साथ बोलने का अवसर मिला। अपने अनुभवों को आधार बनाकर उन्होने पारिवारिक जीवन की कहानियाँ रचते हुए अपनी सार्वजनिक पहचान बनाई। नई सोच व विचारों के आने से महिलाएँ इन उपन्यासों को अपनाने लगीं।
अथवा
युद्ध से पहले ब्रिटेन दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी। युद्ध के बाद सबसे लंबा संकट उसे ही झेलना पड़ा। जिस समय ब्रिटेन युद्ध से जूझ रहा था, उसी समय भारत और जापान में उद्योग विकसित होने लगे थे। युद्ध के बाद भारतीय बाजार में पहले वाली वर्चस्वशाली स्थिति प्राप्त करना ब्रिटेन के लिए बहुत कठिन हो गया था। युद्ध समाप्त होने तक ब्रिटेन भारी विदेशी ऋण में दब चुका था। युद्ध के बाद उत्पादन गिरने लगा और बेरोजगारी बढ़ने लगी। दूसरी ओर सरकार ने भारी-भरकम युद्ध संबंधी व्यय में भी कटौती शुरु कर दी जिससे रोज़गार भारी मात्रा में खत्म हुए। 1921 में हर पाँच में से एक ब्रिटिश मजदूर के पास काम नहीं था। रोज़गार के विषय में बेचैनी और अनिश्चितता युद्धोत्तर वातावरण का अंग बन गई थी।

उत्तर 11.
13 अप्रैल 1919 के दिन अमृतसर में बहुत सारे गाँव वाले वैसाखी के मेले में भाग लेने के लिए जलियाँवाला बाग मैदान में जमा हुए थे। काफी लोग तो सरकार द्वारा लागू किए गए दमनकारी कानून (रॉलट एक्ट) को विरोध प्रकट करने के लिए एकत्रित हुए थे। जलियाँवाला बाग शहर से बाहर था अतः वहाँ एकत्रित लोगों को यह पता ही नहीं था कि इलाके में मार्शल-लॉ लागू किया जा चुका है।

जनरल डायर हथियारबंद सैनिकों के साथ वहाँ पहुँचा और जाते ही उसने मैदान से बाहर निकलने के सारे रास्तों को बंद कर दिया। इसके बाद उसके सिपाहियों ने एकत्रित भीड़ पर अंधाधुंध गोलियाँ चला दीं। सैंकड़ों लोग मारे गए। बाद में जनरल डायर ने बताया कि वह सत्याग्रहियों के जहन में दहशत और विस्मय का भाव पैदा करके एक नैतिक प्रभाव उत्पन्न करना चाहता था।

उत्तर 12.
भारत संसार का एक महत्त्वपूर्ण लौह-इस्पात उत्पादक देश है तथापि हम इसके पूर्ण संभाव्य का विकास कर पाने में असफल रहे हैं। इसके निम्न कारण हैं:

  • उच्च लागत तथा कोकिंग कोयले की सीमित उपलब्धता;
  • कुशल श्रमिकों की कमी;
  • ऊर्जा की अनियमित पूर्ति तथा
  • अविकसित अवसंरचना।

यद्यपि निजी क्षेत्र में उद्यमियों के प्रयत्नों से तथा उदारीकरण व प्रत्यक्ष विदेशी निवेश ने इस उद्योग को प्रोत्साहन दिया है तथापि इस्पात उद्योग को अधिक स्पर्धावान बनाने के लिए अनुसंधान और विकास के संसाधनों को नियत करने की आवश्यकता है।

उत्तर 13.
चाय एक प्रमुख पेय पदार्थ की फसल है। चाय की खेती रोपण कृषि का एक उदाहरण है। इसको प्रारंभ में अंग्रेज भारत में लाए थे। चाय का पौधा उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु में उगाया जाता है। इसको हयुमस और जीवांश युक्त गहरी मिट्टी और सुगम जल निकास वाले ढलवाँ क्षेत्रों की आवश्यकता होती है। चाय की झाड़ियों को उगाने के लिए वर्ष भर कोष्ण, नम और पालारहित जलवायु की आवश्यकता होती है।
वर्ष भर समान रूप से होने वाली वर्षा की बौछारें इसकी कोमल पत्तियों के विकास में सहायक होती है।

उत्तर 14.
गैर-लोकतांत्रिक देशों के सामने खड़ी प्रमुख चुनौतियाँ निम्नलिखित हैं:

  1. पारदर्शिता – लोकतांत्रिक सरकारें अधिकांशतः पारदर्शी होती हैं अर्थात् आपको यह जानने का अधिकार होता है कि सरकार का काम-काज कैसे चल रहा है, पंरतु अलोकतांत्रिक सरकारें पारदर्शी नहीं होतीं। नागरिकों को सरकारों के फैसलों पर उँगली उठाने का अधिकार नहीं होता है।
  2. उत्तरदायिता – गैर-लोकतांत्रिक सरकारें जनता के प्रति उत्तरदायी नहीं होतीं अर्थात् नागरिकों को सरकार के विरुद्ध प्रश्न पूछने का अधिकार नहीं होता क्योंकि अलोकतांत्रिक सरकारों को लोकतांत्रिक सरकारों की तरह विधायिका का सामना नहीं करना पड़ता है।
  3. वैद्य सरकार – लोकतांत्रिक सरकारें चुनाव द्वारा चुनी जाती हैं और वैद्य सरकार का गठन करती हैं। इसकी तुलना में अलोकतांत्रिक सरकारें वैद्य नहीं मानी जातीं क्योंकि इन देशों में न तो निश्चित अंतराल पर चुनाव होता है और न ही सरकार का निर्माण करने में संवैधानिक माध्यमों का प्रयोग किया जाती

उत्तर 15.
एक लोकतांत्रिक देश में आमतौर पर अनेक पार्टियाँ होती हैं। इन विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के मध्य आपसी प्रतिस्पर्धा पाई जाती है जो प्रायः चुनावों के दौरान देखी जा सकती है। अलग-अलग राजनीतिक दल एक-दूसरे के विरुद्ध चुनाव लड़ते हैं तथा अधिक से अधिक मत प्राप्त करने का प्रयास करते हैं ताकि सदन में उनको बहुमत प्राप्त हो जाए। ये राजनीतिक पार्टियाँ चुनावों में जीत पाने के लिए लुभावने वायदे करती हैं। ये दल किसी विशेष सामाजिक समूह का समर्थन हासिल करने के लिए भविष्य में उनके विकास का वायदा करते हैं। कमजोर सामाजिक समूहों को विभिन्न राजनीतिक पार्टियों के सक्षम अपनी बात रखने का अवसर मिलने से भविष्य में उनके विकास की बेहतर संभावनाएँ उत्पन्न हो सकती हैं। यह अंतर अलग-अलग समूहों में अविश्वास भी उत्पन्न करते हैं। परंतु यह आवश्यक नहीं है कि सामाजिक अंतर सामाजिक विभाजन बन जाए तथा समाज में संघर्ष उत्पन्न कर दे।

उदाहरण 1. उत्तरी आयरलैंड जो कि ब्रिटेन का ही एक हिस्सा है तथा जिसने प्रजातीय राजनीतिक संघर्ष के कारण हिंसा को झेला है। वहाँ पर दो मुख्य समुदाय रहते हैं जिनमें 44% लोग रोमन कैथोलिक तथा 53% लोग प्रोटेस्टेंट हैं। राष्ट्रवादी दल कैथोलिक लोगों का प्रतिनिधित्व करते थे तथा वह उत्तरी आयरलैंड तथा दक्षिणी आयरलैंड के इकट्ठे करने की बात करते थे जो कि एक कैथोलिक देश है। परंतु प्रोटेस्टेंट लोग ब्रिटेन के साथ रहने का ही पक्ष लेते थे जिनका प्रतिनिधित्व यूनियनिस्ट करते थे। राष्ट्रवादी और यूनियनिस्ट तथा राष्ट्रवादी और ब्रिटेन की फौजों में बहुत खूनी संघर्ष तथा हिंसा हुई। परंतु 1998 में उनमें समझौता हो गया तथा संघर्ष खत्म हो गया।

उदाहरण 2. इसके विपरीत हमारे पास यूगोस्लाविया का उदाहरण है जहाँ पर कैथोलिक, मुस्लिम तथा पूर्वी पुरातनपंथी लोग रहते हैं। इनमें धार्मिक तथा राजनीतिक प्रतियोगिता थी जिस कारण इस समूहों में तनाव तथा संघर्ष चलता रहता था। इस संघर्ष के कारण यूगोस्लाविया 6 गणतंत्रों तथा 8 राज्यों में बँट गया।
इस प्रकार इन उदाहरणों से यह स्पष्ट है कि सामाजिक विभाजनों को राजनीति से नहीं मिलाना चाहिए।

उत्तर 16.
जब केंद्र और राज्य सरकार से शक्तियाँ लेकर स्थानीय सरकारों को दी जाती हैं तो इसे सत्ता का विकेंद्रीकरण कहते हैं।
विकेंद्रीकरण की दिशा में 1992 में उठाए गए कदम :

  • केंद्रीय सरकार ने स्थानीय निकायों के लिए नियमित चुनाव अनिवार्य कर दिए हैं।
  • चुनावों में अनुसूचित जाति, जनजाति एवं पिछड़े वर्गों के लिए सीटों का आरक्षण है।
  • कम-से-कम 1/3 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित है।
  • हर राज्य में पंचायत और नगरपालिका चुनाव कराने के लिए राज्य चुनाव आयोग नामक स्वतंत्र संस्था का गठन किया गया है।
  • राज्य सरकारों को अपने राजस्व और अधिकारों का कुछ भाग स्थानीय प्रशासन को देना पड़ेगा।

उत्तर 17.
विभिन्न प्रकार के ऋणों को दो वर्गों में बांटा जाता है-औपचारिक तथा अनौपचारिक क्षेत्रक ऋण। पहले वर्गमें बैंकों तथा सहकारी समितियों द्वारा उपलब्ध कराए गए ऋण आते हैं। अनौपचारिक वर्ग में साहूकार, व्यापारी, मालिक, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि आते है।

भारतीय रिजर्व बैंक ऋणों के औपचारिक स्रोतों की कार्यप्रणाली पर नजर रखता है। अनौपचारिक क्षेत्रक में ऋणदाताओं की गतिविधियों की देख-रेख के लिए रिज़र्व बैंक जैसा कोई अन्य निरीक्षक होना चाहिए ताकि इस क्षेत्र के कर्जदारों को अनौपचारिक ऋणदाताओं द्वारा अपनाये जाने वाले नाजायज़ तरीकों से रोका जा सके। अनौपचारिक क्षेत्रक अपनी ऐच्छिक दरों पर ऋण देता है जिसमें गरीब पिसकर रह जाता है। अनौपचारिक क्षेत्रक को सही व्यवस्था पर लाने के लिए इन पर नजर रखी जानी चाहिए।

उत्तर 18.
आय के अतिरिक्त कुछ अन्य कारक भी हैं जो लोग पैसों द्वारा नहीं खरीद सकते परंतु वह विकास के लिए अति आवश्यक है जैसे-

  • समानता का व्यवहार, स्वतंत्रता, सुरक्षा एवं दूसरों से मिलने वाला सम्मान।
  • महिलाओं के लिए सम्मानीय एवं सुरक्षित वातावरण।
  • एक प्रदूषण मुक्त वातावरण तथा अच्छा स्वास्थ्य।
  • देश में शांति और भ्रष्टाचार मुक्त अर्थव्यवस्था।

उदाहरण – महाराष्ट्र की प्रति व्यक्ति आय केरल की तुलना में अधिक है, लेकिन अभी भी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं में पीछे है। महाराष्ट्र में मरने वाले बच्चों का अनुपात केरल की तुलना में कहीं अधिक है।

उत्तर 19.

  1. संस्कृति – जर्मन दार्शनिक योहाना ने दावा किया कि जर्मन संस्कृति उसके आम लोगों में थी। उसने लोकसंगीत, लोककाव्य और लोकनृत्यों के माध्यम से जर्मन राष्ट्र की भावना को बढ़ावा दिया।
  2. भाषा – पोलैंड में राष्ट्रवाद के विकास में भाषा ने एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई। पोलैंड के रूस के कब्जे वाले हिस्सों में पोलिश भाषा प्रतिबंधित थी। जब पादरियों ने रूसी बोलने से मना किया तो उन्हें सज़ा दी गई। इस प्रकार पोलिश भाषा रूसी प्रभुत्व के विरुद्ध संघर्ष के प्रतीक के रूप में देखी जाने लगी।
  3. संगीत – कैरोल, एक पोलिश संगीतकार ने ऑपेरा और संगीत के माध्यम से राष्ट्रीय संघर्ष में योगदान दिया।
  4. नृत्य – पोलेनेस और माजुरका जैसे लोकनृत्यों को राष्ट्रीयता की प्रतीक माना गया।
  5. लोक-कथाएँ – ग्रिम बंधुओं ने जर्मनी में घूम-घूमकर लोक-कथाओं को एकत्र कर उन्हें प्रकाशित किया और लोगों को जर्मन राष्ट्रवाद से परिचित कराया।

अथवा
वियतनाम में “पूर्व की ओर चलो” आंदोलन की विशेषताएँ निम्न हैं :

  1. 20वीं सदी के पहले दशक में वियतनाम में पूर्व की ओर चलो’ आंदोलन काफी तेज था। जो वियतनामी विद्यार्थी आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने के लिए जापान गए थे उनका सबसे बड़ा लक्ष्य था कि फ्रांसीसियों को वियतनाम से निकाल बाहर किया जाए।
  2. उनका उद्देश्य था-कठपुतली सम्राट को गद्दी से हटाना और फ्रांसीसियों द्वारा अपमानित करके गद्दी से हटाए गए न्यू येन राजवंश को दोबारा गद्दी पर विठाना। इसके लिए इन राष्ट्रवादियों को विदेशी हथियार और विदेशी सहायता लेने से भी कोई परहेज नहीं था।
  3. वियतनामी राष्ट्रवादियों ने अपने उद्देश्य की पूर्ति के लिए जापान से सहायता मांगी क्योंकि वह पहले ही अपनी ताकतवर सैन्य शक्ति के बल पर पश्चिम से स्वयं को स्वतंत्र करवा चुका था।
  4. फ्रांस-विरोधी स्वतंत्रता आंदोलन का स्वरूप इस आंदोलन के पश्चात् पूर्णतः बदल गया।
  5. इस आंदोलन का उद्देश्य एक लोकतांत्रिक गणराज्य की स्थापना करना था।

उत्तर 20.
भारत में नवीकरण-योग्य ऊर्जा संसाधनों के उपयोग की अति आवश्यकता निम्नलिखित कारणों से स्पष्टतया लक्षित है:

  • जीवाश्मी ईंधन तीव्र गति से समाप्त हो रहे हैं। यदि ये समाप्त हो गए तो मानव विकास पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
  • गैस व तेल की बढ़ती कीमतों से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की वृद्धि पर गंभीर प्रभाव पड़ते हैं।
  • जीवाश्मी ईंधनों का प्रयोग गंभीर पर्यावरणीय समस्याएँ भी उत्पन्न करता है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा साधनों के उपयोग से पर्यावरण को कोई हानि नहीं होती है तथा निकट भविष्य में समाप्त होने का भी कोई खतरा नहीं है।
  • नवीकरणीय ऊर्जा साधन अत्यंत सस्ते हैं जिससे राष्ट्र की अर्थव्यवस्था पर कोई विपरीत प्रभाव नहीं पड़ता।

उत्तर 21.
देश के आर्थिक विकास के लिए ऊर्जा निम्न प्रकार से आधारभूत आवश्यकता है:

  1. आधुनिक विश्व में ऊर्जा के अनुप्रयोग इतने अधिक विस्तृत हैं कि ऊर्जा के प्रति व्यक्ति उपभोग को विकास का सूचकांक माना जाता है।
  2. ऊर्जा सभी क्रियाकलापों के लिए आवश्यक है। खाना पकाने के लिए, रोशनी व ताप के लिए, गाड़ियों के संचालन तथा उद्योगों में मशीनों के संचालन के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
  3. आर्थिक विकास के लिए भी ऊर्जा एक आधारभूत आवश्यकता है।
  4. राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के प्रत्येक क्षेत्र कृषि, उद्योग, परिवहन, वाणिज्य व घरेलू आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए ऊर्जा के निवेश की आवश्यकता होती है।
  5. ग्रामीण भारत में लकड़ी व उपले बहुतायत में प्रयोग किए जाते हैं। एक अनुमान के अनुसार ग्रामीण घरों में आवश्यक ऊर्जा को 70 प्रतिशत से अधिक इन दो साधनों से प्राप्त होता है।

उत्तर 22.

  1. लोकतांत्रिक व्यवस्था राजनीतिक समानता पर आधारित होती है। व्यक्तियों को राजनीतिक क्षेत्र में परस्पर बराबरी का दर्जा तो मिल जाता है परन्तु इसके साथ-साथ हम आर्थिक असमानता को भी बढ़ता हुआ पाते हैं।
  2. लोकतांत्रिक व्यवस्था में मुट्ठी भर धन कुबेर आय और संपत्ति में अपने अनुपात से बहुत अधिक हिस्सा पाते हैं।
  3. समाज के सबसे निचले हिस्से के लोगों को जीवन बसर करने के लिए काफ़ी कम साधन मिलते हैं।
  4. जहाँ पहले से धनी लोगों की आय में हिस्सा बढ़ता जाता है, वहीं दूसरी ओर गरीबों की आमदनी गिरती जा रही है।
  5. इस व्यवस्था में आम लोगों को भोजन, कपड़ा, मकान, शिक्षा तथा चिकित्सा जैसी बुनियादी जरूरतें पूरी करने में मुश्किलें आती हैं।

उत्तर 23.
“सभी देशों और सभी परिस्थितियों में कोई भी दलीय व्यवस्था आदर्श नहीं है।” इस कथन को निम्नलिखित तर्को द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है :

  1. दलीय व्यवस्था का चुनाव करना किसी देश के हाथ में नहीं है। यह एक लंबे दौर के कामकाज के बाद स्वयं विकसित होती है।
  2. इसमें समाज की प्रकृति, इसके राजनीतिक विभाजन, राजनीति का इतिहास और इसकी चुनाव प्रणाली सभी चीजें अपनी भूमिका निभाती हैं।
  3. विकसित हो चुकी दलीय व्यवस्था को बहुत जल्दी बदला नहीं जा सकता।
  4. हर देश अपनी विशेष परिस्थितियों के अनुरूप दलीय व्यवस्था विकसित करता है, जैसे-यदि भारत में बहुदलीय व्यवस्था है तो उसका कारण यह है कि दो-तीन पार्टियाँ इतने बड़े देश की प्रतिनिधि बन जाएँ। यह एक कठिन कार्य है।
  5. कई देशों की सभी सामाजिक और भौगोलिक विविधताओं को समेट पाने में हर एक दलीय व्यवस्था उपयुक्त नहीं हो सकती है।
    अतः हर देश और हर स्थिति में कोई एक ही आदर्श प्रणाली चले, यह संभव नहीं है।

उत्तर 24.
साख के स्रोत के दो वर्ग :
(i) औपचारिक ऋण क्षेत्रक
(ii) अनौपचारिक ऋण क्षेत्रका

औपचारिक ऋण क्षेत्रक की विशेषताएँ:

  • यह ऋण बैंक तथा सहकारी समितियाँ प्रदान करती हैं।
  • यह क्षेत्रक कम ब्याज दर पर ऋण प्रदान करता है।
  • ऋण की अदायगी सरल EMI प्रणाली पर आधारित होती है।
  • ऋण लेने की प्रक्रिया में अधिक कागजी कार्यवाही होती है।

अनौपचारिक ऋण क्षेत्रक की विशेषताएँ:

  • इस क्षेत्र में साहूकार, व्यापारी, मालिक, रिश्तेदार, दोस्त इत्यादि आते हैं।
  • यह क्षेत्रक अपनी मनचाही दरों पर ऋण देता है।
  • यह ऋण साधारण सी कागजी कार्यवाही से मिल जाता है।
  • अधिक ब्याज दर होने के कारण गरीब ऋण-जाल में फँस जाता है।

उत्तर 25.
“प्रौद्योगिकी में हुई उन्नति ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को उत्प्रेरित किया है।” इस कथन को हम निम्न प्रकार से स्पष्ट कर सकते हैं:
उदाहरण:

  1. विगत 50 वर्षों में परिवहन प्रौद्योगिकी में तीव्र उन्नति हुई है जिसने लंबी दूरियों तक वस्तुओं की तीव्र गति से आपूर्ति को कम लागत पर संभव कर दिया है।
  2. सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी का विकास हुआ है जिस कारण विश्व-भर में सूचनाओं का तत्काल आदान-प्रदान होने से वैश्वीकरण में तीव्र गति से वृद्धि हुई है।
  3. नवीन तकनीकों के विकास से उत्पादन लागत कम हुई है और उत्पादन तेजी से बढ़ा है।
  4. इंटरनेट के विकास ने विश्व को करीब ला दिया है। आज भारत में बैठे व्यक्ति अन्य देशों के लिए इंटरनेट के माध्यम से कार्य करने में सफल हो पाए हैं। इंटरनेट द्वारा हम तत्काल इलेक्ट्रॉनिक डाक (ई-मेल) भेज सकते हैं और बहुत कम मूल्य पर विश्व भर में बात (वॉयस मेल) कर सकते हैं।
  5. दूरवर्ती क्षेत्रों से संवाद करने में दूरसंचार सुविधाओं का तेज़ी से विस्तार हुआ है। इन सुविधाओं द्वारा विश्व के सभी देश और निकट आए हैं और इस प्रकार वैश्वीकरण को बढ़ावा मिला है।

उत्तर 26.
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 S26
CBSE Sample Papers for Class 10 Social Science in Hindi Medium Paper 4 S26.1
(a) चंपारन (बिहार)
(b) अमृतसर (पंजाब)
(c) जलोढ़ (लेटराइट) मृदा
(d) ओडिशा
(e) राऊरकेला

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