NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 Working of Institutions (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 Working of Institutions (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 5 Working of Institutions (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. अगर आपको भारत का राष्ट्रपति चुना जाए तो आप निम्नलिखित में से कौन-सा फैसला खुद कर सकते हैं?
(क) अपनी पसंद के व्यक्ति को प्रधानमंत्री चुन सकते हैं।
(ख) लोकसभा में बहुमत वाले प्रधानमंत्री को उसके पद से हटा सकते हैं।
(ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।
(घ) मंत्रीपरिषद् में अपनी पसंद के नेताओं का चयन कर सकते हैं।
उत्तरः (ग) दोनों सदनों द्वारा पारित विधेयक पर पुनर्विचार के लिए कह सकते हैं।

प्रश्न 2. निम्नलिखित में से कौन राजनैतिक कार्यपालिका का हिस्सा होता है?
(क) जिलाधीश
(ख) गृह मंत्रालय का सचिव
(ग) गृह मंत्री
(घ) पुलिस महानिदेशक
उत्तरः (ग) गृह मंत्री

प्रश्न 3. न्यायपालिका के बारे में निम्नलिखित में से कौन सा बयान गलत है?
(क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरुरत होती है।
(ख) अगर कोई कानून संविधान की भावना के खिलाफ है तो न्यायपालिका उसे अमान्य घोषित कर सकती है।
(ग) न्यायपालिका कार्यपालिका से स्वतंत्र होती है।
(घ) अगर किसी नागरिक के अधिकारों का हनन होता है तो वह अदालत में जा सकता है।
उत्तरः (क) संसद द्वारा पारित प्रत्येक कानून को सर्वोच्च न्यायालय की मंजूरी की जरुरत होती है।

प्रश्न 4. निम्नलिखित राजनैतिक संस्थाओं में से कौन-सी संस्था देश के मौजूदा कानून में संशोधन कर सकती है?
(क) सर्वोच्च न्यायालय
(ख) राष्ट्रपति
(ग) प्रधानमंत्री
(घ) संसद उत्तर
उत्तरः
(घ) संसद प्रश्न

5. उस मंत्रालय की पहचान करें जिसने निम्नलिखित समाचार जारी किया होगाः
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उत्तरः
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प्रश्न 6. देश की विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका में से उस राजनैतिक संस्था का नाम बताइए जो निम्नलिखित मामलों में अधिकारों का इस्तेमाल करती हैं:
(क) सड़क, सिंचाई, जैसे बुनियादी ढाँचों के विकास और नागरिकों की विभिन्न कल्याणकारी गतिविधियों पर कितना पैसा खर्च किया जाएगा।
(ख) स्टॉक एक्सचेंज को नियमित करने संबंधी कानून बनाने की कमेटी के सुझाव पर विचार विमर्श करती है।
(ग) दो राज्य सरकारों के बीच कानूनी विवाद पर निर्णय लेती है।
(घ) भूकंप पीड़ितों की राहत के प्रयासों के बारे में सूचना माँगती है।
उत्तरः
(क) लोकसभा (वित्त मंत्रालय)
(ख) संसद
(ग) सर्वोच्च न्यायालय
(घ) कार्यपालिका

प्रश्न 7. भारत का प्रधानमंत्री सीधे जनता द्वारा क्यों नहीं चुना जाता? निम्नलिखित चार जवाबों में सबसे सही को चुनकर अपनी पसंद के पक्ष में कारण दीजिए।
(क) संसदीय लोकतंत्र में लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी का नेता ही प्रधानमंत्री बन सकता है।
(ख) लोकसभा, प्रधानमंत्री और मंत्रीपरिषद का कार्यकाल पूरा होने से पहले ही उन्हें हटा सकती है।
(ग) चूँकि प्रधानमंत्री को राष्ट्रपति नियुक्त करता है लिहाजा उसे जनता द्वारा चुने जाने की जरूरत नहीं है।
(घ) प्रधानमंत्री के सीधे चुनाव में बहुत ज्यादा खर्च आएगा। सर्वथा उपयुक्त
उत्तर: (क) है। ऐसा यह सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है कि प्रधानमंत्री को बहुमत प्राप्त हो। यह उसे कठपुतली या तानाशाह बनने से रोकता है क्योंकि उसे मंत्रीपरिषद के साथ काम करना पड़ता है।

प्रश्न 8. तीन दोस्त एक ऐसी फिल्म देखने गए जिसमें हीरो एक दिन के लिए मुख्यमंत्री बनता है। और राज्य में बहुत से बदलाव लाता है। इमरान ने कहा कि देश को इसी चीज की जरूरत है। रिजवान ने कहा कि इस तरह का, बिना संस्थाओं वाला व्यक्ति का राज खतरनाक है। | शंकर ने कहा कि यह तो एक कल्पना है। कोई भी मुख्यमंत्री एक दिन में कुछ भी नहींकर सकता। ऐसी फिल्मों के बारे में आपकी क्या राय है?
उत्तरः ऐसी फिल्म अव्यवहार्य तथा अलोकतांत्रिक है। किसी योजना को कार्यान्वित करने के लिए सत्ताधारी लोगों का अनुमोदन आवश्यक होता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया के उपरांत की जाती है। साथ ही सुधारों के लिए अत्यधिक योजना बनाने की जरूरत होती है। मैं भी शंकर से सहमत हूँ। राज्य में बदलाव लाने के लिए केवल एक दिन काफी नहीं होता।

प्रश्न 9. एक शिक्षिका छात्रों की संसद के आयोजन की तैयारी कर रही थी। उसने दो छात्राओं को अलग-अलग पार्टियों के नेताओं की भूमिका करने को कहा। उसने उन्हें विकल्प भी दिया। यदि वे चाहें तो राज्यसभा में बहुमत प्राप्त दल की नेता हो सकतीं थी और अगर चाहें तो लोकसभा के बहुमत प्राप्त दल की। अगर आपको यह विकल्प दिया जाए तो आप क्या चुनेंगे और क्यों?
उत्तरः मैं कृत्रिम लोकसभा को प्राथमिकता दूंगा क्योंकि राज्यसभा की अपेक्षा लोकसभा अधिक शक्शिाली होती है।

  • कोई भी सामान्य बिल दोनों सदनों द्वारा पास किया जाना आवश्यक है। किन्तु लोकसभा के सदस्यों की संख्या अधिक होने के कारण बहुमत का निर्णय मान्य होता है।
  • वित्तीय मामलों में लोकसभा की शक्तियाँ अधिक होती हैं। वित्तीय बिल केवल लोकसभा में पेश किए जा सकते हैं। देश के प्रशासन को चलाने के लिए सारा धन लोकसभा द्वारा ही प्रदान किया जाता है। लोकसभा मंत्रिमंडल को नियंत्रित करती है।
  • लोकसभा के सदस्य योग्य मतदाताओं द्वारा प्रत्यक्ष रूप से चुने जाते हैं।

प्रश्न 10. आरक्षण पर आदेश का उदाहरण पढ़कर तीन विद्यार्थियों की न्यायपालिका पर अलग-अलग प्रतिक्रिया थी। इसमें से कौन-सी प्रतिक्रिया, न्यायपालिका की भूमिका को सही तरह से समझती है?
(क) श्रीनिवास का तर्क है कि चूंकि सर्वोच्च न्यायालय सरकार के साथ सहमत हो गई है लिहाजा वह स्वतंत्र नहीं है।
(ख) अंजैया का कहना है कि न्यायपालिका स्वतंत्र है क्योंकि वह सरकार के आदेश के खिलाफ फैसला सुना सकती थी। सर्वोच्च न्यायालय ने सरकार को उसमें संशोधन का निर्देश दिया।
(ग) विजया का मानना है कि न्यायपालिका न तो स्वतंत्र है न ही किसी के अनुसार चलने वाली है। बल्कि वह विरोधी समूहों के बीच मध्यस्थ की भूमिका निभाती है। न्यायालय ने इस आदेश के समर्थकों और विरोधियों के बीच बढ़िया संतुलन बनाया। आपकी राय में कौन-सा विचार सही है?
उत्तरः न्यायपालिका की भूमिका के बारे में अंजैया का विचार सही है।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Economics Chapter 4 Food Security in India (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. भारत में खाद्य सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाती है?
उत्तरः
(क) प्रत्येक व्यक्ति के लिए खाद्य उपलब्ध रहे।
(ख) लोगों के पास अपनी भोजन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त और पौष्टिक भोजन खरीदने के लिए धन उपलब्ध हो।।
(ग) प्रत्येक व्यक्ति की पहुँच में खाद्य रहे।

प्रश्न 2. कौन लोग खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हो सकते हैं?
उत्तरः भूमिहीन जो थोड़ी बहुत अथवा नगण्य भूमि पर निर्भर हैं।
(क) पारंपरिक दस्तकार
(ख) पारंपरिक सेवाएँ प्रदान करने वाले लोग
(ग) अपना छोटा-मोटा काम करने वाले कामगार
(घ) भिखारी
(ङ) शहरी कामकाजी मजदूर
(च) अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कुछ वर्गों के लोग
(छ) प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोग
(झ) गर्भवती तथा दूध पिला रही महिलाएँ तथा पाँच वर्ष से कम उम्र के बच्चे

प्रश्न 3. भारत में कौन से राज्य खाद्य असुरक्षा से अधिक ग्रस्त हैं?
उत्तरः भारत में उत्तर प्रदेश (पूर्वी और दक्षिण-पूर्वी हिस्से), बिहार, झारखंड, उड़ीसा, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के कुछ भागों में खाद्य की दृष्टि से असुरक्षित लोगों की सर्वाधिक संख्या है।

प्रश्न 4. क्या आप मानते हैं कि हरित क्रांति ने भारत को खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया है? कैसे?
उत्तरः स्वतंत्रता के पश्चात् खाद्यान्नों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने के सभी उपाय किए गए। भारत ने कृषि में एक नयी रणनीति अपनाई। जैसे–हरित क्रांति के कारण गेहूँ उत्पादन में वृद्धि हुई। गेहूँ की सफलता के बाद चावल के क्षेत्र में इस सफलता की पुनरावृत्ति हुई। पंजाब और हरियाणा में सर्वाधिक वृद्धि दर दर्ज की गई, जहाँ अनाजों का उत्पादन 1964-65 के 72.3 लाख टन की तुलना में बढ़कर 1995-96 में 3.03 करोड़ टन पर पहुँच गया, जो अब तक का सर्वाधिक ऊँचा रिकार्ड था। दूसरी तरफ, तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में चावल के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि हुई अतः हरित क्रांति ने भारत को काफी हद तक खाद्यान्न में आत्मनिर्भर बना दिया है।

प्रश्न 5. भारत में लोगों का एक वर्ग अब भी खाद्य से वंचित है? व्याख्या कीजिए।
उत्तरः यद्यपि भारत में लोगों का एक बड़ा वर्ग खाद्य एवं पोषण की दृष्टि से असुरक्षित है, परंतु इससे सर्वाधिक प्रभावित वर्गों में हैं: ग्रामीण क्षेत्रों में भूमिहीन परिवार जो थोड़ी बहुत अथवा. नगण्य भूमि पर निर्भर हैं, कम वेतन पाने वाले लोग, शहरों में मौसमी रोजगार पाने वाले लोग। अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ी जातियों के कुछ वर्गों (इनमें से निचली जातियाँ) का या तो भूमि काआधार कमजोर होता है। वे लोग भी खाद्य की दृष्टि से सर्वाधिक असुरक्षित होते हैं, जो प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित हैं और जिन्हें काम की तलाश में दूसरी जगह जाना पड़ता है। खाद्य असुरक्षा से ग्रस्त आबादी का बड़ा भाग गर्भवती तथा दूध पिला रही महिलाओं तथा पाँच वर्ष से कम उम्र
के बच्चों का है।

प्रश्न 6. जब कोई आपदा आती है तो खाद्य पूर्ति पर क्या प्रभाव होता है?
उत्तरः किसी प्राकृतिक आपदा जैसे, सूखे के कारण खाद्यान्न की कुल उपज में गिरावट आती है। इससे प्रभावित क्षेत्र में खाद्यान्न की कमी हो जाती है। खाद्यान्न की कमी के कारण कीमतें बढ़ जाती हैं। कुछ लोग ऊँची कीमतों पर खाद्य पदार्थ नहीं खरीद सकते। अगर यह आपदा अधिक लंबे समय तक बनी रहती है, तो भुखमरी की स्थिति पैदा हो सकती है जो अकाल की स्थिति बन सकती है।

प्रश्न 7. मौसमी भुखमरी और दीर्घकालिक भुखमरी में भेद कीजिए?
उत्तरः दीर्घकालिक भुखमरीः यह मात्रा एवं/या गुणवत्ता के आधार पर अपर्याप्त आहार ग्रहण करने के कारण होती है। गरीब लोग अपनी अत्यंत निम्न आय और जीवित रहने के लिए खाद्य पदार्थ खरीदने में अक्षमता के कारण दीर्घकालिक भुखमरी से ग्रस्त होते हैं।

मौसमी भुखमरीः यह फसल उपजाने और काटने के चक्र से संबंधित है। यह ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि क्रियाओं की मौसमी प्रकृति के कारण तथा नगरीय क्षेत्रों में अनियमित श्रम के कारण होती है, जैसेः बरसात के मौसम में अनियत निर्माण श्रमिक को कम काम रहता है।

प्रश्न 8. गरीबों को खाद्य सुरक्षा देने के लिए सरकार ने क्या किया? सरकार की ओर से शुरू की गई किन्हीं दो योजनाओं की चर्चा कीजिए।
उत्तरः
(क) सार्वजनिक वितरण प्रणालीः भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अनाज को सरकार विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित करती है। इसे सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पी.डी.एस.) कहते हैं। अब अधिकांश क्षेत्रों, गाँवों, कस्बों और शहरों में राशन की दुकानें हैं। सार्वजनिक वितरण प्रणाली खाद्य सुरक्षा के लिए भारतीय सरकार द्वारा उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। राशन की दुकानों में, जिन्हें उचित दर वाली दुकानें कहा जाता है, जहाँ चीनी खाद्यान्न और खाना पकाने के लिए मिट्टी के तेल का भंडार होता है।

संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (आर.पी.डी.एस) को 1992 में देश के 1700 ब्लॉकों में संशोधित सार्वजनिक वितरण प्रणाली शुरु की गई। इसका लक्ष्य दूर-दराज और पिछड़े क्षेत्रों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली से लाभ पहुँचाना था। लक्षित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (टी.पी.डी.एस) को जून 1997 से सभी क्षेत्रों में गरीबों को लक्षित करने के सिद्धांत को अपनाने के लिए प्रारंभ की गई। यह पहला मौका था जब निर्धनों और गैर-निर्धनों के लिए विभेदक कीमत नीति अपनाई गई।

(ख) अंत्योदय अन्न योजना (ए.ए.वाई) और अन्नपूर्णा योजना (ए.ए.एस.)। ये योजनाएँ क्रमशः ‘गरीबों में भी सर्वाधिक गरीब’ और ‘दीन वरिष्ठ नागरिक समूहों पर लक्षित हैं। इस योजना का क्रियान्वयन पी.डी.एस के पहले से ही मौजूद नेटवर्क के साथ जोड़ा गया।

प्रश्न 9. सरकार बफर स्टॉक क्यों बनाती है?
उत्तर : बफर स्टॉक भारतीय खाद्य निगम (एफ.सी.आई.) के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ और चावल का भंडार है। भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल । खरीदता है। किसानों को उनकी फसल के लिए पहले से घोषित कीमतें दी जाती हैं। इस मूल्य को न्यूनतम समर्थित कीमत कहा जाता है। इन फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले सरकारे न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं। ऐसा कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाजार कीमत से कम कीमत पर अनाज के वितरण के लिए किया जाता है। इस कीमत को निर्गम कीमत भी कहते हैं।

प्रश्न 10. टिप्पणी लिखें :
(क) न्यूनतम समर्थित कीमत
(ख) बफर स्टॉक
(ग) निर्गम कीमत
(घ) उचित दर की दुकान
उत्तर

(क) न्यूनतम समर्थित कीमत: भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदता है। किसानों को उनकी फसल के लिए पहले से घोषित कीमतें दी जाती हैं। इस मूल्य को न्यूनतम समर्थित कीमत कहा जाता है। सरकार फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं।

(ख) बफर स्टॉकः बफर स्टॉक भारतीय खाद्य निगम (एप्फ.सी.आई.) के माध्यम से सरकार द्वारा अधिप्राप्त अनाज, गेहूँ और चावल का भंडार है। भारतीय खाद्य निगम अधिशेष उत्पादन वाले राज्यों में किसानों से गेहूँ और चावल खरीदता है। किसानों को उनकी फसल के लिए पहले से घोषित कीमतें दी जाती हैं। इसे मूल्य को न्यूनतम समर्थित कीमत कहा जाता है। सरकार फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए अनाज को खाद्य भंडारों में रखा जाता हैं। ऐसा कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाजार कीमत से कम कीमत पर अनाज के वितरण के लिए किया जाता है। इस कीमत को निर्गम कीमत भी कहते हैं।

(ग) निर्मम कीमतः फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से बुआई के मौसम से पहले सरकार न्यूनतम समर्थित कीमत की घोषणा करती है। खरीदे हुए अनाज खाद्य भंडारों में रखे जाते हैं। ऐसा कमी वाले क्षेत्रों में और समाज के गरीब वर्गों में बाजार कीमत से कम कीमत पर अनाज के वितरण के लिए किया जाता है। इस कीमत को निर्गम कीमत कहते हैं।

(घ) उचित दर वाली दुकानेंः भारतीय खाद्य निगम द्वारा अधिप्राप्त अनाज को सरकार विनियमित राशन दुकानों के माध्यम से समाज के गरीब वर्गों में वितरित करती है। राशन की दुकानों में, जिन्हें उचित दर वाली दुकानें कहा जाता है, पर चीनी, खाद्यान्न और खाना पकाने के लिए मिट्टी के तेल का भंडार होता है। ये लागों को सामान बाजार कीमत से कम कीमत पर देती है। अब अधिकांश क्षेत्रों, गाँवों, कस्बों और शहरों में राशन की दुकानें हैं।

प्रश्न 11. राशन की दुकानों के संचालन में क्या समस्याएँ हैं? ।
उत्तरः पी.डी.एस. डीलर अधिक लाभ कमाने के लिए अनाज को खुले बाजार में बेचना, राशन दुकानों में घटिया अनाज बेचना, दुकान कभी-कभार खोलना इत्यादि करते हैं। राशन दुकानों में घटिया किस्म के अनाज का पड़ा रहना आम बात है, जो बिक नहीं पाता। यह एक बड़ी समस्या साबित हो रही है।

प्रश्न 12. खाद्य और संबंधित वस्तुओं को उपलब्ध कराने में सहकारी समितियों की भूमिका पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तरः भारत में विशेषकर देश के दक्षिणी और पश्चिमी भागों में सहकारी समितियाँ भी खाद्य सुरक्षा में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।
(क) सहकारी समितियाँ निर्धन लोगों को खाद्यान्न की बिक्री के लिए कम कीमत वाली दुकानें खोलती हैं।
(ख) दिल्ली में मदर डेयरी उपभोक्ताओं को दिल्ली सरकार द्वारा निर्धारित नियंत्रित दरों पर दूध और सब्जियाँ उपलब्ध कराने में तेजी से प्रगति कर रही है।
(ग) गुजरात में दूध तथा दुग्ध उत्पादों में अमूल और सफल सहकारी समिति का उदाहरण है। इसने देश में श्वेत क्रांति ला दी हैं।
(घ) भारत में सहकारी समितियों के कई उदाहरण हैं जो समाज के विभिन्न वर्गों की खाद्य सुरक्षा के लिए अच्छा काम कर रहे हैं।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 4 Climate (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. बहुविकल्पीय प्रश्नः
नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर का चयन करें:

(i) नीचे दिए गए स्थानों में किस स्थान पर विश्व में सबसे अधिक वर्षा होती है?

(क) सिलचर
(ख) चेरापूंजी
(ग) मासिनराम
(घ) गुवाहटी

(ii) ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी मैदानों में बहने वाली पवन को निम्नलिखित में से क्या कहा जाता है?

(क) काल वैशाखी
(ख) व्यापारिक पवनें
(ग) लू
(घ) इनमें से कोई नहीं।

(iii) निम्नलिखित में से कौन-सा कारण भारत के उत्तर-पश्चिम भाग में शीत ऋतु में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी है?

(क) चक्रवातीय अवदाब
(ख) पश्चिमी विक्षोभ
(ग) मानसून की वापसी
(घ) दक्षिण-पश्चिम मानसून

(iv) भारत में मानसून का आगमन निम्नलिखित में से कब होता है?

(क) मई के प्रारंभ में
(ख) जून के प्रारंभ में
(ग) जुलाई के प्रांरभ में
(घ) अगस्त के प्रारंभ में

(v) निम्नलिखित में से कौन-सी भारत में शीत ऋतु की विशेषता है?

(क) गर्म दिन एवं गर्म रातें
(ख) गर्म दिन एवं ठंडी रातें
(ग) ठंडा दिन एवं रातें
(घ) ठंडा दिन एवं गर्म रातें

उत्तरः

(i) (ख)
(ii) (ख)
(iii) (ग)
(iv) (ग)
(v) (ख)

प्रश्न 2. निम्न प्रश्नों के उत्तर संक्षेप में दीजिए।

  1. भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
  2. भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्यों है?
  3. भारत के किस भाग में दैनिक तापामान अधिक होता है एवं क्यों?
  4. किन पवनों के कारण मालाबार तट पर वर्षा हाती है?
  5. जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?
  6. मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?
  7. मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है?

उत्तर:
(i) भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कारक हैं – अक्षांश, तुंगता, ऊँचाई, वायु दाब एवं पवन तंत्र, समुद्र से दूरी, महासागरीय धाराएँ तथा उच्चावच लक्षण।
(ii) भोरत की जलवायु मानसून द्वारा अत्यधिक प्रभावित है। इसलिए इसकी जलवायु मानसून प्रकार की है।
(iii) भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में जिसमें भारत का मरुस्थल भी शामिल है तथा जहाँ सर्वाधिक दैनिक तापमान होता है। थार मरुस्थल में दिन का तापमान 50°C तक जा सकता है जबकि उसी रात में यह 15°C तक गिर सकता है। ऐसा इस कारण होता है क्योंकि रेत उष्मा को बहुत जल्दी अवशोषित करती है और छोड़ती है। इस तथ्य के कारण इस क्षेत्र में दिन और रात के तापमान में बहुत अधिक अंतर होता है।
(iv) मालाबार क्षेत्र पश्चिमी तट पर स्थित है। दक्षिण पश्चिमी पवनों के कारण मालाबार तट पर वर्षा होती है।
(v) क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊँचाई पर एक संकरी पट्टी में स्थित हवाएँ होती हैं। इनकी गति गर्मी में 110 कि.मी. प्रति घंटा एवं सर्दी में 184 कि.मी. प्रति घंटा के बीच विचलन करती है। ग्रीष्म ऋतु में हिमालय के उत्तर-पश्चिमी जेट धाराओं का तथा भारतीय प्रायद्वीप के ऊपर उष्ण कटिबंधीय पूर्वी जेट धाराओं का प्रभाव होता है। हिमालय के दक्षिण में बहती उपोष्ण पश्चिमी जेट धाराएँ पश्चिमी विक्षोभों के लिए जिम्मेदार हैं जो कि देश के उत्तर एवं उत्तर-पश्चिमी भागों में सर्दियों के महीनों में वर्षा का कारण बनती हैं। देश के प्रायद्वीपीय भाग पर बहने वाली उपोष्ण पूर्वी जेट धाराएँ (उष्ण पूर्वी जेट धारा) ग्रीष्म ऋतु में उष्ण कटिबंधीय चक्रवातों के लिए जिम्मेदार हैं जो मानसून सहित अक्तूबर-नवंबर की अवधि के दौरान भारत के पूर्वी तटीय क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं।
(vi) ऋतुओं के अनुसार हवाओं की दिशा में परिवर्तन मानसून है। मानसून के आगमन के समय के आस-पास सामान्य वर्षा में अचानक वृद्धि हो जाती है जो कई दिनों तक होती रहती है। आर्द्रतायुक्त पवनों के जोरदार गर्जन व बिजली चमकने के साथ अचानक आगमन को मानसून ‘प्रस्फोट’ के नाम से जाना जाता है। वर्षा में विराम का अर्थ है कि मानसूनी वर्षा एक समय में कुछ दिनों तक ही होती है। मानसून में आने वाले ये विराम मानसूनी गर्त की गति से संबंधित होते हैं।
(vii) विभिन्न अक्षाशों में स्थित होने एवं उच्चावच लक्षणों के कारण भारत की मौसम संबंधी परिस्थितियों में बहुत अधिक भिन्नताएँ पाई जाती हैं। किन्तु ये भिन्नताएँ मानसून के कारण कम हो जाती हैं क्योंकि मानसून पूरे भारत में बहती हैं। संपूर्ण भारतीय भूदृश्य, इसके जीव तथा वनस्पति, इसका कृषि-चक्र, मानव-जीवन तथा उनके त्योहार-उत्सव, सभी इस मानसूनी लय के चारों ओर घूम रहे हैं। मानसून के आगमन का पूरे देश में भरपूर स्वागत होता है। भारत में मानसून के आगमन का स्वागत करने के लिए विभिन्न त्योहार मनाए जाते हैं। मानसून झूलसाती गर्मी से राहत प्रदान करती है। मानसून वर्षा कृषि क्रियाकलापों के लिए पानी उपलब्ध कराती है। वायु प्रवाह में ऋतुओं के अनुसार परिवर्तन एवं इससे जुड़ी मौसम संबंधी परिस्थितियाँ ऋतुओं का एक लयबद्ध चक्र उपलब्ध कराती हैं जो पूरे देश को एकता के सूत्र में बांधती है। ये मानसूनी पवनें हमें जल प्रदान कर कृषि की प्रक्रिया में तेजी लाती हैं एवं संपूर्ण देश को एक सूत्र में बाँधती हैं। नदी। घाटियाँ जो इन जलों का संवहन करती हैं, उन्हें भी एक नदी घाटी इकाई का नाम दिया जाता है। भारत के लोगों का संपूर्ण जीवन मानसून के इर्द-गिर्द घूमता है। इसलिए मानसून को एक सूत्र में बांधने वाला समझा जाता है।

प्रश्न 3. उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती हैं?
उत्तरः हवाओं में निरंतर कम होती आर्द्रता के कारण उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। बंगाल की खाड़ी शाखा से उठने वाली आर्द्र पवनें जैसे-जैसे आगे, और आगे। बढ़ती हुई देश के आंतरिक भागों में जाती हैं, वे अपने साथ लाई गई अधिकतर आर्द्रता खोने लगती हैं। परिणामस्वरूप पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा धीरे-धीरे घटने लगती है। राजस्थान एवं गुजरात के कुछ भागों में बहुत कम वर्षा होती है।

प्रश्न 4. कारण बताएँ ।

  1. भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता हैं?
  2. भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।
  3. तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है।
  4. पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्रायः चक्रवात आते हैं।
  5. राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है।

उत्तरः
(i) वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन कोरिआलिस बल के कारण होती है। भारत उत्तर-पूर्वी पवनों के क्षेत्र में आता है। ये पवनें उत्तरी गोलार्द्ध की उपोष्ण कटिबंधीय उच्चदाब पेटी से उत्पन्न होती हैं। ये दक्षिण की ओर बहती, कोरिआलिस बल के कारण दाहिनी ओर विक्षेपित होकर विषुवतीय निम्न दाब वाले क्षेत्रों की ओर बढ़ती हैं। कोरिआलिस बल को ‘फेरल का नियम’ भी कहा जाता है तथा यह पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होता है। यह उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनों को दक्षिण गोलार्द्ध में बाएं ओर विक्षेपित कर देती हैं।
(ii) विषुवत रेखा को पार करने के उपरांत, दक्षिण पूर्वी व्यापारिक पवनें दक्षिण-पश्चिम की ओर बहने लगती हैं और दक्षिणपश्चिमी मानसून के रूप में प्रायद्वीपीय भारत में प्रवेश करती हैं। ये पवनें गर्म महासागरों के ऊपर से बहते हुए आर्द्रता ग्रहण करती हैं और भारत की मुख्यभूमि पर विस्तृत वर्षण लाती हैं। इस प्रदेश में, ऊपरी वायु परिसंचरण पश्चिमी प्रवाह के प्रभाव में रहता है। भारत में होने वाली वर्षा मुख्यतः दक्षिणपश्चिमी मानसून पवनों के कारण होती हैं। मानसून की अवधि 100 से 120 दिनों के बीच होती है। इसलिए देश में होने वाली अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में केंद्रित हैं।
(iii) सर्द ऋतु में, देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं। ये स्थल से समुद्र की ओर | बहती हैं इसलिए देश के अधिकतर भाग में शुष्क मौसम होता है। यद्यपि इन पवनों के कारण तमिलनाडु के तट पर वर्षा होती है, क्योंकि वहाँ ये पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं और अपने साथ आर्द्रता लाती हैं।
(iv) पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्रायः चक्रवात आते हैं। ऐसा इस कारण होता है क्योंकि अंडमान सागर पर पैदा होने वाला चक्रवातीय दबाव मानसून एवं अक्तूबर-नवंबर के दौरान उपोष्ण कटिबंधीय जेट धाराओं द्वारा देश के आंतरिक भागों की ओर स्थानांतरित कर दिया जाता है। ये चक्रवात विस्तृत क्षेत्र में भारी वर्षा करते हैं। ये उष्ण कटिबंधीय चक्रवात प्रायः विनाशकारी होते हैं। गोदावरी, कृष्णा एवं कावेरी नदियों के डेल्टा प्रदेशों में अक्सर चक्रवात आते हैं, जिसके कारण बड़े पैमाने पर जान एवं माल की क्षति होती है। कभी-कभी ये चक्रवात उड़ीसा, पश्चिम बंगाल एवं बांग्लादेश के तटीय क्षेत्रों में भी पहुँच जाते हैं। कोरोमंडल तट पर अधिकतर वर्षा इन्हीं चक्रवातों तथा अवदाबों से होती हैं।
(v) राजस्थान, गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाटों के वृष्टि छाया प्रदेश सूखा संभावित होते हैं क्योंकि इनमें मानसून के दौरान बहुत कम वर्षा होती है। पवनें पर्वतों पर आर्द्रता लिए हुए आती हैं किन्तु तापमान में कमी अधिकतर आर्द्रता घाटों की पवनमुखी ढालों पर वर्षण के रूप में खो देती हैं और जब तक वे पवनविमुखी ढाल पर पहुँचती हैं तब तक वे शुष्क हो चुकी होती हैं।

प्रश्न 5. भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ ।
उत्तरः उत्तर दिशा में हिमालय पर्वत के निर्णायक प्रभाव तथा दक्षिण में महासागर होने के बावजूद भी तापमान,
आर्द्रता एवं वर्षण में भिन्नताएँ मौजूद हैं।

(क) उदाहरणतः, गर्मियों में राजस्थान के कुछ क्षेत्रों में, उत्तर-पश्चिमी भारत में तापमान 50 डिग्री सेल्सियस होता है जबकि उसी समय देश के उत्तर में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में तापमान 20 डिग्री सेल्सियस हो सकता है। सर्दियों की किसी रात में जम्मू-कश्मीर के द्रास में तापमान -45 डिग्री सेल्सियस तक हो सकता है, जबकि तिरुवनंतपुरम् में यह 22 डिग्री सेल्सियस हो सकता है।
(ख) अण्डमान व निकोबार एवं केरल में दिन व रात के तापमान में बहुत कम भिन्नता होती है।
(ग) एक अन्य विभिन्नता वर्षण में हैं। जबकि हिमालय के ऊपरी भागों में वर्षण अधिकतर हिम के रूप में होता है, देश के शेष भागों में वर्षा होती है। मेघालय में 400 से.मी. से लेकर लद्दाख एवं पश्चिमी राजस्थान में वार्षिक वर्षण 10 से.मी. से भी कम होती है।
(घ) देश के अधिकतर भागों में जून से सितंबर तक वर्षा होती है, लेकिन कुछ क्षेत्रों जैसे तमिलनाडु तट पर अधिकतर वर्षा अक्टूबर एवं नवंबर में होती है।
(ङ) उत्तरी मैदान में वर्षा की मात्रा सामान्यतः पूर्व से पश्चिम की ओर घटती जाती है।

प्रश्न 6. मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।
उत्तरः किसी भी क्षेत्र को वायु दाब एवं उसकी पवनें उस क्षेत्र की अक्षांशीय स्थिति एवं ऊँचाई पर निर्भर करती है। इस प्रकार यह तापमान एवं वर्षण के पैटर्न को भी प्रभावित करती है। भारत में जलवायु तथा संबंधित मौसमी अवस्थाएँ निम्नलिखित वायुमंडलीय अवस्थाओं से संचालित होती हैं:
(क) वायु दाब एवं धरातलीय पवनेंः पवनें उच्च-वायुदाब क्षेत्र से कम-वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती हैं। सर्दियों में हिमालय के उत्तर में उच्च-वायुदाब क्षेत्र होता है। ठण्डी शुष्क हवाएँ इस क्षेत्र से दक्षिण में सागर के ऊपर कम वायुदाब क्षेत्र की ओर बहती हैं। गर्मियों के दौरान मध्य एशिया के साथ-साथ उत्तर-पश्चिमी भारत के ऊपर कम वायुदाब क्षेत्र विकसित हो जाता है। परिणामस्वरूप, कम वायुदाब प्रणाली दक्षिण गोलार्द्ध की दक्षिणपूर्वी व्यापारिक पवनों को आकर्षित करती है। ये व्यापारिक पवने विषुवत रेखा को पार करने के उपरांत कोरिआलिस बल के कारण दाहिनी ओर मुड़ते हुए भारतीय उपमहाद्वीप पर स्थित निम्न दाब की ओर बहने लगती हैं। विषुवत रेखा को पार करने के बाद ये पवनें दक्षिण-पश्चिमी दिशा में बहने लगती हैं और भारतीय प्रायद्वीप में दक्षिणपश्चिमी मानसून के रूप में प्रवेश करती हैं। इन्हें दक्षिण पश्चिमी मानसून के नाम से जाना जाता है। ये पवनें गर्म महासागरों के ऊपर से बहते हुए आर्द्रता ग्रहण करती हैं और भारत की मुख्यभूमि पर विस्तृत वर्षण लाती हैं। इस प्रदेश में, ऊपरी वायु परिसंचरण पश्चिमी प्रवाह के प्रभाव में रहता है। भारत में होने वाली वर्षा मुख्यतः दक्षिणपश्चिमी मानसून पवनों के कारण होती हैं। मानसून की अवधि 100 से 120 दिनों के बीच होती है। इसलिए देश में होने वाली अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में केंद्रित हैं।
(ख) जेट धाराएँ: क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊँचाई पर एक संकरी पट्टी में स्थित हवाएँ होती हैं। इनकी गति गर्मी में 110 कि.मी. प्रति घंटा एवं सर्दी में 184 कि.मी. प्रति घंटा के बीच विचलन करती है। हिमालय के उत्तर की ओर पश्चिमी जेट धाराओं की गतिविधियों एवं गर्मियों के दौरान भारतीय प्रायद्वीप पर बहने वाली पश्चिमी जेट धाराओं की उपस्थिति मानसून को प्रभावित करती है। जब उष्णकटिबंधीय पूर्वी दक्षिण प्रशांत महासागर में उच्च वायुदाब होता है तो उष्णकटिबंधीय पूर्वी हिन्द महासागर में निम्न वायुदाब होता है। किन्तु कुछ निश्चित वर्षों में वायुदाब परिस्थितियाँ विपरीत हो जाती हैं और पूर्वी प्रशांत महासागर में पूर्वी हिन्द महासागर की अपेक्षाकृत निम्न वायुदाब होता है। दाब की अवस्था में इस नियतकालिक परिवर्तन को दक्षिणी दोलन के नाम से जाना जाता है। एलनीनो, दक्षिणी दोलन से जुड़ा हुआ एक लक्षण है। यह एक गर्म समुद्री जल धारा है, जो पेरू की ठंडी धारा के स्थान पर प्रत्येक 2 या 5 वर्ष के अंतराल में पेरू तट से होकर बहती है। दाब की अवस्था में परिवर्तन का संबंध एलनीनो से है।

हवाओं में निरंतर कम होती आर्द्रता के कारण उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा कम होती जाती है। बंगाल की खाड़ी शाखा से उठने वाली आर्द्र पवनें जैसे-जैसे आगे, और आगे बढती हुई देश के आंतरिक भागों में जाती हैं, वे अपने साथ लाई गई अधिकतर आर्द्रता खोने लगती हैं। परिणामस्वरूप पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा धीरे-धीरे घटने लगती है। राजस्थान एवं गुजरात के कुछ भागों में बहुत कम वर्षा होती है।
(ग) पश्चिमी चक्रवाती विक्षोभः हिमालय के दक्षिण से बहने वाली उपोष्ण-कटिबंधीय पश्चिमी जेट धाराएँ सर्दी के महीनों में देश के उत्तर एवं उत्तर पश्चिमी भागों में उत्पन्न होने वाले पश्चिमी चक्रवातीय विक्षोभों के लिए जिम्मेदार हैं।

प्रश्न 7. शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ ।
उत्तरः उत्तरी भारत में शीत ऋतु मध्य नवंबर से आरंभ होकर फरवरी तक रहती है। इस मौसम में आसमान प्रायः साफ रहता है, तापमान कम रहता है और मन्द हवाएं चलती हैं। तापमान दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर घटता जाता है। दिसंबर एवं जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं। उत्तर में तुषारापात सामान्य है तथा हिमालय के उपरी ढालों पर हिमपात होता है। इस ऋतु में, देश में उत्तर-पूर्वी व्यापारिक पवनें प्रवाहित होती हैं। ये स्थल से समुद्र की ओर बहती हैं तथा इसलिए देश के अधिकतर भाग में शुष्क मौसम होता है। इन पवनों के कारण कुछ मात्रा में वर्षा तमिलनाडु के तट पर होती है, क्योंकि वहाँ ये पवनें समुद्र से स्थल की ओर बहती हैं जिससे ये अपने साथ आर्द्रता लाती हैं। देश के उत्तरी भाग में, एक कमजोर उच्च दाब का क्षेत्र बन जाता है, जिसमें हल्की पवनें इस क्षेत्र से । बाहर की ओर प्रवाहित होती हैं। उच्चावच से प्रभावित होकर ये पवन पश्चिम तथा उत्तर-पश्चिम से गंगा घाटी में बहती हैं। शीत ऋतु में उत्तरी मैदानों में पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम से चक्रवाती विक्षोभ का अंतर्वाह विशेष लक्षण है। यह कम दाब वाली प्रणाली भूमध्यसागर एवं पश्चिमी एशिया के ऊपर उत्पन्न होती है तथा पश्चिमी पवनों के साथ भारत में प्रवेश करती है। इसके कारण शीतकाल में मैदानों में वर्षा होती है तथा पर्वतों पर हिमपात, जिसकी उस समय बहुत अधिक आवश्यकता होती है। यद्यपि शीतकाल में वर्षा की कुल मात्रा कम होती है, लेकिन ये रबी फसलों के लिए बहुत ही महत्त्वपूर्ण होती है।

प्रश्न 8. भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर: भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा की विशेषताएँ:
(क) मानसून की अवधि जून के प्रारंभ से सितंबर के मध्य तक 100 से 120 दिन के बीच होती है।
(ख) इसके आगमन के आस-पास सामान्य वर्षण में अचानक वृद्धि हो जाती है। यह कई दिनों तक लगातार होती रहती है। आर्द्रतायुक्त पवनों के जोरदार गर्जन व बिजली चमकने के साथ अचानक आगमन को मानसून ‘प्रस्फोट’ के नाम से जाना जाता है।
(ग) मानसून में आई एवं शुष्क अवधियाँ होती हैं जिन्हें वर्षण में विराम कहा जाता है।
(घ) वार्षिक वर्षा प्रतिवर्ष अत्यधिक भिन्नता होती है।
(ङ) यह कुछ पवनविमुखी ढलानों एवं मरुस्थल को छोड़कर भारत के शेष क्षत्रों को पानी उपलब्ध कराती है।
(च) वर्षा का वितरण भारतीय भूदृश्य में अत्यधिक असमान है। मौसम के प्रारंभ में पश्चिमी घाटों की पवनमुखी ढालों पर भारी वर्षा होती है अर्थात् 250 से0मी0 से अधिक। दक्कन के पठार के वृष्टि छाया क्षेत्रों एवं मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, लेह में बहुत कम वर्षा होती है। सर्वाधिक वर्षा देश के उत्तरपूर्वी क्षेत्रों में होती है।
(छ) उष्णकटिबंधीय दबाव की आवृत्ति एवं प्रबलता मानसून वर्षण की मात्रा एवं अवधि को निर्धारित करते हैं।
(ज) भारत के उत्तर पश्चिमी राज्यों से मानसून सितंबर के प्रारंभ में वापसी शुरू कर देती हैं। अक्तूबर के मध्य तक यह देश के उत्तरी हिस्से से पूरी तरह लौट जाती है। और दिसंबर तक शेष भारत से भी मानसून लौट जाता है।
(झ) मानसून को इसकी अनिश्चितता के कारण भी जाना जाता है। जहाँ एक ओर यह देश के कुछ हिस्सों में बाढ़ ला देता है, वहीं दूसरी ओर यह देश के कुछ हिस्सों में सूखे का कारण बन जाता है।

भारत में मानसूनी वर्षा के प्रभाव

  • (क) भारतीय कृषि मुख्य रूप से मानसून से प्राप्त पानी पर निर्भर है। देरी से, कम या अधिक मात्रा में वर्षा का फसलों पर नकारात्मक प्रभाव डालती है।
  • (ख) वर्षा के असमान वितरण के कारण देश में कुछ सूखा संभावित क्षेत्र हैं जबकि कुछ बाढ़ से ग्रस्त रहते हैं।
  • (ग) मानसून भारत को एक विशिष्ट जलवायु पैटर्न उपलब्ध कराती है। इसलिए विशाल क्षेत्रीय भिन्नताओं की उपस्थिति के बावजूद मानसून देश और इसके लोगों को एकता के सूत्र में पिरोने वाला प्रभाव डालती है।

मानचित्र कौशल

भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित को दर्शाएँ

(क) 400 सें.मी. से अधिक वर्षा वाले क्षेत्र
(ख) 20 सें.मी. से कम वर्षा वाले क्षेत्र
(ग) भारत में दक्षिण-पश्चिम मानसून की दिशा

उत्तरः (क) और (ख)

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परियोजना कार्य

(क) पता लगाएँ कि आपके क्षेत्र में एक विशेष मौसम से कौन से गाने, नृत्य, पर्व एवं भोजन संबंधित हैं? क्या भारत के दूसरे क्षेत्रों से इनमें कुछ समानता है?
(ख) भारत के विभिन्न क्षेत्रों के विशेष ग्रामीण मकानों तथा लोगों की वेशभूषा के फोटोग्राफ इकट्ठे कीजिए। देखिए कि क्या उनमें और उन क्षेत्रों की जलवायु की दशाओं तथा उच्चावच में कोई संबंध है।

उत्तरः

(क) स्वयं कीजिए।
(ख) स्वयं कीजिए।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 4 Electoral Politics (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. चुनाव क्यों होते हैं, इस बारे में इनमें से कौन-सा वाक्य ठीक नहीं है?
(क) चुनाव लोगों को सरकार के कामकाज का फैसला करने का अवसर देते हैं।
(ख) लोग चुनाव में अपनी पसंद के उम्मीदवार का चुनाव करते हैं।
(ग) चुनाव लोगों को न्यायपालिका के कामकाज का मूल्यांकन करने का अवसर देते हैं।
(घ) लोग चुनाव से अपनी पसंद की नीतियाँ बना सकते हैं।
उत्तरः (ग) गलत

प्रश्न 2. भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं, यह बताने के लिए इनमें कौन-सा वाक्य सही कारण नहीं देता?
(क) भारत में दुनिया के सबसे ज़्यादा मतदाता हैं।
(ख) भारत में चुनाव आयोग काफी शक्तिशाली है।
(ग) भारत में 18 वर्ष से अधिक उम्र का हर व्यक्ति मतदाता है।
(घ) भारत में चुनाव हारने वाली पार्टियाँ जनादेश स्वीकार कर लेती है।
उत्तरः (क) यह बताने का सही कारण नहीं है कि भारत के चुनाव लोकतांत्रिक हैं।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में मेल हूँदें:
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उत्तरः
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प्रश्न 4. इस अध्याय में वर्णित चुनाव संबंधी सभी गतिविधियों की सूची बनाएँ और इन्हें चुनाव में सबसे पहले किए जाने वाले काम से लेकर आखिर तक के क्रम में सजाएँ। चुनाव घोषणा पत्र जारी करना, वोटों की गिनती, मतदाता सूची बनाना, चुनाव अभियान, चुनाव नतीजों की घोषणा, मतदान, पुनर्मतदान के आदेश, चुनाव प्रक्रिया की घोषणा, नामांकन दाखिल करना।
उत्तरः चुनाव संबंधी क्रियाकलापों की सूची चरणबद्ध तरीके से नीचे दी गई है।

1. मतदाता सूची बनाना
2. चुनाव प्रक्रिया की घोषणा
3. नामांकन दाखिल करना
4. चुनाव घोषणा पत्र जारी करना
5. चुनाव अभियान
6. मतदान
7. पुनर्मतदान के आदेश
8. वोटों की गिनती
9. चुनावी नतीजों की घोषणा

प्रश्न 5. सुरेखा एक राज्य विधानसभा क्षेत्र में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराने वाली अधिकारी है। चुनाव के इन चरणों में उसे किन-किन बातों पर ध्यान देना चाहिए।
(क) चुनाव प्रचार
(ख) मतदान के दिन
(ग) मतगणना के दिन

उत्तरः
(क) चुनाव प्रचार : इसके लिए सुरेखा को यह सुनिश्चित करना होगा कि उम्मीदवार निम्नलिखित न करें:

  • मतदाताओं को रिश्वत/घूस अथवा धमकी देना।
  • जाति अथवा धर्म के नाम पर वोट देने की अपील करना।
  • चुनाव अभियान के लिए सरकारी संसाधनों का प्रयोग करना।
  • लोकसभा चुनाव हेतु चुनाव क्षेत्र में 25 लाख रुपए तथा विधानसभा चुनाव में 10 लाख रूपए से अधिक खर्च करना।
  • चुनाव प्रचार हेतु पूजा स्थलों का प्रयोग करना।।
  • मंत्रीगणों द्वारा सरकारी वाहनों, हवाई जहाजों एवं कर्मचारियों का चुनाव हेतु प्रयोग।

(ख) मतदान के दिन : इस दिन सुरेखा को यह सुनिश्चित करना होगा कि चुनावी गड़बड़ी, मतदान केन्द्रों पर कब्जा न हो।
(ग) वोटों की गिनती का दिन : इस दिन सुरेखा को यह सुनिश्चित करना होगा कि सभी उम्मीदवारों के एजेन्ट वोटों की सुचारू रूप से गणना सुनिश्चित करने के लिए वहाँ मौजूद हैं।

प्रश्न 6. नीचे दी गई तालिका बताती है कि अमेरिकी कांग्रेस के चुनावों के विजयी उम्मीदवारों में अमेरिकी समाज के विभिन्न समुदाय के सदस्यों का क्या अनुपात था। ये किस अनुपात में जीते। इसकी तुलना अमेरिकी समाज में इन समुदायों की आबादी के अनुपात से कीजिए। इसके आधार पर क्या आप अमेरिकी संसद के चुनाव में भी आरक्षण का सुझाव देंगे? अगर हाँ, तो क्यों और किस समुदाय के लिए? अगर नहीं, तो क्यों?
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उत्तरः उपरोक्त तालिका के आधार पर हिस्पैनिक समुदाय के लिए आरक्षण एक अच्छा विचार है। उनकी
जनसंख्या के अनुपात में प्रतिनिधित्व प्रदान करने के लिए ऐसा करना आवश्यक है।

प्रश्न 7. क्या हम इस अध्याय में दी गई सूचनाओं के आधार पर निम्नलिखित निष्कर्ष निकाल सकते | हैं? इनमें सभी पर अपनी राय के पक्ष में दो तथ्य प्रस्तुत कीजिए।
(क) भारत के चुनाव आयोग को देश में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव करा सकने लायक पर्याप्त अधिकार नहीं हैं।
(ख) हमारे देश के चुनाव में लोगों की जबर्दस्त भागीदारी होती है।
(ग) सत्ताधारी पार्टी के लिए चुनाव जीतना बहुत आसान होता है।
(घ) अपने चुनावों को पूरी तरह से निष्पक्ष और स्वतंत्र बनाने के लिए कई कदम उठाने ज़रूरी हैं।

उत्तरः
(क) नहीं। यह सच नहीं है। वास्तव में चुनाव आयोग भारत में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने में पर्याप्त रूप से शक्तिशाली है। यह चुनाव आचार संहिता लागू करता है तथा इसका उल्लंघन करने वाले उम्मीदवारों या दलों को सजा देता है। चुनावी ड्यूटी के दौरान कर्मचारी चुनाव आयोग के अधीन कार्य करता है न कि सरकार के।

(ख) हाँ, यह सच है। चुनावों में लोगों की भागीदारी प्रायः मतदान करने वाले लोगों के आँकड़ों से मापी जाती है। मतदान प्रतिशत योग्य मतदाताओं में से वास्तव में मतदान करने वाले लोगों के प्रतिशत को दर्शाता है। पिछले 50 वर्षों के दौरान भारत में मतदान प्रतिशत या तो स्थिर रहा है या वास्तव में बढ़ा है। भारत में आम लोग चुनावों को अत्यधिक महत्त्व प्रदान करते हैं। उनका मानना है कि चुनावों द्वारा वे राजनैतिक दलों पर अपने अनुकूल नीति और कार्यक्रमों के लिए दबाव डाल सकते हैं। उन्हें लगता है कि देश के शासन-संचालन के तरीके में उनके वोट का महत्त्व है।

(ग) नहीं, यह सच नहीं है। सत्ताधारी दल भी निरंतर चुनाव हारते आए हैं। ऐसे उम्मीदवार जो अधिक पैसा खर्च करने के लिए जाने जाते हैं, वे प्रायः चुनाव हार जाते हैं।

(घ) हाँ, यह सच है। सुधार किया जाना आवश्यक है क्योंकि कुछ दल एवं उम्मीदवार जिनके पास अधिक पैसा है उन्हें चुनाव में अनुचित लाभ मिलता है। देश के कुछ भागों में आपराधिक छवि वाले लोग अन्य लोगों को चुनावी दौड़ में पछाड़ कर मुख्य दलों से चुनाव का टिकट पाने में सफल हो जाते हैं।

प्रश्न 8. चिनप्पा को दहेज के लिए अपनी पत्नी को परेशान करने के जुर्म में सजा मिली थी। सतबीर को छुआछूत मानने का दोषी माना गया था। दोनों को अदालत ने चुनाव लड़ने की इजाजत नहीं दी। क्या यही फैसला लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धातों के खिलाफ़ जाता है? अपने उत्तर के पक्ष में तर्क दीजिए।
उत्तरः यह निर्णय लोकतांत्रिक चुनावों के बुनियादी सिद्धांतों के विरूद्ध नहीं है क्योंकि चिन्नपा व सतबीर दोनों ही अपराधी हैं तथा देश के लिए अच्छे तथा आदर्श नागरिक सिद्ध नहीं हुए। इसलिए, उन्हें केन्द्र अथवा राज्य सरकार में कोई पद धारण नहीं करने देना चाहिए क्योंकि उनमें परिवार तथा समाज के प्रति कोई सम्मान नहीं है और वे देश के प्रति भी सम्मान नहीं दिखाएंगे।

प्रश्न 9. यहाँ दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में चुनावी गड़बड़ियों की कुछ रिपोर्ट दी गई हैं। क्या ये देश अपने यहाँ के चुनावों के सुधार के लिए भारत से कुछ बातें सीख सकते हैं? प्रत्येक मामले में आप क्या सुझाव देंगे?
(क) नाइजीरिया के एक चुनाव में मतगणना अधिकारी ने जान-बूझकर एक उम्मीदवार को मिले वोटों की संख्या बढ़ा दी और उसे विजयी घोषित कर दिया। बाद में अदालत ने पाया कि दूसरे उम्मीदवार को मिले पाँच लाख वोटों को उस उम्मीदवार के पक्ष में दर्ज कर लिया गया था।
(ख) फिजी में चुनाव से ठीक पहले एक परचा बाँटा गया जिसमें धमकी दी गई थी कि अगर पूर्व प्रधानमंत्री महेंद्र चौधरी के पक्ष में वोट दिया गया तो खून-खराबा हो जाएगा। यह धमकी भारतीय | मूल के मतदाताओं को दी गई थी।
(ग) अमेरिका के हर प्रांत में मतदान, मतगणना और चुनाव संचालन की अपनी-अपनी प्रणालियाँ हैं। सन् 2000 के चुनाव में फ्लोरिडा प्रांत के अधिकारियों ने जॉर्ज बुश के पक्ष में अनेक विवादास्पद फैसले लिए पर उनके फैसले को कोई भी नहीं बदल सका।

उत्तरः
(क) इस मामले में प्रत्येक उम्मीदवार का प्रतिनिधि वहाँ उपस्थित होना चाहिए जो ये सुनिश्चित करेंगे कि वोटों की गिनती निष्पक्ष तरीके से हो रही है।
(ख) चुनाव आयोग को इस मामले में जाँच करनी चाहिए तथा ऐसे पर्चे बांटने वाले दल या उम्मीदवार को बर्खास्त कर देना चाहिए।
(ग) वहाँ केवल एक ही चुनाव आयोग होना चाहिए जिसे राजनैतिक प्रभाव से मुक्त होना चाहिए और पूरे देश में चुनाव आयोजित कराने के लिए जिम्मदार होना चाहिए।

प्रश्न 10. भारत में चुनावी गड़बड़ियों से संबंधित कुछ रिपोर्दै यहाँ दी गई हैं। प्रत्येक मामले में समस्या की पहचान कीजिए। इन्हें दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?

(क) चुनाव की घोषणा होते ही मंत्री महोदय ने बंद पड़ी चीनी मिल को दोबारा खोलने के लिए वित्तीय सहायता देने की घोषणा की।
(ख) विपक्षी दलों का आरोप था कि दूरदर्शन और आकाशवाणी पर उनके बयानों और चुनाव अभियान को उचित जगह नहीं मिली।
(ग) चुनाव आयोग की जाँच से एक राज्य की मतदाता सूची में 2 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम मिले।
(घ) एक राजनैतिक दल के गुंडे बंदूकों के साथ घूम रहे थे, दूसरी पार्टियों के लोगों को मतदान में भाग लेने से रोक रहे थे और दूसरी पार्टी की चुनावी सभाओं पर हमले कर रहे थे।

उत्तरः
(क) चीनी मिल को आर्थिक सहायता देने का वादा करके मंत्री महोदय ने एक नीतिगत फैसले की घोषणा की है। यह सही नहीं है क्योंकि चुनावों की घोषणा होने के बाद नीतिगत फैसले की घोषणा नहीं की जा सकती। मंत्री को चुनाव लड़ने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
(ख) विपक्षी दल के बयानों एवं चुनाव अभियान को दूरदर्शन तथा आकाशवाणी पर उचित स्थान न | देकर सरकार ने अपनी स्थिति का दुरूपयोग किया है। इसके प्रत्युत्तर में विपक्ष को राष्ट्रीय मीडिया में पर्याप्त समय मिलना चाहिए।
(ग) फर्जी मतदाताओं की मौजूदगी का अर्थ है कि मतदाता सूची तैयार करने वाले अधिकारियों ने चुनावी गड़बड़ी की तैयारी की थी। चुनाव आयोग को मतदाता सूची की तैयारी की देखभाल करनी चाहिए।
(घ) गुंडों का प्रयोग करके राजनैतिक दलों ने अपने प्रतिद्वंद्वियों को धमकाया है। चुनाव आयोग को बंदूकधारियों की गिरफ्तारी का आदेश देना चाहिए तथा उस दल को चुनावों से बर्खास्त कर देना चाहिए।

प्रश्न 11. जब यह अध्याय पढ़ाया जा रहा था तो रमेश कक्षा में नहीं आ पाया था। अगले दिन कक्षा में आने के बाद उसने अपने पिताजी से सुनी बातों को दोहराया। क्या आप रमेश को बता सकते हैं कि उसके इन बयानों में क्या गड़बड़ी है?
(क) औरतें उसी तरह वोट देती हैं जैसा पुरुष उनसे कहते हैं इसलिए उनको मताधिकार देने का कोई मतलब नहीं है।
(ख) पार्टी-पॉलिटिक्स से समाज में तनाव पैदा होता है। चुनाव में सबकी सहमति वाला फैसला होना चाहिए, प्रतिद्वंद्विता नहीं होनी चाहिए।
(ग) सिर्फ स्नातकों को ही चुनाव लड़ने की इजाजत होनी चाहिए।
उत्तरः
(क) यह कथन गलत है क्योंकि गुप्त मतदान की नीति यह सुनिश्चित करती है कि प्रत्येक मतदाता जिसे चाहे उसे अपना वोट दे सकता/सकती है। महिलाएँ अपना निर्णय स्वयं लेने तथा अपनी पसंद के उम्मीदवार का चयन करने में पूर्णतः सक्षम हैं।
(ख) यह सच है कि दलगत राजनीति समाज में तनाव का कारण बनती है, किन्तु यह कहना गलत है कि चुनाव में सबकी सहमति वाले निर्णय होने चाहिए। राजनीति में प्रतिद्वंद्विता लोगों के लिए अच्छी सिद्ध होती है क्योंकि राजनेता अपने-अपने वादे निभाने में एक दूसरे से मुकाबला करते हैं। हो सकता है कि वे ईमानदार न हों, किन्तु उन्हें यह पता होता है कि निर्वाचित होने के। लिए उन्हें काम करना पड़ेगा।
(ग) लोगों की आवश्यकताओं को समझने और उनके हितों का प्रतिनिधित्व करने के लिए शैक्षिक योग्यता होना अनिवार्य नहीं है। इस प्रकार राजनेताओं को स्नातक होना आवश्यक नहीं है।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 2 Physical Features of India (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. निम्नलिखित विकल्पों में से सही उत्तर चुनिए ।

(i) एक स्थलीय भाग जो तीन ओर से समुद्र से घिरा हो

(क) तट
(ख) प्रायद्वीप
(ग) द्वीप
(घ) इनमें से कोई नहीं ।

(ii) भारत के पूर्वी भाग में म्यांमार की सीमा का निर्धारण करने वाले पर्वतों का संयुक्त नाम

(क) हिमाचल
(ख) पूर्वांचल
(ग) उत्तराखण्ड
(घ) इनमें से कोई नहीं।

(iii) गोवा के दक्षिण में स्थित पश्चिम तटीय पट्टी

(क) कोरोमंडल
(ख) कन्नड
(ग) कोंकण
(घ) उत्तरी सरकार

(iv) पूवी घाट का सर्वोच्च शिखर

(क) अनाईमुडी
(ख) महेंद्रगिरि
(ग) कंचनजंगा।
(घ) खासी

उत्तर :

(i) (ग)
(ii) (ग)
(iii) (ग)
(iv) (ग)

प्रश्न 2. निम्नलिखित प्रश्नों के संक्षेप में उत्तर दीजिए

  1. भूगर्भीय प्लेटें क्या हैं?
  2. आज के कौन से महाद्वीप गोंडवाना लैंड के भाग थे?
  3. ‘भाबर’ क्या है?
  4. हिमालय के तीन प्रमुख विभागों के नाम उत्तर से दक्षिण के क्रम में बताइए?
  5. अरावली और विंध्याचल की पहाड़ियों में कौन-सा पठार स्थित है?
  6. भारत के उन द्वीपों के नाम बताइए जो प्रवाल भित्ति के हैं।

उत्तर :
(i) भूगर्भीय प्लेटें पृथ्वी की ठोस परत के नीचे मौजूद पारंपरिक धाराएं इसकी पर्पटी या स्थलमंडल को कई बड़े भागों में बांटती हैं। इन भागों को टेक्टोनिक या स्थलमंडल प्लेट कहा जाता है।
(ii) गोंडवाना भूमि में वर्तमान भारत, आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका एक ही भूखंड में शामिल थे। यह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित था।
(iii) ‘भाबर’ वह तंग पट्टी है जिसका निर्माण कंकड़ों के जमा होने से होता है जो शिवालिक की ढलान
के समानांतर सिन्धु एवं तिस्ता नदियों के बीच पाई जाती हैं। इस पट्टी का निर्माण पहाड़ियों से नीचे उतरते समय विभिन्न नदियों द्वारा किया जाता है। सभी नदियाँ भाबर पट्टी में आकर विलुप्त हो जाती हैं।
(iv) हिमालय विश्व की सर्वाधिक ऊँची एवं मजबूत बाधाओं को प्रतिनिधित्व करता है। उत्तर दिशा से दक्षिण की ओर इसे 3 मुख्य भागों में बांटा जा सकता है:

  1. महान या आंतरिक हिमालय अथवा हिमाद्री : सबसे उत्तरी भाग जिसे महान या आंतरिक हिमालय अथवा ‘हिमाद्री’ कहा जाता है।
  2. हिमाचल या निम्न हिमालय : हिमाद्री के दक्षिण में स्थित श्रृंखला हिमाचल या निम्न हिमालय के नाम से जानी जाती है। यह श्रृंखला मुख्यतः अत्यधिक संपीड़ित कायांतरित चट्टानों से बनी हैं। पीर पंजाल श्रृंखला सबसे बड़ी एवं सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण श्रृंखला का निर्माण करती है। कुछ अन्य महत्त्वपूर्ण श्रृंखलाएँ धौलाधार और महाभारत शृंखलाएँ हैं।
  3. शिवालिक : हिमालय की सबसे बाहरी श्रृंखला को शिवालिक कहा जाता है। यह गिरीपद श्रृंखला है तथा हिमालय के सबसे दक्षिणी भाग का प्रतिनिधित्व करती है।

(v) मालवा का पठार।
(vi) लक्षद्वीप समूह।

प्रश्न 3. निम्नलिखित में अंतर स्पष्ट कीजिए

  1. अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें
  2. बांगर और खादर
  3. पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट

उत्तर :
(i) अपसारी तथा अभिसारी भूगर्भीय प्लेटें

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(ii) बांगर और खादर

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(iii) पूर्वी घाट तथा पश्चिमी घाट

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प्रश्न 4. बताइए हिमालय का निर्माण कैसे हुआ था ?
उत्तर : दक्षिणी गोलार्द्ध के विशाल महाद्वीप का काल्पनिक नाम गोंडवाना भूमि है। ऐसा माना जाता है कि लाखों वर्ष पहले भारत एक बड़े महाद्वीप गोंडवाना भूमि का भाग था। सबसे प्राचीन भूखंड (प्रायद्वीपीय भाग) गोंडवाना भूमि का हिस्सा था । वर्तमान आस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका एवं दक्षिण अमेरिका भी इसी भूखंड में शामिल थे। यह दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थित था।

संवहनीय धाराओं के कारण इसकी भू-पर्पटी कई टुकड़ों में टूट गई जिससे इंडो-आस्ट्रेलियाई प्लेट गोंडवानालैण्ड से अलग होकर उत्तर की ओर सरक गई। प्लेट विवर्तन सिद्धांत के अनुसार भू-पर्पटी पहले एक ही विशालकाय महाद्वीप था जिसे पैंजिया कहा जाता था। उत्तरी भाग में अंगारा भूमि थी। दक्षिणी भाग में गोंडवाना भूमि। भूपर्पटी के नीचे मौजूद पिघले हुए पदार्थ ने भूपर्पटी या लीथोस्फीयर को कई बड़े टुकड़ों में बाँट दिया जिन्हें लीथोस्फेरिक या टैक्टोनिक प्लेट कहा जाता है। जो अवसादी
चट्टान टक्कर के कारण वलित होकर इकट्ठे हो गए उन्हें टेथीस के नाम से जाना जाता है। गोंडवाना भूमि से अलग होने के बाद इंडो-आस्ट्रेलियाई प्लेट उत्तर में यूरेशियन प्लेट की ओर खिसक गई। यह दो प्लेटों में टकराव का कारण बना और इस टकराव के कारण टेथीस की अवसादी चट्टानें वलित होकर पश्चिमी एशिया की पर्वतीय श्रृंखला तथा हिमालय के रूप में उभर गई।

प्रश्न 5. भारत के प्रमुख भू-आकृतिक विभाग कौन से हैं? हिमालय क्षेत्र तथा प्रायद्वीप पठार के उच्चावच लक्षणों में क्या अंतर है?
उत्तर :

  1. हिमालयी पर्वत
  2. उत्तर के मैदान
  3. प्रायद्वीपीय पठार
  4. भारतीय मरुस्थल
  5. तटीय मैदान
  6. द्वीप समूह

हिमालयी क्षेत्र तथा प्रायद्वीपीय पठार के उच्चावच लक्षणों में अंतर नीचे दिया गया है।

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प्रश्न 6. भारत के उत्तरी मैदान का वर्णन कीजिए।
उत्तर : यह मैदान जलोढ मृदा से बना हुआ है। लाखों वर्षों में हिमालय के गिरीपदों पर एक विशाल बेसिन में जलोढ का निक्षेप होने से इस उपजाऊ मैदान का निर्माण हुआ है। यह मैदान 7 लाख वर्ग कि0मी0 में फैला हुआ है। यह मैदान 2400 कि0मी0 लंबा तथा 240-320 कि0मी0 चौड़ा है। समृद्ध मृदा के आवरण, भरपूर पानी की आपूर्ति एवं अनुकूल जलवायु ने उत्तरी मैदान को कृषि की दृष्टि से भारत का अत्यधिक उपजाऊ भाग बना दिया है। इसी कारण यहाँ का जनसंख्या घनत्व भारत के सभी भौगोलिक विभाजनों की अपेक्षा इस क्षेत्र में सर्वाधिक है। उत्तरी मैदान के पश्चिमी भाग को पंजाब कहा जाता है। गंगा का मैदान घग्घर एवं तिस्ता नदियों के बीच स्थित है। यह उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों जैसे हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार तथा झारखंड के कुछ भाग एंव पश्चिम बंगाल के पूर्व में फैला हुआ है।

प्रश्न 7. निम्नलिखित पर संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखिए

  1. भारतीय मरुस्थल
  2. मध्य उच्च भूमि
  3. भारत के द्वीप समूह

उत्तर :
(i) भारतीय मरुस्थल को थार मरुस्थल के नाम से भी जाना जाता है। यह अरावली की पहाड़ियों के दक्षिणी किनारे की ओर स्थित है। यह बालू के टिब्बों से भरा हुआ रेतीला मैदान है। यहाँ पूरे वर्ष में 150 मि0मि0 से भी कम वर्षा होती है। यह पूरे राजस्थान में फैला हुआ है। इसकी जलवायु शुष्क है और यहाँ वनस्पति भी बहुत कम है। वर्षा ऋतु में कुछ समय तक कई सरिताएँ नजर आती हैं जो वर्षा रुकने के साथ ही विलुप्त हो जाती हैं। ‘लूनी’ इस क्षेत्र की एकमात्र बड़ी नदी है। अर्धचंद्राकार रेत के टिब्बे जिन्हें बरकान कहा जाता है, भारतीय मरुस्थल की प्रमुख विशेषता है। ऊँट मरुस्थल का सबसे महत्त्वपूर्ण जानवर है।
(ii) मध्य उच्च भूमि : प्रायद्वीपीय क्षेत्र का वह भाग जो नर्मदा नदी के उत्तर में पड़ता है और मालवा के पठार के एक बड़े हिस्से पर फैला है उसे मध्य उच्चभूमि कहा जाता है। यह दक्षिण में विंध्य श्रेणी और उत्तर-पश्चिम में अरावली की पहाड़ियों से घिरा है। आगे जाकर यह पश्चिम में भारतीय मरुस्थल से मिल जाता है जबकि पूर्व दिशा में इसका विस्तार छोटानागपुर के पठार द्वारा प्रकट होता है। इस क्षेत्र में नदियाँ दक्षिण-पश्चिम से उत्तर-पूर्व की ओर बहती हैं। इस क्षेत्र के पूर्वी विस्तार को स्थानीय रूप से बुन्देलखण्ड, बाघेलखण्ड और छोटानागपुर पठार कहा जाता है। छोटानागपुर पठार आग्नेय चट्टानों से बना है। आग्नेय चट्टानों में खनिज भरपूर मात्रा में होते हैं और इसलिए इस पठार को खनिजों का भण्डार कहा जाता है।
(iii) भारत के द्वीप समूह : लक्षद्वीप मुख्यभूमि के दक्षिण-पश्चिम में अरब सागर में केरल के मालाबार तट के पास स्थित है। पहले इनको लकादीव, मीनीकाय तथा एमीनदीव के नाम से जाना जाता था। 1973 में इनका नाम लक्षद्वीप रखा गया। लक्षद्वीप का प्रशासनिक मुख्यालय कावारती में है। यह द्वीप समूह छोटे प्रवाल द्वीपों से बना है। यह 32 वर्ग कि0मी0 के छोटे से क्षेत्र में फैला हुआ है। इस द्वीप समूह पर पौधों एवं जीवों की बहुत सी प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

मानचित्र कौशल

भारत के रेखा मानचित्र पर निम्नलिखित दिखाइए

  1. पर्वत शिखर-के-2, कंचनजंगा, नंगा पर्वत, अनाईमुडी
  2. पठार-शिलांग, छोटानागपुर, मालवा तथा बुंदेलखंड
  3. थार मरुस्थल, पश्चिमी घाट, लक्षद्वीप समूह, गंगा-यमुना दोआब तथा कोरोमंडल तट

उत्तर :

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क्रियाकलाप

  • दी गई वर्ग पहेली में कुछ शिखरों, दरौं, श्रेणियों, पठारों, पहाड़ियाँ एवं घाटियों के नाम छुपे हैं। उन्हें ढूंढ़िए।
  • ज्ञात कीजिए कि ये आकृतियाँ कहाँ स्थित हैं? आप अपनी खोज क्षैतिज, ऊर्ध्वाधर या विकर्णीय दिशा में कर सकते हैं।

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उत्तर :

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 3 Constitutional Design (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास

पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. नीचे कुछ गलत वाक्य दिए गए हैं। हर एक में की गई गलती पहचानें और इस अध्याय के आधार पर उसको ठीक करके लिखें।

(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो या नहीं, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने| अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) भारतीय संविधान सभा के सभी सदस्य संविधान में कही गई हरेक बात पर सहमत थे।
(ग) जिन देशों में संविधान है वहाँ लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था ही होगी।
(घ) संविधान देश का सर्वोच्च कानून होता है इसलिए इसमें बदलाव ही होगी।

उत्तर :

(क) स्वतंत्रता के बाद देश लोकतांत्रिक हो, इस विषय पर स्वतंत्रता आंदोलन के नेताओं ने अपना दिमाग खुला रखा था।
(ख) संविधान सभा के अलग-अलग सदस्यों के विभिन्न मुद्दों पर अलग-अलग विचार थे, किन्तु उन्होंने अपने मतभेद सुलझा लिए और संविधान के मूलभूत सिद्धांतों पर उन्होंने एक समान राय रखी।
(ग) जिस देश में लोकतंत्र हैं उसमें संविधान होना ही चाहिए।
(घ) यदि संविधान में संशोधन करना पड़े तो उस के लिए संसद के दो तिहाई सदस्यों का बहुमत होना अनिवार्य है।

प्रश्न 2. दक्षिण अफ्रीका का लोकतांत्रिक संविधान बनाने में, इनमें से कौन-सा टकराव सबसे महत्त्वपूर्ण था :

(क) दक्षिण अफ्रीका और उसके पड़ोसी देशों का
(ख) स्त्रियों और पुरुषों का
(ग) गोरे अल्पसंख्सक और अश्वेत बहुसंख्यकों का
(घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का

उत्तर : (घ) रंगीन चमड़ी वाले बहुसंख्यकों और अश्वेत अल्पसंख्यकों का

प्रश्न 3. लोकतांत्रिक संविधान में इनमें से कौन-सा प्रावधान नहीं रहता?

(क) शासन प्रमुख के अधिकार
(ख) शासन प्रमुख का नाम
(ग) विधायिका क अधिकार
(घ) देश का नाम

उत्तर : (घ) शासन प्रमुख का नाम

प्रश्न 4. संविधान निर्माण में इन नेताओं और उनकी भूमिका में मेल बैठाएँ।

(क) मोतीलाल नेहरू
(ख) बी.आर. अंबेडकर
(ग) राजेंद्र प्रसाद
(घ) सरोजनी नायडू

(i) संविधान सभा के अध्यक्ष
(ii) संविधान सभा के सदस्य
(iii) प्रारूप कमेटी के अध्यक्ष
(iv) 1928 में भारत का संविधान बनाया

उत्तर :

(क) (iv)
(ख) (iii)
(ग) (i)
(घ) (ii)

प्रश्न 5. जवाहर लाल नेहरू के नियति के साथ साक्षात्कार वाले भाषण के आधार पर निम्नलिखित प्रश्नों का जवाब दें :

(क) नेहरू ने क्यों कहा कि भारत का भविष्य सुस्ताने और आराम करने का नहीं है?
(ख) नए भारत के सपने किस तरह विश्व से जुड़े हैं ? (ग) वे संविधान निर्माताओं से क्या शपथ चाहते थे ?
(घ) “हमारी पीढ़ी के सबसे महान व्यक्ति की कामना हर आँख से आँसू पोंछने की हैं। वे इस कथन में किसका जिक्र कर रहे थे?

उत्तर :

(क) नेहरू ने ये शब्द प्रयोग किए ‘पूरी तरह या पूरे तरीके से नहीं क्योंकि उनके अनुसार उन्होंने जो काम पूरा करने का बीड़ा उठाया था वह अभी पूरा नहीं हुआ था और शपथ एक दम से | पूरी नहीं हो सकती थी, किन्तु ये धीरे-धीरे पूरी होंगी।
(ख) जो शपथ वे भारत के संविधान निर्माताओं से लेना चाहते थे वह यह थी कि वे अपना जीवन भारत, भारतीय लोगों और व्यापक स्तर पर मानवता की सेवा को अर्पित कर दें।
(ग) वे महात्मा गांधी का जिक्र कर रहे थे।

प्रश्न 6. हमारे संविधान को दिशा देने वाले ये कुछ मूल्य और उनके अर्थ हैं। इन्हें आपस में मिलाकार दोबारा लिखिए।

(क) संप्रभुता
(ख) गणतंत्र
(ग) बंधुत्व
(घ) धर्मनिरपेक्ष

(i) सरकार किसी धर्म के निर्देशों के अनुसार कार्य नहीं करेंगी।
(ii) फैसले लेने का सर्वोच्च अधिकार लोगों के पास है।
(iii) शासन प्रमुख एक चुना हुआ व्यक्ति है।
(iv) लोगों को आपस में परिवार की तरह रहना चाहिए।

उत्तर :

(क) (ii)
(ख) (iii)
(ग) (iv)
(घ) (i)

प्रश्न 7. कुछ दिन पहले नेपाल से आपके एक मित्र ने वहाँ की राजनैतिक स्थिति के बारे में आपको पत्र लिखा था। वहाँ अनेक राजनैतिक पार्टियाँ राजा के शासन का विरोध कर रही थी। उनमें से कुछ का कहना था कि राजा द्वारा दिए गए मौजूदा संविधान में ही संशोधन करके चुने हुए प्रतिनिधियों को ज़्यादा अधिकार दिए जा सकते हैं। अन्य पार्टियाँ नया गणतांत्रिक संविधान बनाने के लिए नई संविधान सभा गठित करने की मांग कर रही थीं। इस विषय में अपनी राय बताते हुए अपने मित्र को पत्र लिखें।
उत्तर : निम्नलिखित बिंदुओं से सहायता लेते हुए अपना उत्तर लिखें : निर्वाचित प्रतिनिधियों को और अधिक शक्तियाँ देने के लिए संविधान में संशोधन की मांग, गणतंत्रात्मक संविधान लिखने के लिए एक नई संविधान सभा और राजा के शासन का विरोध यह दर्शाते हैं कि लोग लोकतंत्र के पक्ष में हैं और राजतंत्रात्मक शासन को अपने देश से उखाड़ फेंकना चाहते हैं।

प्रश्न 8. भारत के लोकतंत्र के स्वरूप के विकास के प्रमुख कारणों के बारे में कुछ अलग-अलग विचार इस . प्रकार हैं। आप इनमें से हर कथन को भारत में लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए कितना महत्त्वपूर्ण कारण मानते हैं ?

(क) अंग्रेज़ शासकों ने भारत को उपहार के रूप में लोकतांत्रिक व्यवस्था दी। हमने ब्रिटिश हुकूमत के समय बनी प्रांतीय असेंबलियों के जरिए लोकतांत्रिक व्यवस्था में काम करने का प्रशिक्षण पाया।

(ख)
हमारे स्वतंत्रता संग्राम ने औपनिवेशिक शोषण और भारतीय लोगों को तरह-तरह की आजादी न दिए जाने का विरोध किया। ऐसे में स्वतंत्र भारत को लोकतांत्रिक होना ही था।

(ग) हमारे राष्ट्रवादी नेताओं की आस्था लोकतंत्र में थी। अनेक नव स्वतंत्र राष्ट्रों में लोकतंत्र का न आना हमारे नेताओं की महत्त्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित करता है।

उत्तर : मैं ऊपर दिए गए बिंदुओं को समान महत्व दूंगा। पहला बिंदु दर्शाता है कि ब्रिटिश शासन ने हमें लोकतंत्र के लिए आदर्श एवं प्रेरणा उपलब्ध कराई। दूसरे बिंदु ने आत्मविश्वास के साथ पूरे राष्ट्र को एकता के सूत्र में बांधा। तीसरा बिंदु दर्शाता है कि हमारे नेताओं ने लोकतंत्र का निर्माण ऐसे तरीके से किया कि यह पूरे देश के लिए एक आदर्श बन गया।

प्रश्न 9.1912 में प्रकाशित ‘विवाहित महिलाओं के लिए आचरण’ पुस्तक के निम्नलिखित अंश को पढ़े : “ईश्वर ने औरत जाति को शारीरिक और भावनात्मक, दोनों ही तरह से ज़्यादा नाजुक बनाया है। उन्हें आत्म रक्षा के भी योग्य नहीं बनाया है। इसलिए ईश्वर ने ही उन्हें जीवन भर पुरूषों के संरक्षण में रहने का भाग्य दिया है-कभी पिता के, कमी पति के और कभी पुत्र के। इसलिए महिलाओं को निराश होने की जगह इस बात से अनुगृहीत होना चाहिए कि वे अपने आपको पुरूषों की सेवा में समर्पित कर सकती है। क्या इस अनुच्छेद में व्यक्त मूल्य संविधान के दर्शन से
मेल खाते हैं या वे संवैधानिक मूल्यों के खिलाफ हैं?
उत्तर : दिया गया पैरा आंशिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है। यह लिंगभेद के विचार को बढावा देता है। यह संविधान द्वारा प्रचारित समानता की भावना के विपरीत है।

प्रश्न 10. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए। क्या आप उनसे सहमत हैं? अपने कारण भी बताइए।

(क) संविधान के नियमों की हैसियत किसी भी अन्य कानून के बराबर है।
(ख) संविधान बताता है कि शासन व्यवस्था के विविध अंगों का गठन किस तरह होगा।
(ग) नागरिकों के अधिकार और सरकार की सत्ता की सीमाओं का उल्लेख भी संविधान में स्पष्ट रूप में है।
(घ) संविधान संस्थाओं की चर्चा करता है, उसका मूल्यों से कुछ लेना-देना नहीं है।

उत्तर :

(क) सत्य

कारण : संविधान किसी देश का सर्वोच्च कानून है। यह किसी लोकतांत्रिक देश की नींव है। संविधान में वर्णित किए गए कानूनों पर अन्य सभी कानूनों का निर्माण किया जाता है ।अतः, इसका अर्थ यह है कि संवैधानिक कानूनों को भी वही या उससे भी अधिक हैसीयत प्राप्त है जो देश के अन्य कानूनों की है।

(ख) सत्य

कारण : संविधान सरकार निर्माण का ढांचा निर्धारित करता है। यह सरकार के विभिन्न अंगों कार्यपालिका, न्यायपालिका एवं विधायिका के गठन एवं इनके कार्यों को विस्तार सहित परिभाषित करता है।

(ग) सत्य

कारण : संविधान ने देश के सभी नागरिकों के लिए मौलिक अधिकार निर्धारित किए हैं। इन अधिकारों की न्यायालय में मांग की जा सकती है। सरकार के विभिन्न अंगों का ढांचा बनाने एवं उन्हें उनके कार्यक्षेत्र में स्वतंत्र बनाते हुए, फिर भी प्रत्येक अंग को अन्य अंगों के नियंत्रण में रखते हुए, संविधान यह सुनिश्चित करता है कि सरकार द्वारा प्रयोग की जा रही शक्तियाँ पूरी तरह सीमाओं में हैं।

(घ) असत्य

कारण : संविधान सरकार की विभिन्न संस्थाओं के गठन एवं कार्यों को निर्धारित करता है ताकि इन संस्थाओं को चलाने के लिए ढांचा एवं नियम उपलब्ध हो सकें। यद्यपि ऐसे कानून एवं ढांचे को उपलब्ध कराते समय लोकतांत्रिक सिद्धांत एवं मूल्य इसका मार्गदर्शन करते हैं। इसलिए एक संविधान मूल्यों के बारे में भी चर्चा करता है क्योंकि यह मूल्यों पर आधारित संस्थाओं के बारे में हैं।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Geography Chapter 1 India-Size and Location (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. नीचे दिए गए चार विकल्पों में से सही उत्तर चुनें।

(i) कर्क रेखा किस राज्य से नहीं गुजरती?

(क) राजस्थान
(ख) उड़ीसा
(ग) छत्तीसगढ़
(घ) त्रिपुरा

(ii) भारत को सबसे पूर्वी देशांतर कौन सा है ?

(क) 97° 25′ पू0
(ख) 77°6′ पू0
(ग) 68° 7′ पू0
(घ) 82° 32′ पू0

(iii) उत्तराखण्ड, उत्तर प्रदश, बिहार, पश्चिम बंगाल और सिक्किम की सीमाएँ किस देश को छूती हैं?

(क) चीन
(ख) भूटान
(ग) नेपाल
(घ) म्यांमार

(iv) ग्रीष्मावकाश में आप यदि कवरत्ती जाना चाहते हैं तो किस केंद्र शासित क्षेत्र में जाएँगे?

(क) पुडुच्चेरी।
(ख) लक्षद्वीप
(ग) अंडमान और निकोबार
(घ) दीव और दमन

(v) मेरे मित्र एक ऐसे देश के निवासी हैं जिस देश की सीमा भारत के साथ नहीं लगती है। आप बताइए, वह कौन-सा देश है?

(क) भूटान
(ख) ताजिकिस्तान
(ग) बांग्लादेश
(घ) नेपाल

उत्तर :

(i) (ख)
(ii) (क)
(iii) (ग)
(iv) (ख)
(v) (ख)

प्रश्न 2. नीचे दिए गए प्रश्नों के संक्षिप्त उत्तर दें।

  1. अरब सागर तथा बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह के नाम बताइए। दक्षिण में कौन-कौन से द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं?
  2. उन देशों के नाम बताइए जो क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं?
  3. हमारे उत्तर-पश्चिमी, उत्तरी तथा उत्तर-पूर्वी पड़ोसी देशों के नाम बताइए।
  4. भारत में किन-किन राज्यों से कर्क रेखा गुजरती है, उनके नाम बताइए।

उत्तर :

  1. अरब सागर में लक्षद्वीप तथा बंगाल की खाड़ी में अंडमान और निकोबार द्वीप समूह स्थित हैं। दक्षिण में श्रीलंका तथा मालदीव द्वीपीय देश हमारे पड़ोसी हैं।
  2. रूस, कनाडा, अमेरिका, चीन, ब्राजील और आस्ट्रेलिया क्षेत्रफल में भारत से बड़े हैं।
  3. हमारे उत्तर-पश्चिमी पड़ोसी देश : पाकिस्तान, अफगानिस्तान
    हमारे उत्तरी पड़ोसी देश : चीन (तिब्बत), नेपाल एवं भूटान।
    हमारे उत्तर-पूर्वी पड़ोसी : म्यांमार और बाग्लादेश।
  4. कर्क रेखा गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम राज्यों से होकर गुजरती है।

प्रश्न 3. सूर्योदय अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी भाग में गुजरात के पश्चिमी भाग की अपेक्षा 2 घंटे पहले क्यों होता है, जबकि दोनों राज्यों में घड़ी एक ही समय दर्शाती है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : गुजरात और अरूणाचल प्रदेश में समय का 2 घण्टे का अंतर है। गुजरात की अपेक्षा अरूणाचल प्रदेश में सूर्य 2 घण्टे पहले उदय होता है किन्तु फिर भी दोनों राज्यों में घड़ियाँ एक ही समय दिखाती हैं। पृथ्वी एक अक्षांश घूमने में 4 मिनट का समय लेती है। इसलिए, 15 अक्षांश घूमने में पृथ्वी को 1 घण्टा लगता है। भारत का अक्षांशीय विस्तार 30° है। और इसलिए देश के सबसे पूर्वी तथा सबसे पश्चिमी भाग के बीच समय का 2 घण्टे का अंतर है। किन्तु भारत के सभी भागों में घड़ियाँ एक ही समय दिखाती हैं क्योंकि भारतीय मानक समय 82, अक्षांश के अनुसार निर्धारित किया गया है। इसलिए गुजरात और अरूणाचल प्रदेश दोनों ही राज्यों में घड़ियाँ एक ही समय दिखाती हैं।

प्रश्न 4. हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय स्थिति से इसे किस प्रकार लाभ प्राप्त हुआ है?
उत्तर : भारतीय भूखंड पूर्वी एवं पश्चिमी एशिया के केन्द्र में स्थित है। जो भाग एशिया महाद्वीप से जुड़ा है। (भू-मार्ग एवं पर्वतीय दरों की सहायता से) वही भाग इसे उत्तर, पश्चिम एवं पूर्व दिशा में इसके पड़ोसी देशों से जोड़ता है।

दक्षिण प्रायद्वीपीय भाग हिन्द महासागर के अंदर दूर तक चला गया है जिससे भारत को पश्चिमी तट से पश्चिम एशियाई, अफ्रीका और यूरोप तथा दक्षिणपूर्वी एवं पूर्वी तट से पूर्व एशिया के देशों के साथ नजदीकी संबंध बनाने में मदद मिलती है।

भारत की सामरिक स्थिति ने प्राचीन समय से ही जल एवं थल मार्ग से विचारों एवं सामान के आदान-प्रदान में सहायता प्रदान की है। यही कारण है कि हिन्द महासागर में भारत की स्थिति अत्यंत महत्त्वपूर्ण है।

उत्तर में पर्वतों के आर-पार जाने वाले विभिन्न दरों से प्राचीन यात्रियों को आने-जाने का मार्ग मिलता था। उपनिषदों, रामायण, पंचतंत्र की कहानियों, भारतीय अंकों और देश्मलव प्रणाली संबंधित विचार इसी माध्यम से विश्व के अन्य भागों में पहुँचा था।

मसाले, मलमल और व्यापार का अन्य सामान भारत से अन्य देशों में ले जाया जाता था। दूसरी ओर यूनानी मूर्तिकला, पश्चिम एशिया से विभिन्न प्रकार के गुंबद एवं मीनार बनाने की भवननिर्माण कला देश के विभिन्न भागों में देखी जा सकती है।

हिन्द महासागर में किसी भी अन्य देश का समुद्र तट भारत जितना बड़ा नहीं हैं और वास्तव में हिन्द महासागर में भारत की महत्त्वपूर्ण स्थिति के कारण ही इस महासागर का नामकरण भारत के नाम पर किए जाने को सही ठहराता है।

मानचित्र कौशल

प्रश्न 1: दिए गए की मानचित्र की सहायता से पहचान कीजिए :

  1. अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में स्थित द्वीप समूह
  2. भारतीय उपमहाद्वीप किन देशों से मिलकर बनता है?
  3. कर्क रेखा कौन-कौन से राज्यों से गुजरती हैं?
  4. भारतीय मुख्य भूभाग का दक्षिणी शीर्ष बिंदु।
  5. भारत का सबसे उत्तरी अक्षांश।
  6. भारत का सबसे पूर्वी और पश्चिमी देशांतर।
  7. सबसे लंबी तट रेखा वाला राज्य।
  8. भारत और श्रीलंका को अलग करने वाली जलसंधि।
  9. भारत के केंद्र शासित क्षेत्र।

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उत्तर :

  1. लक्षद्वीप एवं अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह।
  2. पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन (तिब्बत), नेपाल एवं भूटान, म्यांमार और बाग्लादेश
  3. गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा एवं मिजोरम
  4. 37°6′
  5. 8°4′
  6. 68°7′ एवं 97°25
  7. कन्याकुमारी
  8. पाक जलडमरू
  9. अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, चंडीगढ, दादरा एवं नगर हवेली, दमन एवं दीव, लक्षद्वीप, पांडीचेरी, दिल्ली।

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परियोजना कार्य

  1. अपने राज्य का विस्तार अक्षांश और देशांतर में ज्ञात कीजिए।
  2.  रेशम मार्ग के बारे में सूचना एकत्र कीजिए। यह भी ज्ञात कीजिए की किन नई विकास योजनाओं द्वारा उच्च पर्वतीय क्षेत्रों में आवागमन के मार्ग विकसित किए गए हैं?

उत्तर :

  1. स्वयं करें।
  2. स्वयं करें। निम्नलिखित संकेत आपकी सहायता कर सकते हैं:

‘रेशम मार्ग’ चीन एवं भूमध्य सागर के बीच अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का एक महत्त्वपूर्ण मार्ग है। क्योंकि इस मार्ग से होने वाले व्यापार में रेशम का एक बड़ा हिस्सा होता था, अतः 1877 में फर्डीनेन्ड वॉन रिक्टॉफेन नामक एक प्रसिद्ध जर्मन भूगोलवेत्ता ने इसका नाम ‘रेशम मार्ग’ रख दिया। पारंपरिक रेशम मार्ग पूर्व एवं पश्चिम के बीच संबंध के कारण विकसित हुआ जिसने सांस्कृतिक विरासत के आदान-प्रदान को बढावा दिया। हाल के वर्षों में रेशम मार्ग एक बार पुनः समुद्री मार्ग एवं थल मार्ग दोनों से प्रयोग किया जा रहा है।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 2 What is Democracy? Why Democracy? (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 2 What is Democracy Why Democracy (Hindi Medium)

NCERT Solutions for Class 9 Social Science Civics Chapter 2 What is Democracy? Why Democracy? (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. यहाँ चार देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके सामने ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखे।
(क) देश क : जो लोग देश के अधिकारिक धर्म को नहीं मानते उन्हें वोट डालने का अधिकार नहीं हैं।
(ख) देश ख : एक ही पार्टी बीते वर्षों से चुनाव जीतती आ रही है।
(ग) देश ग : पिछले तीन चुनावों में शासक दल के पराजय का मुँह देखना पड़ा।
(घ) देश घ : यहाँ स्वतंत्र चुनाव आयोग नहीं है।

उत्तर :
(क) अलोकतांत्रिक
(ख) पक्का नहीं।
(ग) लोकतांत्रिक
(घ) अलोकतांत्रिक

2.यहाँ चार अन्य देशों के बारे में कुछ सूचनाएँ दी गई हैं। इन सूचनाओं के आधार पर आप इन देशों का वर्गीकरण किस तरह करेंगे? इनके आगे ‘लोकतांत्रिक’, ‘अलोकतांत्रिक’ और ‘पक्का नहीं लिखे।
(क) देश च : संसद सेना प्रमुख की मंजूरी के बिना सेना के बारे में कोई कानून नहीं बना सकती।
(ख) देश छ : संसद न्यायपालिका के अधिकारों में कटौती का कानून नहीं बना सकती।
(ग) देश ज : देश के नेता बिना पड़ोसी देश की अनुमति के किसी और देश से संधि नहीं कर सकते।
(घ) देश झ : देश के अधिक फैसले केन्द्रीय बैंक के अधिकारी करते हैं जिसे मंत्री भी नहीं बदल सकते।

उत्तर :
(क) अलोकतांत्रिक
(ख) लोकतांत्रिक
(ग) अलोकतांत्रिक
(घ) अलोकतांत्रिक

प्रश्न 3. इनमें से कौन-सा तर्क लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा नहीं है और क्यों?
(क) लोकतंत्र में लोग खुद को स्वतंत्र और समान मानते हैं।
(ख) लोकतांत्रिक व्यवस्थाएँ दूसरों की तुलना में टकरावों को ज्यादा अच्छी तरह सुलझाती हैं।
(ग) लोकतांत्रिक सरकारें लोगों के प्रति ज़्यादा उत्तरदायी होती है।
(घ) लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज़्यादा समृद्ध होते है।

उत्तर : (क) ‘लोकतांत्रिक देश दूसरों की तुलना में ज्यादा समृद्ध होते हैं। लोकतंत्र के पक्ष में अच्छा तर्क नहीं है क्योंकि भारत जैसे कुछ लोकतांत्रिक देश अब भी आर्थिक रूप से विकसित हो रहे हैं। जबकि संयुक्त अरब अमीरात जैसे राजतंत्र वाले देश आर्थिक रूप से समृद्ध हैं।

प्रश्न 4. इन सभी कथनों में कुछ चीजें लोकतांत्रिक हैं तो कुछ अलोकतांत्रिक। हर कथन में इन चीजों को अलग-अलग करके लिखें।
(क) एक मंत्री ने कहा कि संसद को कुछ कानून पास करने होंगे। जिससे विश्व व्यापार संगठनों द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।
(ख) चुनाव आयोग ने एक चुनाव क्षेत्र के सभी मतदान केंद्रों पर दोबारा मतदान का आदेश दिया जहाँ बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ की गई थी।
(ग) संसद में औरतों को प्रतिनिध्त्व कभी भी 1 प्रतिशत तक नहीं पहुँचा है। इसी कारण महिला संगठनों ने संसद में एक-तिहाई आरक्षण की माँग की है।

उत्तर :
(क) लोकतांत्रिक चीज : “संसद को कुछ कानून पास करने होंगे।” अलोकतांत्रिक चीज : “विश्व व्यापार संगठन द्वारा तय नियमों की पुष्टि हो सके।

(ख) लोकतांत्रिक चीज : ” चुनाव आयोग ने किसी चुनाव क्षेत्र में दोबारा मतदान का आदेश दिया।” अलोकतांत्रिक चीज : “बड़े पैमाने पर मतदान में गड़बड़ हुई थी।”

(ग) लोकतांत्रिक चीज : ” इसी के कारण महिला संगठनों ने एक तिहाई आरक्षण की मांग की है।” अलोकतांत्रिक चीज : “संसद में औरतों का प्रतिनिधित्व कभी भी 10 प्रतिशत तक नहीं पहुँचा है।”

प्रश्न 5. लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह तर्क देने का इनमें से कौन-सा कारण सही नहीं है ?
(क) विपक्षी दल भूख और भुखमरी की ओर सरकार का ध्यान दिला सकते हैं।
(ख) स्वतंत्र अखबार देश के विभिन्न हिस्सों में अकाल की स्थिति के बारे में खबरें दे सकती हैं।
(ग) सरकार को अगले चुनाव में अपनी परजय का डर होता है।
(घ) लोगों को कोई भी तर्क मानने और उस पर आचरण करने की स्वतंत्रता है।

उत्तर : कारण (घ) यह कहने के लिए तर्कसंगत नहीं है कि लोकतंत्र में अकाल और भुखमरी की संभावना कम होती है। यह इसलिए है कि किसी तर्क को मानने और उस पर आचरण करने व अकाल को दूर करने में परस्पर कोई संबंध नहीं है। प्रश्न

6. किसी जिले में 40 ऐसे गाँव हैं जहाँ सरकार ने पेयजल उपलब्ध कराने का कोई इंतजाम नहीं किया है। इन गाँवों के लोगों ने एक बैठक की और अपनी जरुरतों की ओर सरकार का ध्यान दिलाने के लिए कई तरीकों पर विचार किया। इनमें से कौन-सा तरीका लोकतांत्रिक नहीं है ?
(क) अदालत में पानी को अपने जीवन के अधिकार का हिस्सा बताते हुए मुकदमा दायर करना।
(ख) अगले चुनाव का बहिष्कार करके सभी पाटियों को संदेश देना।
(ग) सरकारी नीतियों के खिलाफ जन सभाएँ करना।
(घ) सरकारी अधिकारियों को पानी के लिए रिश्वत देना।

उत्तर : (घ) यह एक अलोकतांत्रिक तरीका है

प्रश्न 7. लोकतंत्र के खिलाफ दिए जाने वाले इन तक का जबाव दीजिए :
(क) सेना देश का सबसे अनुशासित और भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है। इसलिए सेना को देश का शासन करना चाहिए।

(ख) बहुमत के शासन का मतलब है मूख और अशिक्षितों का राज हमें तो होशियारों की जरूरत है, भले ही उनकी संख्या कम क्यों न हो।

(ग) अगर आध्यात्मिक मामलों में मार्गदर्शन के लिए हमें धर्म-गुरुओं की जरूरत होती है तो उन्ही को राजनैतिक मामलों में मार्गदर्शन का काम क्यों नहीं सौपा जाए। देश पर धर्म गुरुओं का शासन होना चाहिए।

उत्तर :
(क) सेना देश की रक्षा के लिए महत्त्वपूर्ण है किंतु यह लोगों द्वारा निर्वाचित नहीं है। इसलिए यह एक लोकतांत्रिक सरकार का गठन नहीं कर सकती। बेशक सेना सबसे अधिक अनुशासित एवं भ्रष्टाचार मुक्त संगठन है, तथापि कोई भी यह गारंटी नहीं दे सकता कि सेना तानाशाह नहीं बनेगी। ऐसे शासन के अधीन नागरिकों के सभी मौलिक अधिकार छीन लिए जाएंगे। उदाहरण के लिए, जनरल ऑगस्तो पिनोशे के शासन के अधीन चिले की जनता को कष्ट भोगने पड़े।

(ख) सभी लोग कुछ सीमा तक समझदार हैं। सार्वभौम वयस्क मताधिकार सिद्धांत के अनुसार हमारे देश में 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को मतदान का अधिकार है। समाज के कुछ वर्गों की अनदेखी करना अनुचित होगा।

(ग) तीसरा कथन खतरनाक है। राजनीति में धर्म को शामिल करने से गंभीर विवाद पैदा हो सकते
हैं क्योंकि भारत जैसे कई धर्मों के देश में अपनी विचारधाराओं में पारस्परिक मतभेदों के कारण धर्म-गुरु विनाश का कारण बन सकते हैं। विश्व इतिहास में अभी तक किसी भी धार्मिक राजनेता द्वारा चलाई जा रही सरकार सफल सिद्ध नहीं हुई है। धर्म को किसी भी देश के राजनैतिक मामलों में दखल नहीं देना चाहिए।

प्रश्न 8. इनमें से किन कथनों को आप लोकतात्रिक समझते हैं? क्यों?
(क) बेटी से बाप : मैं शादी के बारे में तुम्हारी राय सुनना नहीं चाहता। हमारे परिवार में बच्चे वहीं शादी करते हैं जहाँ माँ-बाप तय कर देते हैं।
(ख) छात्र से शिक्षक : कक्षा में सवाल पूछकर ध्यान मत बँटाओ।
(ग) अधिकारियों से कर्मचारी : हमारे काम करने के घंटे कानून के अनुसार कम किए जाने चाहिए।

उत्तर :
(क) पहला कथन अलोकतांत्रिक है क्योंकि लड़की को उसकी अपनी शादी के बारे में राय व्यक्त करने के अवसर से वंचित किया जा रहा है। यह कथन लोकतंत्र सापेक्ष नहीं है क्योंकि बेटी को अन्य लोगों द्वारा उसकी इच्छा के विरुद्ध शादी करने के लिए बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। उस लड़की को ही अपने पति के साथ पूरा जीवन गुजारना हैं इसलिए अपना पति चुनने के लिए उसे पूरी स्वतंत्रता दी जानी चाहिए ।

(ख) दूसरा कथन अलोकतांत्रिक है क्योंकि छात्र को प्रश्न पूछकर अपना संशय दूर करने के अधिकार से वंचित किया जा रहा है। यह अलोकतांत्रिक नहीं होगी यदि कोई छात्र अपने अध्यापक से प्रश्न करे। सबसे अच्छी चीज जो एक अध्यापक कर सकता है वह यह है कि वह छात्रों से कहे कि कक्षा समाप्त होने के उपरांत बच्चे प्रश्नों के उत्तर जान सकते हैं, किन्तु उसे छात्रों के प्रश्नों के उत्तर देने चाहिएं।

(ग) तीसरा कथन लोकतांत्रिक है क्योंकि यह ऐसे नियम या कानून की मांग करता है जो कर्मचारियों के लिए लाभप्रद हो। कर्मचारी सदैव ही कानूनी मानकों के अनुसार अपने अधिकारी से किसी
चीज का अनुरोध या मांग कर सकते हैं। अतः यह कथन लोकतांत्रिक मूल्यों के सापेक्ष है।

प्रश्न 9. एक देश के बारे में निम्नलिखित तथ्यों पर गौर करें और फैसला करें कि आप इसे लोकतंत्र कहेंगे या नहीं। अपने फैसले के पीछे के तर्क भी बताएँ ।
(क) देश के सभी नागरिकों को वोट देने का अधिकार है और चुनाव नियमित रुप से होते हैं।
(ख) देश के अंतर्राष्ट्रीय एजेंसियों से ऋण लिया। ऋण के साथ यह एक शर्त जुड़ी थी कि सरकार शिक्षा और स्वास्थ्य पर अपने खर्चे में कमी करेगी।
(ग) लोग सात से ज्यादा भाषाएँ बोलते हैं पर शिक्षा का माध्यम सिर्फ एक भाषा है, जिसे देश के 52 फीसदी लोग बोलते हैं।

(घ) सरकारी नीतियों का विरोध करने के लिए अनेक संगठनों ने संयुक्त रुप से प्रदर्शन करने और देश भर में हड़ताल करने का आह्वान किया है। सरकार ने उनके नेताओं को गिरफ्तार कर लिया

(ङ) देश के रेडियो और टेलीविजन चैनल सरकारी हैं। सरकारी नीतियों और विरोध के बारे में खबर छापने के लिए अखबारों को सरकार से अनुमति लेनी होती है।

उत्तर :
(क) ऐसा देश लोकतांत्रिक है क्योंकि देश के सभी नागरिकों को मतदान का अधिकार है और नियमित रूप से चुनाव कराए जाते हैं।

(ख) लोकतंत्र नागरिकों की गरिमा में बढ़ोतरी करता है। एक लोकतांत्रिक सरकार नागरिकों के कल्याण के लिए कार्य करती है। शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च में कमी करना लोगों के लिए कल्याणकारी | नहीं होगा। इसलिए ऐसे देश को लोकतांत्रिक नहीं कहा जा सकता क्योंकि कोई भी लोकतांत्रिक देश शिक्षा एवं स्वास्थ्य पर खर्च में कमी के लिए सहमत नहीं होगा।

(ग) राष्ट्रभाषा एक भाषा हो सकती है क्योंकि ऐसी चीज व्यापक स्तर पर राष्ट्रीय एकता लाती है। किन्तु अन्य भाषाओं को भी उनके संबंधित क्षेत्र में प्रोत्साहित करना चाहिए। मेरा विचार है कि यह देश अलोकतांत्रिक नहीं है।

प्रश्न 10. अमेरिका के बारे में 24 में आई एक रिपोर्ट के अनुसार वहाँ के समाज में असमानता बढ़ती जा रही है। आमदनी की असमानता लोकतांत्रिक प्रक्रिया के विभिन्न वर्गों की भागीदारी घटने-बढ़ने के रुप में भी सामने आई। इन समूहों की सरकार के फैसलों पर असर डालने की क्षमता भी इससे प्रभावित हुई हैं। इस रिपोर्ट की मुख्य बातें थीं।

  • सन् 24 में एक औसत अश्वेत परिवार की आमदनी नौ डालर थी जबकि गोर परिवार की आमदनी 162 डालर। औसत गोरे परिवार के पास अश्वेत परिवार से 12 गुना ज्यादा संपत्ति थी।
  • राष्ट्रपति चुनाव में 75; डालर से ज़्यादा आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 1 में से 9 लोगों ने वोट डाले थे। सही लोग आमदनी के हिसाब से समाज के ऊपरी 2 फीसदी में आते हैं। दूसरी ओर 15; डालर से कम आमदनी वाले परिवारों के प्रत्येक 10 में से सिर्फ 5 लोगों ने ही वोट डाले। आमदनी के हिसाब से ये लोग सबसे निचले 2 फीसदी हिस्से में आते है।
  • राजनैतिक दलों का करीब 95 फीसदी चंदा अमीर परिवारों से ही आता है। इससे उन्हें अपनी राय और चिताओं से नेताओं को अवगत कराने का अवसर मिलता है। यह सुविधा देश के अधिकाश नागरिकों को उपलब्ध नहीं हैं।
  • जब गरीब लोग राजनीति में कम भागीदारी करते हैं तो सरकार भी उनकी चिंताओं पर कम ध्यान देती है गरीबी दूर करना, रोजगार देना, उनके लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और आवास की व्यवस्था करने पर उतना ध्यान नहीं दिया जाता है जितना दिया जाना चाहिए। राजनेता अक्सर अमीरों और
    व्यापारियों की चिंताओं पर ही नियमित रूप से गौर करते हैं।

उत्तर : इसमें कोई विवाद नहीं है कि गरीबी का लोकतंत्र पर सीधा एवं गहरा प्रभाव पड़ता है। एक अश्वेत परिवार किसी श्वेत परिवार के मुकाबले बहुत कम कमाता है इसलिए उनकी कमाई में असमानता उनके मतदान पैटर्न में साफ झलकती थी। राष्ट्रपति के चुनाव में 75000 हजार डालर या इससे अधिक की | आय वाले 10 में से 9 लोगों ने मतदान किया था जबकि 15000 डालर से कम आय वाले 10 में से 5 लोगों ने मतदान किया था। इतना ही नहीं, उनकी आय में अंतर ने सरकार द्वारा लिए जाने वाले निर्णयों को प्रभावित करने की योग्यता भी निर्धारित करता है। क्योंकि राजनैतिक दलों को दिए जाने वाले चंदे का 95 प्रतिशत अमीर लोगों से आता है। इसलिए वे राजनैतिक दलों के निर्णयों को प्रभावित करने के लिए अधिकतर कम आय वाले नागरिकों की अपेक्षा बेहतर स्थिति में थे। क्योंकि गरीब लोग राजनीति में कम भाग लेते हैं, इसलिए सरकार इनकी ओर एवं इनकी, शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार, निवास की समस्या तथा भुखमरी की ओर कम ध्यान देती है। विभिन्न राजनेताओं द्वारा निर्मित सरकार व्यापार या समाज के अमीर वर्ग के बारे में चिंतित रहती है।

अमेरिका की तरह भारत में भी विभिन्न राजनैतिक दल अमीर लोगों की समस्याओं पर अधिक ध्यान देते हैं जो कि उनको दिए जाने वाले चंदे की राशि का अधिकतर भाग उन्हीं से आता है।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science History Chapter 8 Clothing: A Social History (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. अठारहवीं शताब्दी में पोशाक शैलियों और सामग्री में आए बदलावों के क्या कारण थे?
उत्तरः अठारहवीं शताब्दी में पोशाक शैलियों और सामग्री में बदलाव पूंजीवाद के विकास एवं वैश्वीकरण के कारण आया था। उद्योगों में वृद्धि हुई और उपनिवेशवाद ने विभिन्न संस्कृतियों एवं क्षेत्रों के लोगों को एक साथ ला खड़ा किया। लोग दूसरी संस्कृतियों या इलाकों में उपलब्ध सामग्री व शैली को पसंद करने लगे थे। पूरे विश्व में पुरुषों के पाश्चात्य परिधानों को अपनाया जाने लगा।

प्रश्न 2. फ्रांस के सम्प्चुअरी कानून क्या थे? ।
उत्तरः मध्यकालीन यूरोप में समाज के विभिन्न वर्गों पर परिधान-संहिताएँ लागू करने के लिए सम्प्चुअरी कानून बनाए जाते थे जिनका विस्तृत वर्णन किया जाता था। करीब 1294 से 1789 में फ्रांसीसी क्रांति तक फ्रांस के लोगों से उम्मीद की जाती थी कि वे सम्प्चुअरी कानूनों का पालन करें। इन कानूनों का उद्देश्य समाज के निचले वर्गों के व्यवहार पर नियंत्रण करना था। ये कानून निचले वर्गों द्वारा खरीदे जाने वाले कपड़ों की कीमत एवं उनका प्रकार निर्धारित करके उनकी जीवन शैली को नियंत्रित करने का प्रयास करते थे। कपड़े की सामग्री भी, कानूनी रूप से निर्धारित की गई थी। ये कानून निचले वर्ग के लोगों को विशेष प्रकार के कपड़े पहनने, विशेष प्रकार के भोजन खाने व पेय पीने, और कुछ विशेष क्षेत्रों में शिकार करने से रोकते थे। निचले वर्गों को एर्माइन, फर, रेशम, मखमल या जरी की पोशाक जैसे बेशकीमती वस्त्र पहनने की मनाही थी और इन्हें केवल शाही खानदान के लोग ही पहन सकते थे। केवल शाही खानदान के लोग ही ये वस्त्र पहन सकते थे।

प्रश्न 3. यूरोपीय पोशाक संहिता और भारतीय पोशाक संहिता के बीच कोई दो अंतर बताइए ।
उत्तरः

NCERT Solutions for Class 9 Social Science History Chapter 8 (Hindi Medium) 1

प्रश्न 4. 1805 में अंग्रेज अफसर बेंजमिन हाइन ने बंगलोर में बनने वाली चीज़ों की एक सूची बनाई थी, जिसमें निम्नलिखित उत्पाद भी शामिल थे :

  • अलग-अलग किस्म और नाम वाले जनाना कपड़े।
  • मोटी छींट
  • मखमल
  • रेशमी कपड़े

उत्तर: स्वदेशी आंदोलन ने लोगों के दिलों में जो देशभक्ति की भावना जगाई थी उसके कारण ऊपर दी गई सूची में से रेशम के कपड़े प्रयोग से बाहर चले गए होंगे। ब्रिटिश शासन के प्रति बढ़ते विरोध को नियंत्रित करने के लिए 1905 में लॉर्ड कर्जन ने बंगाल विभाजन का निर्णय लिया। इस कदम के प्रत्युत्तर में स्वदेशी आंदोलन ने जन्म ले लिया। लोगों ने सभी प्रकार के ब्रिटिश सामान का बहिष्कार करने का निर्णय लिया। उन्होंने माचिस व सिगरेट जैसे सामान के निर्माण के लिए स्वयं के उद्योग धन्धे स्थापित कर लिए। खादी का प्रयोग देशभक्ति के लिए कर्त्तव्य बन गया। महिलाओं ने अपने रेशमी कपड़े व काँच की चूड़ियाँ फेंक दी और सादी शंख की चूड़ियाँ धारण करने लगीं।

प्रश्न 5. उन्नीसवीं सदी के भारत में औरतें परंपरागत कपड़े क्यों पहनती रहीं जबकि पुरुष पश्चिमी कपड़े पहनने लगे थे? इससे समाज में औरतों की स्थिति के बारे में क्या पता चलता है?
उत्तर: भारत के स्वाभाविक सामाजिक एवं पारंपरिक रिवाजों के चलते उन्नीसवीं सदी के भारत में औरतें परंपरागत कपड़े पहनने को बाध्य थीं जबकि पुरुष पश्चिमी कपड़े पहनने लगे थे। हमारा समाज मुख्यतः पुरुष प्रधान है और महिलाओं से अपेक्षा की जाती है कि वे पारिवारिक सम्मान को बनाए रखें। उनसे सुशील एवं अच्छी गृहिणी बनने की अपेक्षा की जाती थी। वे पुरुषों जैसे वस्त्र नहीं पहन सकती थीं और इसलिए, उन्होंने पारंपरिक परिधान पहनना जारी रखा। यह सीधे तौर पर महिलाओं को समाज में निम्न दर्जा हासिल होने का सूचक है।

प्रश्न 6. विंस्टन चर्चिल ने कहा था कि महात्मा गांधी ‘राजद्रोही मिडिल टेम्पल वकील’ से ज़्यादा कुछ ‘अधनंगे फकीर का दिखावा कर रहे हैं। चर्चिल ने यह वक्तव्य क्यों दिया और इससे महात्मा गांधी की पोशाक की प्रतीकात्मक शक्ति के बारे में क्या पता चलता है।
उत्तरः महात्मा गांधी के सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित लोगों के प्रति सहानुभूति प्रकट करने हेतु उन्हीं जैसी वेशभूषा धारण करन के निर्णय के प्रतिक्रियास्वरूप विंस्टन चर्चिल ने महात्मा गांधी को ‘राजद्रोही मिडिल टेम्पल वकील’ की संज्ञा दे डाली और कहा कि वह अब ‘अधनंगे फकीर का दिखावा कर रहे हैं। गांधी जी के पहनावे की प्रतीकात्मक शक्ति इसकी सादगी में थी – वे गरीब के प्रति उनका समर्थन प्रकट करने के लिए, ब्रिटिश सामग्री के बहिष्कार को बढ़ावा देने के लिए एवं धार्मिक एवं जातिगत भेदभाव मिटाने के लिए इसका प्रयोग करना चाहते थे। महात्मा गाँधी ने कपड़े को ब्रिटिश शासन के विरुद्ध प्रतीकात्मक हथियार के रूप में प्रयोग किया। उन्होंने यह वेशभूषा इसलिए अपनाई क्योंकि वे देश के असंख्य लोगों जैसी सादी एवं गरीब जीवनशैली अपनाना चाहते थे विशेषतः उन गरीब किसानों की जो एक लंगोटी व एक चादर के अतिरिक्त कुछ भी नहीं जुटा सकते। यह भारतीय संसाधनों के अंग्रजों द्वारा किए जा रहे शोषण के विरोधस्वरूप भी था।

प्रश्न 7. समूचे राष्ट्र को खादी पहनाने का गांधीजी का सपना भारतीय जनता के केवल कुछ हिस्सों तक ही सीमित क्यों रहा?
उत्तरः महात्मा गांधी के पूरे राष्ट्र को खादी पहनाने के स्वप्न ने विभिन्न कारणों से कुछ ही वर्ग के लोगों को आकर्षित किया।

(क) दासता से मुक्ति ने सदियों से वंचित वर्गों के लिए नए द्वार खोल दिए : वे पश्चिमी शैली के कपड़ों के साथ प्रयोग करना चाहते थे ताकि वेशभूषा संबंधी रोकटोक अब उनकी इच्छाओं को न दबाए। उन्होंने सार्वजनिक मौकों पर जूते-मोजे और थ्री-पीस सूट पहनना, प्रारंभ कर दिया जो कि उनकी ओर से आत्मसम्मान का राजनीतिक वक्तव्य था।
(ख) अन्य लोगों के लिए खादी पहनना महंगाई का सौदा था जबकि महिलाओं ने कहा कि वे 9 गज (दक्षिण भारत में साड़ी की मानक लंबाई) की खादी से निर्मित साड़ी नहीं पहन सकती।
इसलिए, महात्मा गांधी के विपरीत इसलिए बाबा साहब अंबेडकर जैसे अन्य राष्ट्रवादियों ने पाश्चात्य शैली का सूट पहनना कभी नहीं छोड़ा। सरोजिनी नायडू और कमला नेहरू जैसी महिलाएं भी हाथ से बुने सफेद, मोटे कपड़ों की जगह रंगीन व डिजाइनदार साड़ियाँ पहनती थीं।

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NCERT Solutions for Class 9 Social Science History Chapter 7 History and Sport: The Story of Cricket (Hindi Medium)

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प्रश्न अभ्यास
पाठ्यपुस्तक से

प्रश्न 1. टेस्ट क्रिकेट कई मायनों में एक अनूठा खेल है। इस बारे में चर्चा कीजिए कि यह किन-किन अर्थों में बाकी खेलों से भिन्न है। ऐतिहासिक रूप से एक ग्रामीण खेल के रूप में पैदा होने से टेस्ट क्रिकेट में किस तरह की विलक्षणताएँ पैदा हुई हैं?
उत्तरः टेस्ट क्रिकेट कई मायनों में एक अनूठी खेल है। बाकी टीम खेलों से यह निम्नलिखित तरीके से भिन्न है:

  • (क) अन्य टीम खेलों जैसे कि फुटबॉल या बेसबॉल के विपरीत क्रिकेट का मैच 5 दिनों तक चलने के बाद भी बराबरी पर समाप्त हो सकता है। कोई अन्य आधुनिक टीम खेल पूरा होने में इससे आधा समय भी नहीं लेता।।
  • (ख) स्टंप के बीच की दूरी 22 गज निर्धारित की गई है जबकि मैदान की बनावट एवं लंबाई-चौड़ाई स्पष्ट रूप से उल्लेखित नहीं है। हॉकी, फुटबॉल जैसे दूसरे टीम-खेलों में मैदान के आयाम तय होते हैं, क्रिकेट में नहीं। ऐडीलेड ओवल की तरह मैदान अंडाकार हो सकता है, तो चेन्नई के चेपॉक की तरह लगभग गोल भी।
  • (ग) क्रिकेट की ग्रामीण जड़ों की पुष्टि टेस्ट मैच की अवधि से हो जाती है। शुरू में क्रिकेट मैच की समय सीमा नहीं होती थी। खेल तब तक चलता था जब तक एक टीम दूसरी को दोबारा पूरा आउट न कर दे। ग्रामीण जिंदगी की गति धीमी थी और क्रिकेट के नियम औद्योगिक क्रांति से पहले बनाए गए थे।

प्रश्न 2. एक ऐसा उदाहरण दीजिए जिसके आधार पर आप कह सकें कि उन्नसवीं सदी में तकनीक के कारण क्रिकेट के साजों-सामान में परिवर्तन आया। साथ ही ऐसे उपकरणों में से भी कोई एक उदारण दीजिए जिनमें कोई बदलाव नहीं आया।
उत्तरः वल्केनाइज्ड रबड़ की खोज के बाद पैड पहनने का रिवाज 1848 में चला दी। जल्द ही दस्ताने भी बने और धातु व सिन्थेटिक हल्की सामग्री से बने हेल्मेट के बिना तो आधुनिक क्रिकेट की कल्पना भी नहीं की जा सकती। एक ऐसा उदाहरण जिसमें तकनीक की प्रगति के बावजूद कोई बदलाव नहीं आया वह है बल्ला, स्टंप, बेल्स – क्रिकेट के सबसे जरूरी उपकरण प्रकृति में उपलब्ध पूर्व–औद्योगिक सामग्री अर्थात् लकड़ी से बनते हैं।

प्रश्न 3. भारत और वेस्ट इंडीज में ही क्रिकेट क्यों इतना लोकप्रिय हुआ। क्या आप बता सकते हैं। कि यह खेल दक्षिणी अमेरिका में इतना लोकप्रिय क्यों नहीं हुआ?
उत्तरः भारत और वेस्ट इंडीज़ में क्रिकेट इन दोनों के औपनिवेशिक पृष्ठभूमि के कारण इतना लोकप्रिय हुआ। ब्रिटिश शाही कर्मचारियों ने इसे नस्ली एवं सामाजिक उत्कृष्टता प्रदर्शित करने के लिए प्रयोग किया। उन्होंने इस खेल को आम लोगों के लिए लोकप्रिय नहीं बनाया। औपनिवेशिक लोगों के लिए क्रिकेट खेलना ब्रिटिश लोगों के साथ नस्ली समानती के परिचायक था। क्रिकेट में सफलता से नस्ली समानता एवं राजनैतिक प्रगति का अर्थ लिया जाने लगा। दूसरी ओर क्रिकेट दक्षिणी अमेरिका जैसे देशों में इतना लोकप्रिय इसलिए नहीं हुआ क्योंकि वे साम्राज्यवादी इंग्लैण्ड द्वारा शासित नहीं थे।

प्रश्न 4. निम्नलिखित की संक्षिप्त व्याख्या कीजिए:

(क) भारत में पहला क्रिकेट क्लब पारसियों ने खोला।
(ख) महात्मा गाँधी पेंटांग्यूलर टूनामेंट के आलोचक थे।
(ग) आईसीसी का नाम बदलकर इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस के स्थान पर इंटरनेशनल (अंतर्राष्ट्रीय) क्रिकेट कॉन्फ्रेंस कर दिया गया।
(घ) आईसीसी मुख्यालय लंदन की जगह दुबई में स्थानांतरित कर दिया गया।

उत्तरः
(क) भारत में पहला क्रिकेट क्लब पारसियों ने खोला क्योंकि पारसी एक छोटा व्यापारी समुदाय था जो व्यापार के चलते सबसे पहले अंग्रेजों के संपर्क में आए और अपने आपको पश्चिमीकृत करने वाले वे पहले भारतीय थे।

  • भारतीय क्रिकेट का उदय बम्बई में हुआ। क्रिकेट खेलने वाला पहला भारतीय समुदाय पारसी समुदाय था।
  • पहला भारतीय क्रिकेट क्लब पारसियों ने सन् 1848 में ओरिएंटल क्रिकेट क्लब के नाम से बम्बई में खोला।
  • पारसी क्लब के वित्तपोषक एवं प्रायोजक टाटा व वाडिया जैसे पारसी व्यवसायी थे।
  • पारसियों की एक टीम ने केवल गोरों के लिए बने क्लब बॉम्बे जिमखाना को 1889 में हरा दिया।
  • पारसी जिमखाना क्लब के स्थापित होने के उपरांत यह अन्य भारतीयों के लिए एक उदाहरण बन गया और उन्होंने भी धर्म के आधार पर क्लब बनाने प्रारंभ कर दिए।

(ख) महात्मा गांधी ने पेंटांग्युलर टूर्नामेंट को सांप्रदायिक भेद-भाव के आधार पर बाँटनेवाला बताकर इसकी निंदा की। उनका विचार था कि यह मुकाबला सांप्रदायिक रूप से अशांतिकारक था जो कि ऐसे समय में देश के लिए हानिकारक था जब वे विभिन्न धर्मों के लोगों एवं क्षेत्रों कों धर्मनिरपेक्ष देश के लिए एकजुट करना चाह रहे थे।
(ग) आईसीसी का नाम बदलकर इम्पीरियल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस के स्थान पर इंटरनैशनल क्रिकेट कॉन्फ्रेंस कर दिया गया क्योंकि पहले वाले नाम के साथ साम्राज्यवादी छाप जुड़ी हुई थी। नाम में यह बदलाव 1965 में किया गया। तक तक इंग्लैण्ड वे ऑस्ट्रेलिया के नियामक प्राधिकरण पर एकाधिकार बना रहा। यद्यपि वैश्विक बदलावों को दर्शाते हुए आईसीसी में भी बदलाव आए। सभी टेस्ट खेलने वाले देशों को बराबर सदस्यता देने के लिए इंग्लैंड व ऑस्ट्रेलिया के विशेषाधिकार समाप्त कर दिए गए। इसलिए नए नाम ने इस बराबरी पर जोर दिया।
(घ) आईसीसी मुख्यालय लंदन से दुबई में इसलिए स्थानांतरित हुआ क्योंकि भारत दक्षिण एशिया में स्थित है। भारत में खेल के सबसे अधिक दर्शक थे और यह क्रिकेट खेलने वाले देशों में सबसे बड़ा बाजार था, इसलिए खेल का गुरुत्व औपनिवेशिक देशों से वि–औपनिवेशिक देशों में स्थानांतरित हो गया। मुख्यालय का स्थानांतरण खेल से अंग्रेजी या साम्राज्यवादी प्रभुत्व के औपचारिक अंत का सूचक था।

प्रश्न 5. तकनीक के क्षेत्र में आए बदलावों, खासतौर से टेलीविजन तकनीक में आए परिवर्तनों से समकालीन क्रिकेट में विकास पर क्या प्रभाव पड़ा है।
उत्तरः तकनीक में उन्नति के कारण विशेषकर उपग्रह टेलीविजन ने दर्शकों की संख्या में वृद्धि करके समकालीन क्रिकेट के विकास को प्रभावित किया है। रंगीन वर्दी, रक्षात्मक हेल्मेट, क्षेत्ररक्षण की पाबंदियाँ, रौशनी में रात को क्रिकेट खेलना, सीमित ओवर के मैच आदि ने इस पूर्व–औद्योगिक, ग्रामीण खेल को बदलते हुए आधुनिक विश्व के साथ बदलने में सहायता की है। सेटेलाइट टेलीविजन की वैश्विक पहुँच ने क्रिकेट के दर्शकों में बहुत वृद्धि की है।

विविधता भरे विशाल दर्शक समूह ने क्रिकेट को विज्ञापन करने वालों, टेलीविजन चैनलों और सभी क्रिकेट बोर्ड को पैसा कमाने का जरिया उपलब्ध करा दिया है। मीडिया जिस प्रकार क्रिकेट का प्रचार करता है उससे क्रिकेट खिलाड़ियों को भी लाभ हुआ है। उनके द्वारा कमाया जा रहा पैसा और ख्याति इस तथ्य को सिद्ध करते हैं। इसने छोटे कस्बों तथा गाँवों में क्रिकेट की पहुँच के द्वारा इस खेल के दर्शकों में वृद्धि की है। इसने क्रिकेट के सामाजिक आधार में भी विस्तार किया है। जिन बच्चों ने बड़े शहरों से बाहर निवास करने के कारण कभी भी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट नहीं देखा था जहाँ पर उच्च स्तर का क्रिकेट खेला जाता है, वे भी अब अपने पसंदीदा खिलाड़ियों को देखकर उनकी नकल कर सकते थे। उपग्रह टेलीविजन तकनीक तथा बहुराष्ट्रीय टेलीविजन कंपनियों के आगमन ने क्रिकेट के लिए वैश्विक बाजार का निर्माण किया है।

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